सुसाइड करने से पहले पापा ने दोपहर एक बजे मुझे फोन किया था। परेशान लग रहे थे, मैंने पूछा- क्या हुआ? परेशान क्यों हो, मम्मी परेशान कर रही हैं क्या? उन्होंने कहा- नहीं। फिर मैंने कहा- पापा कहां हो? तो बोले- ड्यूटी पर हूं। इसके बाद हालचाल लेकर फोन रख दिया। 4 घंटे बाद सूचना मिली कि पापा ने सुसाइड कर लिया। यह कहना है प्रतापगढ़ के ज्ञानदास की बेटी का। ज्ञानदास ने साइबर जालसाजों के डर से सुसाइड कर लिया। डिजिटल मर्डर के 4 आरोपियों को पुलिस ने कानपुर से अरेस्ट किया। उनके 4 साथी फरार हैं। आरोपियों ने ज्ञानदास को धमकी दी थी कि तुम ड्रग्स बेचते हो। बचना चाहते हो तो रुपए जल्दी भेज दो। 3 दिन बाद ज्ञानदास का शव खेत में फंदे से लटका मिला। दैनिक भास्कर की टीम ने ज्ञानदास के परिजनों से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट। पहले जानिए पूरा मामला… प्रतापगढ़ के सुवांसा गांव निवासी ज्ञानदास सफाई कर्मचारी थे। 26 जनवरी को उन्हें अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने ड्रग्स बेचने के सबूत होने की बात करते हुए मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। पैसे की डिमांड की। यह सिलसिला तीन दिन तक चला। पहले दिन 20 हजार रुपए, दूसरे दिन 45 हजार रुपए और फिर 20 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। इसके बाद भी ज्ञानदास को जेल भेजने की धमकी देने लगे तो वह दहशत में आ गया। उसे लगा कि अब उसकी सच्चाई गांव के सामने आ जाएगी। इसके बाद उसने 30 जनवरी की शाम 4 बजे घर के पीछे एक पेड़ से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। कैसे गैंग तक पहुंची पुलिस SP प्रतापगढ़ डॉ. अनिल कुमार ने बताया ज्ञानदास के भाई ने धमकी भरे कॉल के बारे में बताया। ज्ञानदास की कॉल डिटेल चेक की गई तो सामने आया कि 26 से 28 जनवरी के बीच में उसे 32 इनकमिंग कॉल हुई थी। चूंकि गैंग स्टूडेंट थे, इसलिए जिन नंबरों से धमकाते थे, वह ऑन कर रखे हुए थे। इस तरह से पुलिस इन आरोपियों तक पहुंच गई। फर्जी ID, सिम कार्ड, नंबरों की लिस्ट, बैंक रसीदें मिलीं पुलिस को लड़कों के पास से फर्जी क्राइम ब्रांच के आईकार्ड, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और फोन पे, पेटीएम के QR कोड मिले। अलग–अलग दुकानों के गहनों के बिल, बैंक रसीदें और 16030 रुपए बरामद हुए। अब पढ़िए ज्ञानदास के परिजनों की पूरी बातचीत…. दैनिक भास्कर की टीम गांव सुवांसा पहुंची। पहले गांव वालों से बात हुई। पता चला ज्ञानदास सफाई कर्मचारी पद पर तैनात थे। वह दो भाई हैं। दूसरे भाई प्रेमदास मिर्जापुर में जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO ) हैं। ज्ञानदास के 3 बेटी और एक बेटा है। दो बेटी की शादी कर चुके हैं। बेटा आईआईटी करने के बाद बेंगलुरु में इंजीनियर है। बहुत डरे–सहमे थे ज्ञानदास के परिवार वाले टीम ज्ञानदास के घर पहुंची। पहले तो परिजन बात करने के लिए तैयार नहीं हुए। वह बहुत डरे–सहमे थे। हमारे समझाने पर आधे घंटे बाद बमुश्किल तैयार हुए, लेकिन कैमरे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। नाम भी नहीं बताया। कहा, हम बिना कैमरे के ऐसे ही आपसे बात करेंगे। बड़े पापा से कहा– ज्ञानदास आए तो मेरी बात कराना
ज्ञान दास की मंझली बेटी ने बताया– मेरे पापा के मोबाइल पर 1 फरवरी को करीब 11:00 बजे रात में फोन आया। मेरे बड़े पापा प्रेमदास ने फोन उठाया। पूछा– कौन? तो उधर से जवाब मिला की ज्ञान दास कहां है? मेरी बात करोओ। बड़े पापा ने कहा वह बाहर गए हैं। कॉलर बोला– आएंगे तो मेरी बात करा देना। इसके बाद मेरे बड़े पापा को कुछ शक हुआ तो दूसरे दिन पुलिस से शिकायत की। पापा पड़ोसी से रुपए लेकर आए और आरोपियों को भेजे
ज्ञानदास के बेटे मुकेश (25) ने बताया- 26 जनवरी को रात में करीब 10 बजे पहला कॉल आया। इसके बाद पापा 11 बजे पड़ोसी से उधार पैसा मांगने चले गए। पड़ोसी से बात हुई तो उन्होंने बताया कि ज्ञानदास करीब 11 बजे मेरे घर आए। मुझसे 10 हजार रुपए ऑनलाइन मांगे। पूछा, क्या करोगे तो जवाब मिला की मौसा सीरियस हैं, आईसीयू में भर्ती हैं। वह ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कराने के बाद घर चले गए। 10 हजार रुपए आरोपियों को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। 28 तारीख को मां का गहना भी 20 हजार रुपए में गिरवी रख दिया था। पापा ने 4 लोगों से ऑनलाइन पैसा उधार लिया था। 85 हजार रुपए ट्रांसफर किए। तीन दिन बाद पापा ने सुसाइड कर लिया। पिता बोले– मेरा बेटा कभी गमछा लेकर ड्यूटी नहीं जाता था ज्ञानदास के 70 साल के पिता मोहन दास ने बताया- 30 तारीख को सुबह रोज की तरह घर का पूरा काम करने बाद खाना खाकर बेटा घर से ड्यटी के लिए निकला था। करीब 2:00 बजे मैं ट्यूबवेल पर गया। एक घंटे तक वहां बेटे के ड्यूटी से आने का इंतजार किया। इसके बाद जब पीछे की तरफ गया तो देखा कि ज्ञानदास का शव का पेड़ से लटका था। गमछे का फंदा बनाया था। 30 तारीख को गमझा लेकर कर गया था। यह खबर भी पढ़ें… यूपी में क्राइम ब्रांच अफसर बनकर ‘डिजिटल मर्डर’:झूठे केस की धमकी दी; पत्नी के गहने गिरवी रखवाए, 81 हजार वसूले; युवक ने फांसी लगाई प्रतापगढ़ के एक युवक को साइबर ठगों ने इस कदर ब्लैकमेल किया कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यूपी पुलिस ने इस केस को डिजिटल मर्डर करार दिया है। ज्ञानदास प्रयागराज के फूलपुर में पंचायत विभाग में सफाई कर्मचारी थे। जालसाजों ने क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर उनसे 3 दिन में 81 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। उन्हें ड्रग्स बेचने के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते रहे। पढ़ें पूरी खबर सुसाइड करने से पहले पापा ने दोपहर एक बजे मुझे फोन किया था। परेशान लग रहे थे, मैंने पूछा- क्या हुआ? परेशान क्यों हो, मम्मी परेशान कर रही हैं क्या? उन्होंने कहा- नहीं। फिर मैंने कहा- पापा कहां हो? तो बोले- ड्यूटी पर हूं। इसके बाद हालचाल लेकर फोन रख दिया। 4 घंटे बाद सूचना मिली कि पापा ने सुसाइड कर लिया। यह कहना है प्रतापगढ़ के ज्ञानदास की बेटी का। ज्ञानदास ने साइबर जालसाजों के डर से सुसाइड कर लिया। डिजिटल मर्डर के 4 आरोपियों को पुलिस ने कानपुर से अरेस्ट किया। उनके 4 साथी फरार हैं। आरोपियों ने ज्ञानदास को धमकी दी थी कि तुम ड्रग्स बेचते हो। बचना चाहते हो तो रुपए जल्दी भेज दो। 3 दिन बाद ज्ञानदास का शव खेत में फंदे से लटका मिला। दैनिक भास्कर की टीम ने ज्ञानदास के परिजनों से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट। पहले जानिए पूरा मामला… प्रतापगढ़ के सुवांसा गांव निवासी ज्ञानदास सफाई कर्मचारी थे। 26 जनवरी को उन्हें अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने ड्रग्स बेचने के सबूत होने की बात करते हुए मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। पैसे की डिमांड की। यह सिलसिला तीन दिन तक चला। पहले दिन 20 हजार रुपए, दूसरे दिन 45 हजार रुपए और फिर 20 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। इसके बाद भी ज्ञानदास को जेल भेजने की धमकी देने लगे तो वह दहशत में आ गया। उसे लगा कि अब उसकी सच्चाई गांव के सामने आ जाएगी। इसके बाद उसने 30 जनवरी की शाम 4 बजे घर के पीछे एक पेड़ से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। कैसे गैंग तक पहुंची पुलिस SP प्रतापगढ़ डॉ. अनिल कुमार ने बताया ज्ञानदास के भाई ने धमकी भरे कॉल के बारे में बताया। ज्ञानदास की कॉल डिटेल चेक की गई तो सामने आया कि 26 से 28 जनवरी के बीच में उसे 32 इनकमिंग कॉल हुई थी। चूंकि गैंग स्टूडेंट थे, इसलिए जिन नंबरों से धमकाते थे, वह ऑन कर रखे हुए थे। इस तरह से पुलिस इन आरोपियों तक पहुंच गई। फर्जी ID, सिम कार्ड, नंबरों की लिस्ट, बैंक रसीदें मिलीं पुलिस को लड़कों के पास से फर्जी क्राइम ब्रांच के आईकार्ड, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और फोन पे, पेटीएम के QR कोड मिले। अलग–अलग दुकानों के गहनों के बिल, बैंक रसीदें और 16030 रुपए बरामद हुए। अब पढ़िए ज्ञानदास के परिजनों की पूरी बातचीत…. दैनिक भास्कर की टीम गांव सुवांसा पहुंची। पहले गांव वालों से बात हुई। पता चला ज्ञानदास सफाई कर्मचारी पद पर तैनात थे। वह दो भाई हैं। दूसरे भाई प्रेमदास मिर्जापुर में जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO ) हैं। ज्ञानदास के 3 बेटी और एक बेटा है। दो बेटी की शादी कर चुके हैं। बेटा आईआईटी करने के बाद बेंगलुरु में इंजीनियर है। बहुत डरे–सहमे थे ज्ञानदास के परिवार वाले टीम ज्ञानदास के घर पहुंची। पहले तो परिजन बात करने के लिए तैयार नहीं हुए। वह बहुत डरे–सहमे थे। हमारे समझाने पर आधे घंटे बाद बमुश्किल तैयार हुए, लेकिन कैमरे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। नाम भी नहीं बताया। कहा, हम बिना कैमरे के ऐसे ही आपसे बात करेंगे। बड़े पापा से कहा– ज्ञानदास आए तो मेरी बात कराना
ज्ञान दास की मंझली बेटी ने बताया– मेरे पापा के मोबाइल पर 1 फरवरी को करीब 11:00 बजे रात में फोन आया। मेरे बड़े पापा प्रेमदास ने फोन उठाया। पूछा– कौन? तो उधर से जवाब मिला की ज्ञान दास कहां है? मेरी बात करोओ। बड़े पापा ने कहा वह बाहर गए हैं। कॉलर बोला– आएंगे तो मेरी बात करा देना। इसके बाद मेरे बड़े पापा को कुछ शक हुआ तो दूसरे दिन पुलिस से शिकायत की। पापा पड़ोसी से रुपए लेकर आए और आरोपियों को भेजे
ज्ञानदास के बेटे मुकेश (25) ने बताया- 26 जनवरी को रात में करीब 10 बजे पहला कॉल आया। इसके बाद पापा 11 बजे पड़ोसी से उधार पैसा मांगने चले गए। पड़ोसी से बात हुई तो उन्होंने बताया कि ज्ञानदास करीब 11 बजे मेरे घर आए। मुझसे 10 हजार रुपए ऑनलाइन मांगे। पूछा, क्या करोगे तो जवाब मिला की मौसा सीरियस हैं, आईसीयू में भर्ती हैं। वह ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कराने के बाद घर चले गए। 10 हजार रुपए आरोपियों को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। 28 तारीख को मां का गहना भी 20 हजार रुपए में गिरवी रख दिया था। पापा ने 4 लोगों से ऑनलाइन पैसा उधार लिया था। 85 हजार रुपए ट्रांसफर किए। तीन दिन बाद पापा ने सुसाइड कर लिया। पिता बोले– मेरा बेटा कभी गमछा लेकर ड्यूटी नहीं जाता था ज्ञानदास के 70 साल के पिता मोहन दास ने बताया- 30 तारीख को सुबह रोज की तरह घर का पूरा काम करने बाद खाना खाकर बेटा घर से ड्यटी के लिए निकला था। करीब 2:00 बजे मैं ट्यूबवेल पर गया। एक घंटे तक वहां बेटे के ड्यूटी से आने का इंतजार किया। इसके बाद जब पीछे की तरफ गया तो देखा कि ज्ञानदास का शव का पेड़ से लटका था। गमछे का फंदा बनाया था। 30 तारीख को गमझा लेकर कर गया था। यह खबर भी पढ़ें… यूपी में क्राइम ब्रांच अफसर बनकर ‘डिजिटल मर्डर’:झूठे केस की धमकी दी; पत्नी के गहने गिरवी रखवाए, 81 हजार वसूले; युवक ने फांसी लगाई प्रतापगढ़ के एक युवक को साइबर ठगों ने इस कदर ब्लैकमेल किया कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यूपी पुलिस ने इस केस को डिजिटल मर्डर करार दिया है। ज्ञानदास प्रयागराज के फूलपुर में पंचायत विभाग में सफाई कर्मचारी थे। जालसाजों ने क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर उनसे 3 दिन में 81 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। उन्हें ड्रग्स बेचने के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते रहे। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
डिजिटल मर्डर, सुसाइड से पहले बेटी से की बात:प्रतापगढ़ में बेटा बोला- पापा ने पड़ोसी से पैसे लेकर जालसाजों को दिए
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