2012 के एक मामले में रंजीत सिंह ढडरियांवाले के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों के साथ एक नई एफआईआर दर्ज की गई है। पंजाब के डीजीपी ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक हलफनामा प्रस्तुत किया। जिसमें कहा गया है कि एफआईआर संख्या 208 के तहत पुराने मामले में नए आरोप जोड़े गए हैं। आईपीसी की धारा 302, 376 और 506 को शामिल किया गया है। 2012 में मृत मिली थी 22 साल की युवती यह मामला 2012 का है, और इसमें करनाल की एक 22 वर्षीय लड़की शामिल है। जो अपने परिवार के साथ परमेश्वर द्वार गई थी। 22 अप्रैल 2012 को लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर की मौजूदगी बताई गई। हालांकि परिवार ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे जहर देकर मार दिया गया। परमेश्वर द्वार के अधिकारियों ने दावा किया कि लड़की की मौत परिसर के बाहर हुई और कहा कि उस समय रंजीत सिंह ढडरियांवाले देश से बाहर थे। बाद में पीड़िता के परिवार के सदस्यों द्वारा एक याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट के आदेशों पर जोड़ी गई उक्त धाराएं पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा- ये मामला दुखद स्थिति को दर्शाता है। न्यायालय ने कहा कि कथित बलात्कार और हत्या के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा 24 मई 2012 को दी गई थी। पहली सूचना के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुलिस ने आरोपों की विश्वसनीयता को सत्यापित करने के लिए एक अवैध और असंवैधानिक जांच शुरू कर दी। 2012 के एक मामले में रंजीत सिंह ढडरियांवाले के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों के साथ एक नई एफआईआर दर्ज की गई है। पंजाब के डीजीपी ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक हलफनामा प्रस्तुत किया। जिसमें कहा गया है कि एफआईआर संख्या 208 के तहत पुराने मामले में नए आरोप जोड़े गए हैं। आईपीसी की धारा 302, 376 और 506 को शामिल किया गया है। 2012 में मृत मिली थी 22 साल की युवती यह मामला 2012 का है, और इसमें करनाल की एक 22 वर्षीय लड़की शामिल है। जो अपने परिवार के साथ परमेश्वर द्वार गई थी। 22 अप्रैल 2012 को लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर की मौजूदगी बताई गई। हालांकि परिवार ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे जहर देकर मार दिया गया। परमेश्वर द्वार के अधिकारियों ने दावा किया कि लड़की की मौत परिसर के बाहर हुई और कहा कि उस समय रंजीत सिंह ढडरियांवाले देश से बाहर थे। बाद में पीड़िता के परिवार के सदस्यों द्वारा एक याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट के आदेशों पर जोड़ी गई उक्त धाराएं पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा- ये मामला दुखद स्थिति को दर्शाता है। न्यायालय ने कहा कि कथित बलात्कार और हत्या के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा 24 मई 2012 को दी गई थी। पहली सूचना के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुलिस ने आरोपों की विश्वसनीयता को सत्यापित करने के लिए एक अवैध और असंवैधानिक जांच शुरू कर दी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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