तरन तारन सिविल अस्पताल में दाखिल हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट मामले में नामजद आरोपी पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। तरन तारन के एसएसपी अश्वनी कपूर ने लापरवाही दिखाने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं संबंधित थाने की पुलिस ने फरार आरोपी कंवलप्रीत सिंह निवासी रसूलपुर की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। डीएसपी गोइंदवाल रविशेर सिंह ने बताया कि विगत रविवार को दो पक्षों के बीच झड़प हो गई थी। इस दौरान गोलियां भी चली। इस मामले में कंवलप्रीत सिंह और उसके साथियों के खिलाफ थाना चोहला साहिब में हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। कंवलप्रीत सिंह खुद भी सिविल अस्पताल में दाखिल हो गया, क्योंकि वह इस मामले में आरोपी भी था। इसलिए उसके साथ तीन पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया। बुधवार को कंवलप्रीत सिंह एक्सरे कराने के बहाने सिविल अस्पताल के आपातकालीन विभाग से निकला और पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। जिसके बाद आरोपी की तलाश में छापेमारी की जा रही है। लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारी को सौंप गई है। तरन तारन सिविल अस्पताल में दाखिल हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट मामले में नामजद आरोपी पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। तरन तारन के एसएसपी अश्वनी कपूर ने लापरवाही दिखाने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं संबंधित थाने की पुलिस ने फरार आरोपी कंवलप्रीत सिंह निवासी रसूलपुर की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। डीएसपी गोइंदवाल रविशेर सिंह ने बताया कि विगत रविवार को दो पक्षों के बीच झड़प हो गई थी। इस दौरान गोलियां भी चली। इस मामले में कंवलप्रीत सिंह और उसके साथियों के खिलाफ थाना चोहला साहिब में हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। कंवलप्रीत सिंह खुद भी सिविल अस्पताल में दाखिल हो गया, क्योंकि वह इस मामले में आरोपी भी था। इसलिए उसके साथ तीन पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया। बुधवार को कंवलप्रीत सिंह एक्सरे कराने के बहाने सिविल अस्पताल के आपातकालीन विभाग से निकला और पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। जिसके बाद आरोपी की तलाश में छापेमारी की जा रही है। लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारी को सौंप गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मुक्तसर में बाप बेटे पर जानलेवा हमला:पिता की मौत; दवाई लेने बठिंडा जा रहे थे, रुपए और फोन छीना मुक्तसर के मराड कलां गांव में कार सवार पिता पुत्र पर हमलावरों ने जानलेवा हमला कर दिया, जिसमें पिता की मौत हो गई। जबकि पुत्र गंभीर रूप से घायल है। मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों पिता पुत्र दवा लेने के लिए अपने गांव से बठिंडा जा रहे थे, तभी रास्ते में गांव मराड कलां के पास कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। यह हमला लूट की नीयत से किया गया लगता है। इस हमले में लखबीर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसका बेटा गंभीर रूप में जख्मी हो गया। वारदात करने के बाद लुटेरे मौके से फरार हो गए हैं। थाना बरीवाला पुलिस जांच में जुट गई है। मृतक की पहचान मराड़ कलां निवासी लखबीर सिंह (54) के रूप में हुई है। लखबीर सिंह काला पीलिया बीमारी से ग्रस्त था और उसकी पीजीआई चंडीगढ़ से दवा चल रही थी। शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे वह अपने बेटे के साथ ऑल्टो पर घर से निकला। दोनों बाप बेटे मराड़ कलां से खारा लिंक रोड से होते हुए मुक्तसर – कोटकपूरा हाईवे की तरफ जा रहे थे। गांव मराड़ कलां से थोड़ा आगे रेलवे फाटक के पास पहुंचे तो इस दौरान आए लुटेरों ने गाड़ी रोक ली और दोनों बाप बेटे से पैसे और मोबाइल छीन लिए। विरोध करने पर लुटेरों ने हथियारों से वार कर पिता की हत्या कर दी। वहीं बेटे को भी बेरहमी से पिटाई की।
खालिस्तानी शूटरों ने एमपी में किया मर्डर:बीच सड़क पर गोलियां मारीं; कनाडा से जिस ऐप से गेस्ट हाउस बुक किया उसी से पकड़े गए
खालिस्तानी शूटरों ने एमपी में किया मर्डर:बीच सड़क पर गोलियां मारीं; कनाडा से जिस ऐप से गेस्ट हाउस बुक किया उसी से पकड़े गए ग्वालियर के डबरा में 7 नवंबर की शाम को 45 वर्षीय जसवंत सिंह गिल उर्फ सोनी सरदार के मर्डर में खालिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। मामले में पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी संगठन से जुड़े दो शूटर- बरनाला के भदौड़ निवासी अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल और खरड़ के निज्जर रोड निवासी नवजोत सिंह उर्फ नीटू को गिरफ्तार किया है। शूटरों के लिए कनाडा से ही मोहाली में ऑनलाइन एप के जरिए गेस्ट हाउस बुक कराया गया था, जिसमें एक कनाडाई ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल हुआ था। इसी एप से मिले सुराग के आधार पर पुलिस शूटरों तक पहुंची। कनाडा से कैसे जसवंत के मर्डर की साजिश रची गई? दोनों शूटर्स से कैसे संपर्क किया गया और कैसे उनकी गिरफ्तारी हुई, पढ़िए रिपोर्ट… जसवंत की हत्या का मकसद- 8 साल पुराना बदला
7 नवंबर की शाम 7 बजे का वक्त था। डबरा में गोपालबाग सिटी निवासी जसवंत सिंह खाना खाकर बाहर टहल रहा था। तभी बाइक पर दो युवक पहुंचे। दोनों ने जसवंत पर ताबड़तोड़ गोली बरसाईं और फरार हो गए। 37 सेकेंड की ये वारदात और आरोपियों का चेहरा वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए। इस वारदात के पीछे 8 साल पुरानी बदले की कहानी है। दरअसल, जसवंत ने 5 फरवरी 2016 को अपनी पत्नी के ममेरे भाई ग्वालियर के आदित्यपुरम निवासी सुखविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसने सुखविंदर के पिता राजविंदर और मां बलविंदर कौर को भी गोली मारी थी लेकिन वे बच गए थे। 13 साल की हरमन कौर ने रेफ्रिजरेटर के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई थी। इस वारदात को जसवंत ने अवैध संबंध के संदेह के चलते अंजाम दिया था। इसी मामले में उसे 2018 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। उसे साल में 15–15 दिन का पैरोल मिलता था। जसवंत 28 अक्टूबर को ही 15 दिन के पैरोल पर घर आया था। उसकी हत्या की साजिश उसकी पत्नी के दूसरे ममेरे भाई सतपाल ने रची थी, जो इस समय कनाडा में रह रहा है। उसने हत्या के लिए 2.50 लाख रुपए की सुपारी देकर पंजाब के दो शूटर हायर किए थे। टेकनपुर के होटल में रुके थे शूटर, कहा था-बीएसएफ भर्ती में आए
ग्वालियर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू की। आरोपियों के हुलिए के आधार पर आसपास के होटलों में पड़ताल की गई। सीसीटीवी कैमरे ट्रैक करने पर पुलिस को टेकनपुर के श्रीकृष्ण होटल में शूटर्स के रुकने की जानकारी मिली। शूटर्स इस होटल में 7 नवंबर को शाम 4 बजे पहुंचे थे। इसके दो घंटे बाद शाम 6 बजे निकल गए थे। होटल में उन्होंने बताया था कि वे बीएसएफ की भर्ती में आए हैं। दोनों शूटर्स के कपड़े और फर्जी आधार कार्ड भी पुलिस को होटल वाले कमरे से मिले। हत्या के बाद दोनों होटल से अपना सामान लिए बगैर ही फरार हो गए थे। शूटर्स के सामान, उनके हुलिए और जसवंत सिंह की पत्नी के बयान के आधार पर पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि आरोपी पंजाब के हो सकते हैं। एक टीम एसडीओपी डबरा की अगुवाई में पंजाब रवाना की गई। ग्वालियर पुलिस से पहले पंजाब पुलिस ने पकड़ लिया
ग्वालियर पुलिस से पहले 9 नवंबर को पंजाब के मोहाली की ऑपरेशन स्टेट स्पेशल ऑपरेशंस सेल (एसएसओसी), एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) और फरीदकोट जिला पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए स्वराज एनक्लेव में दबिश दी। टीम ने वहां से अनमोलप्रीत सिंह और नवजोत सिंह नीटू को दबोच लिया। एक लाख रुपए मर्डर से पहले, डेढ़ लाख बाद में दिए
जसवंत सिंह की हत्या की साजिश छह महीने पहले रची गई। तब सुखविंदर का कनाडा में रह रहा बड़ा भाई सतपाल एक शादी समारोह में ग्वालियर आया हुआ था। वह डीडी नगर में रुका था। वहीं उसे पता चला कि जसवंत पैराेल पर 28 अक्टूबर को घर आने वाला है। सतपाल की ससुराल पंजाब में है। उसके खानदान के लोग अब भी पंजाब के मस्तूरा में रह रहे हैं। उसने चचेरे भाई हरजीत उर्फ जीता को इस षड्यंत्र में शामिल किया। दो महीने पहले उसने हरजीत के खाते में एक लाख रुपए ट्रांसफर किए। उसने हरजीत को बताया था कि दो शूटर पंजाब से आएंगे। तब उन्हें एक लाख रुपए देना। शेष डेढ़ लाख रुपए मर्डर के बाद देना। शूटरों के रुकने से लेकर उनकी फरारी और जसवंत सिंह की रेकी का काम जीता को साैंपा गया था। सतपाल ने 2.50 लाख रुपए दो बार में जीता के खाते में पिछले दो महीने में ट्रांसफर किए थे। मर्डर के बाद सतपाल ने अपने पूर्व परिचित ड्राइवर को कॉल कर मोहाली के लिए गाड़ी बुक कराई थी। तब उसने बताया था कि दोनों को गमी में मोहाली जाना है। जिस गेस्ट हाउस में रुके, वहां होती है कनाडा से भी बुकिंग
दोनों शूटर 7 नवंबर को ट्रेन से डबरा आए थे। उनके लिए सतपाल ने निज्जर रोड स्थित स्वराज एनक्लेव कॉलोनी में मकान नंबर 12 के गेस्ट हाउस में बुकिंग कराई थी। ये मकान कॉलोनी के पूर्व प्रधान अमित नंदा का है। वे प्राइवेट जॉब के साथ अपने घर के कुछ कमरों को बतौर गेस्ट हाउस किराए पर देते हैं। इसके लिए उन्होंने एयर बीएनबी नाम का ऑनलाइन ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराया है। इस ऐप पर कनाडा सहित विदेशों से भी गेस्ट हाउस की बुकिंग होती है। दोनों शूटर्स के लिए इस बार कनाडा स्थित किचनर ओंटारियों से किसी सुखदीप सिंह सिद्धू के नाम से तीन दिन के लिए बुकिंग कराई गई थी। जिसकी आईडी इस्तेमाल की, वो भी जांच के दायरे में
दोनों शूटर्स 7 नवंबर को मर्डर के बाद इस गेस्ट हाउस में अगले दिन शाम 7 बजे पहुंचे थे। हाथ में काले रंग का बैग था। उन्होंने बुकिंग वाउचर दिखाया और एंट्री कर सीधे रूम में चले गए थे। शनिवार सुबह दोनों कॉलोनी में सैर करने के साथ बाजार में खरीदी करने भी निकले थे। शनिवार 9 नवंबर की दोपहर लगभग 12:25 बजे पंजाब पुलिस ने इसी ऐप के माध्यम से उनकी लोकेशन ट्रेस की और घेराबंदी के बाद दबोच लिया। दोनों से पूछताछ में ये बात सामने आई कि एयर बीएनबी ऐप के माध्यम से उक्त गेस्ट हाउस बुकिंग सुखदीप सिंह सिद्धू के इंटरनेशनल मोबाइल नंबर से की गई थी। इससे पहले अक्टूबर में भी ट्राइसिटी में दो जगह गेस्ट हाउस बुक करवाए गए थे। तब दोनों एयरपोर्ट रोड पर सेक्टर-66 के गेस्ट हाउस में करीब 10 दिन रुके थे। वे नयागांव के कांसल क्षेत्र में सुखना लेक के पास भी रुके थे। अब पुलिस ऐप पर बने सुखदीप सिद्धू के अकाउंट को खंगाल रही है कि इस प्रोफाइल पर अपलोड तस्वीर असली है या नकली। दोनों शूटर्स से ये तस्वीर मेल नहीं खाती। खालिस्तानी आतंकी ने इन्हीं शूटरों से कराया था एक और मर्डर
फरीदकोट पुलिस बीते 9 अक्टूबर से दोनों की तलाश में जुटी थी। दोनों शूटरों ने फरीदकोट में सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह हरि नाउ उर्फ भोडी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ये हत्या कनाडा में गैंगस्टर से खालिस्तानी आतंकवादी बने अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला के इशारे पर की गई थी। पंजाब पुलिस ने उस केस में असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद चल रहे सांसद अमृतपाल सिंह को भी आरोपी बनाया है। गुरप्रीत सिंह ‘हरि नाउ टॉक्स’ के नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाता था। अर्श डल्ला ने गुरप्रीत की हत्या की सुपारी नवजोत को दी थी, जिसने बाद में अनमोलप्रीत को भी शामिल किया था। अर्श डल्ला ने ही दोनों के लिए पिस्टल, कारतूस और बाइक की व्यवस्था कराई थी। गुरप्रीत की हत्या के बाद फरारी में भी अर्श डल्ला ने ही मदद की। शूटर्स इस हत्याकांड के बाद अमृतसर, एसबीएस नगर, हिमाचल-पंजाब सीमा, चंडीगढ़, मोहाली और खरड़ सहित अलग-अलग शहरों में ठिकाने बदलते रहे। फरारी के दौरान ही दोनों शूटर्स ने ग्वालियर के डबरा में जसवंत सिंह के मर्डर को अंजाम दिया। तीन दिन से हरजीत कर रहा था रेकी
जसवंत सिंह के मर्डर में आरोपी बनाए गए सतपाल सिंह का चचेरा भाई हरजीत उर्फ जीता वारदात से तीन दिन पहले से रेकी कर रहा था। वह शूटरों के साथ डबरा में जसवंत सिंह के घर तक गया था। उसी ने इशारे से जसवंत सिंह की पहचान भी कराई थी। पंजाब पुलिस द्वारा दोनों शूटर्स की गिरफ्तारी और फरीदकोट पुलिस द्वारा 6 दिन की रिमांड लिए जाने की सूचना पाकर ग्वालियर पुलिस भी वहां पहुंची है। वह भी दोनों शूटर्स से पूछताछ में जुटी है। फरीदकोट पुलिस की रिमांड समाप्त होने के बाद ग्वालियर पुलिस दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर लाने के प्रयास में जुटी है। एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह के मुताबिक, जसवंत हत्याकांड में कनाडा में रह रहे सतपाल सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया है। 2016 में उसके भाई सुखविंद सिंह की हत्या की रंजिश में इस वारदात को अंजाम दिया गया है। हत्याकांड के सह आरोपी दोनों शूटर्स और चचेरा भाई जीता हैं। जीता की तलाश जारी है। सिर्फ शूटर्स को मोहाली तक इनोवा क्रिस्टा गाड़ी में छोड़ने वाले ड्राइवर को हिरासत में लिया गया है। उससे पूछताछ में कुछ खास नहीं मिला है। सतपाल कनाडा में है या भारत आया हुआ है, इसके लिए उसके पासपोर्ट की जानकारी निकाली जा रही है। दोनों शूटर्स को 4 और टारगेट किलिंग की मिली थी सुपारी
फरीदकोट एसएसपी प्रज्ञा जैन के मुताबिक, दोनों शूटर्स 18 अक्टूबर को जिरकपुर में गोलीबारी और जबरन वसूली की घटना में भी शामिल थे। यहां उन्होंने एक व्यापारी को गोलीबारी के बाद धमकाया था और उसकी इमारत के मुख्य द्वार पर अर्श डल्ला के नाम का पोस्टर लगाया था। दोनों शूटरों को 4 और टारगेट कीलिंग की सुपारी डल्ला की ओर से दी गई थी। अर्शदीप डल्ला के बारे में दावा किया जा रहा है कि उसे कनाडा सरकार ने 28 अक्टूबर को मिल्टन में हुई गोलीबारी की घटना में गिरफ्तार कर लिया था। अभी वह जेल में है या जमानत मिल चुकी है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। 2 साल पहले 2022 में भारत ने गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के ऑपरेटिव डल्ला को आतंकवादी घोषित किया था। पंजाब के मोगा से कनाडा में जाकर छिपे अर्श पर देश-विदेश में हत्या, जबरन वसूली और जघन्य अपराधों के अलावा आतंकी गतिविधियों में भी संलिप्त रहने का आरोप है। नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) ने उसे हत्या, आतंक के लिए धन उगाही, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक मुद्दों को बढ़ावा देने और पंजाब में लोगों के बीच आतंक पैदा करने के मामलों में दोषी पाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, अर्शदीप UAPA के तहत वांटेड आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का बेहद करीबी है। उसकी ओर से आतंकी मॉड्यूल ऑपरेट करता है। कनाडा से सतपाल की गिरफ्तारी होगी सबसे बड़ी चुनौती
भारत और कनाडा के बीच 1987 में प्रत्यपर्ण संधि हुई थी। इस संधि के अनुसार कनाडा के न्याय विभाग और भारत के गृह मंत्रालय के बीच सीधे राजनयिक माध्यमों से अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) के जरिए या किसी और स्वीकार्य माध्यम से अनंतिम गिरफ्तारी का अनुरोध किया जा सकता है। लेकिन 2002 से 2020 तक भारत द्वारा मांगे गए केवल छह भगोड़ों को ही कनाडा ने लौटाया है। कनाडा में वर्तमान जस्टिन ट्रूडो सरकार के खालिस्तान समर्थक तेवर के चलते दोनों देशों के संबंध सबसे बुरे दौर में पहुंच चुके हैं। दोनों देश एक-दूसरे के डिप्लोमैट्स तक निकाल चुके हैं। हालांकि, ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह कहते हैं कि सतपाल की गिरफ्तारी के लिए प्रत्यपर्ण संधि के नियमों के मुताबिक इंटरपोल की मदद ली जाएगी। इसके लिए सीबीआई से अनुरोध करेंगे। सतपाल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। मामले से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… बीच सड़क पर रोका, 3 गोलियां मारीं; हत्या की सजा काट रहे युवक का मर्डर ग्वालियर जिले के डबरा में दो बाइक सवार बदमाशों ने युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। हमलावरों ने एक के बाद एक तीन गोलियां चलाईं, फिर भाग निकले। युवक की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात सिटी थाना क्षेत्र में गुरुवार शाम करीब 7 बजे की है। जिसकी हत्या की गई, वह भी हत्या के दोष में आजीवन कारावास काट रहा था। 28 अक्टूबर को पैरोल पर छूटकर जेल से घर आया था। पूरी खबर बढ़ें 8 साल पहले जिसने साले की हत्या की उसका मर्डर ग्वालियर के डबरा में गुरुवार रात जिस तरह से शूटर्स ने जसवंत सिंह सरदार की हत्या की है, उससे पुलिस को आशंका है कि शूटर्स पंजाब से हो सकते हैं। दरअसल, ये पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। इसमें शूटर्स के चेहरे साफ नजर आ रहे हैं। शूटर्स ने बिना समय गंवाए महज 37 सेकेंड में जसवंत की हत्या की और फरार हो गए। पूरी खबर पढ़ें
पंजाब विधानसभा उपचुनाव में नामांकन का आखिरी दिन:डेरा बाबा नानक से जतिंदर, चब्बेवाल से सोहन सिंह भरेंगे नामांकन; SAD नहीं लड़ेगा चुनाव
पंजाब विधानसभा उपचुनाव में नामांकन का आखिरी दिन:डेरा बाबा नानक से जतिंदर, चब्बेवाल से सोहन सिंह भरेंगे नामांकन; SAD नहीं लड़ेगा चुनाव पंजाब में विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी दिन है। राज्य में 13 नवंबर को 4 विधानसभा सीटों डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला में उप-चुनाव होने जा रहे हैं। आज यानी शुक्रवार को पंजाब के कई बड़े नेता नामांकन दाखिल करेंगे। आज दोहपर के बाद नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। अब 28 अक्टूबर को स्क्रूटनी कमेटी दस्तावेजों की जांच करेगी। पिछले 5 दिनों की बात करें तो चुनाव आयोग के पास 27 के करीब हलफनामे पहुंचे हैं। आज आखिरी दिन डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल सीटों पर बड़े नेता नामांकन दाखिल करेंगे। इन पूरे चुनावों में अकाली दल की तरफ से चुनाव ना लड़ने का फैसला किया गया है। अब देखना होगा कि अकाली दल के कोर वोटर किस की तरफ झुकते हैं। हालांकि अकाली दल ने अभी तक ये साफ नहीं किया कि चुनावों से दूर रहते हुए किस पार्टी का साथ दिया जाएगा। पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री रहे सुखजिंदर रंधावा की पत्नी डॉ. रजिंदर कौर शुक्रवार डेरा बाबा नानक सीट से नामांकन दाखिल करेंगी। वहीं, आज भाजपा की तरफ से चब्बेवाल से घोषित उम्मीदवार सोहन सिंह ठंडल भी शुक्रवार ही नामांकन दाखिल करेंगे। गुरुवार कई नेताओं ने भरा नामांकन पंजाब के कई बड़े नेताओं ने गुरुवार इन उपचुनावों के लिए नामांकन दाखिल किया। बरनाला से भाजपा उम्मीदवार केवल ढिल्लों और कांग्रेस उम्मीदवार काला ढिल्लों ने नामांकन भरा। नामांकन से पहले दोनों ने रोड शो निकाला है। पंजाब की हॉट सीट बन चुकी गिद्दड़बाहा में पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल ने बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार अमृता वड़िंग ने नामांकन दाखिल किया है। इनके अलावा चब्बेवाला से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. ईशाक, डेरा बाबा नानक से रवि करण सिंह काहलों, गिद्दड़बाहा से हरचरण सिंह बराड़ व आप उम्मीदवार हरदीप सिंह ने नामांकन भरा। अकाली दल ने चुनावों से किया किनारा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने राज्य की चार सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में कैंडिडेट्स नहीं उतारने का फैसला किया है। यह फैसला आज चंडीगढ़ में हुई पार्टी की कार्यसमिति और जिला प्रधानों की बैठक में लिया गया। पंजाब में वर्ष 1992 के बाद यह पहला मौका है जब अकाली दल ने राज्य में होने जा रहा कोई इलेक्शन नहीं लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के इस फैसले की वजह पंथक संकट है।