अमरोहा में 3 बच्चों की मां बोली-अभी लिव-इन में हूं:प्रेमी के 18 साल होते ही शादी करूंगी; 12वीं के छात्र की लव स्टोरी ‘मैंने अपने पहले पति को तलाक दे दिया है। अब मुझे उसके साथ नहीं रहना। मैं शिवा के साथ लिव-इन में बहुत खुश हूं। अभी शादी नहीं की है। जब शिवा 18 साल का हो जाएगा, उसके बाद शादी करेंगे। अभी वह पढ़ाई करेगा। 6 महीने से हमारे बीच अफेयर है।’ ये कहना है कि तीन बच्चों की मां शबनम का, जो 12वीं के छात्र शिवा के साथ रह रही है। शबनम मुस्लिम है, जबकि शिवा हिंदू। दोनों की उम्र में 13 साल का अंतर है। क्या शिवा के परिवार वाले शबनम को स्वीकार कर लेंगे? जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम अमरोहा जिला मुख्यालय से 53 किमी दूर सैदनगली के मोहल्ला इकौदा पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… इकौदा में एक गली के भीतर शबनम का घर है। बाहर एक बड़ा गेट है। यहां 63 प्रतिशत हिंदू हैं, जबकि 27 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। शबनम के घर से 700 मीटर की दूरी पर शिवा का घर है। दोनों सामान्य परिवार हैं। सबसे पहले हम शिवा के घर पहुंचे। इसी घर में अब शबनम रह रही है। घर पर शिवा नहीं था। हमारी मुलाकात उसके पिता दाताराम और शबनम से हुई। वह घर के कामों में व्यस्त थी। शबनम बोली- पहले पति ने बच्चे नहीं दिए
शबनम ने बताया- मेरे तीन बच्चे हैं। बच्चों को पहले पति ने नहीं दिया। मैंने कहा, एक ही बच्चा दे दो, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। कहा- तुम कहीं भी जाओ, कहीं भी रहो, मुझसे कोई लेना देना नहीं है। बच्चों को नहीं दूंगा, बच्चे मेरे पास ही रहेंगे। इसके बाद परिवार ने सारे संबंध तोड़ दिए शिवा रोज सुबह वॉक पर निकलता था। वह मुझे पसंद करता था। धीरे-धीरे मैं भी उसे पसंद करने लगी। फिर दोनों में प्यार हो गया। शिवा का परिवार भी अच्छा है। पड़ोसी भी कोई ताना नहीं मारते हैं। इंस्टाग्राम पर दोनों की हुई थी मुलाकात
हमने शबनम से शिवा का मोबाइल नंबर लिया और उससे बात की। शिवा से उसकी लव स्टोरी पूछी तो उसने कहा, मैं शबनम से इंस्टाग्राम पर मिला था। गांव में मैंने उन्हें कई बार देखा। लेकिन, कभी हमारी बात नहीं हुई थी। रिश्ते में मैं शबनम का देवर लगता था। 8 साल पहले जब शबनम शादी करके गांव आई थीं, तब मैं 11 साल का था। तब पहली बार उनको देखा था। पहली बार में ही पसंद आ गई थीं। लेकिन तब मैं बहुत छोटा था, डर लगता था कहीं बात करने गया तो पिटाई न हो जाए। 6 महीने पहले बहुत हिम्मत करके इंस्टाग्राम पर रिक्वेस्ट भेजा। रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने के बाद हमारी बात शुरू हुई। पहले 2-3 मिनट बात होती थी। कभी मैं हाल पूछ लेता तो कभी फोटो पर कमेंट कर दिया करता था। फिर धीरे-धीरे बात लंबी होने लगी। मैं उनकी खूब बड़ाई किया करता था। उनकी आंखें बहुत सुंदर हैं। कभी-कभी तो मैं उनसे बोल देता था, आज साड़ी पहनना, आज इस रंग का सूट पहन लेना। उसके बाद जब वो मेरे बताए हुए कपड़े पहन कर निकलती तो मैं हंस दिया करता था। पहले हम लोग इंस्टा कॉल पर ही बात कर लेते थे। एक दिन मैंने उनसे उनका नंबर मांग लिया। समय बीतता गया और हम दोनों का अटैचमेंट बढ़ता चला गया। शिवा का पति छोटी-छोटी बात पर पीटता, भूखा रखता
शिवा ने बताया शबनम का पति उसको बिल्कुल नहीं मानता था। छोटी-छोटी बात पर उसको मारता। भूखा रखता। वो मुझे अपनी सारी बातें बता देती थीं। उनकी बातें सुनकर बहुत दुख होता था। वो अनाथ भी हैं, ऐसे में जब उन्हें मुझसे प्यार मिला तो वो मना नहीं कर पाई। हमारी बातचीत को अब 4 महीने बीत चुके थे। हमने मिलने का मन बनाया। शबनम का पति ई-रिक्शा चलाता है। पति के घर से जाने के बाद वो मुझसे गांव के बाहर मिलती। हम लोग साथ में बताशे-चाट खाते। कभी-कभी चाय पीने थोड़ी दूर चले जाते थे। शबनम को पेड़-पौधे के पास बैठना पसंद है तो पार्क भी जाया करते थे। साथ में खूब फोटो लिया करते थे। शबनम मेरे साथ बहुत खुश रहती है। एक बार विवाद भी हुआ था
अभी कुछ दिन पहले शबनम को मैंने फोन किया। मुझे नहीं पता था कि फोन उसका पति चला रहा है। उसने फोन उठाकर मुझसे उल्टा सीधा बोला। उसने शबनम के फोन में हमारे मैसेज-फोटो देख लिए थे। उसका पति हम लोगों के घर आ गया। उसने खूब गाली-गलौज की। मारपीट भी हुई थी। उसने शबनम को भी मारा था। विवाद बढ़ने पर गांव में पंचायत हुई। भरी पंचायत में शबनम के पति ने उसको तलाक दे दिया। बालिग होने के बाद मैं उनसे शादी कर लूंगा
शिवा ने कहा, मैं अभी 17 साल का हूं। 1 अप्रैल, 2025 को इंटर में गया हूं। अभी मैं और शबनम लिव-इन में रह रहे हैं। बालिग होने के बाद मैं उनसे शादी कर लूंगा। मेरे घरवालों को इसमें कोई दिक्कत नहीं है। हम लोग पुलिस को भी एक तहरीर शबनम के पति के खिलाफ देंगे। जिससे वो हम लोगों के साथ कुछ गलत न कर पाए। मैं इंटर करने के बाद नौकरी करूंगा। शबनम भी नौकरी करने की बात कह रही है। हम दोनों मिलकर अपना घर चलाएंगे। मेरे घर में बड़ा भाई और 1 छोटी बहन है। बड़े भाई की शादी नहीं हुई है। दीदी की शादी हो चुकी है। पापा एक फैक्ट्री में काम करते हैं। मां घर पर रहती हैं। इस घटना के बाद से गांव में हमारी दुश्मनी बढ़ गई है। इस वजह से अभी हम लोग घर से थोड़ा कम निकलते हैं। शबनम से नाम बदलकर रखा शिवानी
मैंने शबनम का नाम बदलकर शिवानी कर दिया है। अब वह शिवानी हो गई। शादी के बाद से यह नाम उसका सार्वजनिक हो जाएगा। वह भी इस नाम से खुश है। क्योंकि मेरा नाम शिवा है। इसलिए उसकी रजामंदी से उसका नाम शिवानी रख दिया है। शिवा के पिता ने कहा- उम्र पूरी होते ही शादी कराएंगे
प्रेमी शिवा के पिता दाताराम सिंह ने बताया, जैसी बेटे की इच्छा है, वह करे। औलाद के खिलाफ पिता आखिर कैसे चला जाए? नाबालिग के सवाल पर उन्होंने कहा, अभी उसने शादी नहीं की है। उम्र पूरी होते ही शादी कराई जाएगी। उसकी पत्नी उसके साथ रहने के लिए राजी है। तो इसमें हम क्या कर सकते हैं? औलाद के आगे तो एक पिता मजबूर होता है। अब शबनम के पति की बात… तौफीक घर पर अकेला
यहां से निकलने के बाद हम शबनम के पहले पति तौफीक के घर पहुंचे। तौफीक घर पर अकेले थे। वह चारपाई पर बैठे थे। उनके चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी। मैंने उनसे पूछा बच्चे कहां हैं। तो उन्होंने बताया- बच्चों को अपने बड़े भाई के यहां छोड़ आया हूं, क्योंकि मेरे यहां कोई महिला नहीं है, तो उनका ख्याल कौन रखेगा। नींद की गोलियां देकर प्रेमी से करती थी बात
तौफीक ने बताया- दो महीने पहले मुझे पता चला कि मेरी पत्नी किसी से बात करती है। उससे मिलने जाती है। मोबाइल से पता चला कि मोहल्ले के शिवा के साथ उसका अफेयर है। मैं पूरे दिन काम पर रहता था। जब मैं शाम को आता था तो मेरी पत्नी मुझे खाने में नींद की गोलियां दे देती थी। उसके बाद वह पूरी रात उससे बात करती थी। कभी-कभी मिलने भी जाती थी। मैंने उसको बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं मानी। जब वह मेरे घर से चली गई, तो मेरे दिल से चली गई। मेरी पत्नी पूरा दिन वीडियो बनाती थी। उसका एक यूट्यूब अकाउंट भी है। जिंदगी की डोर विश्वास पर टिकी होती है। जब जीवन साथी ही विश्वास को खो दे तो किसी पर क्या विश्वास किया जा सकता है। मेरा 2011 में एक्सीडेंट हो गया था। सामने से आ रहे कंटेनर ने मेरी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी थी। जिसमें मुझे गंभीर चोटें आईं थी। काफी समय तक बेड रेस्ट पर रहा। हादसे के बाद मेरे एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया। 2016 में शबनम के साथ मेरी शादी हुई थी। एक्सीडेंट के चलते शारीरिक रूप से भी कमजोर हो गया था। ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। मैंने उसे कभी कहीं जाने या आने से नहीं टोका। क्योंकि एक दूसरे के विश्वास पर ही जिंदगी चलती है। लेकिन, इस पूरी कहानी का पता तब चला जब उसने पिछले 4 अप्रैल को मुझसे तलाक मांगा और प्रेमी के घर जाने की जिद पर अड़ी रही। बच्चों को धक्का देकर गिराया, कहा- जाओ अपने बाप के पास रहो
तौफीक कहते हैं, मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरे साथ जीने मरने की कसमें खाने वाली पत्नी इतनी पत्थरदिल हो सकती है। मेरी 3 बेटियां हैं। तैय्यबा नूर (6 साल), माहेनूर (4.5 साल), इकरा (2.5 साल) को छोड़कर चली गई। अब मैं अपनी बेटियों को उसकी नजरों से भी दूर रखना चाहता हूं। उससे मेरा अब कोई वास्ता नहीं रहा। मेरे बच्चे अभी अपनी ताई के घर पर हैं। मेरे बच्चे उसके साथ जाने की जिद कर रहे थे। लेकिन उसने धक्का देकर बच्चों को गिरा दिया। कहा- जाओ अपने बाप के पास रहो। इसको लेकर पंचायत बैठी। पंचायत वालों ने बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं मानी। मैं चाहता हूं कि मुझे कोई दिक्कत न हो। मुझे ये परेशान न करें। ——————————— ये खबर भी पढ़ें…