तुंगनाथ मंदिर में इस सीजन पहुंचे रिकॉर्ड श्रद्धालु, अब तक 1.40 लाख से अधिक भक्त कर चुके हैं दर्शन

तुंगनाथ मंदिर में इस सीजन पहुंचे रिकॉर्ड श्रद्धालु, अब तक 1.40 लाख से अधिक भक्त कर चुके हैं दर्शन

<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News Today:</strong> उत्तराखंड के पंच केदारों में से एक तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर में इस साल अब तक एक लाख चालीस हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है. यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है और इस बढ़ती संख्या से मंदिर समिति की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>तुंगनाथ मंदिर का आकर्षण केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य भी दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. श्रद्धालुओं को एक तरफ प्राकृतिक को करीब से निहारने का मौका मिलता है तो दूसरी तरफ उनकी आध्यात्मिक मनोकामना भी पूरी होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तुंगनाथ पहुंचे रिकॉर्ड श्रद्धालु</strong><br />पिछले कुछ सालों में तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस साल अब तक 1 लाख 40 हजार 322 यात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन किए हैं, जो अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संख्या ने पिछले साल के रिकॉर्ड को भी पार कर लिया है, जब पूरे सीजन में 1 लाख 36 हजार 430 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे. इस बढ़ती संख्या का एक प्रमुख कारण तुंगनाथ के आकर्षक ट्रैकिंग रूट को माना जा रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>तुंगनाथ मंदिर का रुट मात्र साढ़े तीन किलोमीटर लंबा है और जिसमें कई सुंदर बुग्याल (घास के मैदान) पड़ते हैं. इन बुग्यालों की प्राकृतिक सुंदरता यात्रियों को भक्ति के साथ-साथ एक प्राकृतिक अनुभव का अहसास कराती है, जिससे एक विशेष शांति की अनुभूति होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कपाट खुलने पर यात्रियों का तांता</strong><br />भगवान तुंगनाथ के कपाट इस साल 10 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. तब से अब तक प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. मंदिर समिति के अनुसार, तुंगनाथ यात्रा के शुरुआती एक महीने में ही 45 हजार 380 श्रद्धालु यहां पहुंच चुके थे, जो पिछले सालों की तुलना में काफी अधिक है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले साल की तुलना करें, तो तुंगनाथ मंदिर का कपाट खुलने के एक महीने के भीतर सिर्फ 16 हजार श्रद्धालु ही पहुंचे थे. इस साल कपाट खुलने के बाद पहले एक महीने में 45 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>श्रद्धालुओं से रोजगार के मौके बढ़े</strong><br />तुंगनाथ यात्रा से न केवल मंदिर समिति की आय में इजाफा हुआ है, बल्कि यात्रा से जुड़े स्थानीय व्यापारियों के चेहरों पर भी रौनक लौट आई है. दुकानें, लॉज और भोजनालयों की आय में वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिले हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस साल के आंकड़ों की बात करें तो तुंगनाथ यात्रा अब तक की सबसे बड़ी यात्रा बन चुकी है. अभी यात्रा का समापन चार सप्ताह बाद होगा, यानी यात्रियों की संख्या में और भी वृद्धि की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तुंगनाथ मंदिर 3 हजार 460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और पंच केदारों में यह सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मंदिर है. यहां की यात्रा न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोरोना के बाद यात्रा में उछाल</strong><br />केदारनाथ आपदा के बाद तुंगनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में गिरवाट दर्ज की गई. साल 2012 में पूरे सीजन में सिर्फ 14 हजार यात्री तुंगनाथ पहुंचे थे, इसी तरह 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद से यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>2014 से 2020 के बीच पूरे सीजन यात्रियों की संख्या 5 हजार से 17 हजार के बीच रही. कोरोना महामारी के दौरान, साल 2020 और 2021 में यात्रियों की संख्या और भी कमी दर्ज की गई. साल 2020 में सिर्फ 4 हजार 513 और 2021 में महज 5 हजार 486 यात्री ही तुंगनाथ का दर्शन कर पाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके उलट पिछले दो सालों में स्थिति में यहां की स्थिति में सुधार हुआ है. साल 2022 में 28 हजार 198 यात्री तुंगनाथ पहुंचे थे और इस साल यानी 2024 में 13 अक्टूबर तक 1 लाख 40 हजार 322 यात्री ने तुंगनाथ का दर्शन कर चुके हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रचार से बढ़ेंगी संभावनाएं</strong><br />केदारनाथ के अलावा पंच केदारों में शामिल द्वितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ और पंचम केदार कल्पेश्वर की यात्राओं में भी धीरे-धीरे वृद्धि देखी जा रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय का मानना है कि अगर इन पवित्र स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और इन स्थानों पर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं, तो यहां यात्रियों की संख्या में और भी अधिक वृद्धि हो सकती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन धार्मिक स्थलों के महत्व का जिक्र करते हुए बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि इससे न केवल इन धार्मिक स्थलों का महत्व बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यात्रियों का आंकड़ा</strong><br />साल 2024 में अब तक तुंगनाथ मंदिर में 1 लाख 40 हजार 322 यात्री पहुंचे हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 1 लाख 36 हजार 430 थी. 2022 में 28 हजार 198 यात्री, 2021 में 5 हजार 486 और 2020 में 4 हजार 513 यात्री पहुंचे थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले साल 2019 में 17 हजार 124 यात्री तुंगनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे थे. यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि तुंगनाथ यात्रा में लगातार इजाफा हो रहा है और इस यात्रा का धार्मिक और पर्यटन महत्व लगातार बढ़ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”कुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध? श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का बड़ा ऐलान” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhil-bharatiya-akhara-parishad-announce-ban-non-hindus-entry-ban-in-kumbh-mela-2025-ann-2803198″ target=”_blank” rel=”noopener”>कुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध? श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का बड़ा ऐलान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News Today:</strong> उत्तराखंड के पंच केदारों में से एक तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर में इस साल अब तक एक लाख चालीस हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है. यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है और इस बढ़ती संख्या से मंदिर समिति की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>तुंगनाथ मंदिर का आकर्षण केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य भी दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. श्रद्धालुओं को एक तरफ प्राकृतिक को करीब से निहारने का मौका मिलता है तो दूसरी तरफ उनकी आध्यात्मिक मनोकामना भी पूरी होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तुंगनाथ पहुंचे रिकॉर्ड श्रद्धालु</strong><br />पिछले कुछ सालों में तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस साल अब तक 1 लाख 40 हजार 322 यात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन किए हैं, जो अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संख्या ने पिछले साल के रिकॉर्ड को भी पार कर लिया है, जब पूरे सीजन में 1 लाख 36 हजार 430 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे. इस बढ़ती संख्या का एक प्रमुख कारण तुंगनाथ के आकर्षक ट्रैकिंग रूट को माना जा रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>तुंगनाथ मंदिर का रुट मात्र साढ़े तीन किलोमीटर लंबा है और जिसमें कई सुंदर बुग्याल (घास के मैदान) पड़ते हैं. इन बुग्यालों की प्राकृतिक सुंदरता यात्रियों को भक्ति के साथ-साथ एक प्राकृतिक अनुभव का अहसास कराती है, जिससे एक विशेष शांति की अनुभूति होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कपाट खुलने पर यात्रियों का तांता</strong><br />भगवान तुंगनाथ के कपाट इस साल 10 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. तब से अब तक प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. मंदिर समिति के अनुसार, तुंगनाथ यात्रा के शुरुआती एक महीने में ही 45 हजार 380 श्रद्धालु यहां पहुंच चुके थे, जो पिछले सालों की तुलना में काफी अधिक है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले साल की तुलना करें, तो तुंगनाथ मंदिर का कपाट खुलने के एक महीने के भीतर सिर्फ 16 हजार श्रद्धालु ही पहुंचे थे. इस साल कपाट खुलने के बाद पहले एक महीने में 45 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>श्रद्धालुओं से रोजगार के मौके बढ़े</strong><br />तुंगनाथ यात्रा से न केवल मंदिर समिति की आय में इजाफा हुआ है, बल्कि यात्रा से जुड़े स्थानीय व्यापारियों के चेहरों पर भी रौनक लौट आई है. दुकानें, लॉज और भोजनालयों की आय में वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिले हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस साल के आंकड़ों की बात करें तो तुंगनाथ यात्रा अब तक की सबसे बड़ी यात्रा बन चुकी है. अभी यात्रा का समापन चार सप्ताह बाद होगा, यानी यात्रियों की संख्या में और भी वृद्धि की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तुंगनाथ मंदिर 3 हजार 460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और पंच केदारों में यह सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मंदिर है. यहां की यात्रा न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोरोना के बाद यात्रा में उछाल</strong><br />केदारनाथ आपदा के बाद तुंगनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में गिरवाट दर्ज की गई. साल 2012 में पूरे सीजन में सिर्फ 14 हजार यात्री तुंगनाथ पहुंचे थे, इसी तरह 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद से यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>2014 से 2020 के बीच पूरे सीजन यात्रियों की संख्या 5 हजार से 17 हजार के बीच रही. कोरोना महामारी के दौरान, साल 2020 और 2021 में यात्रियों की संख्या और भी कमी दर्ज की गई. साल 2020 में सिर्फ 4 हजार 513 और 2021 में महज 5 हजार 486 यात्री ही तुंगनाथ का दर्शन कर पाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके उलट पिछले दो सालों में स्थिति में यहां की स्थिति में सुधार हुआ है. साल 2022 में 28 हजार 198 यात्री तुंगनाथ पहुंचे थे और इस साल यानी 2024 में 13 अक्टूबर तक 1 लाख 40 हजार 322 यात्री ने तुंगनाथ का दर्शन कर चुके हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रचार से बढ़ेंगी संभावनाएं</strong><br />केदारनाथ के अलावा पंच केदारों में शामिल द्वितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ और पंचम केदार कल्पेश्वर की यात्राओं में भी धीरे-धीरे वृद्धि देखी जा रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय का मानना है कि अगर इन पवित्र स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और इन स्थानों पर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं, तो यहां यात्रियों की संख्या में और भी अधिक वृद्धि हो सकती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन धार्मिक स्थलों के महत्व का जिक्र करते हुए बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि इससे न केवल इन धार्मिक स्थलों का महत्व बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यात्रियों का आंकड़ा</strong><br />साल 2024 में अब तक तुंगनाथ मंदिर में 1 लाख 40 हजार 322 यात्री पहुंचे हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 1 लाख 36 हजार 430 थी. 2022 में 28 हजार 198 यात्री, 2021 में 5 हजार 486 और 2020 में 4 हजार 513 यात्री पहुंचे थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले साल 2019 में 17 हजार 124 यात्री तुंगनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे थे. यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि तुंगनाथ यात्रा में लगातार इजाफा हो रहा है और इस यात्रा का धार्मिक और पर्यटन महत्व लगातार बढ़ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”कुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध? श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का बड़ा ऐलान” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhil-bharatiya-akhara-parishad-announce-ban-non-hindus-entry-ban-in-kumbh-mela-2025-ann-2803198″ target=”_blank” rel=”noopener”>कुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध? श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का बड़ा ऐलान</a></strong></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड नायब सिंह सैनी नहीं तो कौन? हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के लिए कौन फिट, समीकरणों से समझें