भारत-पाक में तनाव के बीच तुर्की द्वारा पाकिस्तान की मदद के बाद तुर्किये के सेब आयात पर प्रतिबंध की मांग तेज हो रही है। हिमालयन एपल ग्रोवर सोसाइटी ने तुर्किये से सेब आयात प्रतिबंध की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। प्रदेश के दूसरे बागवानी संघ और राजनीतिक दल भी यही मांग कर रहे हैं। तुर्की द्वारा पाकिस्तान को दी गई कथित सैन्य मदद के बाद बागवान इस मांग को प्रमुखता से उठा रहे हैं, क्योंकि 2023 में भीषण भूकंप के बाद भारत ने ने तुर्की की मदद की थी। मगर तुर्की ने इसे नजरअंदाज करते हुए भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान की मदद को हाथ बढ़ाया है। इससे हिमाचल के सेब बागवानों में भी रोष है। तुर्की से एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा सेब का आयात इस वजह से बागवान प्रदेश के 5500 करोड़ रुपए के सेब उद्योग को बचाने के लिए तुर्की के सेब पर बैन की मांग कर रहे है, क्योंकि तुर्की का एपल हिमाचली सेब के लिए बड़ी चुनौती पेश कर रहा है। तुर्की से हर साल भारत में एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा सेब आयात होना शुरू हो गया है। तीन हिमालय राज्यों पर तुर्की के सेब का असर इसी मार सीधे तौर पर हिमाचल, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड के सेब उद्योग पर पड़ रही है। थोक में आयात की वजह से तीनों पहाड़ी राज्यों के सेब बागवानों को उचित दाम नहीं मिल रहे। ऐसे में हिमाचल के बागवान और राजनेता भी भारत की पीठ में छुरा घोंपने वाले तुर्की से सेब इम्पोर्ट रोकने को आवाज उठा रहे हैं। राठौर बोले- तुर्की के सेब पर लगाया जाए प्रतिबंध ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर ने ने कहा कि तुर्की के सेब पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। इससे हिमाचल के साथ साथ जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड का सेब उद्योग भी तबाह होने से बचेगा। उन्होंने बताया कि दुश्मन देश पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्की को सबक सिखाने के लिए यह फैसला लेना जरूरी है। तुर्की से सेब आयात बढ़ना खतरा: धांटा हिमालयन एपल ग्रोवर सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश धांटा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तुर्की से सेब के बढ़ते आयात पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा कि तुर्की से आयात किए जा रहे सेब की वजह से तीन हिमालय राज्यों के 13 लाख बागवान परिवारों की रोजी रोटी पर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने लिखा कि 2015 में 205 मीट्रिक टन सेब तुर्की से आयात हो रहा था, जो कि 2023-24 में बढ़कर 1,17,663 मीट्रिक टन हो गया। सेब उद्योग को बचाने के लिए तुर्की का सेब रोकना जरूरी है। तुर्की के साथ व्यापार बंद हो: रोच कोटगढ़ हॉर्टिकल्चर एंड एनवायरमेंट सोसायटी के अध्यक्ष हरिचंद रोच ने सेब के साथ साथ दूसरी चीजों का व्यापार भी बंद करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सेब का तुर्की से सेब का आयात बंद होने से प्रदेश के बागवानों को फायदा होगा। इंपोर्ट ड्यूटी 100 प्रतिशत की जाए: सोहन हिमाचल सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने कहा कि तुर्की के साथ साथ दूसरे देशों पर भी इम्पोर्ट ड्यूटी 100 प्रतिशत होनी चाहिए। प्रदेश के सेब उद्योग को बचाने के लिए यह जरूरी है। प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी भी इम्पोर्ट ड्यूटी 100 फीसदी करने का वादा किया था। मगर यह वादा 11 साल बाद भी अधूरा है। तुर्की का सेब कहता है प्रभावित: विष्ट प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने बताया कि तुर्की का सेब हमें चालू सीजन के दौरान भी प्रभावित करता है। इसका सबसे ज्यादा असर स्टोर किए गए सेब पर पड़ता है। जिस तरह तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की है, इसे देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। भारत-पाक में तनाव के बीच तुर्की द्वारा पाकिस्तान की मदद के बाद तुर्किये के सेब आयात पर प्रतिबंध की मांग तेज हो रही है। हिमालयन एपल ग्रोवर सोसाइटी ने तुर्किये से सेब आयात प्रतिबंध की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। प्रदेश के दूसरे बागवानी संघ और राजनीतिक दल भी यही मांग कर रहे हैं। तुर्की द्वारा पाकिस्तान को दी गई कथित सैन्य मदद के बाद बागवान इस मांग को प्रमुखता से उठा रहे हैं, क्योंकि 2023 में भीषण भूकंप के बाद भारत ने ने तुर्की की मदद की थी। मगर तुर्की ने इसे नजरअंदाज करते हुए भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान की मदद को हाथ बढ़ाया है। इससे हिमाचल के सेब बागवानों में भी रोष है। तुर्की से एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा सेब का आयात इस वजह से बागवान प्रदेश के 5500 करोड़ रुपए के सेब उद्योग को बचाने के लिए तुर्की के सेब पर बैन की मांग कर रहे है, क्योंकि तुर्की का एपल हिमाचली सेब के लिए बड़ी चुनौती पेश कर रहा है। तुर्की से हर साल भारत में एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा सेब आयात होना शुरू हो गया है। तीन हिमालय राज्यों पर तुर्की के सेब का असर इसी मार सीधे तौर पर हिमाचल, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड के सेब उद्योग पर पड़ रही है। थोक में आयात की वजह से तीनों पहाड़ी राज्यों के सेब बागवानों को उचित दाम नहीं मिल रहे। ऐसे में हिमाचल के बागवान और राजनेता भी भारत की पीठ में छुरा घोंपने वाले तुर्की से सेब इम्पोर्ट रोकने को आवाज उठा रहे हैं। राठौर बोले- तुर्की के सेब पर लगाया जाए प्रतिबंध ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर ने ने कहा कि तुर्की के सेब पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। इससे हिमाचल के साथ साथ जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड का सेब उद्योग भी तबाह होने से बचेगा। उन्होंने बताया कि दुश्मन देश पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्की को सबक सिखाने के लिए यह फैसला लेना जरूरी है। तुर्की से सेब आयात बढ़ना खतरा: धांटा हिमालयन एपल ग्रोवर सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश धांटा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तुर्की से सेब के बढ़ते आयात पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा कि तुर्की से आयात किए जा रहे सेब की वजह से तीन हिमालय राज्यों के 13 लाख बागवान परिवारों की रोजी रोटी पर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने लिखा कि 2015 में 205 मीट्रिक टन सेब तुर्की से आयात हो रहा था, जो कि 2023-24 में बढ़कर 1,17,663 मीट्रिक टन हो गया। सेब उद्योग को बचाने के लिए तुर्की का सेब रोकना जरूरी है। तुर्की के साथ व्यापार बंद हो: रोच कोटगढ़ हॉर्टिकल्चर एंड एनवायरमेंट सोसायटी के अध्यक्ष हरिचंद रोच ने सेब के साथ साथ दूसरी चीजों का व्यापार भी बंद करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सेब का तुर्की से सेब का आयात बंद होने से प्रदेश के बागवानों को फायदा होगा। इंपोर्ट ड्यूटी 100 प्रतिशत की जाए: सोहन हिमाचल सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने कहा कि तुर्की के साथ साथ दूसरे देशों पर भी इम्पोर्ट ड्यूटी 100 प्रतिशत होनी चाहिए। प्रदेश के सेब उद्योग को बचाने के लिए यह जरूरी है। प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी भी इम्पोर्ट ड्यूटी 100 फीसदी करने का वादा किया था। मगर यह वादा 11 साल बाद भी अधूरा है। तुर्की का सेब कहता है प्रभावित: विष्ट प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने बताया कि तुर्की का सेब हमें चालू सीजन के दौरान भी प्रभावित करता है। इसका सबसे ज्यादा असर स्टोर किए गए सेब पर पड़ता है। जिस तरह तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की है, इसे देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
