हरियाणा के चरखी दादरी के बहुचर्चित माइनिंग मामले को लेकर डीसी मुनीश शर्मा ने खनन कार्य को असुरक्षित मानते हुए बंद करवा दिया है। 15 दिन के दौरान माइनिंग क्षेत्र में हादसे होने व लगातार ग्रामीणों द्वारा अवैध माइनिंग के आरोपों के चलते यह कार्रवाई की गई है। वहीं 10 दिन पहले मंत्री कृष्णलाल पंवार ने माइनिंग क्षेत्र का दौरा कर सब सही बताया था। पिचौपा कलां के माइनिंग क्षेत्र में इसी महीने 2 बार हादसे हो चुके हैं। जिसमें गाड़ियां व मशीनें दबने और एक व्यक्ति के घायल होने की बात सामने आई थी। लगातार हो रहे इन हादसों को लेकर स्थानीय ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे थे। उन्होंने माइनिंग कंपनी पर अवैध माइनिंग करने के आरोप लगाते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की। ग्रामीणों के लगातार बढ़ते रोष के चलते प्रशासन ने इस पर संज्ञान लिया है और माइनिंग को बंद किया है। मंत्री ने बताया सही, प्रशासन को लगी कमी पिचौपा कलां स्थित माइनिंग क्षेत्र बीते एक जनवरी की रात को हादसा हुआ था। जिसमें गाड़ी दब गई थी और ड्राइवर घायल हुआ था। उस दौरान कई लोगों के दबे होने की बात सामने आई थी, जिसके चलते प्रशासनिक अमला भी वहां पहुंचा था, लेकिन निरीक्षण के दौरान इस प्रकार की कोई बात सामने नहीं आई। बीते 6 जनवरी को हरियाणा के खनन मंत्री कृष्णलाल पंवार ने भी माइनिंग क्षेत्र का दौरा किया था और जिले की एक माइनिंग कंपनी को बकाया किश्त के चलते बंद किया था। वहीं पिचौपा कलां की माइनिंग को उन्होंने सही बताया था, लेकिन प्रशासन ने मंत्री के दौरे 10 दिन बाद ही इस माइनिंग को असुरक्षित मानते हुए बंद करवा दिया है। विधायक को नजर आई कमी माइनिंग क्षेत्र में 15 दिनों के दौरान दो हादसे होने के बाद शनिवार को बाढ़डा से भाजपा विधायक उमेद सिंह पातुवास ने भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टि में लग रहा है कि पैरामीटर से अधिक गहराई तक खनन किया गया है। लेकिन पूरी स्थिति पैमाइश के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाएगी और अवैध माइनिंग नहीं होने दी जाएगी। ग्रामीण बता रहे अवैध माइनिंग गांव पिचौपा कलां के ग्रामीण लगातार माइनिंग कंपनी पर अवैध माइनिंग करने के आरोप लगाते आ रहे हैं और वे कई बार प्रशासन को इसको शिकायत भी कर चुके हैं। जिस पर कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने प्रशासन पर भी कंपनी के साथ मिलीभगत के आरोप जड़े थे। ग्रामीणों का साफ कहना है कि माइनिंग कंपनी द्वारा यहां पूरी तरह से मनमानी की जा रही है और उनकी एक नहीं सुनी जाती है। जिसके चलते पूरे गांव में आक्रोश है। इस प्रकार से हो रही अवैध माइनिंग ग्रामीणों के अनुसार माइनिंग कंपनी द्वारा कई पैरामीटर को साइड कर माइनिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी को लीज पर जो एरिया मिला है, उससे कहीं अधिक एरिया में माइनिंग की जा रही है। इसके अलावा साइड में लगने वाली अरावली पहाड़ी में भी खनन करने के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि नियमों के अनुसार यहां कपंनी को करीब 46 मीटर गहराई तक ही खनन का अधिकार है। लेकिन इससे कहीं अधिक गहराई तक खनन कर भूमिगत जल का दोहन किया जा रहा है। जिससे उनके समक्ष पेयजल संकट का खतरा है। साजिश की जा रही- माइनिंग संचालक माइनिंग कंपनी के संचालक सुधीर तंवर ने कहा कि मिट्टी की स्लाइडिंग हुई है। कुछ लोग माइनिंग बंद करने की साजिश कर रहे हैं। जिसकी जांच के लिए उन्होंने अधिकारियों से मांग की है। उन्होंने कहा कि अवैध माइनिंग के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। यदि वे अवैध माइनिंग करते हैं, तो प्रशासन जो सजा देगा उसके लिए तैयार हैं। डीसी ने इन बातों का दिया हवाला चरखी दादरी डीसी मुनीश शर्मा ने माइनिंग को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। जिसमें बताया गया कि मिस जय दादा दोहला स्टोन माइन, पिचौपा कलां को अगले आदेश तक खनन कार्य निरस्त किया किया जाता है। कंपनी के खिलाफ लगातार शिकायतें मिली हैं। इसके अलावा पिचौपा कलां गांव के निवासियों ने आरोप लगाया है कि खनन कंपनी द्वारा असुरक्षित खनन कार्य किया जा रहा है। खनन अधिकारी के माध्यम से संज्ञान में यह भी लाया गया है कि आपको उनके कार्यालय के ज्ञापन के माध्यम से निर्देशित किया गया है। 12 सितंबर 2024 और तीन जनवरी 2025 को असुरक्षित खनन कार्य करने के संबंध में उल्लंघनों को दूर करने के लिए निर्देशित किया गया था। लेकिन कंपनी ने निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है और इन उल्लंघनों को दूर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सुरक्षित खनन कार्य करने के लिए उचित बेंचिंग और कंटूरिंग की कमी प्रतीत होती है। जान जाने की संभावना डीसी द्वारा जारी आदेशों में आगे लिखा गया है कि 2 जनवरी 2025 और 15 जनवरी 2025 को दुर्घटनाओं की रिपोर्ट मिली थी। खदानों में कार्यरत श्रमिकों को गंभीर चोट लगने और जान गंवाने की पूरी संभावना है। इसलिए खनन स्थलों पर बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को प्रमाणित करने के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित तकनीकी विशेषज्ञों से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने और अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। आपकी पत्थर खदान अर्थात मैसर्स जय दादा दोहला स्टोन माइन पिचौपा कलां-3 जिला चरखी दादरी उत्पादन और प्रेषण सहित खनन कार्य अगले आदेश तक निरस्त किए जाते हैं। माइनिंग को बंद किया है: खनन अधिकारी माइनिंग अधिकारी रिंकू सिंह ने बताया कि डीसी की ओर से फिलहाल माइनिंग को आगामी आदेशों तक बंद करवाया गया है। यहां अवैध माइनिंग हो रही है या नहीं इसके लिए उच्च अधिकारियों को सर्वे टीम भेजने के लिए लिखा गया है। उन्होंने कहा कि मानकों को पूरा करने के बाद ही दोबारा से ही खनन हो सकेगा। हरियाणा के चरखी दादरी के बहुचर्चित माइनिंग मामले को लेकर डीसी मुनीश शर्मा ने खनन कार्य को असुरक्षित मानते हुए बंद करवा दिया है। 15 दिन के दौरान माइनिंग क्षेत्र में हादसे होने व लगातार ग्रामीणों द्वारा अवैध माइनिंग के आरोपों के चलते यह कार्रवाई की गई है। वहीं 10 दिन पहले मंत्री कृष्णलाल पंवार ने माइनिंग क्षेत्र का दौरा कर सब सही बताया था। पिचौपा कलां के माइनिंग क्षेत्र में इसी महीने 2 बार हादसे हो चुके हैं। जिसमें गाड़ियां व मशीनें दबने और एक व्यक्ति के घायल होने की बात सामने आई थी। लगातार हो रहे इन हादसों को लेकर स्थानीय ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे थे। उन्होंने माइनिंग कंपनी पर अवैध माइनिंग करने के आरोप लगाते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की। ग्रामीणों के लगातार बढ़ते रोष के चलते प्रशासन ने इस पर संज्ञान लिया है और माइनिंग को बंद किया है। मंत्री ने बताया सही, प्रशासन को लगी कमी पिचौपा कलां स्थित माइनिंग क्षेत्र बीते एक जनवरी की रात को हादसा हुआ था। जिसमें गाड़ी दब गई थी और ड्राइवर घायल हुआ था। उस दौरान कई लोगों के दबे होने की बात सामने आई थी, जिसके चलते प्रशासनिक अमला भी वहां पहुंचा था, लेकिन निरीक्षण के दौरान इस प्रकार की कोई बात सामने नहीं आई। बीते 6 जनवरी को हरियाणा के खनन मंत्री कृष्णलाल पंवार ने भी माइनिंग क्षेत्र का दौरा किया था और जिले की एक माइनिंग कंपनी को बकाया किश्त के चलते बंद किया था। वहीं पिचौपा कलां की माइनिंग को उन्होंने सही बताया था, लेकिन प्रशासन ने मंत्री के दौरे 10 दिन बाद ही इस माइनिंग को असुरक्षित मानते हुए बंद करवा दिया है। विधायक को नजर आई कमी माइनिंग क्षेत्र में 15 दिनों के दौरान दो हादसे होने के बाद शनिवार को बाढ़डा से भाजपा विधायक उमेद सिंह पातुवास ने भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टि में लग रहा है कि पैरामीटर से अधिक गहराई तक खनन किया गया है। लेकिन पूरी स्थिति पैमाइश के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाएगी और अवैध माइनिंग नहीं होने दी जाएगी। ग्रामीण बता रहे अवैध माइनिंग गांव पिचौपा कलां के ग्रामीण लगातार माइनिंग कंपनी पर अवैध माइनिंग करने के आरोप लगाते आ रहे हैं और वे कई बार प्रशासन को इसको शिकायत भी कर चुके हैं। जिस पर कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने प्रशासन पर भी कंपनी के साथ मिलीभगत के आरोप जड़े थे। ग्रामीणों का साफ कहना है कि माइनिंग कंपनी द्वारा यहां पूरी तरह से मनमानी की जा रही है और उनकी एक नहीं सुनी जाती है। जिसके चलते पूरे गांव में आक्रोश है। इस प्रकार से हो रही अवैध माइनिंग ग्रामीणों के अनुसार माइनिंग कंपनी द्वारा कई पैरामीटर को साइड कर माइनिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी को लीज पर जो एरिया मिला है, उससे कहीं अधिक एरिया में माइनिंग की जा रही है। इसके अलावा साइड में लगने वाली अरावली पहाड़ी में भी खनन करने के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि नियमों के अनुसार यहां कपंनी को करीब 46 मीटर गहराई तक ही खनन का अधिकार है। लेकिन इससे कहीं अधिक गहराई तक खनन कर भूमिगत जल का दोहन किया जा रहा है। जिससे उनके समक्ष पेयजल संकट का खतरा है। साजिश की जा रही- माइनिंग संचालक माइनिंग कंपनी के संचालक सुधीर तंवर ने कहा कि मिट्टी की स्लाइडिंग हुई है। कुछ लोग माइनिंग बंद करने की साजिश कर रहे हैं। जिसकी जांच के लिए उन्होंने अधिकारियों से मांग की है। उन्होंने कहा कि अवैध माइनिंग के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। यदि वे अवैध माइनिंग करते हैं, तो प्रशासन जो सजा देगा उसके लिए तैयार हैं। डीसी ने इन बातों का दिया हवाला चरखी दादरी डीसी मुनीश शर्मा ने माइनिंग को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। जिसमें बताया गया कि मिस जय दादा दोहला स्टोन माइन, पिचौपा कलां को अगले आदेश तक खनन कार्य निरस्त किया किया जाता है। कंपनी के खिलाफ लगातार शिकायतें मिली हैं। इसके अलावा पिचौपा कलां गांव के निवासियों ने आरोप लगाया है कि खनन कंपनी द्वारा असुरक्षित खनन कार्य किया जा रहा है। खनन अधिकारी के माध्यम से संज्ञान में यह भी लाया गया है कि आपको उनके कार्यालय के ज्ञापन के माध्यम से निर्देशित किया गया है। 12 सितंबर 2024 और तीन जनवरी 2025 को असुरक्षित खनन कार्य करने के संबंध में उल्लंघनों को दूर करने के लिए निर्देशित किया गया था। लेकिन कंपनी ने निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है और इन उल्लंघनों को दूर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सुरक्षित खनन कार्य करने के लिए उचित बेंचिंग और कंटूरिंग की कमी प्रतीत होती है। जान जाने की संभावना डीसी द्वारा जारी आदेशों में आगे लिखा गया है कि 2 जनवरी 2025 और 15 जनवरी 2025 को दुर्घटनाओं की रिपोर्ट मिली थी। खदानों में कार्यरत श्रमिकों को गंभीर चोट लगने और जान गंवाने की पूरी संभावना है। इसलिए खनन स्थलों पर बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को प्रमाणित करने के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित तकनीकी विशेषज्ञों से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने और अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। आपकी पत्थर खदान अर्थात मैसर्स जय दादा दोहला स्टोन 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