चरखी दादरी में रबी सीजन की फसलों की खरीद के लिए अभी से तैयारियां करनी शुरू कर दी है ताकि खरीद के दौरान किसी प्रकार की समस्या पेश ना आए और खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रह सके। हैफेड अधिकारियों ने इसके लिए चरखी दादरी मार्केट कमेटी के सचिव के नाम पत्र भेजकर दादरी व बाढड़ा अनाज मंडियों में आढ़तियों को इलेक्ट्रिक झरना, तिरपाल आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व म सही में सही नहीं रही व्यवस्था बता दे कि मार्केट कमेटी सचिव को हैफेड के डिस्ट्रीक मैनेजर भिवानी ने भेजे पत्र में लिखा है कि रबी सीजन की खरीद मार्च-2025 के अंतिम सप्ताह में शुरू होने जा रही है। पिछले सीजनों में, इस कार्यालय को मंडियों में खरीदे गए स्टॉक की उचित सफाई के संबंध में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण बड़ी मात्रा में भेजे गए स्टॉक को भंडारण स्थानों पर खारिज कर दिया गया था और मंडियों में वापस कर दिया गया था। जिसके चलते किसानों को भुगतान और स्टॉक में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी आढ़तियों ने पिछले सीजनों के दौरान खरीदे गए स्टॉक की उचित सफाई के लिए बिजली के झरना, तिरपाल और अनाज के बैग के नीचे लगाने लकड़ी की व्यवस्था नहीं की। उसी को देखते हुए आगामी दिनों में शुरू होने वाली खरीद के लिए समय पर आवश्यक बिजली के झरना, तिरपाल, लकड़ी आदि की व्यवस्था करने के लिए आढ़तियों को आवश्यक निर्देश दें। साथ ही, यह भी अनुरोध है कि खरीद शुरू होने से पहले मंडियों में सभी आढ़तियों के पास इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करें और उपरोक्त व्यवस्थाओं की उपलब्धता के बारे में इस कार्यालय को सूचित करें। यदि खरीद के समय आढ़तियों के पास पर्याप्त बिजली के झरना, तिरपाल, आदि नहीं हैं, तो खरीद में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए सुचारू खरीद के लिए यह अनिवार्य रूप से इसका प्रबंध करने के निर्देश दिए गए है। बीते सालों में उठानी पड़ी है परेशानी फसल खरीद के दौरान बीते सालों में दादरी अनाज मंडी में हमेशा ही व्यवस्थाओं की कमी के चलते किसानों, आढ़तियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पीने के पानी से लेकर दूसरी मुलभूत सुविधाओं का यहां टोटा रहता है। जिसके कारण कई बार किसानों ने खरीद के दौरान रोड़ जाम, प्रदर्शन किए हैं वहीं आढ़तियों को भी खरीद बंद कर मंडी गेट पर ताला जड़ना पड़ा था। उन्हीं को ध्यान में रखते हुए इस सीजन खरीद शुरू होने से पहले ही इस पर संज्ञान लेकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है और इलेक्ट्रिक झरना, तिरपाल आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। कई बार खुले में रखा अनाज भीगा चरखी दादरी जिले में चाहे दादरी अनाज मंडी हो या बाढड़ा रबी व खरीफ सीजन के दौरान हर बार व्यवस्थाओं में खामियां देखने को मिलती रही है। तिरपाल आदि का प्रबंध नहीं होने के कारण कई बार खुले में रखी बाजरा, गेहूं, सरसों भीगी है और खराब भी हुई है। बीते सीजन इसी प्रकार का मामला सामने आने पर प्रशासन की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था। इन्हीं व्यवस्था को सुधारने के लिए और अनाज को खराब होने से बचाने के लिए समय से पहले इस पर संज्ञान लेकर व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए है। दादरी में 2.75 एकड़ में खेती दादरी जिला कृषि बाहुल्य क्षेत्र है। रबी सीजन के दौरान जिले में मुख्य रूप से सरसों व गेहूं की खेती की जाती है। कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार इस सीजन जिले में 2 लाख 75 हजार एकड़ में खेती की गई है। जिसमें से 1 लाख 55 हजार एकड़ में सरसों, 1 लाख 10 हजार एकड़ में गेहूं और 10 हजार एकड़ में हरा चारा, सब्जी आदि अन्य फसलें लगाई गई हैं। जिले में एमएसपी पर होती है खरीद चरखी दादरी जिले में रबी सीजन के दौरान सरकारी खरीद के तहत गेहूं व सरसों की फसल एमएसपी पर खरीदी जाती है। जिले में मुख्य रूप से दादरी व बाढड़ा मंडी के अलावा झोझू , बौंद कलां आदि स्थानों पर खरीद केंद्र बनाकर मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपनी फसलों का पंजीकरण करवाने वाले किसानों से खरीद की जाती है। चरखी दादरी में रबी सीजन की फसलों की खरीद के लिए अभी से तैयारियां करनी शुरू कर दी है ताकि खरीद के दौरान किसी प्रकार की समस्या पेश ना आए और खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रह सके। हैफेड अधिकारियों ने इसके लिए चरखी दादरी मार्केट कमेटी के सचिव के नाम पत्र भेजकर दादरी व बाढड़ा अनाज मंडियों में आढ़तियों को इलेक्ट्रिक झरना, तिरपाल आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व म सही में सही नहीं रही व्यवस्था बता दे कि मार्केट कमेटी सचिव को हैफेड के डिस्ट्रीक मैनेजर भिवानी ने भेजे पत्र में लिखा है कि रबी सीजन की खरीद मार्च-2025 के अंतिम सप्ताह में शुरू होने जा रही है। पिछले सीजनों में, इस कार्यालय को मंडियों में खरीदे गए स्टॉक की उचित सफाई के संबंध में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण बड़ी मात्रा में भेजे गए स्टॉक को भंडारण स्थानों पर खारिज कर दिया गया था और मंडियों में वापस कर दिया गया था। जिसके चलते किसानों को भुगतान और स्टॉक में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी आढ़तियों ने पिछले सीजनों के दौरान खरीदे गए स्टॉक की उचित सफाई के लिए बिजली के झरना, तिरपाल और अनाज के बैग के नीचे लगाने लकड़ी की व्यवस्था नहीं की। उसी को देखते हुए आगामी दिनों में शुरू होने वाली खरीद के लिए समय पर आवश्यक बिजली के झरना, तिरपाल, लकड़ी आदि की व्यवस्था करने के लिए आढ़तियों को आवश्यक निर्देश दें। साथ ही, यह भी अनुरोध है कि खरीद शुरू होने से पहले मंडियों में सभी आढ़तियों के पास इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करें और उपरोक्त व्यवस्थाओं की उपलब्धता के बारे में इस कार्यालय को सूचित करें। यदि खरीद के समय आढ़तियों के पास पर्याप्त बिजली के झरना, तिरपाल, आदि नहीं हैं, तो खरीद में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए सुचारू खरीद के लिए यह अनिवार्य रूप से इसका प्रबंध करने के निर्देश दिए गए है। बीते सालों में उठानी पड़ी है परेशानी फसल खरीद के दौरान बीते सालों में दादरी अनाज मंडी में हमेशा ही व्यवस्थाओं की कमी के चलते किसानों, आढ़तियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पीने के पानी से लेकर दूसरी मुलभूत सुविधाओं का यहां टोटा रहता है। जिसके कारण कई बार किसानों ने खरीद के दौरान रोड़ जाम, प्रदर्शन किए हैं वहीं आढ़तियों को भी खरीद बंद कर मंडी गेट पर ताला जड़ना पड़ा था। उन्हीं को ध्यान में रखते हुए इस सीजन खरीद शुरू होने से पहले ही इस पर संज्ञान लेकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है और इलेक्ट्रिक झरना, तिरपाल आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। कई बार खुले में रखा अनाज भीगा चरखी दादरी जिले में चाहे दादरी अनाज मंडी हो या बाढड़ा रबी व खरीफ सीजन के दौरान हर बार व्यवस्थाओं में खामियां देखने को मिलती रही है। तिरपाल आदि का प्रबंध नहीं होने के कारण कई बार खुले में रखी बाजरा, गेहूं, सरसों भीगी है और खराब भी हुई है। बीते सीजन इसी प्रकार का मामला सामने आने पर प्रशासन की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था। इन्हीं व्यवस्था को सुधारने के लिए और अनाज को खराब होने से बचाने के लिए समय से पहले इस पर संज्ञान लेकर व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए है। दादरी में 2.75 एकड़ में खेती दादरी जिला कृषि बाहुल्य क्षेत्र है। रबी सीजन के दौरान जिले में मुख्य रूप से सरसों व गेहूं की खेती की जाती है। कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार इस सीजन जिले में 2 लाख 75 हजार एकड़ में खेती की गई है। जिसमें से 1 लाख 55 हजार एकड़ में सरसों, 1 लाख 10 हजार एकड़ में गेहूं और 10 हजार एकड़ में हरा चारा, सब्जी आदि अन्य फसलें लगाई गई हैं। जिले में एमएसपी पर होती है खरीद चरखी दादरी जिले में रबी सीजन के दौरान सरकारी खरीद के तहत गेहूं व सरसों की फसल एमएसपी पर खरीदी जाती है। जिले में मुख्य रूप से दादरी व बाढड़ा मंडी के अलावा झोझू , बौंद कलां आदि स्थानों पर खरीद केंद्र बनाकर मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपनी फसलों का पंजीकरण करवाने वाले किसानों से खरीद की जाती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन, फैसला आज:हुड्डा को हटाने पर अड़ा सैलजा गुट; 3 ऑब्जर्वर मुहर लगाएंगे, 2 नाम आगे चल रहे हरियाणा कांग्रेस को आज विधायक दल का नेता मिल जाएगा। पार्टी ने इसे लेकर चंडीगढ़ में मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में हाईकमान की ओर से भेजे गए 3 ऑब्जर्वर और पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पार्टी के सभी विधायक भी मौजूद रहेंगे। इसमें ही विधायक दल के नेता के नाम पर मुहर लगेगी। इससे पहले हुड्डा ने दिल्ली में बुधवार को अपने समर्थक विधायकों की मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग में करीब 31 नेता पहुंचे थे। सियासी गलियारों में इस मीटिंग को नेता विपक्ष के चुनाव से पहले पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, मीटिंग के बाद भूपेंद्र हुड्डा ने सफाई दी थी कि विधायक एक-दूसरे से मिलना चाहते थे। यह अनौपचारिक मुलाकात थी। इसमें अच्छी चर्चा हुई। सभी ने कहा कि हम हरियाणा और पार्टी के लिए लड़ेंगे। मीटिंग में आएंगे ये 3 ऑब्जर्वर
कांग्रेस हाईकमान की ओर से बुलाई गई मीटिंग में ऑब्जर्वर के तौर पर 3 वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। इनमें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा शामिल हैं। ये ऑब्जर्वर मीटिंग में विधायकों से वन टू वन राय शुमारी कर नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान करेंगे। ऑब्जर्वर्स को भेजने की वजह कांग्रेस की गुटबाजी को बताया जा रहा है। इस मीटिंग में हुड्डा और सैलजा दोनों के समर्थक विधायक शामिल होंगे। उनकी आपस में नाराजगी को दूर करने का भी कोई समाधान ऑब्जर्वर्स कर सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए चर्चा में 2 नाम… नेता प्रतिपक्ष के लिए हुड्डा और सैलजा गुट से एक-एक नाम की चर्चा है। चूंकि, सैलजा गुट की कोशिश है कि भूपेंद्र हुड्डा से नेता प्रतिपक्ष का पद लिया जाए, इसलिए इन्हीं दोनों में से किसी एक को यह पद मिल सकता है। इनमें अशोक अरोड़ा और चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम शामिल है। 1- अशोक अरोड़ा
अशोक अरोड़ा ने इस बार थानेसर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने सैनी सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री रहे सुभाष सुधा को 3243 वोट से हराया। अशोक अरोड़ा हरियाणा में कैबिनेट मंत्री के अलावा विधानसभा स्पीकर भी रह चुके हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस इस बार गैर-जाट कार्ड खेलते हुए अशोक अरोड़ा पर दांव लगा सकती है। पंजाबी समुदाय से आने वाले अशोक अरोड़ा लंबे समय तक इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में रहे। वह 14 साल तक INLD के प्रदेशाध्यक्ष रहे और 2019 के चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अरोड़ा की पंजाबी बिरादरी में अच्छी पकड़ है। 2- चंद्रमोहन बिश्नोई
चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे करने से कांग्रेस को सबसे बड़ा फायदा गैर जाट तबके में मिल सकता है। वह हरियाणा के डिप्टी CM रह चुके हैं। उनके पिता चौधरी भजनलाल प्रदेश के CM रह चुके हैं। भजनलाल की OBC और पंजाबी वोटरों पर अच्छी पकड़ थी, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। चंद्रमोहन का नाम आगे बढ़ाकर पार्टी गैर-जाट वोटर्स को भी अपने पाले में करने की कोशिश कर सकती है। इस बार कांग्रेस को गैर-जाट वोट कम मिले, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिला। इसके अलावा चंद्रमोहन की गिनती सैलजा के करीबी नेताओं में होती है। चंद्रमोहन को लेकर फिलहाल सैलजा कुछ नहीं बोल रहीं, लेकिन पार्टी की हार के बाद हाईकमान उनकी पसंद को तवज्जो दे सकती है। हार से कांग्रेस में घमासान, हुड्डा-उदयभान पर इस्तीफे का दबाव
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार से पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। हुड्डा और सैलजा समर्थक लगातार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया राहुल गांधी से इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। इससे उदयभान पर प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने और भूपेंद्र हुड्डा पर नेता प्रतिपक्ष के पद पर दावा न जताने का दबाव बढ़ गया है। हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी सैलजा और हुड्डा गुट से 2 नामों की चर्चा है। उदयभान के पद छोड़ने के बाद कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। वह पहले भी यह पदभार संभाल चुकी हैं। वहीं, प्रदेशाध्यक्ष के लिए हुड्डा गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल के नाम की भी चर्चा है। हुड्डा और सैलजा खेमे के क्या आरोप… हुड्डा खेमे की चुनाव आयोग से EVM में गड़बड़ी की शिकायत
भूपेंद्र हुड्डा समर्थक हरियाणा में हुई हार का ठीकरा EVM पर फोड़ रहे हैं। उनका दावा है कि प्रदेश में 20 सीटों की वोटिंग और मतगणना में गड़बड़ी हुई है। प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने तो EVM हैक करने के भी आरोप लगाए। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को 7 सीटों की लिखित शिकायत सौंपी थी। इसमें कांग्रेस ने कहा था कि जिन EVM में ज्यादा वोट पड़े, वह फिर भी 90% चार्ज थी। इससे BJP को बढ़त मिली। हालांकि, जो EVM 40-50% चार्ज थी, उसमें वोट भी कम थे। उनमें कांग्रेस को लीड मिली। उन्होंने इसमें गड़बड़ी का शक जताया। कांग्रेस ने इन EVM को सील कर VVPAT की पर्ची से मिलान करने की मांग रखी थी। हालांकि, कांग्रेस के आरोपों का भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त जवाब दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि EVM की वोटिंग और नतीजे पूरी तरह सही हैं। उनमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। सैलजा समर्थक बोले- हमें हराया गया
उधर, करनाल के असंध से शमशेर गोगी, कुरुक्षेत्र के जिला अध्यक्ष मधुसूदन बवेजा और अंबाला कैंट से कांग्रेस उम्मीदवार रहे परविंदर परी ने हुड्डा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेताओं का कहना है कि वे हारे नहीं हैं, उन्हें हराया गया है। गोगी ने कहा कि सैलजा के अपमान के कारण दलितों ने हमें वोट भी नहीं दिया। एक बिरादरी की सरकार नहीं बनती। सबको साथ लेकर चलना पड़ता है। सैलजा ने कहा- संगठन नहीं बनाने से हारे
सिरसा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा था कि चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी और उम्मीदवारों को संगठन की कमी खली है। संगठन से ही कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान मिलता है और संगठन होना चाहिए था। उन्हें खुद भी संगठन न होने का मलाल है। राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं पर ठीकरा फोड़ा
इससे पहले 10 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर समीक्षा मीटिंग हुई। उसमें राहुल गांधी ने हार को लेकर कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए। इसी वजह से हार हुई। कैप्टन अजय यादव ने पार्टी छोड़ी
इधर, पार्टी के अंदर चल रहे घमासान के बीच पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने भी पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कहा कि सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद से उनके साथ हाईकमान ने अच्छा व्यवहार नहीं किया। इसलिए, उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया। कैप्टन यादव लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज थ। हालांकि, पार्टी ने उनके बेटे चिरंजीव को रेवाड़ी से टिकट दिया था, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि कैप्टन अजय यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के समधी हैं।
फरीदाबाद पुलिस ने महिलाओं को मंदिर जाने से किया मना:बंद रास्ते का किया था विरोध, थाने में 4 घंटे बैठाया
फरीदाबाद पुलिस ने महिलाओं को मंदिर जाने से किया मना:बंद रास्ते का किया था विरोध, थाने में 4 घंटे बैठाया हरियाणा के फरीदाबाद जिले में सिटी थाने के एसएचओ और अग्रसेन चौकी के इंचार्ज पर तीन दलित बहनों के साथ थाने में 4 घंटे तक बंधक बनाकर मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे है। मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। घटना बल्लभगढ़ के मोहना रोड स्थित तकिया वाली गली नंबर 8 की है। जहां की रहने वाली गीता और उसकी बहन गंगा देवी ने पुलिस पर यह गंभीर आरोप लगाए हैं। बंद रास्ते का किया विरोध उनका आरोप है कि बीते 21 जून को उनकी गली में पिछले 30 वर्षों से बने शिव मंदिर का रास्ता एक तरफ से बंद किया जा रहा था। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो मंदिर का रास्ता बंद करने वाले लोगों ने पुलिस बुला ली। इसके बाद थाना सिटी बल्लभगढ़ के एसएचओ महेंद्र और अग्रसेन चौकी के इंचार्ज कपिल मौके पर पहुंचे और उन्होंने मंदिर का मौका मुआयना किया। जिसके बाद उन्होंने एसएचओ से कहा कि यह रास्ता मंदिर का है, जो की 30 साल से खुला हुआ था। उन्हें रास्ते के बंद होने के बाद मंदिर में आने-जाने में परेशानी होगी। पुलिस पर लगाए आरोप गंगा और गीता का आरोप है कि उनके दलित होने के चलते इस बात को सुनकर एसएचओ महेंद्र ने उनसे कहा कि तुम्हें मंदिर में जाने की क्या जरूरत है और उन्हें जाती सूचक शब्द भी कहे। इस बात को लेकर गंगा और उसकी बहन भड़क गई और महेंद्र द्वारा कहे गई इस बात का उन्होंने जब विरोध करना शुरू किया तो एसएचओ महेंद्र और चौकी इंचार्ज तैश में आ गए। इसके बाद उन्होंने दुर्गा शक्ति की टीम को बुलाकर उन्हें घर के अंदर से बाहर निकाल कर गाड़ी में मारपीट करते हुए जबरन डाल लिया और थाने में ले जाकर तीनों बहनों के साथ मारपीट की। दोषियों के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई इस दौरान उनका एक ढाई साल का बच्चा भी नीचे गिर गया। जिसे चोट आई है। गीता ने बताया की घटना वीडियो सहित सभी सबूत उनके मोबाइल फोन में थे। थाने में ले जाने के बाद उनसे उनके फोन पुलिस द्वारा छीन लिए गए और 4 घंटे के बाद जब उन्हें छोड़ा गया। तब उन्हें मोबाइल फ़ोन दिए गए। लेकिन पुलिस उनके सभी फोन को रीसेट कर चुकी थी। गीता ने बताया की वह उसकी बहने गंगा देवी और सुनीता सभी घटना के बाद से है पुलिस कमिश्नर तक के चक्कर लगा चुकी हैं। लेकिन दोषी एसएचओ और अग्रसेन चौकी इंचार्ज कपिल के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। वह चाहती हैं कि दोनों के खिलाफ उचित एक्शन लिया जाए। न्याय ना मिलने के चलते आज उन्हें मजबूरन सिटी थाने के बाहर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बैठना पड़ा।
इनेलो-बसपा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी:रानियां से अभय के छोटे बेटे को टिकट, बहादुरगढ़ से नफे राठी की पत्नी उम्मीदवार
इनेलो-बसपा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी:रानियां से अभय के छोटे बेटे को टिकट, बहादुरगढ़ से नफे राठी की पत्नी उम्मीदवार हरियाणा में इनेलो-बसपा गठबंधन ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की घोषणा कर दी है। इनेलो की तरफ से जारी लिस्ट में 7 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नाम शीला राठी का है। वह इनेलो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की पत्नी हैं। कुछ महीने पहले नफे सिंह राठी की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला के छोटे बेटे अर्जुन चौटाला को रानियां से उम्मीदवार बनाया गया है। 2019 के चुनाव में यहां से उनके दादा रणजीत सिंह चौटाला निर्दलीय विधायक बने थे। अर्जुन इनेलो की यूथ विंग की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने 2019 में कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था और हार मिली थी। कलायत से रामपाल माजरा को टिकट दिया गया है। माजरा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह यहां से 3 बार विधायक रहे चुके हैं। उमेद लोहान को नारनौंद से उम्मीदवार बनाया गया है। वह चौटाला परिवार से बरसों से जुड़े हैं। चौटाला परिवार में फूट के बाद वह JJP के साथ चले गए थे। जजपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 2019 में बाहर कर दिया। इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए। अभय चौटाला के कहने पर दोबारा इनेलो के साथ आ गए। उनकी अभय चौटाला के करीबियों में गिनती होती है। शेर सिंह बड़शामी को लाडवा से उम्मीदवार बनाया है। वह याहं से विधायक भी रह चुके हैं। JBT भर्ती घोटाले में पूर्व सीएम ओपी चौटाला के साथ बड़शामी को 10 साल की सजा हुई थी। करीब साढ़े चार साल पहले उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिल गई। इससे पहले, इनेलो-बसपा गठबंधन की पहली लिस्ट में 4 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी। बसपा की तरफ से जारी लिस्ट में जगाधरी से दर्शन लाल खेड़ा, असंध से गोपाल सिंह राणा, नारायणगढ़ से हरबिलास सिंह और अटेली से ठाकुर अत्तर लाल को उम्मीदवार बनाया गया था। इनेलो-बसपा उम्मीदवारों के बारे में जानिए… हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़ी अहम जानकारियां