हरियाणा के नूंह जिले में सोमवार को हुई कष्ट निवारण समिति की बैठक में एक रेप पीड़िता और उसके पिता ने मंत्री राव नरबीर सिंह के सामने पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों को रिश्वतखोर कहकर न्याय की गुहार लगाई। लेकिन मंत्री ने दोनों को अनसुना कर बैठक से बाहर निकाल दिया। दोनों पिता–पुत्री चीखते–चिल्लाते हुए बैठक से बाहर निकल गए और मंत्री के साथ–साथ अधिकारियों को भी खरी खोटी सुनाई। समिति की पूरी कार्यवाही के दौरान मंत्री राव नरवीर सिंह ने मीडिया के कैमरों को बंद करा दिया। इससे पहले भी रेप पीड़िता और उसका पिता मंत्री के सामने न्याय की गुहार लगा चुका है। दरअसल रेप पीड़ित और उसका पिता पुलिस पर डॉक्टरों से मिलीभगत कर बेटी की एफएसएल रिपोर्ट बदलने का आरोप लगा रहे है। 14 अक्टूबर को हुआ था नाबालिग का अपहरण गौरतलब है कि पिनगवां थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले नाबालिग रेप पीड़ित के पिता ने बताया कि 14 अक्टूबर 2024 को वह देर रात करीब 1 बजे अपनी प्लॉट पर सोए हुए थे। जब पीड़िता उन्हें खाना देकर वापिस अपने रिहायशी मकान पर लौट रही थी,उसी दौरान रास्ते में दो अज्ञात कार सवार युवक आए, जिन्होंने जबरन नाबालिग का अपहरण कर अपनी कार में पटक दिया। आरोप है कि दोनों आरोपी उसे पुन्हाना के अपना होटल में ले गए,जहां जबरन उसका रेप करने का प्रयास किया। जब पीड़िता ने आरोपियों का विरोध किया तो आरोपी उसे डरा धमकाकर सुनसान जंगलों में ले गए। जहां एक आरोपी ने मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और दोनों हाथ पकड़ लिए तथा दूसरे आरोपी ने उनकी बेटी की मर्जी के खिलाफ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। दुष्कर्म के बाद गांव में छोड़ गए आरोपी पीड़ित पिता ने बताया कि जब आरोपी उनकी बेटी को जंगल में छोड़कर जाने लगे तो उसने शोर मचाया। जिसके बाद आरोपियों ने पीड़िता को गाड़ी में डालकर पास के ही एक गांव शाहचोखा छोड़ दिया और मौके से फरार हो गए। पीड़िता ने बताया कि वह दूसरे दिन सुबह करीब 9 बजे घर पहुंची और घटना के बारे में परिजनों को बताया। जिसके बाद पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पहली ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शिकायत लेकर पहुंचे पिता–पुत्री पीड़िता के पिता ने बताया कि पिछली बार दिसंबर महीने में हुई जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में वह शिकायत लेकर पहुंचे थे। जिसमें पीड़िता के पिता ने बताया था कि उनकी बेटी की मेडिकल रिपोर्ट को डॉक्टरों ने पुलिस की मिलीभगत से बदल दिया गया। जिसमें मंत्री द्वारा उनकी शिकायत पर जांच करने के आदेश भी दिए गए थे। महिला थाना पुलिस द्वारा इसकी जांच की गई,जिसमें पुलिस ने बताया यह कि इसमें छेड़छाड़ की धाराओं में दो आरोपी अरेस्ट हो चुके है। जिनकी जमानत भी हो चुकी है। सोमवार को फिर शिकायत लेकर पहुंचे पिता–पुत्री सोमवार को जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में शिकायतें सुन रहे मंत्री राव नरबीर सिंह के सामने पिता पुत्री पहुंच गए। बैठक में दुष्कर्म पीड़ित व उसके पिता ने जांच अधिकारी व डॉक्टरों पर आपस में मिलकर एफएसएल की रिपोर्ट को बदलने के आरोप लगाए। इतना ही रेप पीड़िता पिता व लड़की ने पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों पर रिश्वतखोरी के भी गंभीर आरोप लगाए। दोनों मंत्री के सामने चीखते चिल्लाते हुए भरी सभा में न्याय की गुहार लगाते हुए दिखाई दिए। थोड़ी देर के लिए माहौल बिल्कुल शांत हो गया था। मंच पर बैठे मंत्री,विधायक और अधिकारियों के सामने पीड़िता द्वारा इतने गंभीर आरोप गए,लेकिन किसी ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। वहीं मंत्री राव नरवीर सिंह ने भी दोनों की बातों को अनसुना करते हुए बैठक से बाहर निकलवा दिया। अब इस मामले को लेकर पीड़ित पिता कह रहे है कि वह अपनी बेटी को न्याय दिलवाने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक जायेंगे। हरियाणा के नूंह जिले में सोमवार को हुई कष्ट निवारण समिति की बैठक में एक रेप पीड़िता और उसके पिता ने मंत्री राव नरबीर सिंह के सामने पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों को रिश्वतखोर कहकर न्याय की गुहार लगाई। लेकिन मंत्री ने दोनों को अनसुना कर बैठक से बाहर निकाल दिया। दोनों पिता–पुत्री चीखते–चिल्लाते हुए बैठक से बाहर निकल गए और मंत्री के साथ–साथ अधिकारियों को भी खरी खोटी सुनाई। समिति की पूरी कार्यवाही के दौरान मंत्री राव नरवीर सिंह ने मीडिया के कैमरों को बंद करा दिया। इससे पहले भी रेप पीड़िता और उसका पिता मंत्री के सामने न्याय की गुहार लगा चुका है। दरअसल रेप पीड़ित और उसका पिता पुलिस पर डॉक्टरों से मिलीभगत कर बेटी की एफएसएल रिपोर्ट बदलने का आरोप लगा रहे है। 14 अक्टूबर को हुआ था नाबालिग का अपहरण गौरतलब है कि पिनगवां थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले नाबालिग रेप पीड़ित के पिता ने बताया कि 14 अक्टूबर 2024 को वह देर रात करीब 1 बजे अपनी प्लॉट पर सोए हुए थे। जब पीड़िता उन्हें खाना देकर वापिस अपने रिहायशी मकान पर लौट रही थी,उसी दौरान रास्ते में दो अज्ञात कार सवार युवक आए, जिन्होंने जबरन नाबालिग का अपहरण कर अपनी कार में पटक दिया। आरोप है कि दोनों आरोपी उसे पुन्हाना के अपना होटल में ले गए,जहां जबरन उसका रेप करने का प्रयास किया। जब पीड़िता ने आरोपियों का विरोध किया तो आरोपी उसे डरा धमकाकर सुनसान जंगलों में ले गए। जहां एक आरोपी ने मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और दोनों हाथ पकड़ लिए तथा दूसरे आरोपी ने उनकी बेटी की मर्जी के खिलाफ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। दुष्कर्म के बाद गांव में छोड़ गए आरोपी पीड़ित पिता ने बताया कि जब आरोपी उनकी बेटी को जंगल में छोड़कर जाने लगे तो उसने शोर मचाया। जिसके बाद आरोपियों ने पीड़िता को गाड़ी में डालकर पास के ही एक गांव शाहचोखा छोड़ दिया और मौके से फरार हो गए। पीड़िता ने बताया कि वह दूसरे दिन सुबह करीब 9 बजे घर पहुंची और घटना के बारे में परिजनों को बताया। जिसके बाद पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पहली ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शिकायत लेकर पहुंचे पिता–पुत्री पीड़िता के पिता ने बताया कि पिछली बार दिसंबर महीने में हुई जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में वह शिकायत लेकर पहुंचे थे। जिसमें पीड़िता के पिता ने बताया था कि उनकी बेटी की मेडिकल रिपोर्ट को डॉक्टरों ने पुलिस की मिलीभगत से बदल दिया गया। जिसमें मंत्री द्वारा उनकी शिकायत पर जांच करने के आदेश भी दिए गए थे। महिला थाना पुलिस द्वारा इसकी जांच की गई,जिसमें पुलिस ने बताया यह कि इसमें छेड़छाड़ की धाराओं में दो आरोपी अरेस्ट हो चुके है। जिनकी जमानत भी हो चुकी है। सोमवार को फिर शिकायत लेकर पहुंचे पिता–पुत्री सोमवार को जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में शिकायतें सुन रहे मंत्री राव नरबीर सिंह के सामने पिता पुत्री पहुंच गए। बैठक में दुष्कर्म पीड़ित व उसके पिता ने जांच अधिकारी व डॉक्टरों पर आपस में मिलकर एफएसएल की रिपोर्ट को बदलने के आरोप लगाए। इतना ही रेप पीड़िता पिता व लड़की ने पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों पर रिश्वतखोरी के भी गंभीर आरोप लगाए। दोनों मंत्री के सामने चीखते चिल्लाते हुए भरी सभा में न्याय की गुहार लगाते हुए दिखाई दिए। थोड़ी देर के लिए माहौल बिल्कुल शांत हो गया था। मंच पर बैठे मंत्री,विधायक और अधिकारियों के सामने पीड़िता द्वारा इतने गंभीर आरोप गए,लेकिन किसी ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। वहीं मंत्री राव नरवीर सिंह ने भी दोनों की बातों को अनसुना करते हुए बैठक से बाहर निकलवा दिया। अब इस मामले को लेकर पीड़ित पिता कह रहे है कि वह अपनी बेटी को न्याय दिलवाने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक जायेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
