कुल्लू जिले में बादल फटने के कारण दारचा से लगभग 16 किमी दूर स्थित पुराने और नए पुलों को नुकसान पहुंचा है। जिस कारण यातायात बंद हो गया है। बादल फटने के कारण दोनों पुलों पर बड़ी बड़ी चट्टानें फैल गई हैं। दारचा से लेह वाया शिंकुला शॉर्टकट रोड है। जिसे स्थानीय लोग अधिक इस्तेमाल करते हैं। 2-3 दिन बाद रास्ते होंगे चालू सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) 108 आरसीसी के अनुसार सड़क के रखरखाव कार्य को पूरा करने में 2-3 दिन का समय लग सकता है। सीमा सड़क संगठन ने पर्यटकों व आम जनता से अपील की है कि दारचा से शिंकुला सड़क का उपयोग तब तक न करें जब तक कि इसका उपयोग करने के लिए सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता है। इसे खोलने क लिए 2 से 3 दिन का समय लगेगा। आपातकालीन संपर्क जारी रास्ते बंद होने के बाद जिला आपातकालीन संचालन केंद्र लाहौल और स्पीति के द्वारा आपातकालीन नंबर जारी किए हैं। जो 94594-61355, 01900-202509, 510 हैं। कुल्लू जिले में बादल फटने के कारण दारचा से लगभग 16 किमी दूर स्थित पुराने और नए पुलों को नुकसान पहुंचा है। जिस कारण यातायात बंद हो गया है। बादल फटने के कारण दोनों पुलों पर बड़ी बड़ी चट्टानें फैल गई हैं। दारचा से लेह वाया शिंकुला शॉर्टकट रोड है। जिसे स्थानीय लोग अधिक इस्तेमाल करते हैं। 2-3 दिन बाद रास्ते होंगे चालू सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) 108 आरसीसी के अनुसार सड़क के रखरखाव कार्य को पूरा करने में 2-3 दिन का समय लग सकता है। सीमा सड़क संगठन ने पर्यटकों व आम जनता से अपील की है कि दारचा से शिंकुला सड़क का उपयोग तब तक न करें जब तक कि इसका उपयोग करने के लिए सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता है। इसे खोलने क लिए 2 से 3 दिन का समय लगेगा। आपातकालीन संपर्क जारी रास्ते बंद होने के बाद जिला आपातकालीन संचालन केंद्र लाहौल और स्पीति के द्वारा आपातकालीन नंबर जारी किए हैं। जो 94594-61355, 01900-202509, 510 हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की लेडी SP सुर्खियों में:विधायक से टकराव, आधी रात सामान समेट मां के साथ रवाना, चार्ज ASP को दे गईं
हिमाचल की लेडी SP सुर्खियों में:विधायक से टकराव, आधी रात सामान समेट मां के साथ रवाना, चार्ज ASP को दे गईं हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP इल्मा अफरोज इन दिनों सुर्खियों में है। IPS अधिकारी इल्मा अफरोज का कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव चल रहा था। हालांकि वह नहीं झुकीं और अचानक अपना सरकारी आवास खाली कर मां के साथ चली गईं। वह अपना चार्ज भी ASP को देकर चली गईं। इल्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली हैं। सूत्रों के मुताबिक इल्मा ने विधायक की पत्नियों की गाड़ियों के चालान काटे थे। इसके अलावा एक स्क्रैप कारोबारी के केस में भी उन पर दबाव बनाया जा रहा था। वह पिछले बुधवार को वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के DC-SP के साथ संवाद कार्यक्रम के लिए शिमला आई थीं। यहां उनकी मुलाकात सत्ताधारी नेताओं और पुलिस अधिकारियों से हुई। अचानक वह बुधवार को ही वापस लौट आईं और छुट्टी लेकर चली गईं। उन्होंने रात में ही बद्दी स्थित अपने सरकारी आवास से सामान समेटा और गुरुवार सुबह मां के साथ रवाना हो गईं। विधायक से टकराव की 2 वजहें 1. पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को ही बद्दी की SP का कार्यभार संभाला था। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए। इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने एसपी पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था। 2. 15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP
इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। स्क्रैप डीलर का कांग्रेसी कनेक्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बद्दी में एक फायरिंग कांड हुआ था। जिसमें स्क्रैप व्यापारी रामकिशन की बुलेटप्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गईं थी। जांच में पता चला कि रामकिशन ने ही खुद पर गोलियां चलाईं। वह पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन पिछला रिकॉर्ड देखते हुए इसे मंजूरी नहीं दी गई। पुलिस ने रामकिशन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। व्यापारी किसी कांग्रेसी नेता का करीबी बताया जा रहा था। हालांकि इल्मा अफरोज उसके दबाव के आगे नहीं झुकीं। मामला शिमला भी पहुंचा लेकिन इल्मा ने सीनियर अफसरों से भी जांच रोकने से इनकार करने की बात कह दी। हाईकोर्ट की वजह से ट्रांसफर नहीं कर पाए
यह भी सामने आया है कि विधायक से विवाद के बाद एसपी इल्मा को ट्रांसफर करने की तैयारी थी। हालांकि तभी नालागढ़ का यौन शोषण केस सामने आ गया। जिसमें हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट दिए जाने तक तबादले पर रोक लगा रखी थी। छुट्टी पर गईं, तबादला भी संभव
सूत्रों के मुताबिक पुलिस अधिकारियों ने ही उन्हें लंबी छुट्टी या ट्रांसफर का विकल्प दिया। जिसके बाद इल्मा लंबी छुट्टी पर चली गईं। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही उन्हें बद्दी के SP के पद से भी हटा सकती है।
किन्नौर में कांग्रेस पर भड़के भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष:बोले- शाह के बयान को तोड़-मरोड़ कर किया पेश, महापुरुषों के नाम से राजनीतिक रोटियां सेक रहे
किन्नौर में कांग्रेस पर भड़के भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष:बोले- शाह के बयान को तोड़-मरोड़ कर किया पेश, महापुरुषों के नाम से राजनीतिक रोटियां सेक रहे किन्नौर में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने कांग्रेस पर अमित शाह के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने रिकांगपिओ में आक्रोश रैली निकाली। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज ने कहा कांग्रेस महापुरुषों पर राजनीति की रोटियां सेक रही है। तिलक राज ने कहा कि कांग्रेस गृहमंत्री अमित शाह के बयान को तोड़-मोड कर पेश करके देश की जनता को गुमराह कर रही है। जो की दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर का देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान रहा है, कांग्रेस को संविधान निर्माता को भारत रत्न देने की याद नहीं आई। जबकि बीजेपी ने संविधान निर्माता को भारत रत्न से सम्मानित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान निर्माता व भारत रत्न भीम राव अंबेडकर के सम्मान में भारत सरकार संविधान निर्माता के स्मृति के रूप में पंच तीर्थ को विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी जनजातीय समाज के हित में कार्य नहीं किया हैं। जबकि प्रधानमंत्री मोदी में जनजातीय समाज के लोगों के लिए बिजली,पानी, सड़क,शौचालय व किसान सम्मान निधि सहित अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं को चलाने का काम किया है। उनके नेतृत्व में देश विश्व का सबसे विकसित देश के रूप मे उभर रहा है।
हिमाचल की फजीहत करवा रही अफसरशाही:CM को बार-बार देनी पड़ रही सफाई; HRTC लगेज किराया, पद समाप्त करने के नोटिफिकेशन से घिरी सरकार
हिमाचल की फजीहत करवा रही अफसरशाही:CM को बार-बार देनी पड़ रही सफाई; HRTC लगेज किराया, पद समाप्त करने के नोटिफिकेशन से घिरी सरकार हिमाचल की अफसरशाही के कारण कांग्रेस सरकार हंसी का पात्र बनी है। ब्यूरोक्रेट्स पहले नोटिफिकेशन करते हैं, फिर अगले दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू को सफाई देनी पड़ती है। बीते एक महीने में 3 ऐसी नोटिफिकेशन के कारण कांग्रेस सरकार ने पूरे देश में छवि खराब हुई है। इससे सियासी गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। चर्चा है कि क्या अफसरशाही जानबूझकर ऐसा कर रही है या संबंधित मंत्री अपने विभागों की कोई अधिसूचना करने से पहले उस पर ध्यान नहीं दे रहे। अब विस्तार से पढ़िए कि किस नोटिफिकेशन की वजह से सरकार की किरकिरी हुई। टॉयलेट टैक्स की नोटिफिकेशन ने पूरे देश में सरकार की छवि को दागदार बनाया पहली नोटिफिकेशन बीते 21 सितंबर को जल शक्ति विभाग ने की। इसमें टॉयलेट शीट पर टैक्स का जिक्र किया गया। हालांकि यह नया टैक्स नहीं था। पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में भी 2018 में लगाया था। मगर, हिमाचल की अफसरशाही ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की बेला में जिस तरह यह नोटिफिकेशन कर दी, उससे हिमाचल सरकार का यह नोटिफिकेशन पूरे प्रदेश में चर्चा का कारण बना। इसके बाद CM सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी नेताओं ने हिमाचल के टॉयलेट टैक्स को बड़ा मुद्दा बनाया। HRTC की नोटिफिकेशन से भी किरकिरी इसके बाद हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) ने बीते सप्ताह लगेज पॉलिसी को लेकर नोटिफिकेशन की। इस अधिसूचना के कारण पूरे देश में हिमाचल फिर से चर्चा में आया। इसमें यात्रियों के सामान घरेलू इस्तेमाल के सामान पर किराया लेने की बात कही गई। नोटिफिकेशन मीडिया में आने से पहले विपक्ष के हाथ में लग गई और भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। फिर 16 अक्टूबर को रात 9 बजे HRTC प्रबंधन ने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह किराया घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं पर नहीं लिया जाएगा। यात्री अपने साथ 30 किलो तक के बैग को मुफ्त में ले जा सकेंगे। प्रबंधन ने जो चीज कोरिजेंडम में स्पष्ट की, यदि यही उल्लेख पहले नोटिफिकेशन में होता तो सरकार की किरकिरी न होती। मगर स्पष्टीकरण आने तक सोशल मीडिया में सरकार बुरी तरह घिर चुकी थी। अब पद समाप्त पर पटली सरकार अब फाइनेंस डिपार्टमेंट की नोटिफिकेशन से सरकार कि किरकिरी हुई है। इस अधिसूचना के 12 घंटे के भीतर ही सीएम सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हालांकि उन्होंने एक दूसरी चिट्टी का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का आरोप लगाया। मगर, दूसरी नोटिफिकेशन यदि सरकार ने 23 अक्टूबर को की थी तो उसे भी फजीहत कराने वाली नोटिफिकेशन के साथ मीडिया के साथ साझा क्यों नहीं किया गया। जिस तरह सीएम सुक्खू ने कहा कि, पद समाप्त नहीं किए जा रहे बल्कि कन्वर्ट किए जा रहे हैं। यदि ऐसा है तो इसका जिक्र उस नोटिफिकेशन में नहीं किया गया, जो मीडिया से शेयर की गई। पूर्व मुख्यमंत्री ने सुक्खू सरकार को पलटूराम बताया पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा नोटिफिकेशन की सीरिज हो गई है, जिसे सरकार ने अगले दिन जारी किया, दूसरे दिन वापस लिया। सरकार का कोई भी निर्णय सोच-समझकर नहीं लिया जा रहा है। इससे हास्यस्पद स्थिति प्रदेश में बनी है। उन्होंने सुक्खू सरकार को पलटूराम बताया।