दारोगा बोला- जज साहब कार्रवाई न कीजिए, माफ कर दीजिए:बुलंदशहर कोर्ट से माफी मांगी, गलत धारा लगाई थी

दारोगा बोला- जज साहब कार्रवाई न कीजिए, माफ कर दीजिए:बुलंदशहर कोर्ट से माफी मांगी, गलत धारा लगाई थी

जज साहब, मुझे माफ़ कर दीजिए। मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई मत कीजिए। गलती से एफआईआर में यह धारा जुड़ गई है। मैं विवेचना में इस धारा को हटा दूंगा। यह लिखित माफीनामा बुलंदशहर पुलिस के एक दारोगा ने कोर्ट में दाखिल किया है। दरअसल बुलंदशहर के छतारी थाने में पुलिस ने एक मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने इस एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 को जोड़ दिया। अब कोर्ट में विवेचक ने जज से लिखित रूप से माफी मांगते हुए इसे हटाने को आवेदन दाखिल किया है। जज से मांगी लिखित माफी थाना छतारी के दारोगा हेमदत्त ने शुक्रवार को एडीजीसी कोर्ट में लिखित माफी में कहा मुकदमा संख्या 13/25 सरकार बनाम सुमित आदि में अभियुक्तगण सुमित, दीपक और ललित थाना छतारी के जमानत आवेदन पर सुनवाई के समय मैं उपस्थित आया हूं। मैं उक्त घटना का विवेचक हूं। डॉक्टरी मुआयना चोटिल राजेश्वरी के अनुसार विवेचना में धारा 110 बीएनएस का विलोचन कर दिया जाएगा। मेरे विरुद्ध कोई कार्रवाई न की जाए। विवेचना की कमियों को दूर किया जाएगा। धारा 110 बीएनएस त्रुटिवश लगा दी गई। रिपोर्ट सादर सेवा में प्रेषित है। क्या है पूरा मामला पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता एडवोकेट संतोष राघव ने बताया कि थाना छतारी क्षेत्र के गांव बृजगढी 8 एवं 9 जनवरी में हुए दो जातियों समुदायों ठाकुर एवं बघेल समाज में झगड़े को लेकर बघेल समाज की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया गया। छतारी पुलिस द्वारा पक्षपात करते हुए ठाकुर समाज के लोगों के खिलाफ विवेचना करते हुए उपनिरीक्षक हेमदत्त द्वारा ठाकुर समाज के खिलाफ रंजिशन मानते हुए धारा 110 बीएनएस का विमोचन किया गया था। जिसके चलते पुलिस ने ठाकुर समाज के घरों में ताबड़तोड़ दबिश देकर तोड़-फोड़ भी की। जिसके चलते तीन लोगों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया और तीन लोगों ने अपने घरों में ताले लगाकर फरार हो गए। शुक्रवार को न्यायालय एडीजे कोर्ट 5 में विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक हेमदत्त को न्यायालय बुलाकर फटकार लगाई, जिसके चलते उपनिरीक्षक हेमदत्त ने कोर्ट में न्यायालय को अपना माफीनामा मानते हुए 110 बीएनएस को खत्म करने के लिए कहा है। जज साहब, मुझे माफ़ कर दीजिए। मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई मत कीजिए। गलती से एफआईआर में यह धारा जुड़ गई है। मैं विवेचना में इस धारा को हटा दूंगा। यह लिखित माफीनामा बुलंदशहर पुलिस के एक दारोगा ने कोर्ट में दाखिल किया है। दरअसल बुलंदशहर के छतारी थाने में पुलिस ने एक मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने इस एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 110 को जोड़ दिया। अब कोर्ट में विवेचक ने जज से लिखित रूप से माफी मांगते हुए इसे हटाने को आवेदन दाखिल किया है। जज से मांगी लिखित माफी थाना छतारी के दारोगा हेमदत्त ने शुक्रवार को एडीजीसी कोर्ट में लिखित माफी में कहा मुकदमा संख्या 13/25 सरकार बनाम सुमित आदि में अभियुक्तगण सुमित, दीपक और ललित थाना छतारी के जमानत आवेदन पर सुनवाई के समय मैं उपस्थित आया हूं। मैं उक्त घटना का विवेचक हूं। डॉक्टरी मुआयना चोटिल राजेश्वरी के अनुसार विवेचना में धारा 110 बीएनएस का विलोचन कर दिया जाएगा। मेरे विरुद्ध कोई कार्रवाई न की जाए। विवेचना की कमियों को दूर किया जाएगा। धारा 110 बीएनएस त्रुटिवश लगा दी गई। रिपोर्ट सादर सेवा में प्रेषित है। क्या है पूरा मामला पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता एडवोकेट संतोष राघव ने बताया कि थाना छतारी क्षेत्र के गांव बृजगढी 8 एवं 9 जनवरी में हुए दो जातियों समुदायों ठाकुर एवं बघेल समाज में झगड़े को लेकर बघेल समाज की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया गया। छतारी पुलिस द्वारा पक्षपात करते हुए ठाकुर समाज के लोगों के खिलाफ विवेचना करते हुए उपनिरीक्षक हेमदत्त द्वारा ठाकुर समाज के खिलाफ रंजिशन मानते हुए धारा 110 बीएनएस का विमोचन किया गया था। जिसके चलते पुलिस ने ठाकुर समाज के घरों में ताबड़तोड़ दबिश देकर तोड़-फोड़ भी की। जिसके चलते तीन लोगों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया और तीन लोगों ने अपने घरों में ताले लगाकर फरार हो गए। शुक्रवार को न्यायालय एडीजे कोर्ट 5 में विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक हेमदत्त को न्यायालय बुलाकर फटकार लगाई, जिसके चलते उपनिरीक्षक हेमदत्त ने कोर्ट में न्यायालय को अपना माफीनामा मानते हुए 110 बीएनएस को खत्म करने के लिए कहा है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर