पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने शनिवार को हैदराबाद में आयोजित अपने कॉन्सर्ट के दौरान अपने गानों पर लगे प्रतिबंधों को लेकर तेलंगाना सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने मंच से अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि भारत के कलाकारों को अपने ही देश में गाने से रोका जाता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को पूरी आजादी दी जाती है। दिलजीत दोसांझ ने इस दौरान लोगों को साइबर क्राइम के प्रति भी सजग किया और टिकट स्कैम को लेकर क्लैरिफिकेशन भी दी। दलजीत ने मंच से कहा- कुछ लोगों को हजम नहीं होता कि उनकी टिकट इतनी जल्दी बिक क्यों जाती हैं। वे कई सालों से काम कर रहे हैं, एक दिन में फेमस नहीं हुए। तेलंगाना सरकार ने उन्हें कहा कि अगर साइबर क्राइम होता है तो पहला घंटा गोल्डन आवर होता है। तुरंत 1930 पर कॉल करें। कुछ लोग उनकी टिकट पहले खरीद कर बाद में महंगी बेचती हैं। ये मुश्किल विदेशों में भी है। वहां भी इसका हल नहीं निकला। लेकिन इस चीज को भी धीरे-धीरे ठीक कर लिया जाएगा। तेलंगाना सरकार ने लगाई है गीतों पर रोक तेलंगाना सरकार ने हाल ही में दिलजीत दोसांझ के कुछ गानों पर आपत्ति जताई थी, जो शराब और हिंसा जैसे विषयों से जुड़े माने जाते हैं। इन गानों को राज्य के कार्यक्रमों में प्रस्तुत करने पर प्रतिबंध लगाया गया था। सरकार का मानना था कि ऐसे गाने समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। अपने कॉन्सर्ट के दौरान जवाब देते हुए कहा कि कइयों को टांग अड़ाने की आदत होती है। कोई बात नहीं, वे भी दोसांझा वाला हूं बुग्गे। मैं इतनी जल्दी नहीं छोड़ता। श्रोताओं ने किया समर्थन दिलजीत के इस बयान के बाद कॉन्सर्ट में मौजूद दर्शकों ने जोरदार तालियों और उत्साह से उनका समर्थन किया। उनके फैंस ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि देश के कलाकारों को अभिव्यक्ति की आज़ादी होनी चाहिए। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब दिलजीत दोसांझ या किसी अन्य पंजाबी कलाकार को उनके गानों के विषयों को लेकर विवादों का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी कई पंजाबी गायक हिंसा, शराब और अन्य विवादित विषयों वाले गानों को लेकर निशाने पर आ चुके हैं। टिकट विवाद पर ईडी ले चुका एक्शन पंजाबी पॉप सिंगर दिलजीत दोसांझ और ब्रिटिश रॉक बैंड कोल्डप्ले के अपकमिंग कॉन्सर्ट के टिकट की कालाबाजारी पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने तकरीबन तीन महीने पहले 5 राज्यों में 13 लोकेशन पर छापेमारी की थी। जांच एजेंसी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया। दैनिक भास्कर ने टिकटों की कालाबाजारी करने वालों का स्टिंग ऑपरेशन करके कोल्ड प्ले टिकट स्कैम का खुलासा किया था, जिसके बाद बुक माय शो ने केस की FIR कराई थी। जयपुर में मैं पंजाबी हूं पर दिया था जवाब जयपुर शो के दौरान दिलजीत मंच पर पहुंचे तो फैंस के हाथों में “मैं हूं पंजाब” के पोस्टर्स थे। जिसे देखकर उन्होंने कहा था- यहां लोग जब कहीं बाहर जाते हैं तो ‘खम्मा घणी’ कहते हैं और गर्व से बोलते हैं कि वे जयपुर से हैं। लेकिन जब मैं ‘मैं हूं पंजाब’ कहता हूं तो कुछ लोगों को दिक्कत होती है। पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने शनिवार को हैदराबाद में आयोजित अपने कॉन्सर्ट के दौरान अपने गानों पर लगे प्रतिबंधों को लेकर तेलंगाना सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने मंच से अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि भारत के कलाकारों को अपने ही देश में गाने से रोका जाता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को पूरी आजादी दी जाती है। दिलजीत दोसांझ ने इस दौरान लोगों को साइबर क्राइम के प्रति भी सजग किया और टिकट स्कैम को लेकर क्लैरिफिकेशन भी दी। दलजीत ने मंच से कहा- कुछ लोगों को हजम नहीं होता कि उनकी टिकट इतनी जल्दी बिक क्यों जाती हैं। वे कई सालों से काम कर रहे हैं, एक दिन में फेमस नहीं हुए। तेलंगाना सरकार ने उन्हें कहा कि अगर साइबर क्राइम होता है तो पहला घंटा गोल्डन आवर होता है। तुरंत 1930 पर कॉल करें। कुछ लोग उनकी टिकट पहले खरीद कर बाद में महंगी बेचती हैं। ये मुश्किल विदेशों में भी है। वहां भी इसका हल नहीं निकला। लेकिन इस चीज को भी धीरे-धीरे ठीक कर लिया जाएगा। तेलंगाना सरकार ने लगाई है गीतों पर रोक तेलंगाना सरकार ने हाल ही में दिलजीत दोसांझ के कुछ गानों पर आपत्ति जताई थी, जो शराब और हिंसा जैसे विषयों से जुड़े माने जाते हैं। इन गानों को राज्य के कार्यक्रमों में प्रस्तुत करने पर प्रतिबंध लगाया गया था। सरकार का मानना था कि ऐसे गाने समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। अपने कॉन्सर्ट के दौरान जवाब देते हुए कहा कि कइयों को टांग अड़ाने की आदत होती है। कोई बात नहीं, वे भी दोसांझा वाला हूं बुग्गे। मैं इतनी जल्दी नहीं छोड़ता। श्रोताओं ने किया समर्थन दिलजीत के इस बयान के बाद कॉन्सर्ट में मौजूद दर्शकों ने जोरदार तालियों और उत्साह से उनका समर्थन किया। उनके फैंस ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि देश के कलाकारों को अभिव्यक्ति की आज़ादी होनी चाहिए। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब दिलजीत दोसांझ या किसी अन्य पंजाबी कलाकार को उनके गानों के विषयों को लेकर विवादों का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी कई पंजाबी गायक हिंसा, शराब और अन्य विवादित विषयों वाले गानों को लेकर निशाने पर आ चुके हैं। टिकट विवाद पर ईडी ले चुका एक्शन पंजाबी पॉप सिंगर दिलजीत दोसांझ और ब्रिटिश रॉक बैंड कोल्डप्ले के अपकमिंग कॉन्सर्ट के टिकट की कालाबाजारी पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने तकरीबन तीन महीने पहले 5 राज्यों में 13 लोकेशन पर छापेमारी की थी। जांच एजेंसी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया। दैनिक भास्कर ने टिकटों की कालाबाजारी करने वालों का स्टिंग ऑपरेशन करके कोल्ड प्ले टिकट स्कैम का खुलासा किया था, जिसके बाद बुक माय शो ने केस की FIR कराई थी। जयपुर में मैं पंजाबी हूं पर दिया था जवाब जयपुर शो के दौरान दिलजीत मंच पर पहुंचे तो फैंस के हाथों में “मैं हूं पंजाब” के पोस्टर्स थे। जिसे देखकर उन्होंने कहा था- यहां लोग जब कहीं बाहर जाते हैं तो ‘खम्मा घणी’ कहते हैं और गर्व से बोलते हैं कि वे जयपुर से हैं। लेकिन जब मैं ‘मैं हूं पंजाब’ कहता हूं तो कुछ लोगों को दिक्कत होती है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बिक्रम मजीठिया अकाल तख्त साहिब पहुंचे:जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह का था आदेश; कहा- जो सजा देंगे, सिर निवा कर मानूंगा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के पूर्व 17 मंत्रियों को जारी आदेशों के बाद गुरुवार को बिक्रम सिंह मजीठिया श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे। श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होकर बिक्रम मजीठिया ने माफी मांगी। बिक्रम मजीठिया भी उन 17 पूर्व मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें श्री अकाल तख्त साहिब ने 15 दिनों में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। मजीठिया ने कहा कि उन्हें जो सजा लगाई जाएगी, वे उसके लिए तैयार हैं। बिक्रम मजीठिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब देने के लिए मना कर दिया। उनसे अकाली दल में चल रही अंतर-कलह के बारे में बात की गई थी। इस दौरान उनसे अन्य 16 पूर्व मंत्रियों के बारे में भी पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अपनी बात कर सकते हैं। वे आज निमाने सिख की तरह श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे हैं और उन्हें जो सजा लगाई जाएगी, वे उसके लिए तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने बागी गुट व अन्य को सलाह भी दी कि श्री अकाल तख्त साहिब पर गुरु साहिब खुद मौजूद हैं। ऐसे में उनके सामने कोई चालाकी ना करें और निमाने सिख की तरह आकर पेश हों। लेटर में बिक्रम मजीठिया सहित 17 पूर्व मंत्रियों के नाम श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। इस लेटर में सुखबीर बादल व बिक्रम मजीठिया सहित डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, सुच्चा सिंह लंगाह, जनमेजा सिंह, हीरा सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर, सोहन सिंह, दलजीत सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, बीबी जगीर कौर, मनप्रीत सिंह बादल, शरणजीत सिंह, सुरजीत सिंह और महेशइंद्र सिंह का नाम भी शामिल है। बेअदबी व डेरा सच्चा सौदा मुखी को काफी दिलाने के खिलाफ हुई कार्रवाई सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”
पंजाब के राज्यपाल आज से बॉर्डर एरिया के दौरे पर:3 दिन का है कार्यक्रम, पठानकोट से होगी शुरुआत, सुनेंगे लोगों की समस्याएं
पंजाब के राज्यपाल आज से बॉर्डर एरिया के दौरे पर:3 दिन का है कार्यक्रम, पठानकोट से होगी शुरुआत, सुनेंगे लोगों की समस्याएं पंजाब के राज्यपाल बीएल पुरोहित आज (मंगलवार) से 25 जुलाई तक सीमावर्ती जिलों का दौरा करेंगे। इसकी शुरुआत वह पठानकोट जिले से करेंगे। इस दौरान वह बमियाल में ग्राम रक्षा समितियों से मुलाकात करेंगे। साथ ही सीमावर्ती लोगों की समस्याएं भी सुनेंगे। उनके साथ मुख्य सचिव अनुराग वर्मा और डीजीपी पंजाब गौरव यादव समेत जिले के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। राज्यपाल सीमावर्ती लोगों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर हैं। वह इससे पहले 5 बार सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर चुके हैं। वहीं, पिछले दिनों अपने दौरों के दौरान उन्होंने नशाखोरी, अवैध खनन समेत कई मुद्दे उठाकर सरकार को घेरा था। इसके बाद राज्यपाल और सरकार के बीच दूरियां बढ़ गई थीं। साथ ही इसे सरकार के अधीन इलाके में सीधा हस्तक्षेप बताया था। तीन दिवसीय कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा 23 जुलाई को राज्यपाल सबसे पहले गुरदासपुर और पठानकोट के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विशेष बैठक करेंगे। इसके बाद वे भारत-पाक सीमा पर स्थित ब्लॉक बमियाल के अंतर्गत आने वाले गांव चक्क अमीर विशेष का दौरा करेंगे। इसके बाद वे गुरदासपुर जाएंगे और 25 जुलाई को फिरोजपुर का दौरा करेंगे। सभी जिलों में दौरे की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट
अटक सकती है कंगना की इमरजेंसी फिल्म:सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, कहा- सर्टिफिकेट नहीं हुआ जारी; 6 सितंबर है रिलीज डेट भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक सकती है। दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट ही जारी नहीं किया गया। जबकि फिल्म को रिलीज करने के लिए मात्र 6 दिन ही शेष बचे हैं। फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। एडवोकेट ईमान सिंह खारा का कहना है कि कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था और कुछ सदस्यों ने अपनी रिट याचिका दायर करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। कंगना की फिल्म का प्रमोशन रोक दिया गया है, ये तो 6 सितंबर को ही पता चलेगा। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैंद्ध उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना का दावा, सेंसर वालों को आ रहीं धमकियां फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोके जाने पर कंगना रनोट ने अपना एक वीडियो भी बीते दिन जारी किया था। जिस पर कंगना ने दावा किया है कि सेंसर वालों को धमकियां आ रही हैं, जिसके चलते फिल्म की रिलीज को रोका गया है। वीडियो में कंगना ने कहा- कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं कि हमारी फिल्म इमरजेंसी को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है। इट इज नॉट ट्रू (ये सच नहीं है)। इनफैक्ट, हमारी फिल्म क्लीयर हो गई थी, लेकिन उसकी सर्टिफिकेशन रोक ली गई है। क्योंकि, बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं, जान से मार देने की। सेंसर वालों को बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। तो हम पर ये प्रेशर है कि मिसेज गांधी की असेसिनेशन ना दिखाई जाए। भिंडरांवाला को ना दिखाएं। पंजाब रॉयट्स ना दिखाएं। आई डोंट नो (मुझे नहीं पता) फिर क्या दिखाएं। क्या हुआ कि फिल्म अचानक से ब्लैक-आउट हो जाती है। दिस इज अनब्लीवेबल टाइम फोर मी ( ये मेरे लिए अविश्वसनीय समय है)। आई एम वैरी सॉरी फॉर द स्टेट ऑफ थिंग्स इन दिस कंट्री (मुझे इस देश की स्थिति पर बहुत खेद है)। पंजाब सहित तेलंगाना भी बैन लगाने की तैयारी में पंजाब में विवाद के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बीते दिन ही संकेत दिया था कि फिल्म को पंजाब में रिलीज के लिए रोका जा सकता है। पंजाब के अलावा तेलंगाना भी इस फिल्म की रिलीज पर बैन लगाने की तैयारी में है। दोनों राज्यों में सिख संगठन की मांग के बाद ही इस पर बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।