चंडीगढ़ में 14 दिसंबर 2024 को हुए पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के शो को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान चंडीगढ़ प्रशासन ने अदालत को बताया कि शो के दौरान निर्धारित ध्वनि मानकों से अधिक शोर हुआ था। इसके लिए आयोजकों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद अदालत ने उक्त याचिका का निपटारा कर दिया। ऐसे चली अदालत में सुनवाई अदालत ने केस के लिए दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को दिलजीत के लिए शो के लिए शर्तों के साथ अनुमति दी गई थी। आदेश में कहा गया था कि कंसर्ट रात 10 बजे तक ही होगा। शहर में सिक्योरिटी और ट्रैफिक की व्यवस्था प्रशासन को देखनी होगी। इसके अलावा कंसर्ट में आवाज 75 डेसिबल (DB) से ऊपर नहीं जानी चाहिए, अन्यथा आयोजकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यूटी प्रशासन ने बताया कि 2 जनवरी को आयोजक कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें पूछा गया है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा 15सी के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। उपरोक्त के मद्देनजर यह अदालत संतुष्ट है कि चूंकि बनाए रखने का अंतरिम आदेश दिया गया है। 4 सेकेंड में डेढ़ लाख टिकटें बिकी अदालत ने विशेष डेसिबल स्तर का उल्लंघन होने पर यूटी प्रशासन ने कानून के अनुसार उचित कदम उठाए हैं और अदालत का मानना है कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद इसे तार्किक अंत तक ले जाया जाएगा। ”इस दौरान ने अदालत ने चुटकी लेते हुए याची को मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा इस महीने अहमदाबाद में ब्रिटिश बैंड कोल्डप्ले का एक प्रोग्राम होने वाला है। वहां जाकर याचिका दायर करें…यह 50 लाख की क्षमता वाले सबसे बड़े स्टेडियम में हो रहा है…टिकटों के लिए खिड़की बंद होने में सिर्फ 4 सेकेंड लगे और सिर्फ 4 सेकेंड में 1,50,000 टिकट बिक गए।” चंडीगढ़ में 14 दिसंबर 2024 को हुए पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के शो को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान चंडीगढ़ प्रशासन ने अदालत को बताया कि शो के दौरान निर्धारित ध्वनि मानकों से अधिक शोर हुआ था। इसके लिए आयोजकों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद अदालत ने उक्त याचिका का निपटारा कर दिया। ऐसे चली अदालत में सुनवाई अदालत ने केस के लिए दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को दिलजीत के लिए शो के लिए शर्तों के साथ अनुमति दी गई थी। आदेश में कहा गया था कि कंसर्ट रात 10 बजे तक ही होगा। शहर में सिक्योरिटी और ट्रैफिक की व्यवस्था प्रशासन को देखनी होगी। इसके अलावा कंसर्ट में आवाज 75 डेसिबल (DB) से ऊपर नहीं जानी चाहिए, अन्यथा आयोजकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यूटी प्रशासन ने बताया कि 2 जनवरी को आयोजक कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें पूछा गया है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा 15सी के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। उपरोक्त के मद्देनजर यह अदालत संतुष्ट है कि चूंकि बनाए रखने का अंतरिम आदेश दिया गया है। 4 सेकेंड में डेढ़ लाख टिकटें बिकी अदालत ने विशेष डेसिबल स्तर का उल्लंघन होने पर यूटी प्रशासन ने कानून के अनुसार उचित कदम उठाए हैं और अदालत का मानना है कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद इसे तार्किक अंत तक ले जाया जाएगा। ”इस दौरान ने अदालत ने चुटकी लेते हुए याची को मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा इस महीने अहमदाबाद में ब्रिटिश बैंड कोल्डप्ले का एक प्रोग्राम होने वाला है। वहां जाकर याचिका दायर करें…यह 50 लाख की क्षमता वाले सबसे बड़े स्टेडियम में हो रहा है…टिकटों के लिए खिड़की बंद होने में सिर्फ 4 सेकेंड लगे और सिर्फ 4 सेकेंड में 1,50,000 टिकट बिक गए।” पंजाब | दैनिक भास्कर
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सब्सिडी व्यक्तिगत घरेलू उपभोक्ताओं को दी जाती है। भारतीय सेना का यह भी तर्क है कि दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली मुफ्त बिजली की समान सुविधा वहां तैनात सैन्य कर्मियों को भी दी जाती है। इस मांग पर अब राज्य सरकार के शीर्ष स्तर पर चर्चा हो रही है। पंजाब में एक लाख सैनिक तैनात पंजाब में इस वक्त एक लाख से अधिक सैनिक तैनात हैं। सभी अधिकारी और जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी, 35% जवानों के समान ही परिवार के साथ रहने के लिए अधिकृत हैं। इसके अलावा, सेना की संरचनाओं में तैनात रक्षा मंत्रालय के बड़ी संख्या में असैन्य कर्मचारी भी सैन्य स्टेशनों में रहने के लिए पात्र हैं। क्योंकि राज्य सरकार का कुल घरेलू बिजली सब्सिडी बिल पहले से ही 8,785 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 1,550 करोड़ रुपए अधिक है। इसलिए मुफ्त बिजली के लिए हजारों और घरेलू परिवारों को शामिल करने से पीएसपीसीएल की वित्तीय मुश्किलें बढ़ेंगी। 5 जिलों में मुफ्त बिजली देने की मांग राज्य सरकार अपनी खुद की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए पीएसपीसीएल को बिजली सब्सिडी का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रही है। 13 नवंबर तक, मुफ्त घरेलू बिजली के लिए राज्य सरकार द्वारा भुगतान की जाने वाली कुल सब्सिडी में से केवल 4,508.2 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। 20,477 करोड़ रुपए के कुल सब्सिडी बिल में से 11,401.26 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इस महीने में पीएसपीसीएल को दी गई 200 करोड़ रुपए की सब्सिडी के अलावा राज्य सरकार ने उन्हें 2,387 करोड़ रुपए की अनुदान सहायता भी दी है। हालांकि यह मांग केवल दक्षिण पश्चिमी कमान द्वारा की गई है। जिसकी संरचनाएं पंजाब के बठिंडा और मालवा क्षेत्र के कुछ अन्य स्थानों पर स्थित हैं। लेकिन यदि सरकार वह इसे मुफ्त बिजली देती है, तो उसे जालंधर, फिरोजपुर, पटियाला, अमृतसर और पठानकोट में स्थित संरचनाओं को भी मुफ्त बिजली देनी होगी।