<p>दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन एम्स में भर्ती. छोटा राजन को इलाज के लिए एम्स में भर्ती किया गया है. अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन एम्स के जिस वार्ड में एडमिट है, वहां दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा है.</p> <p>दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन एम्स में भर्ती. छोटा राजन को इलाज के लिए एम्स में भर्ती किया गया है. अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन एम्स के जिस वार्ड में एडमिट है, वहां दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा है.</p> दिल्ली NCR दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की एक और गारंटी, RWA के तहत होगी सिक्योरिटी गार्ड की नियुक्ति
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4 करोड़ की पड़ी IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों की जमानत:घर-प्लाट के कागज लगे, रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ा; जेल से बाहर आने में 60 दिन लगे
4 करोड़ की पड़ी IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों की जमानत:घर-प्लाट के कागज लगे, रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ा; जेल से बाहर आने में 60 दिन लगे IIT-BHU गैंगरेप कांड के आरोपी कुणाल पांडे और आनंद अभिषेक चौहान जेल से बाहर आ गए। लेकिन, उनको बाहर लाने में परिवार वालों ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी। कोर्ट ने भले ही 1-1 लाख रुपए के जमानतदार मांगे। लेकिन, अभिषेक और कुणाल के मां-पिता और रिश्तेदारों ने करीब 4 करोड़ की प्रॉपर्टी के कागज जमा किए। इसको कोर्ट के सामने लाने में परिवार वालों को 60 दिन लगे। पढ़िए गैंगरेप के आरोपियों को जेल से बाहर लाने के लिए किसने क्या दांव पर लगाया… रिश्तेदारों ने पल्ला झाड़ा, दोस्त ने जमानत ली
कुणाल पांडे की जमानत के लिए मां कादंबिनी द्विवेदी ने मकान के पेपर लगाए हैं। बृज एनक्लेव का ये मकान उनके स्वर्गीय पति जितेंद्र पांडे ने खरीदा था। इसकी मार्केट वैल्यू करीब डेढ़ करोड़ रुपए है। उन्हें रिश्तेदारों का सपोर्ट नहीं मिला। कादंबिनी की सहेली रीता चौरसिया ने एक 340 वर्ग मीटर के प्लाट के पेपर कोर्ट में सब्मिट किए हैं। इस प्लाट की रजिस्ट्री में कीमत करीब 2.5 लाख रुपए दिख रही है। लेकिन, मार्केट वैल्यू करीब 50 लाख रुपए है। इसके अलावा नगर निगम का पीला कार्ड, बिजली का बिल, आधार कार्ड और शपथपत्र समेत कई दस्तावेज सब्मिट किए हैं। इन पेपर की व्यवस्था करने में वक्त लगा। इसलिए कुणाल को 4 जुलाई को जमानत मिलने के बाद रिहाई 24 अगस्त को हो सकी। कई दिन की दौड़-भाग के बाद चाचा-फूफा तैयार हुए
जीवधीपुर नगवां में रहने वाले आनंद अभिषेक चौहान ने 11 नवंबर, 2023 को जमानत याचिका दायर की थी। कई बार सुनवाई हुई, लेकिन जमानत नहीं मिली। कोर्ट में तारीखें बढ़ती रहीं। आनंद के परिवार के लोगों ने बीमारी समेत कई कारण कोर्ट के सामने गिनाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 जुलाई को जमानत स्वीकार कर ली, मगर कई शर्तें लगा दीं। अभिषेक के पिता मुन्ना चौहान की मार्केट वैल्यू तो पूरी थी, लेकिन कोर्ट में स्वीकार नहीं की गई। इसके बाद मुन्ना चौहान अपने रिश्तेदारों के घर चौबेपुर गए और बेटे की जमानत के लिए मदद की गुहार लगाई। कई दिनों की दौड़-भाग के बाद उनके दो रिश्तेदार जमानत के लिए तैयार हुए। चौबेपुर में रहने वाले चाचा राममूरत और फूफा सरमन चौहान ने अपनी कृषि भूमि की खतौनी कोर्ट में सब्मिट की। कोर्ट में बॉन्ड भरते समय राममूरत ने अपनी जमीन का DM सर्किल रेट 50 लाख रुपए बताया, जिसकी बाजार में कीमत एक करोड़ से ज्यादा है। वहीं सरमन ने भी 50 लाख की वैल्यू मॉरगेज कराकर एक लाख का बॉन्ड भरा। उनकी जमीन की कीमत सवा करोड़ से ज्यादा है। यही वजह है, जमानत मंजूर होने के बाद भी अभिषेक 29 अगस्त को बाहर आ सका। पिता-मां के शपथपत्र लगे, हम कुछ छिपा नहीं रहे
अभिषेक और कुणाल के माता-पिता को कोर्ट में अलग से शपथ पत्र देना पड़ा है कि वे कोर्ट से कोई जानकारी छिपा नहीं रहे हैं। लोग बताते हैं कि परिवार के नजदीकी इसलिए भी सामने नहीं आए, क्योंकि उन्हें शंका थी। वे लोग सोच रहे थे कि अभिषेक या कुणाल ने जेल से बाहर आने के बाद कोई गलत कदम उठाया, तो जमानत में लगाई गई प्रॉपर्टी जब्त हो सकती है। अभिषेक चौहान के पिता मुन्ना चौहान और कुणाल पांडे की मां ने कोर्ट में शपथपत्र दाखिल किया। उन्होंने कहा- हम पूरी तरह से इनकी जिम्मेदारी लेते हैं, ये कोई गलत काम नहीं करेंगे। कुणाल के आने की खबर नहीं, अभिषेक के आने पर हल्ला हुआ
अभिषेक चौहान के जेल से छूटने से 4 दिन पहले कुणाल घर आ गया था। लेकिन, इसकी खबर किसी को नहीं लगी। आस-पास रहने वालों को भी नहीं पता चला। आनंद अभिषेक चौहान 29 अगस्त को नगवा कॉलोनी के अपने घर पहुंचा। पड़ोसियों ने बताया, तब उसका जमकर स्वागत किया गया। दरअसल, सक्षम और अभिषेक के घर अगल-बगल हैं। अभिषेक के घर पहुंचने के बाद सभी को जमानत मिलने की खबर मिली। उसके बाद BHU कैंपस में छात्रों ने प्रोटेस्ट किया। वाराणसी पुलिस नए सिरे से केस की मजबूत पैरवी की तैयारी कर रही है, जिससे आरोपियों को दोबारा जेल भिजवाया जा सके। जमानत कैंसिल होने पर बढ़ सकती हैं पाबंदियां
अभिषेक और कुणाल अगर जमानत की शर्तें नहीं मानते हैं, तब क्या हो सकता है? सीनियर अधिवक्ता विकास सिंह बताते हैं- किसी घटना में आरोपी को जमानत मिलती है, लेकिन वह कोर्ट की शर्त का पालन नहीं करता। ऐसे में जमानत निरस्त कर दी जाती है। पाबंदियां बढ़ाई जा सकती हैं… गुजरात हाईकोर्ट के अनुसार, जमानतदारों की संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान है। इसके नियम इस तरह हैं… 1. जमानतदारों को नोटिस जारी किया जाता है और उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। 2. अगर जमानतदार अपना पक्ष नहीं रखते या उनका पक्ष संतोषजनक नहीं होता, तो कोर्ट उनकी संपत्ति को जब्त करने का आदेश दे सकती है। 3. जब्त की गई संपत्ति को सरकारी खजाने में जमा किया जाता है। 4. जमानतदारों को जमानत राशि की वापसी नहीं की जाती। 5. कोर्ट में जमानतदारों को आरोपी के कामों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, इसलिए उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि जमानत प्राप्त व्यक्ति जमानत की शर्तों का पालन करता रहे। 7 सितंबर को कोर्ट में तलब, आरोपी से होगी जिरह
वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट के एडीजे ने आरोपी कुणाल पांडेय और पीड़िता को समन जारी कर 7 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए तलब किया है। कोर्ट में पीड़िता के दिए बयान पर आरोपी से जिरह होगी। अभियोजन और बचाव पक्ष के वकील वारदात को लेकर कुणाल पांडे से सवाल करेंगे। जज के सामने लंका पुलिस की ओर से साक्ष्य और केस डायरी पेश की जाएगी। पुलिस की तरफ से दाखिल आरोपपत्र पर कुणाल पांडे ने इनकार करते हुए विचार करने की मांग की है। यह भी पढ़े : IIT-BHU गैंगरेप पीड़ित से आरोपियों के वकील के सवाल:कितनी देर वारदात हुई, कितने लोगों ने पकड़ा, भागीं कैसे; छात्रा पहले सहमी, फिर जवाब दिए ‘पुलिस ने केस दर्ज किया। मेरे साथ घटनास्थल का मुआयना किया। मेरे बयान दर्ज किए। मेरे साथ जो कुछ हुआ, अंधेरे में हुआ। फिर भी 2 आरोपियों की पहचान कर ली। मगर अब तक मुझे केस का कोई अपडेट नहीं दिया गया। मुझे लगता है, पुलिस कार्रवाई ठीक से नहीं हुई।’ यह बयान IIT-BHU गैंगरेप पीड़ित ने वाराणसी कोर्ट रूम में उस समय दिया, जब आरोपियों के वकील उससे सवाल-जवाब कर रहे थे। ADGC (सरकारी वकील) मनोज गुप्ता की मौजूदगी में घटना की शुरुआत से गिरफ्तारी तक 25 से ज्यादा सवाल पीड़ित छात्रा से पूछे गए। पढ़िए पूरी खबर… IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों को कैसे मिली जमानत: पीड़ित लड़की को धमकाएंगे, सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…कोर्ट में साबित नहीं कर पाए IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी जेल से बाहर आकर पीड़ित लड़की को धमकाएंगे या सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…पीड़ित पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये साबित नहीं कर पाया। कमजोर पैरवी की वजह से 2 आरोपियों को जमानत मिल गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 जुलाई को आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और 4 जुलाई को कुणाल पांडेय को जमानत दी। वाराणसी जिला जेल से कुणाल की 24 और आनंद की 29 अगस्त को रिहाई हुई। जमानत की शर्तें पूरा करने में आरोपियों को करीब 2 महीने का समय लग गया। पढ़िए पूरी खबर…
कॉन्स्टेबल बोला- डटा न रहता तो लड़की खींच ले जाते:दोनों लड़के मुझे मार सकते थे; आगरा में स्कूटी सवार लड़की को बचाने की कहानी
कॉन्स्टेबल बोला- डटा न रहता तो लड़की खींच ले जाते:दोनों लड़के मुझे मार सकते थे; आगरा में स्कूटी सवार लड़की को बचाने की कहानी ‘मैं हैरान था, वो लड़के नशे में लग रहे थे। मैं वर्दी में नहीं था। वो मुझे ही धमका रहे थे। मुझे मार सकते थे। मैं डटा रहा। चौकी से पुलिसकर्मियों को लेकर आया। जब उन्हें थाने लाया, तो गिड़गिड़ाने लगे। उनका नशा उतर चुका था।’ यह कहना है ट्रैफिक कॉन्स्टेबल राजीव कुमार का। जिन्होंने 3 किमी तक एक ऐसी लड़की का पीछा किया, जिसको लड़के परेशान कर रहे थे। अश्लील कमेंट कर रहे थे। स्कूटी से गिराने और किडनैप का प्रयास कर रहे थे। राजीव ने सूझबूझ दिखाते हुए न सिर्फ लड़की को बचा लिया, परेशान करने वाले यूसुफ और फिरोज को भी पकड़ लिया। दैनिक भास्कर ने राजीव कुमार से 3 घंटे की पूरी कहानी समझी। पढ़िए रिपोर्ट… अब पूरी घटना कॉन्स्टेबल की जुबानी… कमिश्नर आवास से 100 मीटर पर लड़की का पीछा करते दिखे लड़के
मैं ऑफिशियल काम से पुलिस कमिश्नर आवास गया था। वहां से रात करीब 8 बजे निकला। मेरी बाइक बालूगंज की मेन रोड पर करीब 300 मीटर आगे बढ़ी होगी। मैंने देखा, सामने एक स्कूटी पर लड़की जा रही है। मैं उस वक्त चौंक गया, जब स्कूटी के बगल में बुलेट पर 3 लड़के पैर से स्कूटी को धक्का दे रहे थे। गाड़ी को चलाते हुए मुश्किल से 100 मीटर आगे पहुंचा। विक्टोरिया पार्क चौराहा के पास मैंने देखा, लाल रंग की पैशन-प्रो बाइक पर बैठे दो लड़के स्कूटी के साथ-साथ गाड़ी चलाने लगे। दोनों लड़के हट्टे-कट्टे थे। सुनसान सड़क आते ही लड़की पर हाथ मारने लगे
अब हम यमुना किनारे रोड पर आ गए। हल्की बारिश शुरू हो चुकी थी। यहां सड़क पूरी तरह से सुनसान थी। अब लड़कों की हरकतें बढ़ गईं। मुझे देखकर ऐसा लगने लगा कि लड़के लड़की पर कमेंट कर रहे हैं। वह कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रही है। लेकिन, उनकी लहराती हुई बाइक से बचते हुए धीरे-धीरे गाड़ी चला रही है। 10 मिनट बाद ही लड़के उस पर हाथ मारने लगे। लड़की ने शायद गुस्से से कुछ कहा। इसके बाद वे लोग अपशब्द बोलने लगे। बार-बार अपनी बाइक को उसकी स्कूटी के आगे लगा देते। डरी हुई लड़की उनसे बचते हुए गाड़ी को आगे बढ़ा देती। दूसरी तरफ बुलेट सवार युवक भी कमेंट पास करने वाले लड़कों को जाने के लिए कह रहे थे। लेकिन वे लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि अगर लड़कों के पास कार होती तो ये लोग उस लड़की को कार में खींच लेते। लड़की भी डरी हुई थी, लेकिन कुछ कर नहीं पा रही थी। लड़के मुझे गाली देने लगे, बोले- चल भाग, अपना काम कर
इसके बाद जैसे ही हम हाथी घाट वाली रोड पर आए, मैंने लड़कों को रोकने का मन बनाया। उस रोड पर चहल-पहल थी। मनकामेश्वर मंदिर के तिराहे पर मैंने अपनी बाइक उन लड़कों की गाड़ी के आगे लगा दी। उन्हें रोक लिया। मैं सादे कपड़ों में था। मैंने उनसे पूछा कि भाई मैं तुम्हें काफी देर से देख रहा हूं, लड़की को क्यों परेशान कर रहे हो? इस पर लड़के नाराज हो गए। एक लड़के ने मुझे गाली देते हुए कहा- तू कौन है। चल भाग, अपना काम कर। मैंने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो नशे में लग रहे थे। आस-पास लोग इकट्ठा हो गए। वे भी तमाशा देख रहे थे, कोई मदद को नहीं आ रहा था। दोनों बॉडी बिल्डर जैसे दिख रहे थे। ऐसे में मैंने उनसे वहां पर उलझने की जगह पुलिस चौकी पर जाने का फैसला लिया। चौकी से मदद लाया, तब भी वो लोग खींचतान कर रहे थे
मैंने बाइक स्टार्ट की और वहां से थोड़ा आगे बनी बेलनगंज पुलिस चौकी पर उनसे पहले पहुंच गया। मैंने वहां मौजूद चौकी इंचार्ज को पूरी घटना बताई। चौकी इंचार्ज और 2 सिपाही मेरे साथ चल दिए। ACP छत्ता ऑफिस की रोड पर हमने घेराबंदी कर उन लड़कों को पकड़ लिया। इस दौरान भी वे लोग खींचतान कर रहे थे। मगर हम लोगों ने उन पर काबू पा लिया। लड़की की शादी होने वाली है, वो इतनी सहम गई कि शिकायत तक नहीं की
पुलिस उन लड़कों को पकड़कर थाने लाई। इस वक्त तक उनका नशा कम हो गया। अब हाथ जोड़कर माफी मांगने लगे। युवती ने पुलिस को बताया कि वो बेलनगंज क्षेत्र की रहने वाली है। उसकी शादी होने वाली है। वो सहमी हुई थी, बहुत डर गई थी। इसलिए उसने तहरीर नहीं दी। लेकिन, जब लड़की का पीछा करते हुए लड़कों का वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद पुलिस ने सोमवार को 2 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की। जो लड़के स्कूटी पर पैर मार रहे, वो मददगार निकले
पुलिस ने इन आरोपियों की ट्रेसिंग की। सामने आया कि एक लड़का यूसुफ था, जो बाइक चला रहा था। वह गुदड़ी मंसूर खां का रहने वाला है। उसके साथ हींग मंडी में रहने वाला फिरोज था। बाइक यूसुफ की थी। इस पूरे मामले में एंटी रोमियो स्क्वायड छत्ता प्रभारी प्राची चौधरी की तरफ से FIR दर्ज हुई है। पहले पुलिस लड़की की स्कूटी में पैर लगाने वाले लड़कों को भी ढूंढ रही थी। लेकिन, बाद में सामने आया कि वो उसकी मदद कर रहे थे। यह भी पढ़िए… लखनऊ में नमाज पढ़ने जा रहे मदरसा टीचर को पीटा; धारदार हथियार लेकर दौड़ाया लखनऊ में नमाज पढ़ने जा रहे मदरसा टीचर से मारपीट की गई। धर्म के नाम पर गालियां दी। जान से मारने की धमकी देते हुए धारदार हथियार लेकर दौड़ा लिया। जब मदरसा टीचर ने शोर मचाया, तो वहां भीड़ जुट गई। तब आरोपी भागकर अपने घर की छत पर पहुंच गया। वहां से वह पथराव करने लगा। मामला पारा थाना क्षेत्र का है। पढ़िए पूरी खबर…
बवानी खेड़ा में चरवाहों ने मां-बेटे को मारी कुल्हाड़ी:प्लाट पर भेड़-बकरियां चराने से किया मना; बचाने आए परिजनों पर भी हमला
बवानी खेड़ा में चरवाहों ने मां-बेटे को मारी कुल्हाड़ी:प्लाट पर भेड़-बकरियां चराने से किया मना; बचाने आए परिजनों पर भी हमला भिवानी के बवानी खेड़ा में प्लाट पर भेड़-बकरियां चराने से मना करने पर चरवाहों ने मां-बेटे पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। वहीं बचाने आए परिजनों पर भी वार किए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में बलियाली निवासी साहिल ने बताया कि सोमवार को वह अपनी मां बिल्लो को अपने प्लाट में घरेलू काम के लिए ले गया। वहां पहले से ही उनके पड़ोसी पप्पू व उसके लड़के अजय व राहूल मौजूद थे और तीनों वहां भेड़ बकरियां चरा रहे थे। जिसे वहां चराने से मना करने पर कुल्हाड़ी से सिर में वार कर दिया। शोर सुनकर पहुंचे परिजन साहिल ने कहा कि आरोपियों ने उसकी मां पर डंडे से हमला किया। आवाज सुनकर मेरा दादा जगदीश व कुलदीप आए और छुड़वाने का प्रयास किया। तो राहुल व अजय ने कुल्हाड़ी डंडों से उन पर भी हमला कर दिया। गंभीर हालत में भिवानी रेफर इसके बाद एक अन्य व्यक्ति संजय भी आया और उसने भी मारपीट की। आवाजें सुनकर पड़ोसियों ने छुड़वाया व हमलावर जान से मारने की धमकी देकर चले गए। हालत गंभीर होने के चलते उन्हें बवावनी खेड़ा के नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां हालत गंभीर होने के कारण भिवानी के नागरिक अस्पताल रेफर कर दिया गया।