दिल्ली के सीएम के नाम का ऐलान आज, शपथ कल, ग्रहों की चाल से मिल रहे चौंकाने वाले संकेत

दिल्ली के सीएम के नाम का ऐलान आज, शपथ कल, ग्रहों की चाल से मिल रहे चौंकाने वाले संकेत

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi CM Oath Ceremony:</strong> दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों के बीच एक बार फिस समय में बदलाव किया गया है. सनातन परंपरा में शुभ कार्य करने से पहले पंचांग देखने की परंपरा रही है. शुभ घड़ी में शपथ लेने से बाधाएं नहीं आती हैं. क्या इसी वजह से शपथ ग्रहण के समय में पुन: बदलाव किया गया है. हालांकि शपथ ग्रहण समारोह की डेट में कोई चेंज नहीं किया गया है. शपथ ग्रहण 20 फरवरी को ही संपंन होगा लेकिन इसके समय में एक बार फिर बदलाव किया गया है, पहले इसका समय शाम 4:30 मिनट था, फिर प्रात: 11:30 मिनट तय हुआ लेकिन अब जो नया समय तय किया गया है वो 12 बजकर 05 मिनट है. यहां पर ज्योतिष के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे कि अब जो समय तय किया गया है वो कैसा है, इसका क्या प्रभाव देखने को मिलेगा आदि प्रश्नों के उत्तर जानने का प्रयास करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शपथ ग्रहण के समय क्यों देखते हैं शुभ मुहूर्त</strong><br />पुरातन समय में जब भी कोई राजा सिंहासन पर विराजमान होता था तो उसे राज दरबार के पुरोहित शुभ मुहूर्त में गद्दी पर बैठने की सलाह देते थे. इसके पीछे ज्योतिषीय मान्यता ये थी कि शुभ मुहूर्त में राज्य की बागडोर संभालने से प्रजा को परेशानी नहीं आती है, राजा सुरक्षित रहे और अपने राज्य का विकास कर सके. आज भी सनातन धर्म में शुभ व मांगलिक कार्यों को करने से पूर्व मुहूर्त निकाले जाते हैं. भारतीय ज्योतिष में शुभ मुहूर्त देखने के लिए पंचांग का प्रयोग किया जाता है. जिसमें ग्रह-नक्षत्रों की गणना की जाती है. प्रसिद्ध ज्योतिषीय ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि में मुहूर्त के महत्व के बारे में बताया गया है. इस ग्रंथ पर अमृत प्रवाह नाम से टीका भी लिखी जा चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पंचांग 20 फरवरी 2025, क्या कहता है?</strong><br />इस दिन का पंचांग विशेष है, इस दिन सप्तमी की तिथि सुबह 10 बजकर 01 मिनट तक रहेगी इसके बाद अष्टमी की तिथि आरंभ होगी.इस दिन विशाखा नक्षत्र दोपहर 13 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है. वहीं इस दिन घ्रुव योग रहने वाला है जो सुबह 11 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.इसके बाद व्याघात योग प्रारंभ हो जाएगा. शपथ ग्रहण के समय जो कुंडली बन रही है उसका लग्न वृषभ है, जोकि एक स्थिर लग्न है, जो नई सरकार के लिए अतिशुभ है तथा भाजपा का कार्यकाल लंबे समय तक चलने का इशारा कर रहा है. यानि नई सरकार के चुनौतियों का सामना कम करना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली की नई सरकार गुरुवार को ले रही है शपथ, ये क्या इशारा करता है?</strong><br />शपथ ग्रहण के लिए गुरुवार का दिन शुभ माना गया है. मान्यता है कि शपथ ग्रहण सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन हो तो संपूर्ण कार्यकाल के दौरान कम दिक्कतों को सामना करना पड़ता है. प्रशासनिक स्तर पर सरकार प्रत्येक मोर्च पर अच्छा प्रदर्शन करती है. कुशल प्रशासनिक क्षमता से आने वाली समस्याओं का हल निकालने में सफल रहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शपथ ग्रहण के समय चंद्रमा की स्थिति क्या कहती है?</strong><br />शपथ ग्रहण के दौरान चंद्रमा की स्थिति का आंकलन गंभीरता से किया जाता है, ये कहीं न कहीं जनता के मन को दर्शाती है. ज्योतिष के अनुसार इस दिन यदि चंद्रमा चतुर्थ, षष्ठम, अष्टम और द्वादश भाव में विराजमान हो तो शुभ नहीं माना जाता है. ऐसी स्थिति में सरकार और विपक्ष के बीच हमेशा &nbsp;खींचतान जैसी स्थिति बनी ही रहती है. गौरतलब है कि गुरुवार के दिन चंद्रमा सप्तम भाव में है जो यह बताता है कि सरकार अपने नेताओं के साथ तालमेल स्थापित करने में सफल रहेगी. सदन में कुछ मुद्दों पर विपक्ष परेशान कर सकता है. क्योंकि कुंडली में यहां मंगल की राशि वृश्चिक विराजमान है, और इसका स्वामी शपथ ग्रहण के समय वक्री रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विशाखा नक्षत्र में शपथ हो तो क्या होता है?</strong><br />ज्योतिष में विशाखा नक्षत्र को महत्वपूर्ण नक्षत्र माना गया है.ये आसमान में कुम्हार के चाक जैसा प्रतीत होता है. इसे राधा-कृष्ण के प्रेम को भी दर्शाता है. इस नक्षत्र के प्रभाव में व्यक्ति आक्रामक, तानाशाह, स्थिर, धैर्यवान बनाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/astro/bjp-won-delhi-election-2025-know-who-will-be-new-cm-of-delhi-astrologer-big-prediction-2886615″>Delhi CM:दिल्ली का सीएम कौन बनेगा? इस ज्योतिषी ने अपनी विद्या से कर दी बड़ी भविष्यवाणी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi CM Oath Ceremony:</strong> दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों के बीच एक बार फिस समय में बदलाव किया गया है. सनातन परंपरा में शुभ कार्य करने से पहले पंचांग देखने की परंपरा रही है. शुभ घड़ी में शपथ लेने से बाधाएं नहीं आती हैं. क्या इसी वजह से शपथ ग्रहण के समय में पुन: बदलाव किया गया है. हालांकि शपथ ग्रहण समारोह की डेट में कोई चेंज नहीं किया गया है. शपथ ग्रहण 20 फरवरी को ही संपंन होगा लेकिन इसके समय में एक बार फिर बदलाव किया गया है, पहले इसका समय शाम 4:30 मिनट था, फिर प्रात: 11:30 मिनट तय हुआ लेकिन अब जो नया समय तय किया गया है वो 12 बजकर 05 मिनट है. यहां पर ज्योतिष के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे कि अब जो समय तय किया गया है वो कैसा है, इसका क्या प्रभाव देखने को मिलेगा आदि प्रश्नों के उत्तर जानने का प्रयास करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शपथ ग्रहण के समय क्यों देखते हैं शुभ मुहूर्त</strong><br />पुरातन समय में जब भी कोई राजा सिंहासन पर विराजमान होता था तो उसे राज दरबार के पुरोहित शुभ मुहूर्त में गद्दी पर बैठने की सलाह देते थे. इसके पीछे ज्योतिषीय मान्यता ये थी कि शुभ मुहूर्त में राज्य की बागडोर संभालने से प्रजा को परेशानी नहीं आती है, राजा सुरक्षित रहे और अपने राज्य का विकास कर सके. आज भी सनातन धर्म में शुभ व मांगलिक कार्यों को करने से पूर्व मुहूर्त निकाले जाते हैं. भारतीय ज्योतिष में शुभ मुहूर्त देखने के लिए पंचांग का प्रयोग किया जाता है. जिसमें ग्रह-नक्षत्रों की गणना की जाती है. प्रसिद्ध ज्योतिषीय ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि में मुहूर्त के महत्व के बारे में बताया गया है. इस ग्रंथ पर अमृत प्रवाह नाम से टीका भी लिखी जा चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पंचांग 20 फरवरी 2025, क्या कहता है?</strong><br />इस दिन का पंचांग विशेष है, इस दिन सप्तमी की तिथि सुबह 10 बजकर 01 मिनट तक रहेगी इसके बाद अष्टमी की तिथि आरंभ होगी.इस दिन विशाखा नक्षत्र दोपहर 13 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है. वहीं इस दिन घ्रुव योग रहने वाला है जो सुबह 11 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.इसके बाद व्याघात योग प्रारंभ हो जाएगा. शपथ ग्रहण के समय जो कुंडली बन रही है उसका लग्न वृषभ है, जोकि एक स्थिर लग्न है, जो नई सरकार के लिए अतिशुभ है तथा भाजपा का कार्यकाल लंबे समय तक चलने का इशारा कर रहा है. यानि नई सरकार के चुनौतियों का सामना कम करना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली की नई सरकार गुरुवार को ले रही है शपथ, ये क्या इशारा करता है?</strong><br />शपथ ग्रहण के लिए गुरुवार का दिन शुभ माना गया है. मान्यता है कि शपथ ग्रहण सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन हो तो संपूर्ण कार्यकाल के दौरान कम दिक्कतों को सामना करना पड़ता है. प्रशासनिक स्तर पर सरकार प्रत्येक मोर्च पर अच्छा प्रदर्शन करती है. कुशल प्रशासनिक क्षमता से आने वाली समस्याओं का हल निकालने में सफल रहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शपथ ग्रहण के समय चंद्रमा की स्थिति क्या कहती है?</strong><br />शपथ ग्रहण के दौरान चंद्रमा की स्थिति का आंकलन गंभीरता से किया जाता है, ये कहीं न कहीं जनता के मन को दर्शाती है. ज्योतिष के अनुसार इस दिन यदि चंद्रमा चतुर्थ, षष्ठम, अष्टम और द्वादश भाव में विराजमान हो तो शुभ नहीं माना जाता है. ऐसी स्थिति में सरकार और विपक्ष के बीच हमेशा &nbsp;खींचतान जैसी स्थिति बनी ही रहती है. गौरतलब है कि गुरुवार के दिन चंद्रमा सप्तम भाव में है जो यह बताता है कि सरकार अपने नेताओं के साथ तालमेल स्थापित करने में सफल रहेगी. सदन में कुछ मुद्दों पर विपक्ष परेशान कर सकता है. क्योंकि कुंडली में यहां मंगल की राशि वृश्चिक विराजमान है, और इसका स्वामी शपथ ग्रहण के समय वक्री रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विशाखा नक्षत्र में शपथ हो तो क्या होता है?</strong><br />ज्योतिष में विशाखा नक्षत्र को महत्वपूर्ण नक्षत्र माना गया है.ये आसमान में कुम्हार के चाक जैसा प्रतीत होता है. इसे राधा-कृष्ण के प्रेम को भी दर्शाता है. इस नक्षत्र के प्रभाव में व्यक्ति आक्रामक, तानाशाह, स्थिर, धैर्यवान बनाता है.</p>
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