दिल्ली में ऊंची इमारतों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, जारी किया ये आदेश

दिल्ली में ऊंची इमारतों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, जारी किया ये आदेश

<p style=”text-align: justify;”><strong>Anti Smog Guns In Delhi:</strong> दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर से निपटने के लिए सभी ऊंची कमर्शियल, संस्थागत और हॉस्पिटैलिटी संबंधी बिल्डिंग्स में &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; लगाना अनिवार्य कर दिया है. इस संबंध में एक आधिकारिक निर्देश जारी किया गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की संख्या भवन के निर्मित क्षेत्रफल पर निर्भर करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के मंत्री सिरसा ने कहा, ”10,000 वर्ग मीटर से कम निर्मित क्षेत्र वाली इमारतों के लिए कम से कम तीन &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की जरूरत होगी और यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी. 25,000 वर्ग मीटर से आगे हर 5,000 वर्ग मीटर के लिए एक अतिरिक्त &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की जरूरत होगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किस बिल्डिंग के लिए कितने एंटी स्मॉग गन?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए कहा, ”10,001 से 15,000 वर्ग मीटर तक के निर्मित क्षेत्र वाले भवनों के लिए कम से कम चार &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की आवश्यकता होगी, जबकि 15,001 से 20,000 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र वाले भवनों के लिए कम से कम पांच &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की जरूरत होगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिल्डिंग मालिकों को एंटी स्मॉग गन के लिए कितना समय?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना था कि 20,001 से 25,000 वर्ग मीटर तक के निर्मित क्षेत्र के लिए कम से कम छह &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; अनिवार्य हैं. उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;शहरी स्थानीय निकायों को ऐसी सभी इमारतों की पहचान करने, निर्देशों का व्यापक प्रसार सुनिश्चित करने और अनुपालन की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. भवन मालिकों को जरूरी सिस्टम लगाने के लिए छह महीने का समय दिया गया है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रदूषण को लेकर क्या बोले मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सिरसा ने कहा कि इन उपायों का दिल्ली में प्रदूषण कम करने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;इस साल हम चाहते हैं कि दिल्ली के लोग फर्क महसूस करें. सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए हर मोर्चे पर काम करने के वास्ते प्रतिबद्ध है और नागरिकों के साथ मिलकर काम करेगी.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पर्यावरण और वन विभाग ने यह निर्देश जारी करते हुए कहा है कि यह सभी वाणिज्यिक परिसरों, मॉल, होटलों, कार्यालय भवनों और शैक्षणिक संस्थानों पर लागू होता है, जो ग्राउंड फ्लोर और पांच मंजिल या उससे ऊपर हैं और जिनका निर्मित क्षेत्र 3,000 वर्ग मीटर से अधिक है. यह निर्णय दिल्ली में वायु की गुणवत्ता में गिरावट के बीच लिया गया है, विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान, जब &lsquo;पार्टिकुलेट मैटर&rsquo;- पीएम 10 और पीएम 2.5 – का स्तर अक्सर स्वीकार्य सीमा से कहीं अधिक बढ़ जाता है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Anti Smog Guns In Delhi:</strong> दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर से निपटने के लिए सभी ऊंची कमर्शियल, संस्थागत और हॉस्पिटैलिटी संबंधी बिल्डिंग्स में &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; लगाना अनिवार्य कर दिया है. इस संबंध में एक आधिकारिक निर्देश जारी किया गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की संख्या भवन के निर्मित क्षेत्रफल पर निर्भर करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के मंत्री सिरसा ने कहा, ”10,000 वर्ग मीटर से कम निर्मित क्षेत्र वाली इमारतों के लिए कम से कम तीन &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की जरूरत होगी और यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी. 25,000 वर्ग मीटर से आगे हर 5,000 वर्ग मीटर के लिए एक अतिरिक्त &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की जरूरत होगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किस बिल्डिंग के लिए कितने एंटी स्मॉग गन?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए कहा, ”10,001 से 15,000 वर्ग मीटर तक के निर्मित क्षेत्र वाले भवनों के लिए कम से कम चार &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की आवश्यकता होगी, जबकि 15,001 से 20,000 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र वाले भवनों के लिए कम से कम पांच &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; की जरूरत होगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिल्डिंग मालिकों को एंटी स्मॉग गन के लिए कितना समय?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना था कि 20,001 से 25,000 वर्ग मीटर तक के निर्मित क्षेत्र के लिए कम से कम छह &lsquo;एंटी-स्मॉग गन&rsquo; अनिवार्य हैं. उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;शहरी स्थानीय निकायों को ऐसी सभी इमारतों की पहचान करने, निर्देशों का व्यापक प्रसार सुनिश्चित करने और अनुपालन की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. भवन मालिकों को जरूरी सिस्टम लगाने के लिए छह महीने का समय दिया गया है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रदूषण को लेकर क्या बोले मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सिरसा ने कहा कि इन उपायों का दिल्ली में प्रदूषण कम करने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;इस साल हम चाहते हैं कि दिल्ली के लोग फर्क महसूस करें. सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए हर मोर्चे पर काम करने के वास्ते प्रतिबद्ध है और नागरिकों के साथ मिलकर काम करेगी.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पर्यावरण और वन विभाग ने यह निर्देश जारी करते हुए कहा है कि यह सभी वाणिज्यिक परिसरों, मॉल, होटलों, कार्यालय भवनों और शैक्षणिक संस्थानों पर लागू होता है, जो ग्राउंड फ्लोर और पांच मंजिल या उससे ऊपर हैं और जिनका निर्मित क्षेत्र 3,000 वर्ग मीटर से अधिक है. यह निर्णय दिल्ली में वायु की गुणवत्ता में गिरावट के बीच लिया गया है, विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान, जब &lsquo;पार्टिकुलेट मैटर&rsquo;- पीएम 10 और पीएम 2.5 – का स्तर अक्सर स्वीकार्य सीमा से कहीं अधिक बढ़ जाता है.</p>  दिल्ली NCR सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर गदगद हुईं बसपा चीफ मायावती, कहा- यह सिद्धान्त जरूरी