<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News: </strong>दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को मजबूती मिली है. इसने कांग्रेस में सेंध लगा दी है. सीलमपुर से पांच बार कांग्रेस के विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद के बेटे चौधरी ज़ुबैर अहमद ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली. मतीन अहमद की बहू शगुफ्ता चौधरी जुबेर जो मौजूदा कांग्रेस पार्षद भी हैं, उन्होंने भी आम आदमी पार्टी का दामन थामा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चौधरी मतीन अहमद 1993 से लेकर 2015 तक सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार विधायक रहे हैं. संभावना जताई जा रही है कि उनके बेटे चौधरी जुबेर अहमद सीलमपुर से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बनेंगे. बाबरपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से जुबैर ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव को इस्तीफे वाली चिट्ठी भेजी दी है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News: </strong>दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को मजबूती मिली है. इसने कांग्रेस में सेंध लगा दी है. सीलमपुर से पांच बार कांग्रेस के विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद के बेटे चौधरी ज़ुबैर अहमद ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली. मतीन अहमद की बहू शगुफ्ता चौधरी जुबेर जो मौजूदा कांग्रेस पार्षद भी हैं, उन्होंने भी आम आदमी पार्टी का दामन थामा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चौधरी मतीन अहमद 1993 से लेकर 2015 तक सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार विधायक रहे हैं. संभावना जताई जा रही है कि उनके बेटे चौधरी जुबेर अहमद सीलमपुर से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बनेंगे. बाबरपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से जुबैर ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव को इस्तीफे वाली चिट्ठी भेजी दी है.</p> दिल्ली NCR निर्दलीय या अजित पवार गुट से? नवाब मलिक के चुनाव लड़ने पर खत्म हुआ सस्पेंस
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केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू राजस्थान से जाएंगे राज्यसभा:पूर्व CM बेअंत सिंह के पोते; पंजाब में लोकसभा चुनाव हार गए थे
केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू राजस्थान से जाएंगे राज्यसभा:पूर्व CM बेअंत सिंह के पोते; पंजाब में लोकसभा चुनाव हार गए थे पंजाब के भाजपा नेता केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को पार्टी ने राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। भाजपा उन्हें राजस्थान से राज्यसभा भेज रही है। मंगलवार को भाजपा हाईकमान की बैठक में बिट्टू के नाम पर मुहर लगाई गई। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। इसलिए, बिट्टू कल ही नामांकन भरेंगे। इससे पहले उनके हरियाणा से चुनाव लड़ने की भी अटकलें चल रही थीं, लेकिन वहां से भाजपा ने वहां से कांग्रेस छोड़कर आईं नेता किरण चौधरी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा में हार का सामना किया
लुधियाना से 2 बार सांसद रह चुके रवनीत बिट्टू लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बेअंत सिंह के पोते और पूर्व मंत्री तेज प्रकाश सिंह के बेटे हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें लुधियाना से टिकट दिया, लेकिन उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से 20 हजार 942 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव में हार के बाद भी भाजपा ने पंजाब से किसी और को न चुनकर मोदी 3.0 सरकार में बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया है। इसके बाद उनका राज्यसभा में जाकर सांसद के तौर पर शपथ लेना बेहद जरूरी है। पंजाब में 2028 से पहले कोई सीट खाली नहीं
पंजाब को छोड़कर 9 राज्यों की 12 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं। पंजाब की बात करें तो यहां की 7 में से कोई भी सीट 2028 से पहले खाली नहीं होगी। ऐसे में रवनीत सिंह बिट्टू को हरियाणा या राजस्थान की सीट के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा था। जबकि, राजस्थान से पूर्व भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया और अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विपक्ष नेता राजेंद्र राठौर, भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव अलका गुर्जर और पूर्व सांसद सीआर चौधरी का नाम भी शामिल था। हरियाणा में विरोध के बाद राजस्थान का रुख
राजस्थान के साथ हरियाणा के रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद वहां भी सीट खाली हो गई। अब इस सीट पर भी चुनाव हो रहे हैं। इस सीट के लिए पहले रवनीत बिट्टू का नाम सामने आया था, लेकिन विरोध बढ़ता देख भाजपा अब रवनीत बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेज रही है। लुधियाना से 2 बार सांसद चुने गए
रवनीत बिट्टू के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में युवा कांग्रेस से हुई। 2008 में वह पंजाब यूथ कांग्रेस के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने। 2009 में पार्टी ने उन्हें श्री आनंदपुर साहिब से टिकट दी और दादा बेअंत सिंह व पिता स्वर्णजीत सिंह के किए कामों के कारण वह आसानी से चुनाव जीत गए। पार्टी ने भी पहली बार चुनाव जीतने के बाद उन्हें होम अफेयर्स कमेटी का सदस्य बना दिया। 2014 में कांग्रेस ने बिट्टू की सीट बदलते हुए लुधियाना शिफ्ट किया। इसके बाद 2014 और 2019 में वह इसी सीट से सांसद चुने गए थे। 2027 पर नजर, बिट्टू में फ्यूचर देख रही लीडरशिप
भाजपा बेशक पंजाब में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई, लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव हैं। इसकी तैयारी पार्टी ने काफी पहले शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल हैं। रवनीत बिट्टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस के सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। 60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाने के बाद राज्यसभा भेजते हुए पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो भाजपा को पंजाब विरोधी बताते हैं। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है।
यूपी के किस सर्वे में कौन आगे है? हर Exit Poll के आंकड़े, किस पार्टी को कितनी सीट?
यूपी के किस सर्वे में कौन आगे है? हर Exit Poll के आंकड़े, किस पार्टी को कितनी सीट? <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Exit Poll 2024:</strong> उत्तर प्रदेश को लेकर अब तक जितने एग्जिट पोल सामने आए हैं. उनमें बीजेपी बढ़त बनाए दिख रही. सभी की आंकड़ों पर नजर डाले तो बीजेपी एक बार फिर अपने पुराने प्रदर्शन को दोहरा सकती है. एबीपी सीवोटर सर्वे के मुताबिक यूपी में एनडीए को 62-66 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है जबकि इंडिया अलायंस के खाते में 15 से 17 सीटें आ सकती है. हालांकि बसपा इस बार जीरो पर रह सकती है. वहीं दूसरे एग्जिट पोल के नजीतों पर नजर डाले तो वो भी ऐसी ही कहानी बयां करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया</strong> के एग्जिट पोल के मुताबिक यूपी में एनडीए के पक्ष में 49 फीसद वोट मिल सकता है जबकि इंडिया को 39 फीसद वोट मिलने का अनुमान है. इस सर्वे में एनडीए को 67-72 और इंडिया गठबंधन को 8-12 सीटें मिलने का अनुमान है. मायावती की बसपा को भी 0-1 सीट मिल सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>News 18 Exit Poll</strong> में भी बीजेपी शानदार प्रदर्शन करते दिखाई दे रही है. इस एग्जिट पोल के मुताबिक INDIA गठबंधन को यूपी में 9 से 12 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है जबकि NDA को 68 से 71 सीटें मिल सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंडिया न्यूज और डी डायनामिक</strong> ने यूपी को लेकर जो सर्वे किया है उसमें एनडीए को 69 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि इंडिया गठबंधन को 11 सीटें मिल सकती है. बसपा और अन्य दल जीरो के आंकड़े पर ही रह सकते हैं. बसपा को एक भी सीट मिलते नहीं दिख रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जन की बात</strong> के एग्जिट पोल के मुताबिक यूपी में एनडीए को 68-74 सीटें मिलने का अनुमान हैं जबकि इंडिया गठबंधन को 12-6 सीटें मिलने का अनुमान हैं, वहीं बहुजन समाज पार्टी का यहां खाता खुलते नहीं दिख रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>न्यूज नेशन</strong> के एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए यूपी में 67 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है तो वहीं इंडिया गठबंधन को 10 सीटें मिल सकती है और अन्य के खाते में 3 सीटें जाने का अनुमान हैं. इस पोल में भी बसपा का खाता नहीं खुला है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रिपब्लिक भारत</strong> के सर्वे के मुताबिक यूपी में बीजेपी को 69-74 और इंडिया गठबंधन को 6-11 सीटें मिल सकती हैं. बहुजन समाज पार्टी को यूपी में एक भी सीट मिलते नहीं दिखाई दे रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा <strong>रिपब्लिक टीवी P Maro</strong> के सर्वे के मुताबिक़ यूपी में एनडीए को 69 और इंडिया गठबंधन को 11 सीटें मिलने का अनुमान है और बसपा के खाते में एक भी सीट जाते नहीं दिखाई दे रही है. इन तमाम सर्वें में मायावती की पार्टी को कोई सीट नहीं मिल रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/lok-sabha-election-exit-poll-2024-abp-cvoter-exit-poll-samajwadi-party-bsp-congress-and-bjp-which-party-getting-how-many-votes-2703919″><strong>ABP CVoter Exit Poll 2024: यूपी में सपा, BSP, कांग्रेस और BJP, किस पार्टी को मिल रहा कितना वोट, जानें यहां</strong></a></p>
दिल्ली में सख्ती से लागू होगा GRAP-1 का नियम, प्रदूषण की रोकथाम के लिए CM आतिशी ने दिए ये आदेश
दिल्ली में सख्ती से लागू होगा GRAP-1 का नियम, प्रदूषण की रोकथाम के लिए CM आतिशी ने दिए ये आदेश <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News: </strong>दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या पर सरकार सख्त हो गई है. सरकार ने जीआरएपी के पहले चरण को लागू करने का निर्देश दिया है. मंगलवार को सीएम आतिशी ने अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि जनवरी से 12 अक्टूबर यानी 200 दिनों तक दिल्ली की हवा गुड कटेगरी में रही है, लेकिन पिछले दो दिनों से खराब श्रेणी में है. लिहाजा, सोमवार की शाम से जीआरएपी का पहला चरण लागू कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>धूल प्रदूषण रोकने के लिए 99 टीमें निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी. पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनसीआरटीसी और डीएमआरसी निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाएंगी. पीडब्ल्यूडी, एमसीडी समेत सभी विभाग सड़कों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर पूरा करेंगे. सीएम ने दिल्ली की जनता से कार पूलिंग, पटाखे, कूड़ा न जलाने और प्रदूषण की सूचना ग्रीन दिल्ली ऐप पर देने की अपील की है. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार के प्रयासों की बदौलत 200 दिन बेहतर एयर क्वालिटी मिली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली की दो दिनों में खराब हुई हवा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 13 अक्टूबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 224 के स्तर पर पहुंच गया और 14 अक्टूबर को 234 पर था. पिछले 2 दिन से हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है. सीएम आतिशी ने कहा कि जीआरएपी-1 के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण हिस्सा निर्माण साइटों पर धूल की रोकथाम है. इस बाबत डीपीसीसी की 33 टीमें, राजस्व विभाग की 33 टीमें और उद्योग विभाग की भी 33 टीमें बनाई गई हैं. सभी 99 टीमें रोजाना प्राइवेट और सरकारी निर्माण साइटों का स्थलीय निरीक्षण कर धूल प्रदूषण की रोकथाम के लिए जारी नियमों के पालन का जायजा लेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रोकथाम के लिए सरकार की पहल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा रोजाना निरीक्षणों की रिपोर्ट ग्रीन वॉर रूम, पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जायेगी. सीएम ने कहा कि एमसीडी को कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट (सीएनडी वेस्ट) के निपटान को लेकर खास निर्देश दिए गए हैं. सीएनडी वेस्ट भी हवा की गुणवत्ता को ख़राब करता है. सीएनडी वेस्ट को हटाने के लिए दिन में 79 टीमें और रात में 75 टीमें काम करेंगी. साथ ही ओपन बायोमास वेस्ट बर्निंग रोकने के लिए एमसीडी द्वारा दिन में 116 टीमें और रात में भी 116 टीमें तैनात की जाएंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि धूल का महत्वपूर्ण कारण सड़कों का टूटा होना है. इसके लिए युद्ध स्तर पर 1400 किमी सड़कों के रिपेयर का काम चल रहा है. साथ ही डीएमआरसी और एनसीआरटीसी की सड़कों की रिपेयरिंग के लिए 30 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया गया है. एमसीडी भी अपनी सड़कों का मरम्मत करवा रही है. सड़कों पर मौजूद धूल को उड़ने से रोकने के लिए इस सीजन में एंटी स्मॉग गन तैनात किए जाते हैं. सीएम आतिशी ने बैठक में निर्देश दिया कि पीडब्ल्यूडी अपनी सड़कों और प्रदूषण के बड़े हॉटस्पॉट्स पर 200 एंटी स्मॉग गन तैनात करे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जबकि डीएमआरसी अपने निर्माण साइटों पर 80, एमसीडी 30 और आरआरटीएस 14 एंटी स्मॉग तैनात करेगा. सीएम आतिशी ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि जाम लगने वाले स्थानों को चिन्हित कर मौके पर अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं. त्योहारी सीजन में आवाजाही बढ़ने के कारण ट्रैफिक देखने को मिलता है. होम गार्ड की जरूरत होने पर ट्रैफिक पुलिस दिल्ली के गृह विभाग की सूचित कर सकती है. सीएम ने कहा कि दिल्ली में जनरेटर के इस्तेमाल पर रोकथाम लगाई जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खासतौर पर बैंक्वेट हॉल में देखा जाता है कि बिजली के अस्थाई कनेक्शन की जगह डीजल जनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए बिजली विभाग अपनी टीमें तैनात करेगी. साथ ही बिजली विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अगले तीन महीने तक, जब तक प्रदूषण ज्यादा होता है, बिजली कंपनियों से बात कर बिजली के अस्थाई कनेक्शन के चार्ज भी कम किया जाए. सीएम <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> ने कहा कि सरकार जागरूकता कार्यक्रम चलायेगी. दिल्ली के लोगों को कार पूलिंग करने, दीपावली पर पटाखों का इस्तेमाल न करने की अपील की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साथ ही सभी आरडब्ल्यूए से अपील की जाएगी कि सिक्योरिटी गार्ड्स को इलेक्ट्रिक हीटर दे, ताकि लकड़ियां न जलाई जाए. दिल्ली सरकार प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए प्रतिबद्ध है. मेरी दिल्ली के लोगों से अपील है कि सिर्फ सरकार प्रदूषण नहीं रोक सकती है. जबतक दिल्ली के लोग साथ मिलकर आगे नहीं आएंगे, तबतक प्रदूषण को कम नहीं किया जा सकेगा. इस दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण की समस्या केवल दिल्ली की नहीं है. दिल्ली के चारों ओर से आने वाला प्रदूषण भी समस्या में बढ़ोतरी करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के लोगों को बाहरी प्रदूषण का अधिक सामना करना पड़ता है. इसलिए जब समस्या सामूहिक है, तो समाधान भी सामूहिक होना चाहिए. इसी कारण केंद्रीय एजेंसी सीएक्यूएम की तरफ से जारी ग्रैप के नियम दिल्ली के साथ- साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत पूरे एनसीआर में भी लागू होना चाहिए. गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार हर बार आगे ग्रैप नियम लागू करने के लिए आगे बढ़ती है, जबकि पड़ोसी राज्यों में सख्ती से लागू नहीं किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है. दिल्ली चारों तरफ से बीजेपी की सरकारों पर निर्भर है. अब लगातार एक्यूआई का स्तर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, “मैं बीजेपी की सभी सरकारों से निवेदन करता हूं कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ग्रैप को लागू करने की रणनीति बनाई गई है, उसी तरह केंद्र सरकार दिल्ली एनसीआर के तहत आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी ग्रैप लागू करने पर फोकस किया जाए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोपाल राय ने आगे कहा कि बीजेपी के कई नेता बार-बार कह रहे हैं कि पंजाब में पराली जल रही है. उन्होंने ने कहा कि एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट का 1 से 14 अक्टूबर का डेटा बताता है कि 2023 में पंजाब में 1105 पराली जलने की घटनाएं हुई थीं, इस साल घटकर 811 हो गई हैं. हरियाणा में पिछले साल पराली की 341 घटनाएं हुई थीं, जो इस साल बढ़कर 417 हो गई हैं. दूसरी तरफ, पिछले साल उत्तर प्रदेश में इन 15 दिनों के अंदर पराली जलाने की कुल 244 घटनाएं थीं, जो इस बार बढ़कर 417 हो गई हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन आंकड़ों से साफ है कि जहां एक तरफ पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश और हरियाणा में घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि डेटा केंद्र सरकार का है. गोपाल राय ने कहा कि बीजेपी नेता पंजाब का नाम लेकर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पराली की घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार सक्रियता से मिलकर काम करेगी. इसी तरह बीजेपी की सभी सरकारों को साथ आना चाहिए. तभी प्रदूषण की रोकथाम के प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव दिखेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
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