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मूसेवाला के नन्हे भाई का वीडियो:छोटे बेटे से लाड लडाते दिखे मूसेवाला में माता-पिता; फैंस ने लिखा- किसी की नजर ना लगे
मूसेवाला के नन्हे भाई का वीडियो:छोटे बेटे से लाड लडाते दिखे मूसेवाला में माता-पिता; फैंस ने लिखा- किसी की नजर ना लगे पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के नन्हे भाई का नया वीडियो सामने आया है। इसमें मूसेवाला के नन्हे भाई के साथ उनके माता-पिता भी हैं। मूसेवाला का नन्हा भाई तकरीबन 6 महीने का हो चुका है। वीडियो में मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह और मां चरण कौर अपने छोटे बेटे के लाड लडाते दिख रहे हैं। वीडियो में मूसेवाला के छोटे भाई ने निक्कर और टीशर्ट पहन रखी है। उसके सिर पर कपड़ा बंधा है। ब्लैक एंड वाइट शेड वाले इस वीडियो में छोटा मूसेवाला खुशी में चहकता नजर आ रहा है। पिता बलकौर सिंह और मां चरण कौर उसे हंसा रहे हैं। ये वीडियो सामने आने के बाद मूसेवाला के फैंस भावुक हो गए हैं। इस वीडियो को लेकर मूसेवाला के फैंस के बीच अलग ही उत्साह नजर आता है। कई फैंस जहां वीडियो को ज्यादा से ज्यादा सर्कुलेट कर रहे हैं वहीं कुछ इसके बहाने मूसेवाला को मिस कर रहे हैं। परिवार के लिए दुआएं भी मांगी जा रही है। मार्च में हुआ जन्म सिद्धू मूसेवाला का 29 मई 2022 को लॉरेंस गैंग के गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग का कत्ल कर दिया था। मूसेवाला अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। जवान बेटे की मौत से पिता बलकौर सिंह और मां चरण कौर बुरी तरह टूट गए। इसके बाद चरण कौर ने इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक से गर्भधारण किया। आम भाषा में इसे टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं। चरण कौर ने 23 मार्च 2024 को अपने दूसरे बेटे को जन्म दिया। लगभग दो साल के लंबे अरसे के बाद परिवार के चेहरे पर मुस्कराहट देखने को मिली। मूसेवाला के छोटे भाई के जन्म पर माता-पिता ही नहीं, सिद्धू के लाखों फैंस ने भी खुशियां जताईं। IVF तकनीक को लेकर हो चुका कानूनी विवाद सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर ने इंग्लैंड जाकर इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक से गर्भधारण किया था। उस समय चरण कौर की उम्र 58 साल थी। भारतीय कानून के मुताबिक इतनी उम्र से गर्भधारण के लिए IVF तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने बाकायदा पंजाब सरकार को लैटर लिखकर जवाब तलबी भी की थी। हालांकि जब मूसेवाला के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने IVF ट्रीटमेंट विदेश जाकर करवाया है और भारतीय धरती पर सिर्फ बच्चे ने जन्म लिया है। इसके बाद पूरा विवाद थम गया। लॉरेंस के 6 शूटरों ने मारी थी मूसेवाला को गोलियां सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 की शाम को मानसा जिले के जवाहरके गांव में 6 शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी। उस समय मूसेवाला की उम्र 28 साल थी। इस हत्या की जिम्मेदारी गैंगस्टर लॉरेंस ने ली। कनाडा में बैठे लॉरेंस के साथी गोल्डी बराड़ ने पूरी साजिश को अंजाम दिया। इस पूरी साजिश में लॉरेंस का भाई अनमोल और भांजा सचिन थापन भी शामिल था। पुलिस ने इस मामले में 35 आरोपियों को नामजद किया जिनमें से 4 की मौत हो चुकी है। मूसेवाला की दिनदहाड़े की गई हत्या के बाद उसके माता-पिता इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं।
Ayodhya News: सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड को मिल रही नई पहचान, राम मंदिर में दिखी झलक
Ayodhya News: सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड को मिल रही नई पहचान, राम मंदिर में दिखी झलक <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कलाओं को न केवल एक नई पहचान मिल रही है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियां भी इससे प्रेरित होकर जुड़ रही हैं. सोमवार का दिन उत्तराखंडवासियों के लिए गौरव का दिन था, जब अयोध्या में विराजमान भगवान श्रीरामलाल का दिव्य विग्रह देवभूमि की विश्वविख्यात ऐपण कला से सुसज्जित शुभवस्त्रम में सुशोभित हुए. यह शुभवस्त्रम न केवल उत्तराखंड की पारंपरिक कला और समर्पण का प्रतीक था, बल्कि इसने राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को राष्ट्रीय पटल पर एक नया गौरवशाली अध्याय जोड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इन शुभवस्त्रों को उत्तराखंड के कुशल शिल्पकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से तैयार किया और स्वयं मुख्यमंत्री ने इसे अयोध्या पहुंचाकर श्री<a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> में भेंट किया. यह शुभवस्त्रम् में न केवल प्रदेश की ऐपण कला नजर आती है बल्कि इसमें निहित भक्ति और श्रम साधकों की अद्वितीय शिल्पकला का अद्भुत समन्वय भी है, जिसने उत्तराखंड की सांस्कृतिक छवि को और अधिक प्रखर बना दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री धामी के गतिशील नेतृत्व में प्रदेश की लोक कला, संगीत, नृत्य और शिल्पों के संवर्धन की दिशा में भी अनेक ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री धामी न केवल राज्य के स्थानीय हस्तशिल्प और कारीगरों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि राज्य के युवाओं को भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने और इसे संजोने की प्रेरणा दे रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bsp-chief-mayawati-says-congress-and-rahul-gandhi-policy-regarding-reservation-is-deceitful-2790007″>UP Politics: ‘आरक्षण को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी की नीति छलकपट वाली’- मायावती</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सांस्कृतिक जड़ें मजबूत हों- सीएम</strong><br />सीएम धामी के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि उत्तराखंड की पारंपरिक कला और संस्कृति की गूंज अब अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी सुनाई देने लगी है. विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में उत्तराखंड की लोक कलाओं को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे राज्य को वैश्विक पहचान और सम्मान मिल रहा है. सीएम का मानना है कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण और संवर्धन आधुनिक संसाधनों और तकनीकों के साथ होना चाहिए ताकि यह अमूल्य विरासत आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री धामी का यह दृढ़ विश्वास है कि राज्य का समग्र विकास तभी संभव है जब उसकी सांस्कृतिक जड़ें मजबूत हों. इसलिए, उनके नेतृत्व में युवाओं को डिजिटल माध्यमों और सोशल मीडिया के ज़रिए संस्कृति से जोड़ा जा रहा है. सांस्कृतिक संस्थानों और कला संगठनों के सहयोग से युवाओं को पारंपरिक कलाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे अपनी संस्कृति पर गर्व करें और इसे और आगे बढ़ा सकें.</p>
पंजाब के जालंधर उपचुनाव में सियासी ड्रामा:AAP में शामिल हुई उम्मीदवार वापस अकाली दल में लौटी; बोलीं- तकड़ी निशान पर चुनाव लड़ूंगी
पंजाब के जालंधर उपचुनाव में सियासी ड्रामा:AAP में शामिल हुई उम्मीदवार वापस अकाली दल में लौटी; बोलीं- तकड़ी निशान पर चुनाव लड़ूंगी पंजाब के जालंधर उपचुनाव में वोटिंग से पहले बड़ा सियासी ड्रामा हो गया। CM भगवंत मान की अध्यक्षता में आम आदमी पार्टी (AAP) जॉइन करने वाली शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार सुरजीत कौर ने दोबारा से देर शाम अकाली दल जॉइन कर ली है। सुरजीत कौर की जॉइनिंग अकाली दल बागी गुट की नेता बीबी जागीर कौर और गुरप्रताप सिंह वडाला ने करवाई है। मंगलवार दोपहर को सुरजीत कौर ने अचानक आम आदमी पार्टी (AAP) जॉइन कर ली थी। CM भगवंत मान से मीटिंग के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। जिसके बाद सीएम ने जालंधर स्थित घर में उनका पार्टी में स्वागत किया। सीएम मान ने सुरजीत कौर को जॉइन करवाने के बाद कहा था कि मैं बहन जी को सरकार में अच्छी जिम्मेदारी दूंगा। जिस लेवल पर भी होगा, हम सरकार में सुरजीत कौर को जगह देंगे। सुरजीत कौर सुखबीर बादल की प्रधानगी वाले शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भी भर चुकी थीं। जालंधर सीट पर 10 सितंबर को मतदान होना है। आम आदमी पार्टी ने यहां से पूर्व BJP मंत्री चुन्नी लाल भगत के बेटे मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया है। शिअद की फूट की वजह से छोड़ी थी पार्टी
सुरजीत कौर को अकाली दल के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भराया गया था। इसी दौरान अकाली दल में फूट पड़ गई। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल के खिलाफ बगावत हो गई। जिसकी अगुआई सीनियर नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर और पूर्व विधायक गुरप्रताप वडाला समेत कई नेता कर रहे हैं। इन्हीं की सिफारिश पर सुरजीत कौर का अकाली दल से नामांकन भराया गया था। कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में सुखबीर बादल ने मीटिंग बुलाई। जिसमें यह बागी नेता नहीं गए और जालंधर में अलग मीटिंग कर कहा कि अकाली दल में बदलाव की जरूरत है। यह सीधे तौर पर सुखबीर बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाना था। जिसके बाद जिसके बाद सुखबीर सिंह बादल के पक्ष के वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने बयान जारी कर कहा था कि जालंधर उपचुनाव में जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है। अकाली दल उसका समर्थन नहीं करेगा। वह उम्मीदवार बीबी जागीर कौर ने बनाया है। इस बारे में पार्टी नेतृत्व से पूछा ही नहीं गया। इसके बाद अकाली दल ने BSP के उम्मीदवार को समर्थन दे दिया। अकाली उम्मीदवार की 2 तस्वीरें… 1. SAD कैंडिडेट के तौर पर नामांकन भरा 2. CM भगवंत मान से मुलाकात कर AAP में शामिल हुई AAP विधायक के इस्तीफे के बाद उपचुनाव
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को इस जालंधर वेस्ट सीट से AAP के विधायक शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि 29 मई को अंगुराल ने अचानक अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। CM मान बोले- अकाली दल ने कुर्बानी का मोल नहीं मोड़ा
सुरजीत कौर की जॉइनिंग पर सीएम भगवंत मान ने कहा थान कि अकाली दल में अपनी कुर्बानियां देने वाले सुरजीत कौर के परिवार को शिअद ने टिकट दी थी। मगर अकाली दल ने कुर्बानी को मोल नहीं मोड़ा। उनमें बहुत भारी रोष है कि खुद की निजी लड़ाई के कारण शिअद ने कुर्बानियां देने वाले परिवार से जलालत भरा सलूक किया है। मामला इतना बढ़ गया कि वह टिकट से मुकर गए। सीएम मान ने कहा कि पार्टी ने खुद टिकट दी और उसी के आधार पर प्रचार करना शुरू किया गया। देश में पहली बार ऐसा होगा कि कोई पार्टी अपना उम्मीदवार उतारे और उसे समर्थन न देकर विरोधी पार्टी को समर्थन दे रही है। सीएम मान ने आगे कहा- मगर मुझे आज मान हो रहा है कि हमारी पार्टी के साथ ऐसा परिवार जुड़ रहा है। परिवार अपने समर्थकों के साथ आप में शामिल हुआ है। सीएम मान ने कहा कि मैं अपने आप को खुशक़िस्मत समझता हूं कि परिवार ने हमें इस लायक समझा। हम सरकार में सुरजीत कौर को अच्छी जिम्मेदारी देंगे। परिवार ने इतनी कुर्बानियां दी हैं, इसलिए मैं परिवार का स्वागत करता हूं।