<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Fraud:</strong> शेयर बाजार में मोटा मुनाफा कमाने का सपना दिखाकर एक हाईटेक साइबर ठग गैंग ने राजधानी दिल्ली के एक व्यापारी को ₹44 लाख से ज्यादा की चपत लगा दी. इस जालसाजी का जाल सिर्फ देश में नहीं, बल्कि दुबई और चीन तक फैला हुआ है. नार्थ डिस्ट्रिक्ट की साइबर थाना टीम ने इस मामले में गुजरात के सूरत से दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह फर्जी बैंक खातों के जरिए लोगों की मेहनत की कमाई लूटकर उसे हवाला के जरिए विदेशों में भेजता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फेसबुक पर विज्ञापन, फिर व्हाट्सएप पर शिकार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीड़ित प्रदीप शर्मा को फेसबुक पर शेयर बाजार में निवेश से 200% तक मुनाफा देने का विज्ञापन दिखा. विज्ञापन में नकली ‘गवाहियों’ के जरिए भरोसा बनाया गया और एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया. ग्रुप में नकली निवेशकों के संदेशों के ज़रिए माहौल बनाया गया. ग्रुप की एडमिन ‘अनाया’ नाम की युवती ने व्यक्तिगत तौर पर संपर्क कर उन्हें धीरे-धीरे बड़े निवेश के लिए तैयार किया. शुरू में 25,000 रुपए पर दिखाया गया झूठा मुनाफा उनके विश्वास को जीतने में कामयाब रहा. देखते ही देखते उन्होंने अलग-अलग किस्तों में 44,60,000/- जमा कर दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुनाफे की जगह मिली धमकी और दबाव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जब पीड़ित ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो ‘अनाया’ ने उल्टा दबाव बनाना शुरू किया. कहा गया कि पैसा पहले ही अगली IPO योजना में निवेश हो चुका है और अगर और पैसा नहीं लगाया गया तो उन्हें कानूनी दिक्कतें हो सकती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>100 मोबाइल नंबर, दर्जनों बैंक खाते, डिजिटल जाल का भंडाफोड़</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साइबर पुलिस टीम ने इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में इस जटिल केस की जांच शुरू की. करीब 100 मोबाइल नंबर, IMEI और दर्जनों बैंक खातों की जांच की गई. फोन पे, पेटीएम, स्विगी, पोर्टर जैसी एप्स से डेटा जुटाया गया. लगातार निगरानी के बाद आरोपियों की लोकेशन गुजरात के सूरत में पाई गई. 5 अप्रैल को सटीक छापेमारी कर दो मुख्य आरोपियों शाह मुझम्मिल असलम और हीरागल अब्दुल हाफिज को गिरफ्तार किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए. शाह मुझम्मिल ने बताया कि उसने एक ऑटो ड्राइवर की पहचान पर जे.के. एंटरप्राइजेज के नाम से फर्जी खाता खुलवाया और पूरा डिजिटल एक्सेस खुद के पास रखा. उसने यह खाता हीरागल को दिया, जिसने इसे एक चीनी नागरिक ‘यान दीदी’ को 10% कमीशन पर सौंपा. यान दीदी दुबई से बैठकर इस पूरे नेटवर्क को ऑपरेट कर रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हवाले के जरिए विदेश भेजे जा रहे थे पैसे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शाह मुझम्मिल बैंक से कैश निकालता, हीरागल को देता था और वह हवाला के जरिए पैसा विदेश भेज देता. हीरागल ने पुलिस को बताया कि वह सितंबर 2024 में दुबई गया था और वहीं यान दीदी से मुलाकात हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोबाइल से मिले चौंकाने वाले सबूत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल से मिले व्हाट्सएप चैट्स, बैंक विवरण और निवेश की फर्जी योजनाओं के दस्तावेज इस पूरे रैकेट की पुष्टि करते हैं. पुलिस का मानना है कि इस गिरोह ने देशभर में सैकड़ों लोगों को ठगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/dmrc-is-working-on-phase-4-project-majnu-ka-tila-to-jagatpur-village-metro-trial-run-starts-ann-2927112″>DMRC फेज-4 की परियोजना पर काम तेज, दिल्ली की ट्रैफिक से बचाएगी मेट्रो की ये परिचालन</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Fraud:</strong> शेयर बाजार में मोटा मुनाफा कमाने का सपना दिखाकर एक हाईटेक साइबर ठग गैंग ने राजधानी दिल्ली के एक व्यापारी को ₹44 लाख से ज्यादा की चपत लगा दी. इस जालसाजी का जाल सिर्फ देश में नहीं, बल्कि दुबई और चीन तक फैला हुआ है. नार्थ डिस्ट्रिक्ट की साइबर थाना टीम ने इस मामले में गुजरात के सूरत से दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह फर्जी बैंक खातों के जरिए लोगों की मेहनत की कमाई लूटकर उसे हवाला के जरिए विदेशों में भेजता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फेसबुक पर विज्ञापन, फिर व्हाट्सएप पर शिकार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीड़ित प्रदीप शर्मा को फेसबुक पर शेयर बाजार में निवेश से 200% तक मुनाफा देने का विज्ञापन दिखा. विज्ञापन में नकली ‘गवाहियों’ के जरिए भरोसा बनाया गया और एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया. ग्रुप में नकली निवेशकों के संदेशों के ज़रिए माहौल बनाया गया. ग्रुप की एडमिन ‘अनाया’ नाम की युवती ने व्यक्तिगत तौर पर संपर्क कर उन्हें धीरे-धीरे बड़े निवेश के लिए तैयार किया. शुरू में 25,000 रुपए पर दिखाया गया झूठा मुनाफा उनके विश्वास को जीतने में कामयाब रहा. देखते ही देखते उन्होंने अलग-अलग किस्तों में 44,60,000/- जमा कर दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुनाफे की जगह मिली धमकी और दबाव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जब पीड़ित ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो ‘अनाया’ ने उल्टा दबाव बनाना शुरू किया. कहा गया कि पैसा पहले ही अगली IPO योजना में निवेश हो चुका है और अगर और पैसा नहीं लगाया गया तो उन्हें कानूनी दिक्कतें हो सकती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>100 मोबाइल नंबर, दर्जनों बैंक खाते, डिजिटल जाल का भंडाफोड़</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साइबर पुलिस टीम ने इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में इस जटिल केस की जांच शुरू की. करीब 100 मोबाइल नंबर, IMEI और दर्जनों बैंक खातों की जांच की गई. फोन पे, पेटीएम, स्विगी, पोर्टर जैसी एप्स से डेटा जुटाया गया. लगातार निगरानी के बाद आरोपियों की लोकेशन गुजरात के सूरत में पाई गई. 5 अप्रैल को सटीक छापेमारी कर दो मुख्य आरोपियों शाह मुझम्मिल असलम और हीरागल अब्दुल हाफिज को गिरफ्तार किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए. शाह मुझम्मिल ने बताया कि उसने एक ऑटो ड्राइवर की पहचान पर जे.के. एंटरप्राइजेज के नाम से फर्जी खाता खुलवाया और पूरा डिजिटल एक्सेस खुद के पास रखा. उसने यह खाता हीरागल को दिया, जिसने इसे एक चीनी नागरिक ‘यान दीदी’ को 10% कमीशन पर सौंपा. यान दीदी दुबई से बैठकर इस पूरे नेटवर्क को ऑपरेट कर रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हवाले के जरिए विदेश भेजे जा रहे थे पैसे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शाह मुझम्मिल बैंक से कैश निकालता, हीरागल को देता था और वह हवाला के जरिए पैसा विदेश भेज देता. हीरागल ने पुलिस को बताया कि वह सितंबर 2024 में दुबई गया था और वहीं यान दीदी से मुलाकात हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोबाइल से मिले चौंकाने वाले सबूत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल से मिले व्हाट्सएप चैट्स, बैंक विवरण और निवेश की फर्जी योजनाओं के दस्तावेज इस पूरे रैकेट की पुष्टि करते हैं. पुलिस का मानना है कि इस गिरोह ने देशभर में सैकड़ों लोगों को ठगा है.</p>
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