फिरोजपुर शहर की देव कॉलोनी निवासी 23 वर्षीय युवकअमनदीप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मृतक का शव सतलुज नदी के बांध के किनारे से बरामद हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हत्या का कारण पुरानी रंजिश बताया जा रहा है। पुलिस ने मृतक के भाई के बयान के आधार पर चार नामजद व पांच अज्ञात आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मृतक अमनदीप सिंह के भाई सोनू पुत्र कृपाल सिंह निवासी देव कॉलोनी दुलची के रोड फिरोजपुर ने बताया कि उनके भाई को जसपाल सिंह, सचिन, सुच्चा, सुनील व पांच अज्ञात और रूपों के रणजीत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी और लाश को सतलुज नदी किनारे बांध पर कुंडेवाला के पास फेंक दिया। फिरोजपुर सदर थाने के प्रभारी जसवंत सिंह ने बताया कि मृतक के भाई सोनू की बयान के आधार पर चार नामजद और पांच अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की धर पकड़ के लिए प्रयास किया जा रहे हैं। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को अंतिम संस्कार की सौंप दिया जाएगा। फिरोजपुर शहर की देव कॉलोनी निवासी 23 वर्षीय युवकअमनदीप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मृतक का शव सतलुज नदी के बांध के किनारे से बरामद हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हत्या का कारण पुरानी रंजिश बताया जा रहा है। पुलिस ने मृतक के भाई के बयान के आधार पर चार नामजद व पांच अज्ञात आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मृतक अमनदीप सिंह के भाई सोनू पुत्र कृपाल सिंह निवासी देव कॉलोनी दुलची के रोड फिरोजपुर ने बताया कि उनके भाई को जसपाल सिंह, सचिन, सुच्चा, सुनील व पांच अज्ञात और रूपों के रणजीत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी और लाश को सतलुज नदी किनारे बांध पर कुंडेवाला के पास फेंक दिया। फिरोजपुर सदर थाने के प्रभारी जसवंत सिंह ने बताया कि मृतक के भाई सोनू की बयान के आधार पर चार नामजद और पांच अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की धर पकड़ के लिए प्रयास किया जा रहे हैं। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को अंतिम संस्कार की सौंप दिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फतेहगढ़ साहिब में परिवार पर फेंका तेजाब:एक ही कमरे में सो रहे थे सभी लोग, आधी रात किया अटैक, पीजीआई रेफर फतेहगढ़ साहिब के थाना बडाली आला सिंह के गांव रामपुर में सो रहे परिवार पर तेजाब फेंक दिया गया। यह तेजाब परिवार के मुखिया पर गिरा और उसने शोर मचा दिया। जब तक घर की लाइट जलाई गई, तेजाब फेंकने वाला आरोपी फरार हो गया था। तेजाब से गिरने से गंभीर रूप से झुलसे अमनदीप सिंह (42) को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया है। वहीं थाना बडाली आला सिंह की पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया। एक ही कमरे में थे 4 सदस्य गांव रामपुर निवासी बलविंदर कौर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी करीब 23 साल पहले अमनदीप सिंह से हुई थी। उनकी दो बेटियां एक 21 साल और दूसरी 19 साल की है। उसके पति अमनदीप सिंह प्राइवेट नौकरी करते हैं। बीती रात खाना खाने के बाद वे चारों एक कमरे में कूलर लगाकर सो गए थे। खिड़की को कपड़े से कवर किया था। खिड़की के पास उसके पति अमनदीप सो रहे थे। देर रात करीब डेढ़ बजे उसके पति चारपाई से उठकर चिल्लाने लगे। उसने लाइट जलाई तो देखा कि कमरे में धुआं ही धुआं था। उसके पति पर किसी ने ज्वलनशील पदार्थ या तेजाब गिराया। बिस्तर भी जल गया था। बाहर निकल देखा तो सीढ़ियों से कोई भाग गया था। उसने अपने रिश्तेदार बलजीत सिंह को बुलाया जो कार लेकर आया और उसके पति को पहले चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में भर्ती कराया गया है। बयान देने के योग्य नहीं अमनदीप मामले की जांच कर रहे आईओ एएसआई बलविंदर सिंह ने बताया कि पीजीआई के डाक्टरों ने अमनदीप सिंह को बयान देने के लिए अनफिट करार दिया। जिसके बाद अमनदीप की पत्नी बलविंदर कौर के बयानों पर अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 124 (1) के तहत केस दर्ज किया। आरोपियों का पता लगाया जा रहा है।
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बंगा के विधायक डॉ सुक्खी आए मुश्किल में:HC के वकील ने भेजा नोटिस, विधायक पद से इस्तीफा देने को कहा शिरोमणि अकाली दल (SAD) छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) जॉइन करने वाले बंगा के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खी मुश्किल में आ गए हैं। पंजाब एंड हरियाणा के एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने उन्हें पब्लिक डिमांड नोटिस भेजा है। साथ ही कहा कि अब आप अपने विधायक पद से इस्तीफा दे। क्योंकि लोगों ने आपको शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर चुना था, लेकिन अब आपने आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली है। उन्होंने कहा है कि आप पर भी दल बदल कानून लागू होता है। ऐसे में इस्तीफा देना जरूरी है। आप एक महत्वपूर्ण पद पर है। साथ ही सारी चीजों को अच्छी तरह से समझते हैं। ऐसे में पहल के आधार पर अपना इस्तीफा विधानसभा के स्पीकर को भेज दे। वरना वह विधानसभा स्पीकर को इस मामले में शिकायत करेंगे। CM की उपस्थिति में जॉइन की थी पार्टी डॉ. सुखिवंदर सिंह सुक्खी की तरफ से 14 अगस्त को आम आदमी पार्टी जॉइन की गई थी। उन्होंने CM भगवंत मान की उपस्थिति में पार्टी जॉइन की थी। इस मौके उन्होंने डॉ. सुक्खी ने कहा कहा था कि वह अपने इलाके के विकास के लिए AAP जॉइन कर रहे हैं। क्योंकि वह लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। लेकिन वह अपने इलाके का विकास नहीं करवा रहे थे। क्योंकि पहले कांग्रेस की सरकार थी, जबकि अब AAP की सरकार है। वहीं, सीएम को उन्होंने जो भी काम बताया। वह पहल के आधार पर हुआ है। ऐसे में उन्होंने यह राह चुनी है। हालांकि उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल में हमेशा उन्हें बनता मान सम्मान मिला है। एडवोकेट ने नोटिस में दिए हैं यह तर्क 1. आप पंजाब विधानसभा के पिछले चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2. 14 अगस्त 2024 को आपने शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उसी दल की टिकट पर आपने बंगा विधानसभा सीट से पिछला विधान सभा चुनाव लड़ा था और वह सीट जीती थी। सीएम भगवंत मान ने आप को आम आदमी पार्टी में शामिल करवाया। 3. पंजाब के लोगों और बंगा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं ने आपको कभी भी आम आदमी पार्टी में शामिल होने का जनादेश नहीं दिया। इस प्रकार, अनुच्छेद 102 (2) और 191 (2) के तहत परिकल्पित “दलबदल के आधार पर अयोग्यता के प्रावधान” की धारा 2 के प्रावधानों को ध्यान में रखा जाए। भारत के संविधान की “10वीं अनुसूची के अनुसार, आपको पंजाब विधान सभा के सदस्य के रूप में बने रहने के लिए अयोग्य माना जाता है, क्योंकि आपने स्वेच्छा से शिरोमणि अकाली दल की सदस्यता छोड़ दी है। 4. मैं आपके ध्यान दिलाना चाहता हूं कि पंजाब विधान सभा द्वारा अधिनियमित नियमों के तहत अर्थात “पंजाब विधान सभा (दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता) नियम, 2020”, विशेष रूप से नियम 6(1) के तहत और उपरोक्त नियमों के 6 (2) के अनुसार, “कोई भी व्यक्ति” विधान सभा के सदस्य के रूप में बने रहने पर आपकी अयोग्यता की मांग के लिए पंजाब विधान सभा के अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर कर सकता है। कानून का उपरोक्त प्रस्ताव कि कोई भी व्यक्ति (जो विधान सभा का सदस्य हो भी सकता है या नहीं भी), पंजाब विधान सभा के माननीय अध्यक्ष के समक्ष ऐसी याचिका दायर कर सकता है, जो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से सुदृढ़ है। 5. यह सार्वजनिक सूचना आपको एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति के रूप में दी जा रही है। किसी भी राजनीतिक दल के प्रति निष्ठा नहीं रखते हुए और केवल एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते, और आम जनता का एक सदस्य होने के नाते, जो जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर करने के लिए जाना जाता है। )
हाईकोर्ट में पंजाब के लोगों के सार्वजनिक हित में मैं ईमानदारी से आशा और विश्वास करता हूं कि आप अपने विवेक के अनुसार और देश के कानून के अनुसार कार्य करेंगे, और अपने खिलाफ शिकायतकर्ता के रूप में मेरे लिए कोई उद्देश्य नहीं रखेंगे। 6. मुझे उम्मीद है कि एक सम्मानित नागरिक और बंगा निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते, आप देश के कानून का सम्मान करेंगे, और भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के अक्षरशः और भावना के अनुसार कार्य करेंगे। और बिना किसी नोटिस या नोटिस की अपेक्षा किए तुरंत पंजाब विधान सभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
पंजाब-चंडीगढ़ की 14-सीटों का पोल ऑफ पोल्स:AAP 3 से 6 सीटें जीत सकती, 3 कांग्रेस और 2 पर भाजपा को बढ़त
पंजाब-चंडीगढ़ की 14-सीटों का पोल ऑफ पोल्स:AAP 3 से 6 सीटें जीत सकती, 3 कांग्रेस और 2 पर भाजपा को बढ़त पंजाब की 13 और चंडीगढ़ की 1 लोकसभा सीट के लिए वोटिंग 1 जून की शाम 6 बजे पूरी हो गई। नतीजे 4 जून को आएंगे। उससे पहले कौन सी पार्टी कितनी सीटें जीत सकती है, इसके बारे में एग्जिट पोल आने शुरू हो गए हैं। पब्लिक-मैट्रिज और पी मार्क के मुताबिक पंजाब की 13 सीटों में से आम आदमी पार्टी (AAP) 3 से 6 सीटें जीत सकती है। 3 सीटें कांग्रेस और 2 सीटों पर भाजपा को बढ़त का अनुमान है। पंजाब में 2014 में AAP ने चौंकाया, 2019 में कांग्रेस ने 8 सीटें जीती
पंजाब में 2014 के चुनाव में AAP ने 4 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। इस चुनाव में अकाली दल ने भी 4 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस ने 3 और भाजपा ने 2 जीती थी। 2019 के चुनाव में AAP ये प्रदर्शन दोहरा नहीं पाई थी। इस चुनाव में AAP को एक सीट पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस ने 8 और अकाली दल व भाजपा ने 2-2 सीटों पर जीत हासिल की थी। इन दोनों चुनाव में भाजपा और अकाली दल का गठबंधन था। चंडीगढ़ में पिछले 2 चुनाव भाजपा जीती
चंडीगढ़ सीट पर पिछले 2 चुनाव 2014 और 2019 में भाजपा का कब्जा रहा। दोनों बार यहां से भाजपा की किरण खेर जीतीं। हांलाकि इस चुनाव में उनकी टिकट काट दी गई। 2019 के चुनाव में कांग्रेस जीत तो नहीं पाई थी, लेकिन 2014 के चुनाव के मुकाबले वोट शेयर बढ़ा था। कांग्रेस का वोट शेयर 40% रहा था, जबकि 2014 में 27% रहा था। वहीं भाजपा का भी वोट शेयर बढ़ा था। 57% वोट शेयर रहा था, जबकि 2014 में 42% रहा था।