दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्की से बचाने के लिए राज्य सरकार आज हाईकोर्ट में एक हाइड्रो पावर कंपनी को 64 करोड़ रुपए का अपफ्रंट मनी चुका सकती है। सरकार ने इसके लिए ड्रॉफ्ट तैयार कर दिया है। आज इसे कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवाया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि सरकार ने इसके लिए 44 करोड़ और 20 करोड़ रुपए के दो ड्राफ्ट तैयार किए है। बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते 18 नवंबर को सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी की एग्जीक्यूशन पिटिशन पर हिमाचल भवन की संपत्ति अटैच करने के आदेश दिए थे, क्योंकि सरकार ने सेली कंपनी को अपफ्रंट मनी नहीं लौटाई थी। कोर्ट के इन आदेशों के बाद हिमाचल सरकार में खलबली मची। इसे लेकर लेकर विपक्ष ने भी हिमाचल सरकार पर तीखे हमले बोले। हालांकि यह प्रोजेक्ट 2009 में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही सेली कंपनी को आवंटित किया गया था। क्या था मामला? सेली कंपनी ने लाहोल-स्पीति में 320 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगना था। इस कंपनी ने 14 जुलाई 2009 को इसके लिए अपफ्रंट मनी के तौर पर 64 करोड़ रुपए सरकार के पास जमा करवाए। बाद में कई कारणों से प्रोजेक्ट नहीं लग पाया, तो कंपनी ने अपफ्रंट मनी वापस मांगी। मामला आर्बिट्रेशन में गया और वहां से फैसला कंपनी के हक में आया। बाद में कंपनी ने ऊर्जा विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में एग्जीक्यूशन पिटिशन दायर की। इस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने हिमाचल भवन अटैच करने के आदेश दिए। जून 2008 में आमंत्रित किए टैंडर इस प्रोजेक्ट के लिए जून 2008 में टेंडर आमंत्रित किए गए थे। तब सबसे ऊंची बोली लगाने वाली सेली कंपनी को मिला था। 28 सितंबर 2009 को सेली हाइड्रो पावर परियोजना प्रदान किया गया। लैटर ऑफ अवार्ड (LOA) के अनुसार कंपनी को 64 करोड़ रुपए का अग्रिम प्रीमियम देना आवश्यक था, जो कंपनी ने 14 जुलाई 2009 को जमा कराया। कई आपत्तियों व बाधाओं के कारण प्रोजेक्ट सीरे नहीं चढ़ पाया पैसा जमा होने के बाद कंपनी व राज्य सरकार के बीच कार्यान्वयन समझौता समझौता हस्ताक्षरित हुआ। साल 2011 में परियोजना कई आपत्तियों व बाधाओं के कारण उलझा गई। सरकार और कंपनी के बीच कई बैठकें हुई। कंपनी ने इन बैठकों में कई बाधाओं का जिक्र किया और आखिर में 14 अगस्त 2017 में कंपनी ने अपने अग्रिम प्रीमियम 64 करोड़ रुपए को वापस करने की मांग की। इसके जवाब में सरकार 64 करोड़ की अग्रिम राशि को जब्त कर करार रद्द किया। फिर मामला कोर्ट पहुंचा। नवंबर 2022 को हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की एकल पीठ ने सेली हाइड्रो पावर कंपनी की ओर से दायर याचिका की सुनवाई पर अपना फैसला सुरक्षित रख दिया। बीते 19 नवंबर को हाईकोर्ट में अग्रिम राशि न लौटाने पर हिमाचल भवन कुर्क करने के आदेश दिए। हिमाचल के हक नहीं लुटने देंगे वहीं CM सुखविंदर सुक्खू कह ़चुके हैं कि राज्य सरकार इस केस कोर्ट में चुनौती देगी। CM सुक्खू ने कहा, पूर्व जयराम सरकार ने ब्रेकल कंपनी को 280 करोड़ रुपए ब्याज के साथ लौटाने की बात कही थी और उनकी सरकार ने हाईकोर्ट में अपील नहीं की और आर्बिट्रेशन का पैसा जमा कराया। इसके बाद हाईकोर्ट ने हिमाचल सरकार के पक्ष में फैसला आया। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने हिमाचल की संपदा को लुटाने का प्रयास किया है। दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्की से बचाने के लिए राज्य सरकार आज हाईकोर्ट में एक हाइड्रो पावर कंपनी को 64 करोड़ रुपए का अपफ्रंट मनी चुका सकती है। सरकार ने इसके लिए ड्रॉफ्ट तैयार कर दिया है। आज इसे कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवाया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि सरकार ने इसके लिए 44 करोड़ और 20 करोड़ रुपए के दो ड्राफ्ट तैयार किए है। बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते 18 नवंबर को सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी की एग्जीक्यूशन पिटिशन पर हिमाचल भवन की संपत्ति अटैच करने के आदेश दिए थे, क्योंकि सरकार ने सेली कंपनी को अपफ्रंट मनी नहीं लौटाई थी। कोर्ट के इन आदेशों के बाद हिमाचल सरकार में खलबली मची। इसे लेकर लेकर विपक्ष ने भी हिमाचल सरकार पर तीखे हमले बोले। हालांकि यह प्रोजेक्ट 2009 में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही सेली कंपनी को आवंटित किया गया था। क्या था मामला? सेली कंपनी ने लाहोल-स्पीति में 320 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगना था। इस कंपनी ने 14 जुलाई 2009 को इसके लिए अपफ्रंट मनी के तौर पर 64 करोड़ रुपए सरकार के पास जमा करवाए। बाद में कई कारणों से प्रोजेक्ट नहीं लग पाया, तो कंपनी ने अपफ्रंट मनी वापस मांगी। मामला आर्बिट्रेशन में गया और वहां से फैसला कंपनी के हक में आया। बाद में कंपनी ने ऊर्जा विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में एग्जीक्यूशन पिटिशन दायर की। इस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने हिमाचल भवन अटैच करने के आदेश दिए। जून 2008 में आमंत्रित किए टैंडर इस प्रोजेक्ट के लिए जून 2008 में टेंडर आमंत्रित किए गए थे। तब सबसे ऊंची बोली लगाने वाली सेली कंपनी को मिला था। 28 सितंबर 2009 को सेली हाइड्रो पावर परियोजना प्रदान किया गया। लैटर ऑफ अवार्ड (LOA) के अनुसार कंपनी को 64 करोड़ रुपए का अग्रिम प्रीमियम देना आवश्यक था, जो कंपनी ने 14 जुलाई 2009 को जमा कराया। कई आपत्तियों व बाधाओं के कारण प्रोजेक्ट सीरे नहीं चढ़ पाया पैसा जमा होने के बाद कंपनी व राज्य सरकार के बीच कार्यान्वयन समझौता समझौता हस्ताक्षरित हुआ। साल 2011 में परियोजना कई आपत्तियों व बाधाओं के कारण उलझा गई। सरकार और कंपनी के बीच कई बैठकें हुई। कंपनी ने इन बैठकों में कई बाधाओं का जिक्र किया और आखिर में 14 अगस्त 2017 में कंपनी ने अपने अग्रिम प्रीमियम 64 करोड़ रुपए को वापस करने की मांग की। इसके जवाब में सरकार 64 करोड़ की अग्रिम राशि को जब्त कर करार रद्द किया। फिर मामला कोर्ट पहुंचा। नवंबर 2022 को हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की एकल पीठ ने सेली हाइड्रो पावर कंपनी की ओर से दायर याचिका की सुनवाई पर अपना फैसला सुरक्षित रख दिया। बीते 19 नवंबर को हाईकोर्ट में अग्रिम राशि न लौटाने पर हिमाचल भवन कुर्क करने के आदेश दिए। हिमाचल के हक नहीं लुटने देंगे वहीं CM सुखविंदर सुक्खू कह ़चुके हैं कि राज्य सरकार इस केस कोर्ट में चुनौती देगी। CM सुक्खू ने कहा, पूर्व जयराम सरकार ने ब्रेकल कंपनी को 280 करोड़ रुपए ब्याज के साथ लौटाने की बात कही थी और उनकी सरकार ने हाईकोर्ट में अपील नहीं की और आर्बिट्रेशन का पैसा जमा कराया। इसके बाद हाईकोर्ट ने हिमाचल सरकार के पक्ष में फैसला आया। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने हिमाचल की संपदा को लुटाने का प्रयास किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
कुल्लू में कमरा बंद कर लड़की ने किया सुसाइड:निजी क्लीनिक पर करती थी काम, नहीं पहुंची ड्यूटी, जाली काटकर निकाला शव
कुल्लू में कमरा बंद कर लड़की ने किया सुसाइड:निजी क्लीनिक पर करती थी काम, नहीं पहुंची ड्यूटी, जाली काटकर निकाला शव हिमाचल प्रदेश में कुल्लू के आनी में एक 20 वर्षीय लड़की ने पंखे से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, बुधवार को आनी के मिशन कालोनी में 20 वर्षीय अदिति कटोच एक निजी क्लीनिक पर काम करती थी। बुधवार को जब वो क्लीनिक नहीं पहुंची तो उसे बुलाने के लिए कर्मचारी उसके कमरे पर गए। लेकिन कमरा अंदर से बंद था, जिसके बाद मामले की जानकारी स्थानीय थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर आकर कमरे की खिड़की की जाली काटकर अंदर से चिटकनी खोल कर दरवाजा खोला। अंदर से बंद थ दरवाजा कमरे का नजारा देखकर लोग और पुलिस दंग रह गए। अदिति का शव पंखे से लटका हुआ था। उसने दुपट्टे से फांसी लगा रखी थी। कमरे की तलाशी लेने पर कोई सुसाइड नोट या ऐसा सुराग नहीं मिल सका, जिससे पता चल सके कि अदिति ने फांसी क्यों लगाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। डीएसपी चंद्र शेखर ने बताया की एक लड़की ने कमरे में फांसी लगा कर आत्महत्या की है। पुलिस ने लड़की के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
हिमाचल में दिवाली को लेकर असमंजस:कहीं आज तो कुछ स्थानों पर कल मनाई जाएगी; अगले 10 दिन बूढ़ी दिवाली की धूम
हिमाचल में दिवाली को लेकर असमंजस:कहीं आज तो कुछ स्थानों पर कल मनाई जाएगी; अगले 10 दिन बूढ़ी दिवाली की धूम हिमाचल प्रदेश में दिवाली को लेकर इस बार लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई जगह आज दिवाली मनाई जा रही है, तो कुछ स्थानों पर दीपों के इस पर्व को कल मनाने की तैयारी है। देवभूमि हिमाचल में दिवाली पर लोगों के घरों जैसी सेलिब्रेशन देवी-देवताओं के मंदिरों में भी होती है। मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे गए हैं। दिवाली के लिए लोगों ने अपने घरों को आकर्षक ढंग से सजाया है। बेशक, कई जगह दिवाली शुक्रवार को मनाने की तैयारी है, लेकिन पटाखों और मिठाइयों की खरीददारी आज ही की जा रही है। घरों पर तरह तरह के पकवान बन रहे हैं। एक सप्ताह तक मनाई जाएगी बूढ़ी दिवाली देश में दिवाली का पर्व आज मनाया जा रहा है। मगर हिमाचल में अगले 10 दिन तक इसका सेलिब्रेशन चलता रहेगा। दरअसल, हिमाचल में बूढ़ी दिवाली मनाई जाती है। सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली पर सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम चलेंगे। इनमें प्रदेश के नामी कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। 10 दिन चलने वाले इस पर्व पर लोग खाने-पीने और नाच गाने में व्यस्त रहते हैं। गांव गांव में पारंपरिक लोक नृत्य होंगे और इसकी शुरुआत मशालें जलाकर होगी। वहीं शिमला जिले की देवठियों में भी एक सप्ताह तक सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम चलेंगे। बूढ़ी दिवाली पर क्या होता है? बूढ़ी दीवाली के दिन लोग सुबह उठकर अंधेरे में घास और लकड़ी की मशाल जलाकर एक जगह में एकत्रित होते है। अंधेरे में ही माला नृत्य गीत और संगीत का कार्यक्रम शुरू हो जाता है। कुछ घंटों तक टीले और धार पर लोक नृत्य व वीरगाथाएं गाकर लोग वापस अपने गांव के सांझा आंगन में आ जाते है। इसके बाद दिनभर लोकनृत्य का कार्यक्रम होता है। बूढ़ी दिवाली के पीछे क्या मान्यता? बूढ़ी दीवाली के संबंध में क्षेत्र के बुजुर्ग बताते है कि दीपावली के समय के बाद सर्दी का मौसम शुरू होता है। किसानों को अपनी फसल और पशुओं का चारा एकत्रित करना होता है। इसलिए एक महीने तक सारा काम निपटाने के बाद आराम से बूढ़ी दीवाली का आनंद उठाते है। एक अन्य मान्यता के अनुसार ये क्षेत्र पहले अन्य शहरी इलाकों से कटा रहता था। जिस कारण इस पर्व की जानकारी देरी से मिली। पहले पटाखे नहीं होते थे तो मशाल जलाते हैं। राज्यपाल-मुख्यमंत्री ने दी बधाई वहीं हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश वासियों को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दी है।
ऊना में शराबी ले गया दूसरे की गाड़ी:ऑल्टो को छोड़ वैगनआर ले गया, माफी मांगकर छुड़ाई अपनी कार, पुलिस ने चेतावनी देकर छोड़ा
ऊना में शराबी ले गया दूसरे की गाड़ी:ऑल्टो को छोड़ वैगनआर ले गया, माफी मांगकर छुड़ाई अपनी कार, पुलिस ने चेतावनी देकर छोड़ा हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हरोली थाना में बीती रात एक अजीबो गरीब मामला सामने आया। जब अहाते में शराब पीने आया एक व्यक्ति नशे में धुत हाेने पर दूसरे की वैगनआर कार अपने घर ले गया और अपनी ऑल्टो कार अहाते के बाहर ही छोड़ गया। शनिवार की रात हरोली थाना को सूचना मिली कि रामपुर पुल के पास बने अहाता से एक वैगनआर कार चोरी हो गई है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम रामपुर पुल के पास पहुंची। जिस पर शिकायतकर्ता ने बताया कि वह शराब ठेके के पास बने अहाते में आया था और उसने अपनी कार बाहर खड़ी की थी। इसके बाद वह खुद अहाते में शराब पीने चला गया। जब वह आधे घंटे बाद अहाते से बाहर निकला तो उसकी कार वहां से चोरी हो चुकी थी। पुलिस ने खंगाले सीसीटीवी कैमरे इसके बाद पुलिस ने रामपुर पुल के आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले। इस बीच वहां पर एक ऑल्टो कार खड़ी पाई गई। जिसका कोई मालिक नहीं मिल रहा था। जिस पर पुलिस ने आल्टो कार के मालिक का पता ट्रेस कर उससे संपर्क किया तो वह गाड़ी एक व्यक्ति की निकली। जो अहाते में शराब पीने आया था। लेकिन नशे में धुत होने पर गलती से दूसरे व्यक्ति की वैगनआर कार अपने घर ले गया, जबकि अपनी ऑल्टो कार को अहाता के बाहर छोड़ दिया। हरोली पुलिस ऑल्टो कार को थाना ले आई थी। बाद में उक्त व्यक्ति ने पुलिस थाना आकर माफी मांग ली। जिस पर पुलिस ने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया। पुलिस के अनुसार दोनों गाड़ियों को कोई भी चाबी लग जा रही थी।