दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त रुख, अवैध निर्माण पर नहीं चलेगा अधिकार का दावा, जनता की जिंदगी से नहीं होगा समझौता

दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त रुख, अवैध निर्माण पर नहीं चलेगा अधिकार का दावा, जनता की जिंदगी से नहीं होगा समझौता

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi High Court:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक और कड़े फैसले में यह साफ कर दिया है कि राजधानी की सड़कों, नालों और सार्वजनिक जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों को कानून का कोई संरक्षण नहीं मिलेगा.तैमूर नगर ड्रेन के विस्तार को लेकर चल रहे विवाद में अदालत ने अतिक्रमण हटाने की अनुमति देते हुए कहा राजधानी में रहने वाले लाखों ईमानदार और वैध नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती.<br /><br />जस्टिस &nbsp;प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने स्पष्ट किया जिन लोगों ने सार्वजनिक जमीन पर पक्के मकान खड़े कर लिए हैं, वे दूसरों की समस्याओं के लिए जिम्मेदार हैं. बारिश का मौसम आने वाला है और नाले का विस्तार अब टाला नहीं जा सकता.यदि आज यह नहीं रोका गया, तो कल यह पूरे क्षेत्र को जलमग्न कर देगा.<br /><br /><strong>14 परिवारों की पुनर्वास याचिका हुई खारिज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>तैमूर नगर की झुग्गियों में रह रहे 14 परिवारों ने कोर्ट से अपील की थी कि तोड़फोड़ से पहले उन्हें वैकल्पिक आवास दिया जाए.लेकिन अदालत ने DDA की उस दलील को स्वीकार किया जिसमें कहा गया कि ये लोग न तो किसी मान्यता प्राप्त झुग्गी बस्ती के अंतर्गत आते हैं और न ही पुनर्वास नीति 2015 के पात्र हैं.फोटो और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने पाया कि आवेदकों ने पक्के मकान बनाकर नाले का प्रवाह रोक दिया है, जिससे इलाके के अन्य नागरिक बाढ़ जैसी स्थिति में जीवन जीने को मजबूर हैं.<br /><br /><strong>DUSIB को चेतावनी, रैन बसेरों की व्यवस्था करो या कार्रवाई झेलो</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सुनवाई के दौरान जब दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) ने कहा कि नाइट शेल्टर सीमित हैं और पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर चलते हैं, तो अदालत ने सख्त चेतावनी दी.कोर्ट ने टिप्पणी की यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि DUSIB जैसे संवेदनशील मामले में सहयोग नहीं कर रहा.सभी प्रभावित लोगों को अस्थायी आश्रय देना बोर्ड की जिम्मेदारी है.अगर ऐसा नहीं हुआ तो कोर्ट संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><strong>एक दिन की मोहलत, फिर होगी सख्त कार्रवाई</strong><br /><br />कोर्ट ने सभी अतिक्रमणकारियों को स्वेच्छा से स्थान खाली करने का आदेश दिया है. साथ ही यह निर्देश भी दिया कि तोड़फोड़ के दौरान, महिलाएं और बच्चे सुरक्षित रूप से अपना सामान ले जा सकें.<br /><br /><strong>26 मई को फिर होगी सुनवाई ,नजर रहेगी हर कार्रवाई पर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मामला अब 26 मई को फिर से दिल्ली हाई कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां DUSIB और प्रशासन से रिपोर्ट मांगी जाएगी कि लोगों को आश्रय मिला या नहीं.देखना बेहद अहम होगा कि दिल्ली हाई कोर्ट के सख़्त रुख़ के बाद दिल्ली सरकार क्या कदम उठाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”सीएम योगी नहीं अब दिल्ली CM रेखा गुप्ता के सचिव होंगे IAS कौशल राज शर्मा, आदेश जारी” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ias-kaushal-raj-sharma-will-no-longer-be-cm-yogi-secretary-2938775″ target=”_self”>सीएम योगी नहीं अब दिल्ली CM रेखा गुप्ता के सचिव होंगे IAS कौशल राज शर्मा, आदेश जारी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi High Court:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक और कड़े फैसले में यह साफ कर दिया है कि राजधानी की सड़कों, नालों और सार्वजनिक जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों को कानून का कोई संरक्षण नहीं मिलेगा.तैमूर नगर ड्रेन के विस्तार को लेकर चल रहे विवाद में अदालत ने अतिक्रमण हटाने की अनुमति देते हुए कहा राजधानी में रहने वाले लाखों ईमानदार और वैध नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती.<br /><br />जस्टिस &nbsp;प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने स्पष्ट किया जिन लोगों ने सार्वजनिक जमीन पर पक्के मकान खड़े कर लिए हैं, वे दूसरों की समस्याओं के लिए जिम्मेदार हैं. बारिश का मौसम आने वाला है और नाले का विस्तार अब टाला नहीं जा सकता.यदि आज यह नहीं रोका गया, तो कल यह पूरे क्षेत्र को जलमग्न कर देगा.<br /><br /><strong>14 परिवारों की पुनर्वास याचिका हुई खारिज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>तैमूर नगर की झुग्गियों में रह रहे 14 परिवारों ने कोर्ट से अपील की थी कि तोड़फोड़ से पहले उन्हें वैकल्पिक आवास दिया जाए.लेकिन अदालत ने DDA की उस दलील को स्वीकार किया जिसमें कहा गया कि ये लोग न तो किसी मान्यता प्राप्त झुग्गी बस्ती के अंतर्गत आते हैं और न ही पुनर्वास नीति 2015 के पात्र हैं.फोटो और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने पाया कि आवेदकों ने पक्के मकान बनाकर नाले का प्रवाह रोक दिया है, जिससे इलाके के अन्य नागरिक बाढ़ जैसी स्थिति में जीवन जीने को मजबूर हैं.<br /><br /><strong>DUSIB को चेतावनी, रैन बसेरों की व्यवस्था करो या कार्रवाई झेलो</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सुनवाई के दौरान जब दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) ने कहा कि नाइट शेल्टर सीमित हैं और पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर चलते हैं, तो अदालत ने सख्त चेतावनी दी.कोर्ट ने टिप्पणी की यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि DUSIB जैसे संवेदनशील मामले में सहयोग नहीं कर रहा.सभी प्रभावित लोगों को अस्थायी आश्रय देना बोर्ड की जिम्मेदारी है.अगर ऐसा नहीं हुआ तो कोर्ट संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><strong>एक दिन की मोहलत, फिर होगी सख्त कार्रवाई</strong><br /><br />कोर्ट ने सभी अतिक्रमणकारियों को स्वेच्छा से स्थान खाली करने का आदेश दिया है. साथ ही यह निर्देश भी दिया कि तोड़फोड़ के दौरान, महिलाएं और बच्चे सुरक्षित रूप से अपना सामान ले जा सकें.<br /><br /><strong>26 मई को फिर होगी सुनवाई ,नजर रहेगी हर कार्रवाई पर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मामला अब 26 मई को फिर से दिल्ली हाई कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां DUSIB और प्रशासन से रिपोर्ट मांगी जाएगी कि लोगों को आश्रय मिला या नहीं.देखना बेहद अहम होगा कि दिल्ली हाई कोर्ट के सख़्त रुख़ के बाद दिल्ली सरकार क्या कदम उठाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”सीएम योगी नहीं अब दिल्ली CM रेखा गुप्ता के सचिव होंगे IAS कौशल राज शर्मा, आदेश जारी” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ias-kaushal-raj-sharma-will-no-longer-be-cm-yogi-secretary-2938775″ target=”_self”>सीएम योगी नहीं अब दिल्ली CM रेखा गुप्ता के सचिव होंगे IAS कौशल राज शर्मा, आदेश जारी</a></strong></p>  दिल्ली NCR Mock Drill In UP: मॉक ड्रिल के आदेश के बाद आगरा और गोखरपुर में क्या हैं तैयारियां? यहां जानें पूरी जानकारी