यूपी के संभल में 51 लाख रुपए की बीमा पॉलिसी के लिए एक्सिस बैंक के पॉलिसी एडवाइजर ने एक दिव्यांग का कत्ल करवा दिया। पहले उसको जेल से छूटे एक पेशेवर अपराधी से गाड़ी से कुचलवाया गया। तब भी मौत नहीं हुई, तो सिर पर हथौड़े बरसाए। मौत होने के बाद उसे रोड एक्सीडेंट का रूप दिया और FIR करा दी। पुलिस ने भी एक्सीडेंट मानकर फाइल बंद कर दी। शक तब हुआ, जब इस मृत व्यक्ति की 5-5 बीमा पॉलिसी क्लेम के लिए इंश्योरेंस कंपनी पहुंचीं। जांच शुरू हुई तो पता चला कि वो एक्सीडेंट नहीं, प्री-प्लांड मर्डर था। 9 महीने बाद अब इस मामले में पॉलिसी एडवाइजर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये गैंग भी उन्हीं लोगों से जुड़ा है, जो फर्जी बीमा पॉलिसी करके अब तक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा ठग चुके हैं। 1 अगस्त, 2024 को रोड के किनारे मिली थी लाश
संभल के थाना चंदौसी में 1 अगस्त, 2024 को रोड एक्सीडेंट की एक FIR दर्ज हुई। यह FIR बिसौली थाना क्षेत्र के गांव ढिलवारी में रहने वाले राजेंद्र ने दर्ज कराई। इसमें लिखवाया- मेरा भाई दरियाब जाटव 31 जुलाई, 2024 को चंदौसी बाजार जाने के लिए कहकर घर से निकला था। सैनिक चौराहा से आटा की तरफ करीब 150 मीटर दूर सड़क किनारे रात 10 बजे अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी। इसमें दरियाब की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर में चोट लगना पाया गया। पूरे शरीर पर छिलने जैसे भी निशान थे, जैसे आमतौर पर एक्सीडेंट केस में सड़क पर घिसटने से होते हैं। पुलिस ने अज्ञात वाहन की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद चंदौसी पुलिस ने इस केस में फाइनल रिपोर्ट (FR) लगाकर कोर्ट में पेश कर दी और ये फाइल बंद हो गई। मौत के पहले हुई थीं 5 बीमा पॉलिसी
संभल की अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अनुकृति शर्मा ने बताया- हम पहले से हजारों संदिग्ध बीमा पॉलिसी की जांच कर रहे हैं। इंश्योरेंस कंपनियों को भी निर्देश दिए थे कि कोई सस्पेक्ट पॉलिसी दिखे, तो पुलिस को बताएं। पिछले दिनों इंश्योरेंस कंपनियों ने मृतक दरियाब के बारे में बताया था कि मौत से कुछ महीने पहले ही उसकी एक-दो नहीं, पांच बीमा पॉलिसी हुई थीं। इसमें टाटा की 20 लाख, बजाज की 5 लाख, रिलायंस की 10 लाख, ICICI की 10.68 लाख और कृषक बीमा की 5 लाख रुपए की पॉलिसी थी। ये सभी पॉलिसी अक्टूबर-2023 से शुरू हुई थीं। जिन्होंने शव का पंचनामा भरवाया, उन्होंने कराई पॉलिसी
पुलिस ने इसे सस्पेक्ट पॉलिसी मानते हुए जांच शुरू की। पांचों पॉलिसी क्लेम फाइलों में नॉमिनी मृतक का भाई राजेंद्र था। गारंटर हरिओम और पंकज राघव थे। हरिओम का नाम उस वक्त भी लिखा गया था, जब मृतक दरियाब के शव का पंचनामा भरा गया था। पंकज राघव एक्सिस बैंक चंदौसी (संभल) में पॉलिसी एडवाइजर निकला। इन दोनों बातों से पुलिस का शक गहरा गया। पुलिस ने एक्सीडेंट वाली रात हरिओम की मोबाइल लोकेशन निकाली, तो रात 12 बजे के आसपास वह घटनास्थल पर मौजूद पाया गया। इससे पुलिस का शक धीरे-धीरे यकीन में बदलने लगा। हरिओम से पूछताछ शुरू हुई, तो चौंकाने वाली कहानी सामने आने लगी। बैंक में लोन लेने गया था दरियाब, कर दिया बीमा
ASP अनुकृति शर्मा ने बताया- हरिओम भी दरियाब के गांव का रहने वाला है। साल- 2023 के आखिर में वो एक्सिस बैंक चंदौसी में गया। उसको बेटे की शादी के लिए पैसों की जरूरत थी। वहां उसकी मुलाकात पॉलिसी एडवाइजर पंकज राघव से हुई। पंकज ने हरिओम का सिबिल स्कोर खराब बताते हुए लोन नहीं होने की बात कही। इसके एवज में पंकज ने स्कीम बताई कि किसी ऐसे व्यक्ति की बीमा पॉलिसी कर देते हैं, जो अगले कुछ महीनों में मरने वाला हो। हरिओम के दिमाग में अपने गांव के दिव्यांग व्यक्ति दरियाब का नाम आया। जेल से छूटे हत्यारोपी से कराया मर्डर
पुलिस जांच में पता चला कि 31 जुलाई, 2024 की रात आरोपियों ने बहाने से दरियाब को बिसौली में बुलाया। वहां से उसे कार में बैठा लिया। उसको खूब शराब पिलाई। जब वह नशे में हो गया, तो उसे गांव से 27 किलोमीटर दूर संभल जिले में चंदौसी थाना क्षेत्र के सुनसान इलाके में ले गए। वहां उसको गाड़ी से कुचलवाया गया। ये काम प्रताप नामक व्यक्ति ने किया, जो मर्डर केस में 13 साल जेल में रहा और करीब दो साल पहले ही छूटा था। प्रताप गाड़ी लेकर आया और दरियाब को कुचल दिया, लेकिन उसकी मौत नहीं हुई। इसके बाद आरोपियों ने उसके सिर पर हथौड़े बरसाए और मौत सुनिश्चित करने के बाद ही वहां से गए। बैंक के पॉलिसी एडवाइजर पंकज राघव ने किसी को बताए बिना दरियाब की 15.68 लाख रुपए की दो पॉलिसी कैश भी करा ली थीं। 11 साल में कितने एक्सीडेंट क्लेम हुए, जांच शुरू
ASP अनुकृति शर्मा ने बताया- हमने इस पूरे केस में 30 अप्रैल, 2025 को कोर्ट में एक रिपोर्ट भेजी है। इसके बाद एक्सीडेंट के उसी केस को री-ओपन किया गया है। मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ाई गई है। इस मामले में मुख्य हत्यारोपी प्रताप सहित घटना का मास्टरमाइंड एक्सिस बैंक के पॉलिसी एडवाइजर पंकज राघव, पॉलिसी कराने वाले हरिओम और उसके भाई विनोद की गिरफ्तारी हुई है। 5वें आरोपी की तलाश जारी है। 2 मई, 2025 को इन्हें कोर्ट में पेश करके जेल भेजा जाएगा। पंकज राघव पिछले 11 साल से बैंकिंग सेक्टर में काम करता है। अब ये पता कराया जा रहा है कि इन सालों में पंकज ने कितनी बीमा पॉलिसी कराईं? उसमें से एक्सीडेंट संबंधित कितनी पॉलिसी थीं। पुलिस को शक है कि दरियाब की तरह कुछ और भी केस सामने आ सकते हैं। इन दो सवालों के जवाब तलाशते हुए अंजाम तक पहुंची पुलिस
संभल पुलिस ने जब इस एक्सीडेंट केस की फाइल री-ओपेन की, तब दो सबसे बड़े सवाल थे। पहला- दिव्यांग दरियाब इतनी रात को 27 किलोमीटर दूर कैसे पहुंचा? दरअसल, करीब 9 साल पहले एक एक्सीडेंट में दरियाब की कुछ अंगुलियां टूट गई थीं। उसके घुटने में भी इन्फेक्शन हो गया था। इससे वह ट्राईसाइकिल पर बैठकर ही चल पाता था। लेकिन, जब उसकी मौत हुई, जब घटनास्थल पर पुलिस को ट्राईसाइकिल नहीं मिली। दूसरा- जो दरियाब कोई काम नहीं करता हो, वो 5-5 बीमा पॉलिसी का पैसा हर महीने कैसे भरता था? यही दो सवाल थे, जिन्होंने पुलिस के दिमाग में शक पैदा किए कि ये एक्सीडेंट नहीं, प्लांड मर्डर है। गैंग ने ऐसे निकाला पॉलिसी का पैसा
गैंग ने दरियाब के भाई राजेंद्र के सभी डॉक्यूमेंट लेकर एक्सिस बैंक में खाता खुलवाया। पासबुक, चेक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया। फिर राजेंद्र के अकाउंट में क्लेम के रुपए मंगवाए और निकाल लिए। राजेंद्र को इसका पता भी नहीं चला। पुलिस की जांच में भी पता चला कि इस साजिश में राजेंद्र का कोई हाथ नहीं था। कैसे हुई इस पूरे केस की शुरुआत स्कॉर्पियो सवार पकड़े, तो खुलता चला गया गैंग
संभल पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान 17 जनवरी, 2025 को स्कॉर्पियो सवार 2 युवक पकड़े। इनमें मुख्य मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर मिश्रा निवासी वाराणसी के मोबाइल से करीब एक लाख अलग-अलग लोगों के फोटो और कई हजार डॉक्यूमेंट मिले। ये डॉक्यूमेंट बीमा पॉलिसी से जुड़े हुए थे। आगे तफ्तीश हुई तो पता चला कि देश में एक ऐसा गैंग एक्टिव है जो लोगों के मरने से पहले और मरने के बाद हेल्थ बीमा कराता है। पिछले 8 साल से एक्टिव इस गैंग ने अब तक 100 करोड़ से ज्यादा का फ्रॉड इसी तरह किया है। 17 जनवरी के बाद से आज तक लगातार गिरफ्तारियां जारी हैं। करीब 30 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ————————- ये खबर भी पढ़ें… पुलिसवाले मम्मी को ले गए, वो रो रही थी, बिजनौर में बेटी पूछ रही- मां कब आएगी; प्रेमी के साथ मिलकर पति की कराई थी हत्या पुलिस वाले मम्मी को ले गए। जाते-जाते मम्मी रो रही थी, लेकिन पुलिस वालों ने उनको नहीं छोड़ा। पापा को सब लोग कहीं पर छोड़ आए हैं। सब बता रहे हैं, पापा अब कभी वापस नहीं आएंगे। लेकिन, मम्मी तो हमारे पास आएंगी न? उनको पुलिस वाले कब लेकर आएंगे? ये बातें बिजनौर की अमरीन-फारुख की 5 साल की बेटी पलक रो-रोकर परिवार के लोगों से पूछ रही है। पढ़ें पूरी खबर यूपी के संभल में 51 लाख रुपए की बीमा पॉलिसी के लिए एक्सिस बैंक के पॉलिसी एडवाइजर ने एक दिव्यांग का कत्ल करवा दिया। पहले उसको जेल से छूटे एक पेशेवर अपराधी से गाड़ी से कुचलवाया गया। तब भी मौत नहीं हुई, तो सिर पर हथौड़े बरसाए। मौत होने के बाद उसे रोड एक्सीडेंट का रूप दिया और FIR करा दी। पुलिस ने भी एक्सीडेंट मानकर फाइल बंद कर दी। शक तब हुआ, जब इस मृत व्यक्ति की 5-5 बीमा पॉलिसी क्लेम के लिए इंश्योरेंस कंपनी पहुंचीं। जांच शुरू हुई तो पता चला कि वो एक्सीडेंट नहीं, प्री-प्लांड मर्डर था। 9 महीने बाद अब इस मामले में पॉलिसी एडवाइजर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये गैंग भी उन्हीं लोगों से जुड़ा है, जो फर्जी बीमा पॉलिसी करके अब तक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा ठग चुके हैं। 1 अगस्त, 2024 को रोड के किनारे मिली थी लाश
संभल के थाना चंदौसी में 1 अगस्त, 2024 को रोड एक्सीडेंट की एक FIR दर्ज हुई। यह FIR बिसौली थाना क्षेत्र के गांव ढिलवारी में रहने वाले राजेंद्र ने दर्ज कराई। इसमें लिखवाया- मेरा भाई दरियाब जाटव 31 जुलाई, 2024 को चंदौसी बाजार जाने के लिए कहकर घर से निकला था। सैनिक चौराहा से आटा की तरफ करीब 150 मीटर दूर सड़क किनारे रात 10 बजे अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी। इसमें दरियाब की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर में चोट लगना पाया गया। पूरे शरीर पर छिलने जैसे भी निशान थे, जैसे आमतौर पर एक्सीडेंट केस में सड़क पर घिसटने से होते हैं। पुलिस ने अज्ञात वाहन की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद चंदौसी पुलिस ने इस केस में फाइनल रिपोर्ट (FR) लगाकर कोर्ट में पेश कर दी और ये फाइल बंद हो गई। मौत के पहले हुई थीं 5 बीमा पॉलिसी
संभल की अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अनुकृति शर्मा ने बताया- हम पहले से हजारों संदिग्ध बीमा पॉलिसी की जांच कर रहे हैं। इंश्योरेंस कंपनियों को भी निर्देश दिए थे कि कोई सस्पेक्ट पॉलिसी दिखे, तो पुलिस को बताएं। पिछले दिनों इंश्योरेंस कंपनियों ने मृतक दरियाब के बारे में बताया था कि मौत से कुछ महीने पहले ही उसकी एक-दो नहीं, पांच बीमा पॉलिसी हुई थीं। इसमें टाटा की 20 लाख, बजाज की 5 लाख, रिलायंस की 10 लाख, ICICI की 10.68 लाख और कृषक बीमा की 5 लाख रुपए की पॉलिसी थी। ये सभी पॉलिसी अक्टूबर-2023 से शुरू हुई थीं। जिन्होंने शव का पंचनामा भरवाया, उन्होंने कराई पॉलिसी
पुलिस ने इसे सस्पेक्ट पॉलिसी मानते हुए जांच शुरू की। पांचों पॉलिसी क्लेम फाइलों में नॉमिनी मृतक का भाई राजेंद्र था। गारंटर हरिओम और पंकज राघव थे। हरिओम का नाम उस वक्त भी लिखा गया था, जब मृतक दरियाब के शव का पंचनामा भरा गया था। पंकज राघव एक्सिस बैंक चंदौसी (संभल) में पॉलिसी एडवाइजर निकला। इन दोनों बातों से पुलिस का शक गहरा गया। पुलिस ने एक्सीडेंट वाली रात हरिओम की मोबाइल लोकेशन निकाली, तो रात 12 बजे के आसपास वह घटनास्थल पर मौजूद पाया गया। इससे पुलिस का शक धीरे-धीरे यकीन में बदलने लगा। हरिओम से पूछताछ शुरू हुई, तो चौंकाने वाली कहानी सामने आने लगी। बैंक में लोन लेने गया था दरियाब, कर दिया बीमा
ASP अनुकृति शर्मा ने बताया- हरिओम भी दरियाब के गांव का रहने वाला है। साल- 2023 के आखिर में वो एक्सिस बैंक चंदौसी में गया। उसको बेटे की शादी के लिए पैसों की जरूरत थी। वहां उसकी मुलाकात पॉलिसी एडवाइजर पंकज राघव से हुई। पंकज ने हरिओम का सिबिल स्कोर खराब बताते हुए लोन नहीं होने की बात कही। इसके एवज में पंकज ने स्कीम बताई कि किसी ऐसे व्यक्ति की बीमा पॉलिसी कर देते हैं, जो अगले कुछ महीनों में मरने वाला हो। हरिओम के दिमाग में अपने गांव के दिव्यांग व्यक्ति दरियाब का नाम आया। जेल से छूटे हत्यारोपी से कराया मर्डर
पुलिस जांच में पता चला कि 31 जुलाई, 2024 की रात आरोपियों ने बहाने से दरियाब को बिसौली में बुलाया। वहां से उसे कार में बैठा लिया। उसको खूब शराब पिलाई। जब वह नशे में हो गया, तो उसे गांव से 27 किलोमीटर दूर संभल जिले में चंदौसी थाना क्षेत्र के सुनसान इलाके में ले गए। वहां उसको गाड़ी से कुचलवाया गया। ये काम प्रताप नामक व्यक्ति ने किया, जो मर्डर केस में 13 साल जेल में रहा और करीब दो साल पहले ही छूटा था। प्रताप गाड़ी लेकर आया और दरियाब को कुचल दिया, लेकिन उसकी मौत नहीं हुई। इसके बाद आरोपियों ने उसके सिर पर हथौड़े बरसाए और मौत सुनिश्चित करने के बाद ही वहां से गए। बैंक के पॉलिसी एडवाइजर पंकज राघव ने किसी को बताए बिना दरियाब की 15.68 लाख रुपए की दो पॉलिसी कैश भी करा ली थीं। 11 साल में कितने एक्सीडेंट क्लेम हुए, जांच शुरू
ASP अनुकृति शर्मा ने बताया- हमने इस पूरे केस में 30 अप्रैल, 2025 को कोर्ट में एक रिपोर्ट भेजी है। इसके बाद एक्सीडेंट के उसी केस को री-ओपन किया गया है। मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ाई गई है। इस मामले में मुख्य हत्यारोपी प्रताप सहित घटना का मास्टरमाइंड एक्सिस बैंक के पॉलिसी एडवाइजर पंकज राघव, पॉलिसी कराने वाले हरिओम और उसके भाई विनोद की गिरफ्तारी हुई है। 5वें आरोपी की तलाश जारी है। 2 मई, 2025 को इन्हें कोर्ट में पेश करके जेल भेजा जाएगा। पंकज राघव पिछले 11 साल से बैंकिंग सेक्टर में काम करता है। अब ये पता कराया जा रहा है कि इन सालों में पंकज ने कितनी बीमा पॉलिसी कराईं? उसमें से एक्सीडेंट संबंधित कितनी पॉलिसी थीं। पुलिस को शक है कि दरियाब की तरह कुछ और भी केस सामने आ सकते हैं। इन दो सवालों के जवाब तलाशते हुए अंजाम तक पहुंची पुलिस
संभल पुलिस ने जब इस एक्सीडेंट केस की फाइल री-ओपेन की, तब दो सबसे बड़े सवाल थे। पहला- दिव्यांग दरियाब इतनी रात को 27 किलोमीटर दूर कैसे पहुंचा? दरअसल, करीब 9 साल पहले एक एक्सीडेंट में दरियाब की कुछ अंगुलियां टूट गई थीं। उसके घुटने में भी इन्फेक्शन हो गया था। इससे वह ट्राईसाइकिल पर बैठकर ही चल पाता था। लेकिन, जब उसकी मौत हुई, जब घटनास्थल पर पुलिस को ट्राईसाइकिल नहीं मिली। दूसरा- जो दरियाब कोई काम नहीं करता हो, वो 5-5 बीमा पॉलिसी का पैसा हर महीने कैसे भरता था? यही दो सवाल थे, जिन्होंने पुलिस के दिमाग में शक पैदा किए कि ये एक्सीडेंट नहीं, प्लांड मर्डर है। गैंग ने ऐसे निकाला पॉलिसी का पैसा
गैंग ने दरियाब के भाई राजेंद्र के सभी डॉक्यूमेंट लेकर एक्सिस बैंक में खाता खुलवाया। पासबुक, चेक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया। फिर राजेंद्र के अकाउंट में क्लेम के रुपए मंगवाए और निकाल लिए। राजेंद्र को इसका पता भी नहीं चला। पुलिस की जांच में भी पता चला कि इस साजिश में राजेंद्र का कोई हाथ नहीं था। कैसे हुई इस पूरे केस की शुरुआत स्कॉर्पियो सवार पकड़े, तो खुलता चला गया गैंग
संभल पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान 17 जनवरी, 2025 को स्कॉर्पियो सवार 2 युवक पकड़े। इनमें मुख्य मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर मिश्रा निवासी वाराणसी के मोबाइल से करीब एक लाख अलग-अलग लोगों के फोटो और कई हजार डॉक्यूमेंट मिले। ये डॉक्यूमेंट बीमा पॉलिसी से जुड़े हुए थे। आगे तफ्तीश हुई तो पता चला कि देश में एक ऐसा गैंग एक्टिव है जो लोगों के मरने से पहले और मरने के बाद हेल्थ बीमा कराता है। पिछले 8 साल से एक्टिव इस गैंग ने अब तक 100 करोड़ से ज्यादा का फ्रॉड इसी तरह किया है। 17 जनवरी के बाद से आज तक लगातार गिरफ्तारियां जारी हैं। करीब 30 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ————————- ये खबर भी पढ़ें… पुलिसवाले मम्मी को ले गए, वो रो रही थी, बिजनौर में बेटी पूछ रही- मां कब आएगी; प्रेमी के साथ मिलकर पति की कराई थी हत्या पुलिस वाले मम्मी को ले गए। जाते-जाते मम्मी रो रही थी, लेकिन पुलिस वालों ने उनको नहीं छोड़ा। पापा को सब लोग कहीं पर छोड़ आए हैं। सब बता रहे हैं, पापा अब कभी वापस नहीं आएंगे। लेकिन, मम्मी तो हमारे पास आएंगी न? उनको पुलिस वाले कब लेकर आएंगे? ये बातें बिजनौर की अमरीन-फारुख की 5 साल की बेटी पलक रो-रोकर परिवार के लोगों से पूछ रही है। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
दिव्यांग को गाड़ी से कुचलवाया, सिर पर हथौड़े बरसाए:संभल में 51 लाख की पॉलिसी हड़पने के लिए मर्डर, पुलिस ने समझा एक्सीडेंट
