UPSRTC दीपावली और छठ के मौके पर 24 घंटे अतिरिक्त बसों का संचालन कर रहा है। एक सप्ताह में 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक करीब 1 करोड़ लोगों ने रोडवेज बस से पूरे यूपी में यात्रा की है। इससे रेलवे को 134 करोड़ से अधिक की कमाई हुई है। वहीं, 1 नवंबर तक यह आंकड़ा 6 दिनों में 116.59 करोड़ रुपए का है। इस दौरान 6 दिनों में 85.8 लाख लोगों ने रोडवेज बस से सफर किया है। 4 हजार अतिरिक्त बसों का संचालन
दीपावली व छठ पर्व के लिए प्रदेशभर में 4000 अतिरिक्त बसों का संचालन हो रहा है। बसें 7 नवंबर तक दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, अयोध्या, कानपुर सहित अन्य क्षेत्रों से चल रही है। त्योहारी सीजन में रोडवेज की इनकम UPSRTC दीपावली और छठ के मौके पर 24 घंटे अतिरिक्त बसों का संचालन कर रहा है। एक सप्ताह में 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक करीब 1 करोड़ लोगों ने रोडवेज बस से पूरे यूपी में यात्रा की है। इससे रेलवे को 134 करोड़ से अधिक की कमाई हुई है। वहीं, 1 नवंबर तक यह आंकड़ा 6 दिनों में 116.59 करोड़ रुपए का है। इस दौरान 6 दिनों में 85.8 लाख लोगों ने रोडवेज बस से सफर किया है। 4 हजार अतिरिक्त बसों का संचालन
दीपावली व छठ पर्व के लिए प्रदेशभर में 4000 अतिरिक्त बसों का संचालन हो रहा है। बसें 7 नवंबर तक दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, अयोध्या, कानपुर सहित अन्य क्षेत्रों से चल रही है। त्योहारी सीजन में रोडवेज की इनकम उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
रेवाड़ी में करंट लगने से व्यक्ति की मौत:शौच के लिए गया था खेत, जमीन पर पड़ी बिजली के तार की चपेट में आया
रेवाड़ी में करंट लगने से व्यक्ति की मौत:शौच के लिए गया था खेत, जमीन पर पड़ी बिजली के तार की चपेट में आया हरियाणा में रेवाड़ी जिले के बावल कस्बे में एक व्यक्ति की करंट लगने से मौत हो गई। मृतक व्यक्ति शौच के लिए खेत में गया था। इस दौरान वह जमीन पर पड़े बिजली के तार के संपर्क में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया। उसके शव का पोस्टमार्टम गुरुवार को किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी के गांव कालड़ावास निवासी पवन शर्मा (35) बुधवार देर शाम अपने ट्रैक्टर की चक्की ठीक करवाने के लिए बावल कस्बे में श्याम लाल मैकेनिक के पास आया था। उसका बेटा अखिलेश भी बाइक लेकर मैकेनिक के पास पहुंच गया। चक्की ठीक करवाने के बाद पवन ने अपने बेटे अखिलेश से शौच के लिए जाने की बात कही। इसी बीच अखिलेश घर पहुंच गया, लेकिन उसका पिता पवन घर नहीं पहुंचा। खेत में अचेत अवस्था में पड़ा मिला अखिलेश ने बताया कि जब काफी देर तक पिता घर नहीं आए तो उसने पिता के मोबाइल पर काफी कॉल की, लेकिन फोन नहीं उठाया। इसके बाद वह वापस बावल में उन्हें ढूंढने गया। मैकेनिक की दुकान से लेकर काफी अन्य जगह उसने तलाश की, लेकिन पिता का कोई सुराग नहीं लगा। इसके बाद जब वह प्राणपुरा रोड पर पहुंचा तो सड़क किनारे एक शख्स पड़ा हुआ दिखाई दिया। वह पास गया तो अचेत अवस्था में उसके पिता पवन कुमार पड़े हुए थे। अस्पताल में डॉक्टर ने मृत घोषित किया अखिलेश के अनुसार पास में ही बिजली का तार पड़ा था। उसमें करंट आ रहा था। उन्होंने मैकेनिक बुलाकर जांच कराई तो पता चला कि उसमें करंट आ रहा है। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर पुलिस और बिजली विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बिजली के तार की सप्लाई काटने के बाद एंबुलेंस बुलाकर पवन कुमार को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया है। पवन का पोस्टमार्टम गुरुवार को कराया जाएगा।
पंजाब में निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट सख्त:लोकल बॉडीज विभाग को किया तलब, 23 सितंबर तक मांगा जवाब
पंजाब में निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट सख्त:लोकल बॉडीज विभाग को किया तलब, 23 सितंबर तक मांगा जवाब पंजाब में नगर निगमों और नगर परिषदों के चुनाव समय पर न करवाने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की पीठ ने मंगलवार को सरकार से सवाल किया कि कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद चुनाव क्यों नहीं करवाए गए। हाईकोर्ट ने पंजाब के लोकल बॉडीज विभाग के प्रधान सचिव को 23 सितंबर तक विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। मलेरकोटला निवासी बेअंत सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका में यह बताया गया कि पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल समाप्त हुए कई माह हो चुके हैं। इनमें से कई काउंसिल का कार्यकाल दो साल से भी अधिक समय पहले खत्म हो गया है। याचिकाकर्ता ने अदालत को जानकारी दी कि राज्य के कई क्षेत्रों में विकास कार्य ठप पड़े हैं। दायर की गई थी जनहित याचिका अदालत में यह भी बताया गया कि 1 अगस्त 2023 को स्थानीय निकाय विभाग ने चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी की थी, जिसमें चुनाव 1 नवंबर को करवाने की बात कही गई थी। लेकिन चुनाव अभी तक नहीं हुए। याचिकाकर्ता ने 5 जुलाई को सरकार को कानूनी नोटिस भी भेजा था, जिसका कोई जवाब नहीं मिला। याचिका में मांग की गई है कि सरकार को संविधान के अनुसार चुनाव समय पर करवाने के निर्देश दिए जाएं, ताकि म्युनिसिपल काउंसिल्स का कार्यकाल समाप्त होने से पहले नए चुनाव कराए जा सकें।
यूपी उपचुनाव में चंद्रशेखर आजाद-मायावती के इस फैसले से टेंशन में आ जाएगी BJP और सपा-कांग्रेस?
यूपी उपचुनाव में चंद्रशेखर आजाद-मायावती के इस फैसले से टेंशन में आ जाएगी BJP और सपा-कांग्रेस? <p style=”text-align: justify;”><strong>UP By Election 2024:</strong> यूपी की 10 सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने हैं, जिसको लेकर राजनीतिक दल उपचुनाव की तैयारी में जुट चुके हैं. उत्तर प्रदेश में इस समय बीजेपी की आंतरिक कलह चर्चा का विषय बनी हुई है. माना जा रहा है कि यूपी में सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा है. हालांकि अभी तक किसी भी तरफ से कोई ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया है. इस बीच उपचुनाव में जीत को लेकर सीएम योगी ने 30 मंत्रियों की एक टीम बनाकर पहले ही काम पर लगा दिया है. <span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी में चल रही आपसी लड़ाई अपनी जगह है. यूपी बीजेपी के दोनों ही दिग्गज नेता सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपनी तैयारी शुरू कर चुके हैं. आपली कलह के बीच दोनों ही पार्टी की जीत को लेकर बैठक कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम कर रहे हैं.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP </strong><strong>के</strong> <strong>साथ</strong><strong> SP </strong><strong>की</strong> <strong>भी</strong> <strong>बढ़</strong> <strong>गई</strong> <strong>टेंशन<br /></strong>यूपी में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ चुनावी रण में उतरने की तैयारी कर रही है. तो वहीं कांग्रेस और सपा एक साथ चुनाव लड़ने वाले हैं, लेकिन नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूपी</strong> <strong>उपचुनाव</strong> <strong>में</strong> <strong>चंद्रशेखर</strong> <strong>आजाद</strong> <strong>की</strong> <strong>एंट्री<br /></strong>उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है लेकिन चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले ही सियासी दलों ने अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिजनौर की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने यूपी की सभी दस विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उपचुनाव को लेकर विधानसभा की सभी दस सीटों पर उनकी पार्टी प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि देश हित को देखते हुए लोकसभा की सभी सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा था लेकिन 2022 से 2024 तक आजाद समाज पार्टी ने जिस तरह की यूपी में तैयारी की है. इसलिए पार्टी संगठन ने तय किया है कि उपचुनाव सभी दस सीटों पर मजबूती से लड़ा जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BSP </strong><strong>ने</strong><strong> UP </strong><strong>उपचुनाव</strong> <strong>को</strong> <strong>लेकर</strong> <strong>कर</strong> <strong>दिया</strong> <strong>ये</strong> <strong>ऐलान<br /></strong>बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी ये ऐलान किया है यूपी की सभी 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है. मायावती के इस ऐलान से बीजेपी और सपा दोनों ही राजनीतिक पार्टियों को झटका लग सकता है. इसको लेकर मायावती ने तैयारी शुरू कर दी है. उपचुनाव से पहले मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को फिर से बहुजन समाज पार्टी का नेशनल। कोऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी बना दिया है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दलित</strong> <strong>वोटरों</strong> <strong>को</strong> <strong>लुभाने</strong> <strong>की</strong> <strong>कोशिश</strong> <strong>जारी</strong><strong><span class=”Apple-converted-space”> <br /></span></strong>यूपी में होने वाले उपचुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दल दलित समुदाय को लुभाने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में अलग-अलग राजनीतिक दलों के बड़े नेता दलितों को साधने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी पार्टी में मिलाने की भी कोशिश कर रहे हैं. साथ ही इस समय यूपी दलित नेताओं की पूछ भी बढ़ गई है. क्या वाकई में दलित वोट राजनीतिक दलों के लिए सत्ता तक पहुंचने का एक रास्ता है. <span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”>पश्चिमी उत्तर प्रदेश जहां पर आंकड़ों के मुताबिक 21 फीसदी से ज्यादा दलित मतदाता हैं. ऐसे में यह माना जा सकता है कि 5 में से 1 मतदाता, दलित समाज से आता है. इसी वजह से दलित मतदाता खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल की जीत और हार सुनिश्चित करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये</strong> <strong>भी</strong> <strong>पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-speech-in-lok-sabha-he-targets-bjp-pm-modi-government-on-many-issue-2749449″><strong>’10 </strong><strong>साल</strong> <strong>में</strong> <strong>हम</strong> <strong>वहीं</strong> <strong>के</strong> <strong>वहीं</strong> <strong>खड़े</strong> <strong>हैं</strong><strong>…’, </strong><strong>इन</strong> <strong>मुद्दों</strong> <strong>पर</strong> <strong>अखिलेश</strong> <strong>यादव</strong> <strong>ने</strong> <strong>मोदी</strong> <strong>सरकार</strong> <strong>को</strong> <strong>घेरा</strong></a></p>