संसद में स्पीकर द्वारा रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर फटकार लगाने के बाद सांसद ने अब जवाब दिया है। साथ ही कहा कि उनका संविधान से भावनात्मक जुड़ाव है। इसलिए उन्होंने खड़े होकर जय संविधान कहने पर टोकने के बारे में पूछा था। इसके बाद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट साझा की और लिखा कि ‘जय संविधान’ के नारे पर जब आसन द्वारा टोक-टिप्पणी की गई तो मैंने संसद में खड़े होकर आपत्ति दर्ज कराई। इस मुद्दे पर देश के सामने संसद में अपनी बात रखी।’ संविधान सभा के सदस्य थे चौ. रणबीर सिंह संसद में कांग्रेसी सांसद ने शपथ के दौरान जय संविधान बोला और इस पर स्पीकर ने उन्हें टोक दिया था। इसके बाद सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने खड़े होकर विरोध किया। जिस पर स्पीकर ने उनको फटकार लगा दी और बैठने के लिए कहा। इसका जवाब उन्होंने संसद में दिया और बताया कि वे जय संविधान बोलने पर क्यों खड़े हुए। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि संविधान से उनका भावनात्मक भी एक संबंध है। जब यह संविधान बना, जिस संविधान के आधार पर देश व संसद चलता है। बाबा साहेब के नेतृत्व में इसी संसद में संविधान बना तो उनके स्वर्गीय दादा चौ. रणबीर सिंह भी उस संविधान सभा के सदस्य थे। सही-गलत का फैसला देशवासियों व पीठ पर छोड़ा
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जब संविधान की मूल प्रति पर हस्ताक्षर किए गए तो बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के साथ-साथ, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटले, मोलाना आजाद और चौ. रणबीर सिंह के हस्ताक्षर उस मूल प्रति पर किए थे। जब यहां पर जय संविधान बोला गया और पीठ व आसन से टोक-टिप्पणी की गई। तो मैं (दीपेंद्र सिंह हुड्डा) समझता हूं मेरा कर्तव्य महसूस किया कि मेरा यह पूछना कि इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी। उसके बाद पीठ की तरफ से जो कहा गया वह सही था या गलत, इसका फैसला देश वासियों पर, पीठ व आसन पर छोड़ता हूं। संसद में स्पीकर द्वारा रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर फटकार लगाने के बाद सांसद ने अब जवाब दिया है। साथ ही कहा कि उनका संविधान से भावनात्मक जुड़ाव है। इसलिए उन्होंने खड़े होकर जय संविधान कहने पर टोकने के बारे में पूछा था। इसके बाद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट साझा की और लिखा कि ‘जय संविधान’ के नारे पर जब आसन द्वारा टोक-टिप्पणी की गई तो मैंने संसद में खड़े होकर आपत्ति दर्ज कराई। इस मुद्दे पर देश के सामने संसद में अपनी बात रखी।’ संविधान सभा के सदस्य थे चौ. रणबीर सिंह संसद में कांग्रेसी सांसद ने शपथ के दौरान जय संविधान बोला और इस पर स्पीकर ने उन्हें टोक दिया था। इसके बाद सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने खड़े होकर विरोध किया। जिस पर स्पीकर ने उनको फटकार लगा दी और बैठने के लिए कहा। इसका जवाब उन्होंने संसद में दिया और बताया कि वे जय संविधान बोलने पर क्यों खड़े हुए। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि संविधान से उनका भावनात्मक भी एक संबंध है। जब यह संविधान बना, जिस संविधान के आधार पर देश व संसद चलता है। बाबा साहेब के नेतृत्व में इसी संसद में संविधान बना तो उनके स्वर्गीय दादा चौ. रणबीर सिंह भी उस संविधान सभा के सदस्य थे। सही-गलत का फैसला देशवासियों व पीठ पर छोड़ा
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जब संविधान की मूल प्रति पर हस्ताक्षर किए गए तो बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के साथ-साथ, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटले, मोलाना आजाद और चौ. रणबीर सिंह के हस्ताक्षर उस मूल प्रति पर किए थे। जब यहां पर जय संविधान बोला गया और पीठ व आसन से टोक-टिप्पणी की गई। तो मैं (दीपेंद्र सिंह हुड्डा) समझता हूं मेरा कर्तव्य महसूस किया कि मेरा यह पूछना कि इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी। उसके बाद पीठ की तरफ से जो कहा गया वह सही था या गलत, इसका फैसला देश वासियों पर, पीठ व आसन पर छोड़ता हूं। हरियाणा | दैनिक भास्कर