<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu and Kashmir News:</strong> भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (JKLI) रेजिमेंट के अग्निवीरों के पांचवें बैच की पासिंग आउट परेड 5 जून को श्रीनगर के बाना सिंह परेड ग्राउंड में आयोजित की गई. परेड की अध्यक्षता जनरल मनीष एरी कॉर्स ने की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जेकेएलआई रेजिमेंट, जो मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर के रंगरूटों से बनी एक इकाई है, जो अपने विशिष्ट इतिहास के लिए जानी जाती है, जिसमें कारगिल युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण योगदान भी शामिल है, ने आज 31 सप्ताह का कठिन प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 326 अग्निवीरों को शामिल किया और अब वे देश के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्र की सेवा करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अग्निवीराें ने कहा, ‘सपना सच हो गया'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परेड में सटीक अभ्यास के साथ औपचारिक मार्च-पास्ट किया गया, जिसमें अग्निवीरों के अनुशासन और प्रशिक्षण को दिखाया गया. इस कार्यक्रम में सत्यापन समारोह भी शामिल था, जहाँ रंगरूटों को आधिकारिक तौर पर सैनिक बनाया जाता था, अक्सर राष्ट्रगान और “बलिदानम वीर लक्षणम” जैसे रेजिमेंटल गीतों के साथ. प्रशिक्षण, शारीरिक फिटनेस और अन्य सैन्य कौशल में उत्कृष्टता के लिए उत्कृष्ट रंगरूटों को पुरस्कार प्रदान किए गए. नए रंगरूटों ने कहा कि उनका सपना सच हो गया है और अब वे जिस भी तरीके से उन्हें काम करने के लिए कहा जाएगा, देश की सेवा करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अग्निवीरों के परिवाराें ने कहा हमारे बेटे देश के रक्षक हैं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रंगरूटों के सैनिक बनने के इस अवसर को देखने के लिए अग्निवीरों के परिवार के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे. वे सभी इस बात पर गर्व महसूस कर रहे थे कि उनके बेटे अब देश के रक्षक हैं और उन्होंने कहा कि हमें गर्व है और हम चाहते हैं कि उनके बेटे पूरे समर्पण और उच्च उत्साह के साथ देश की सेवा करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>परेड अग्निवीरों के लिए कठोर प्रशिक्षण की परिणति थी, जो भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ भर्ती योजना का हिस्सा हैं. इस योजना में चार साल की सेवा अवधि शामिल है, जिसके बाद चयनित रंगरूटों को सेना में बने रहने का विकल्प दिया जाता है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu and Kashmir News:</strong> भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (JKLI) रेजिमेंट के अग्निवीरों के पांचवें बैच की पासिंग आउट परेड 5 जून को श्रीनगर के बाना सिंह परेड ग्राउंड में आयोजित की गई. परेड की अध्यक्षता जनरल मनीष एरी कॉर्स ने की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जेकेएलआई रेजिमेंट, जो मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर के रंगरूटों से बनी एक इकाई है, जो अपने विशिष्ट इतिहास के लिए जानी जाती है, जिसमें कारगिल युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण योगदान भी शामिल है, ने आज 31 सप्ताह का कठिन प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 326 अग्निवीरों को शामिल किया और अब वे देश के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्र की सेवा करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अग्निवीराें ने कहा, ‘सपना सच हो गया'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>परेड में सटीक अभ्यास के साथ औपचारिक मार्च-पास्ट किया गया, जिसमें अग्निवीरों के अनुशासन और प्रशिक्षण को दिखाया गया. इस कार्यक्रम में सत्यापन समारोह भी शामिल था, जहाँ रंगरूटों को आधिकारिक तौर पर सैनिक बनाया जाता था, अक्सर राष्ट्रगान और “बलिदानम वीर लक्षणम” जैसे रेजिमेंटल गीतों के साथ. प्रशिक्षण, शारीरिक फिटनेस और अन्य सैन्य कौशल में उत्कृष्टता के लिए उत्कृष्ट रंगरूटों को पुरस्कार प्रदान किए गए. नए रंगरूटों ने कहा कि उनका सपना सच हो गया है और अब वे जिस भी तरीके से उन्हें काम करने के लिए कहा जाएगा, देश की सेवा करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अग्निवीरों के परिवाराें ने कहा हमारे बेटे देश के रक्षक हैं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रंगरूटों के सैनिक बनने के इस अवसर को देखने के लिए अग्निवीरों के परिवार के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे. वे सभी इस बात पर गर्व महसूस कर रहे थे कि उनके बेटे अब देश के रक्षक हैं और उन्होंने कहा कि हमें गर्व है और हम चाहते हैं कि उनके बेटे पूरे समर्पण और उच्च उत्साह के साथ देश की सेवा करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>परेड अग्निवीरों के लिए कठोर प्रशिक्षण की परिणति थी, जो भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ भर्ती योजना का हिस्सा हैं. इस योजना में चार साल की सेवा अवधि शामिल है, जिसके बाद चयनित रंगरूटों को सेना में बने रहने का विकल्प दिया जाता है.</p> जम्मू और कश्मीर आरक्षण के दायरे को 85% तक बढ़ाएं, तेजस्वी ने CM नीतीश को लिखा पत्र, चुनाव से पहले खेला दांव!
‘दुश्मनों से करेंगे देश की रक्षा’, श्रीनगर में 326 अग्निवीरों ने ली शपथ, जनरल मनीष एरी भी रहे शामिल
