इसी प्रकार से बवानीखेड़ा विधानसभा क्षेत्र क्षेत्र से चुनावी मैदान में कुल 19 उम्मीदवार थे, जांच के दौरान 7 रिजेक्ट हुए, इनमें से 2 ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। कांग्रेस के प्रदीप नरवाल को हाथ का निशान, भाजपा के कपूर वाल्मीकि को कमल, आप पार्टी के धर्मबीर कुंगड़ को झाड़ू का, बसपा के संदीप को हाथी, जजपा की गुड्डी लांग्यान को चाबी, निर्दलीय सतबीर रतेरा को केतली, आम आदमी परिवर्तन पार्टी की मंजूरानी को टेलीफोन, राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के विकास कुमार को चारपाई, रमेश कुमार को टेलीविजन, रविता को नारियल का चुनाव चिन्ह दिया गया है। कांग्रेस के प्रदीप नरवाल के मैदान में आने से बवानीखेड़ा सीट हॉट सीट बन गई है। यहां पर भाजपा व कांग्रेस में आमने सामने की टक्कर है। भिवानी विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी महेश कुमार ने बताया कि भिवानी विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में कुल 33 उम्मीदवार थे। जांच के दौरान 10 रिजेक्ट हुए हैं इनमें से अपना पांच ने नामांकन वापस ले लिया है। इस तरह से आम आदमी पार्टी की इंदू को झाड़ू, माकपा के ओमप्रकाश को दांती, हथोड़ा व सितारा का चुनाव चिह्न दिया गया है। इनेलो के कर्मबीर यादव को चश्मा, भाजपा के घनश्याम सर्राफ को कमल, पवन फौजी का रोड रोलर, कामरेड राजकुमार को कांच का गिलास, अभिजीत लाल सिंह को सितार, आनंद कुमार को रोबोट, जगत सिंह को सेब, जोगेंद्र को हांडी, पकंज तायल को बल्ला, डॉ. पवन कुमार को कैंची, प्रिया असीजा को एयर कंडीशनर, महाबीर बोहरा को अलमारी, राजीव को बाल्टी, रामअवतार शर्मा को ऑटो रिक्शा, रामकुमार को बेबी वॉकर, सतीश कुमार को सिलाई मशीन का चुनाव चिह्न दिया गया है। तोशाम विधानसभा क्षेत्र से 4 प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस लेने के बाद 15 उम्मीदवार मैदान में रह गए है। रिटर्निंग अधिकारी डॉ. अश्विर सिंह नैन ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले 15 उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न अलाट किए गए। रिटर्निंग अधिकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी से श्रुति चौधरी को कमल, इंडियन नेशनल कांग्रेस से अनिरुद्ध चौधरी को हाथ, राष्ट्रीय जनहित विकास पार्टी से सुभाष चंद्र को ट्रक, जननायक जनता पार्टी से राजेश भारद्वाज को चाबी, बहुजन समाज पार्टी से ओम सिंह को हाथी, पीपल पार्टी ऑफ इंडिया से बाबा बलवान नाथ को फलों की टोकरी, आम आदमी पार्टी के दलजीत सिंह को झाङू, राष्ट्रवादी जन लोक पार्टी से विजेन्द्र सिंह को सीटी व बहुजन मुक्ति पार्टी से प्रदीप को चारपाई का चुनाव चिह्न दिया गया है। इसी प्रकार निर्दलीय उम्मीदवारों में रजनीश कुमार को रोड रोलर, शशि रंजन परमार को गैस सिलेंडर, अनिल कुमार को फुटबॉल खिलाड़ी, बलवान सिंह को बल्ला, कृष्ण कुमार को गन्ना किसान और पुष्पा देवी को चक्की का चुनाव चिह्न दिया गया है। वहीं जगदीश निवासी गांव गोलागढ़, लक्ष्य परमार निवासी विकास नगर भिवानी, जितेंद्र नाथ निवासी विद्या नगर भिवानी व वीरेन्द्र सिंह निवासी गांव खानक ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए हैं। रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम मनोज दलाल ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र से जांच के बाद 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रहे थे। आज 2 उम्मीदवारों नामांकन पत्र वापस ले लिया है। लोहारू विधानसभा क्षेत्र से 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए हैं। उन्होंने बताया कि जननायक जनता पार्टी से अलका को चाबी, आम आदमी पार्टी से गीता बाला को झाड़ू, भारतीय जनता पार्टी से जयप्रकाश दलाल को कमल का फूल, इंडियन नेशनल लोकदल से भूप सिंह को ऐनक तथा इंडियन नेशनल कांग्रेस से राजवीर सिंह को हाथ का निशान मिला है। इसी प्रकार निर्दलीय उम्मीदवार अमर सिंह को सेब, कृष्ण कुमार को फूलगोभी, राजबीर पुत्र बेगराज को कांच का गिलास, राजबीर पुत्र भरत सिंह को बाल्टी, राजबीर पुत्र मूलाराम को टेबल, संजय पुत्र बीरबल को डायमंड, संदीप पुत्र मुकेश सिंह को कोकोनट व सज्जन भारद्वाज को बांसुरी का चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है। लोहारू विधानसभा से भाजपा के जयप्रकाश दलाल व कांग्रेस के राजबीर फरटिया के बीच आमने सामने का मुकाबला है। भास्कर न्यूज | भिवानी विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने के बाद आज जिले की चारों विधानसभाओं में 56 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं। इनमें सबसे अधिक 18 उम्मीदवार भिवानी विधानसभा व सबसे कम 10 उम्मीदवार बवानीखेड़ा विधानसभा में रह गए हैं। इनमें सबसे रोचक मुकाबला तोशाम में देखने को मिल रहा है जहां पर चचेरे भाई बहन मैदान में है। नामांकन वापस लेने के बाद अब पिक्चर कुछ स्पष्ट नजर आने लगी है। भिवानी में जहां चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार बन गए हैं। यह मुकाबला भाजपा, कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी, आप व निर्दलीय उम्मीदवार अभिजीत लाल सिंह के बीच बनता दिखाई दे रहा है। उसी प्रकार तोशाम विधानसभा में चचेरे भाई बहन के बीच शशि रंजन परमार त्रिकोणीय मुकाबला बनाने में लगे हुए है। कांग्रेस के प्रदीप नरवाल के बवानी खेड़ा विधानसभा में आने से यह विधानसभा क्षेत्र हाट सीट बन गया है। क्या पर मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच फंसा हुआ है। लोहारू विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस में भाजपा में आमने-सामने का द्वंद बना हुआ है। इसी प्रकार से बवानीखेड़ा विधानसभा क्षेत्र क्षेत्र से चुनावी मैदान में कुल 19 उम्मीदवार थे, जांच के दौरान 7 रिजेक्ट हुए, इनमें से 2 ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। कांग्रेस के प्रदीप नरवाल को हाथ का निशान, भाजपा के कपूर वाल्मीकि को कमल, आप पार्टी के धर्मबीर कुंगड़ को झाड़ू का, बसपा के संदीप को हाथी, जजपा की गुड्डी लांग्यान को चाबी, निर्दलीय सतबीर रतेरा को केतली, आम आदमी परिवर्तन पार्टी की मंजूरानी को टेलीफोन, राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के विकास कुमार को चारपाई, रमेश कुमार को टेलीविजन, रविता को नारियल का चुनाव चिन्ह दिया गया है। कांग्रेस के प्रदीप नरवाल के मैदान में आने से बवानीखेड़ा सीट हॉट सीट बन गई है। यहां पर भाजपा व कांग्रेस में आमने सामने की टक्कर है। भिवानी विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी महेश कुमार ने बताया कि भिवानी विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में कुल 33 उम्मीदवार थे। जांच के दौरान 10 रिजेक्ट हुए हैं इनमें से अपना पांच ने नामांकन वापस ले लिया है। इस तरह से आम आदमी पार्टी की इंदू को झाड़ू, माकपा के ओमप्रकाश को दांती, हथोड़ा व सितारा का चुनाव चिह्न दिया गया है। इनेलो के कर्मबीर यादव को चश्मा, भाजपा के घनश्याम सर्राफ को कमल, पवन फौजी का रोड रोलर, कामरेड राजकुमार को कांच का गिलास, अभिजीत लाल सिंह को सितार, आनंद कुमार को रोबोट, जगत सिंह को सेब, जोगेंद्र को हांडी, पकंज तायल को बल्ला, डॉ. पवन कुमार को कैंची, प्रिया असीजा को एयर कंडीशनर, महाबीर बोहरा को अलमारी, राजीव को बाल्टी, रामअवतार शर्मा को ऑटो रिक्शा, रामकुमार को बेबी वॉकर, सतीश कुमार को सिलाई मशीन का चुनाव चिह्न दिया गया है। तोशाम विधानसभा क्षेत्र से 4 प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस लेने के बाद 15 उम्मीदवार मैदान में रह गए है। रिटर्निंग अधिकारी डॉ. अश्विर सिंह नैन ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले 15 उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न अलाट किए गए। रिटर्निंग अधिकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी से श्रुति चौधरी को कमल, इंडियन नेशनल कांग्रेस से अनिरुद्ध चौधरी को हाथ, राष्ट्रीय जनहित विकास पार्टी से सुभाष चंद्र को ट्रक, जननायक जनता पार्टी से राजेश भारद्वाज को चाबी, बहुजन समाज पार्टी से ओम सिंह को हाथी, पीपल पार्टी ऑफ इंडिया से बाबा बलवान नाथ को फलों की टोकरी, आम आदमी पार्टी के दलजीत सिंह को झाङू, राष्ट्रवादी जन लोक पार्टी से विजेन्द्र सिंह को सीटी व बहुजन मुक्ति पार्टी से प्रदीप को चारपाई का चुनाव चिह्न दिया गया है। इसी प्रकार निर्दलीय उम्मीदवारों में रजनीश कुमार को रोड रोलर, शशि रंजन परमार को गैस सिलेंडर, अनिल कुमार को फुटबॉल खिलाड़ी, बलवान सिंह को बल्ला, कृष्ण कुमार को गन्ना किसान और पुष्पा देवी को चक्की का चुनाव चिह्न दिया गया है। वहीं जगदीश निवासी गांव गोलागढ़, लक्ष्य परमार निवासी विकास नगर भिवानी, जितेंद्र नाथ निवासी विद्या नगर भिवानी व वीरेन्द्र सिंह निवासी गांव खानक ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए हैं। रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम मनोज दलाल ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र से जांच के बाद 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रहे थे। आज 2 उम्मीदवारों नामांकन पत्र वापस ले लिया है। लोहारू विधानसभा क्षेत्र से 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए हैं। उन्होंने बताया कि जननायक जनता पार्टी से अलका को चाबी, आम आदमी पार्टी से गीता बाला को झाड़ू, भारतीय जनता पार्टी से जयप्रकाश दलाल को कमल का फूल, इंडियन नेशनल लोकदल से भूप सिंह को ऐनक तथा इंडियन नेशनल कांग्रेस से राजवीर सिंह को हाथ का निशान मिला है। इसी प्रकार निर्दलीय उम्मीदवार अमर सिंह को सेब, कृष्ण कुमार को फूलगोभी, राजबीर पुत्र बेगराज को कांच का गिलास, राजबीर पुत्र भरत सिंह को बाल्टी, राजबीर पुत्र मूलाराम को टेबल, संजय पुत्र बीरबल को डायमंड, संदीप पुत्र मुकेश सिंह को कोकोनट व सज्जन भारद्वाज को बांसुरी का चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है। लोहारू विधानसभा से भाजपा के जयप्रकाश दलाल व कांग्रेस के राजबीर फरटिया के बीच आमने सामने का मुकाबला है। भास्कर न्यूज | भिवानी विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने के बाद आज जिले की चारों विधानसभाओं में 56 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं। इनमें सबसे अधिक 18 उम्मीदवार भिवानी विधानसभा व सबसे कम 10 उम्मीदवार बवानीखेड़ा विधानसभा में रह गए हैं। इनमें सबसे रोचक मुकाबला तोशाम में देखने को मिल रहा है जहां पर चचेरे भाई बहन मैदान में है। नामांकन वापस लेने के बाद अब पिक्चर कुछ स्पष्ट नजर आने लगी है। भिवानी में जहां चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार बन गए हैं। यह मुकाबला भाजपा, कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी, आप व निर्दलीय उम्मीदवार अभिजीत लाल सिंह के बीच बनता दिखाई दे रहा है। उसी प्रकार तोशाम विधानसभा में चचेरे भाई बहन के बीच शशि रंजन परमार त्रिकोणीय मुकाबला बनाने में लगे हुए है। कांग्रेस के प्रदीप नरवाल के बवानी खेड़ा विधानसभा में आने से यह विधानसभा क्षेत्र हाट सीट बन गया है। क्या पर मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच फंसा हुआ है। लोहारू विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस में भाजपा में आमने-सामने का द्वंद बना हुआ है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया
हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया हरियाणा में करनाल की एक विधानसभा सीट ऐसी है, जिसकी चर्चा चुनावों के रिजल्ट पर हुए कोर्ट केस को लेकर की जाती है। इस सीट पर वोटों में हेराफेरी कर नेता 2 बार विधायक बने रहे। इसके बाद जब तक कोर्ट का फैसला आया, तब तक तो कार्यकाल भी पूरा हो चुका था। इन चुनावों में हार-जीत का अंतर इतना छोटा था कि रीकाउंटिंग के बाद अदालत भी जल्दी फैसला नहीं सुना सकी। इनमें से एक केस को टाइम निकलने की बात कहकर कोर्ट ने रफा-दफा कर दिया। वहीं, दूसरे चुनाव के रिजल्ट पर कोर्ट में स्टे लिया गया था, जिसके बाद विनिंग कैंडिडेट को केवल 6 महीने के लिए विधायक की कुर्सी मिल पाई। यह करनाल की घरौंडा सीट है। 1996 में आया पहला मामला
पहला विवादित चुनाव 1996 का था जब विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रमेश कश्यप ने इनेलो कैंडिडेट रमेश राणा को मात्र 11 वोटों से हराया था। रिकॉर्ड के अनुसार, 1996 में हारने के बाद रमेश राणा वोटों की रीकाउंटिंग के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए थे। इस मामले में 3 साल बाद हाईकोर्ट ने रमेश राणा के पक्ष में फैसला सुना दिया, लेकिन इस फैसले को रमेश कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर दिया। उन्होंने रीकाउंटिंग में कम वोटों की गिनती को आधार बनाते हुए रिजल्ट पर स्टे ले लिया और विधानसभा भंग होने तक विधायक बने रहे। पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी पूर्व विधायक रेखा राणा का कहना है कि रमेश राणा हाईकोर्ट से केस जीत गए थे। फिर उन्होंने विधायक पद की शपथ भी ली थी। इसके प्रमाण विधानसभा में भी मिल जाएंगे। जबकि, रमेश कश्यप का दावा है कि वह विधानसभा भंग होने तक विधायक रहे और रमेश राणा ने कोई शपथ नहीं ली। 6 महीने तक हम विधानसभा में रहे
रेखा राणा ने बताया है कि 1996 में केंद्र में समता पार्टी व इनेलो का समझौता था। 1996 में बैलेट पेपर से चुनाव होते थे। भाजपा और इनेलो के उम्मीदवारों का नाम भी एक जैसा था। रेखा राणा का आरोप है कि एक प्रभावशाली नेता के बेटे ने वोटों की गिनती में गड़बड़ी करवाई और रमेश कश्यप के पक्ष में रिजल्ट करवा दिया। रेखा ने यह भी आरोप लगाया कि उस प्रभावशाली नेता ने 500 वोट भी कैंसिल करवा दिए थे। इसके बाद हम हाईकोर्ट में गए। वहां वोटों की गिनती दोबारा करवाई गई तो रमेश राणा 157 वोटों से जीते थे। उन्हें शपथ के लिए 20 दिन का समय मिला था। इस समय में शपथ लेनी थी, लेकिन उनकी फाइल को कहीं दबा दिया गया। इसकी वजह से वह शपथ नहीं ले पाए थे। इसी बीच रमेश कश्यप के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगवा दिया था। रेखा का कहना है कि उनके पति रमेश राणा ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर स्टे हटवाया। इसी दौरान हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा का समझौता टूट गया था और इनेलो की सरकार आ गई थी। तब रमेश राणा ने शपथ ली थी और 6 महीने तक विधानसभा में रहे थे। 14 दिसंबर 1999 तक विधायक रहा
वहीं, रमेश कश्यप बताते है कि 1996 के चुनाव में उन्होंने 11 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने बताया, “इसके बाद रमेश राणा ने तुरंत ही हाईकोर्ट में केस डाला। 3 साल बाद हाईकोर्ट ने मेरे खिलाफ फैसला सुनाया। इसके बाद मैं सुप्रीम कोर्ट चला गया और दलील दी कि चुनाव रिजल्ट के दौरान जितने वोटों की गिनती हुई थी, हाईकोर्ट में उतने वोटों की गिनती क्यों नहीं की गई? इस आधार पर हाईकोर्ट के फैसले पर मैंने सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया। इसके बाद जुलाई 1999 में ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने। चौटाला ने 14 दिसंबर 1999 को विधानसभा भंग करवाई और नए चुनाव का ऐलान करवा दिया। 14 दिसंबर 1999 तक मैं ही विधायक था, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में मेरा केस पेंडिंग था। रमेश राणा को शपथ दिलवाई नहीं गई थी। अगर उन्हें शपथ दिलवाई गई होती तो मैं विधायक ही नहीं रहता।” 2005 में जयपाल शर्मा गए थे कोर्ट
उधर, दूसरा केस 2005 के विधानसभा चुनाव का जब इनेलो की टिकट पर पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी रेखा राणा 21 वोटों से इलेक्शन जीतीं। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार जयपाल शर्मा चुनाव हारे तो उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जयपाल शर्मा का आरोप था कि विधानसभा चुनावों में मृत वोट और डबल वोट डाले गए हैं। यह केस करीब साढ़े 7 साल तक चला। इसी दौरान 76 वोट ऐसे निकाल दिए थे, जो मृत थे और डबल थे। लेकिन, बाद में कोर्ट ने यह कहकर पिटीशन खारिज कर दी थी कि अब इसका समय निकल चुका है। विधायक का कार्यकाल पूरा हो चुका है तो केस का कोई औचित्य ही नहीं। ऐसे में वोटों में हेराफेरी के दम पर रेखा राणा पूरे 5 साल तक विधायक बनी रहीं। क्या कहते हैं राजनीति के जानकार
राजनीति के जानकार नैनपाल राणा के मुताबिक, हरियाणा विकास पार्टी और बीजेपी का गठबंधन था। 1996 में रमेश कश्यप को जिता दिया गया, जिसमें धांधलेबाजी की बातें सामने आई थीं। रमेश राणा हाईकोर्ट चले गए, जहां रमेश राणा को जीता हुआ घोषित कर दिया गया था। उन्होंने शपथ ली थी। उन्हें सरकार में केवल 3-4 महीने ही मिले थे, क्योंकि 1999 में बंसी लाल की सरकार गिर गई। ऐसा ही 2005 में हुआ था जब 21 वोटों से रेखा राणा जीत गई थीं। जयपाल शर्मा ने कोर्ट केस कर दिया था, लेकिन यह केस साढ़े 7 साल चला था। विधायक का टर्म पूरा हो ही चुका था।
हरियाणा में डॉक्टर ने BDS स्टूडेंट को किडनैप कर पीटा:बोली-शादी का दबाव बनाया, मना करने पर बंधक बनाई; 7 महीने से पीछे पड़ा था
हरियाणा में डॉक्टर ने BDS स्टूडेंट को किडनैप कर पीटा:बोली-शादी का दबाव बनाया, मना करने पर बंधक बनाई; 7 महीने से पीछे पड़ा था हरियाणा के रोहतक में PGI के डॉक्टर ने छात्रा को किडनैप कर उसके साथ मारपीट की। डॉक्टर ने उसे गाड़ी में ले गया था। विरोध करने पर उसे पीटा। फिर उस गेट के बाहर फेंक दिया। छात्रा ने इसकी शिकायत पीजीआईएमएस प्रशासन को शिकायत दी है। पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पीड़िता अपने घाव दिखाती नजर आ रही है। आरोप है कि आरोपी डॉक्टर उससे शादी करने का दबाव बना रहा। जबकि वह इससे इनकार कर रही थी। पीड़ित छात्रा बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की छात्रा है। वहीं, एनाटॉमी विभाग का रेजिडेंट डॉक्टर मनिंदर छात्र-छात्राओं को पढ़ाता है। खुद एमडी पीजीआईएमएस से एमडी की डिग्री कर रहा था, जिसे अब हेल्थ यूनिवर्सिटी ने कैंसिल कर दिया है। छात्रा के शरीर पर चोट के निशान की 2 तस्वीरें… अब पढ़िए पूरा मामला… मेडिकल कैंपस से ले गया, अंबाला-चंडीगढ़ घुमाई
पीड़ित छात्रा का आरोप है 16 अगस्त की शाम को आरोपी मनिंदर ने मेडिकल कैंपस से उसे अगवा कर लिया। रात को वह उसे अंबाला और चंडीगढ़ घुमाता रहा। आरोप है कि डॉक्टर ने शादी और संबंध बनाने का दबाव बनाया। विरोध करने पर को बुरी तरह पीटा। पिटाई से शरीर पर चोट के निशान बन गए। इसके बाद 17 अगस्त की शाम तकरीबन 3.30 बजे छात्रा को पीजीआईएमएस के गेट पर फेंककर फरार हो गया। इसके बाद छात्रा ने घटना की सूचना परिजनों को दी। उन्होंने पीजीआईएमएस प्रशासन और पुलिस को मामले से अवगत कराया। पुलिस ने अपहरण और मारपीट का मुकदमा दर्ज कर आरोपी डॉक्टर मनिंदर को गिरफ्तार कर लिया। मेडिकल के बाद छात्रा के बयान दर्ज
पुलिस ने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद वकील और परिजनों के सामने छात्रा की काउंसिलिंग कराई। इसके अलावा छात्रा का मेडिकल भी कराया गया, फिर छात्रा के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए गए। 7 माह से पीछे पड़े था डॉक्टर
पीड़ित छात्रा ने बताया कि सीनियर डॉक्टर 7 माह से पीछे पड़े हुए था। जब भी उनको बोलती कि उनके साथ नहीं रहना है तो मारपीट और टॉर्चर करता। उसका सामान छीन लिया जाता। यही नहीं सीनियर डॉक्टर धमकी देता अटेंडेंस शॉर्ट कर देंगे। परीक्षा में नहीं बैठने देंगे डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। मंत्री गुप्ता बोले- बहन-बेटी पर आंख उठाकर देखेंगे तो जवाब देंगे
वहीं शनिवार को हेल्थ मिनिस्टर डॉ कमल गुप्ता PGI पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमने एक्शन शुरू कर दिया है। कल ही मैंने वहां के वाइस चांसलर, डायरेक्टर और SP से बात की थी। डीजीपी से भी इस केस को लेकर चर्चा हुई है। गुप्ता ने बताया कि आरोपी डॉक्टर को मेडिकल कॉलेज से रेस्टिगेट कर दिया गया है। उसके खिलाफ FIR भी दर्ज हो चुकी हैं, कई गंभीर धाराएं भी लगी हैं। उन्होंने कहा कि हमारी हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी की सरकार, वेस्ट बंगाल की TMC की सरकार के तरीके की सरकार नहीं है। अगर कोई हमारी बहन बेटी पर आंख उठाकर देखेगा तो हम उसका करारा जवाब देंगे। मैं प्रदेश की बेटियों से कहना चाहूंगा कि इस तरीके से किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अंबाला में मंत्री असीम गोयल का हुड्डा पर अटैक:बोले- पूर्व CM कांग्रेस राज में हुए घोटालों- भ्रष्टाचार का हिसाब जनता को दें
अंबाला में मंत्री असीम गोयल का हुड्डा पर अटैक:बोले- पूर्व CM कांग्रेस राज में हुए घोटालों- भ्रष्टाचार का हिसाब जनता को दें हरियाणा के परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल ने कहा कि शहर दर शहर घूम रहे कांग्रेसी प्रदेश की जनता को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राज में हुए घोटालों और भ्रष्टाचार का भी हिसाब जरूर दें। कांग्रेसी घर घर जाकर यह भी बताएं कि उनकी सरकार के राज में देश व प्रदेश में कितने घोटाले हुए ? अंबाला में परिवहन मंत्री ने कहा कि 10 साल तक हरियाणा पर राज करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश को पीछे धकेलने के अलावा कुछ नहीं किया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अगर कुछ किया तो वो है भ्रष्टाचार और घोटाले। जिनका हिसाब आज तक जनता इनसे मांग रही है। असीम गोयल ने तंज कसते हुए कहा कि आज कांग्रेस के नेता पुत्र मोह में जकड़े हुए हैं। सोनिया गांधी को राहुल गांधी की तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सिर्फ अपने पुत्र दीपेंद्र हुड्डा की चिंता है। इन्हें प्रदेशवासियों के हित से कोई सरोकार नहीं। आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी प्रदेश वासियों का भाई और बेटा बनकर दिन रात कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे आमजन के लिए 24 घंटे खुले हैं। आज गरीब और किसान के हक पर कोई डाका नहीं डाल सकता। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब खुद कांग्रेस के नेता कहते थे कि सरकार ऊपर से एक रुपया भेजती है तो नीचे जनता तक 15 पैसे ही पहुंचते हैं। लेकिन अब इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लग चुका है। आज प्रधानमंत्री द्वारा भेजा गया एक एक रुपया सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचता है। परिवहन मंत्री असीम गोयल कहा कि कांग्रेस ने अपने राज में हर व्यवस्था को बिगाड़ने का काम किया। आज व्यवस्थाओं में सुधार होता देख इनसे सहन नहीं हो रहा। कांग्रेस द्वारा नौकरियों के नाम पर मचाई गई लूट को प्रदेश की भाजपा सरकार ने जड़ से खत्म कर दिया। आज युवा अपनी प्रतिभा के दम पर नौकरियां हासिल कर रहे हैं। कांग्रेस राज में चलने वाली पर्ची और खर्ची की प्रथा को भाजपा सरकार ने उखाड़ फेंकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज ये लोग प्रदेश की जनता को भ्रमित करके और झूठ बोलकर सिर्फ और सिर्फ अपना राजनीतिक वजूद बचाने के विफल प्रयास कर रहे हैं।