देवरिया में पशु तस्करी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एसपी विक्रांत वीर ने कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने जिले के दो प्रमुख थानों में पशु तस्करी करने वाले दो गिरोहों को रजिस्टर्ड कराया है। पहला गिरोह थाना सलेमपुर क्षेत्र में सक्रिय है, जिसका सरगना दुर्गेश साहनी है जो डोल छपरा का रहने वाला है। इस गिरोह में थाना लार के सजाव निवासी सन्नी देओल और खरदा नीलकंठ के अभिषेक राजभर भी शामिल हैं। दूसरा गिरोह बघौचघाट थाना क्षेत्र में सक्रिय है, जिसका मुखिया तरकुलवा थाना क्षेत्र के नरायनपुर निवासी दुर्गेश उर्फ सोनू यादव है। इस गिरोह में कुशीनगर जिले के कसया थाना क्षेत्र के सपहा नौका टोला निवासी अर्जुन उर्फ राजू यादव और बघौचघाट थाना क्षेत्र के शेख सेमरी निवासी साजिद के पुत्र एकलाख शामिल हैं। पुलिस ने इस गिरोह को डी-42 गैंग के रूप में रजिस्टर्ड किया है और इनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। एसपी की इस सख्त कार्रवाई से क्षेत्र के पशु तस्करों में हड़कंप मच गया है। यह कदम पशु तस्करी की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने में मददगार साबित होगा। देवरिया में पशु तस्करी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एसपी विक्रांत वीर ने कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने जिले के दो प्रमुख थानों में पशु तस्करी करने वाले दो गिरोहों को रजिस्टर्ड कराया है। पहला गिरोह थाना सलेमपुर क्षेत्र में सक्रिय है, जिसका सरगना दुर्गेश साहनी है जो डोल छपरा का रहने वाला है। इस गिरोह में थाना लार के सजाव निवासी सन्नी देओल और खरदा नीलकंठ के अभिषेक राजभर भी शामिल हैं। दूसरा गिरोह बघौचघाट थाना क्षेत्र में सक्रिय है, जिसका मुखिया तरकुलवा थाना क्षेत्र के नरायनपुर निवासी दुर्गेश उर्फ सोनू यादव है। इस गिरोह में कुशीनगर जिले के कसया थाना क्षेत्र के सपहा नौका टोला निवासी अर्जुन उर्फ राजू यादव और बघौचघाट थाना क्षेत्र के शेख सेमरी निवासी साजिद के पुत्र एकलाख शामिल हैं। पुलिस ने इस गिरोह को डी-42 गैंग के रूप में रजिस्टर्ड किया है और इनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। एसपी की इस सख्त कार्रवाई से क्षेत्र के पशु तस्करों में हड़कंप मच गया है। यह कदम पशु तस्करी की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने में मददगार साबित होगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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AMU के मेन गेट पर छात्रों का प्रदर्शन, विश्वविद्यालय प्रबंधन से छात्रों की ये है मांग
AMU के मेन गेट पर छात्रों का प्रदर्शन, विश्वविद्यालय प्रबंधन से छात्रों की ये है मांग <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हर रोज विश्वविद्यालय गेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते दिन छात्रों अलीगढ़ विश्वविद्यालय का गेट बंद कर दिया था. जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को प्रमोट करने का आश्वासन दिया था लेकिन जब 6 महीने बीत जाने के बाद छात्रों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छात्रों का कहना है पहले उनको प्रमोट करने का आश्वासन एएमयू प्रशासन के द्वारा दिया गया था लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद आज तक उनकी सुनवाई नहीं की गई जबकि इंजीनियरिंग फैकेल्टी के छात्रों की रजिस्ट्रेशन की आखिरी डेट 12 अगस्त है जिसमें महज दो दिन बाकी है. एएमयू प्रशासन ने अगर कोई फैसला नहीं लिया तो 122 छात्रों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा. छात्रों का कहना है जिस तरह से एएमयू प्रशासन ने पिछले वर्षों में प्रमोट प्रक्रिया लागू की थी, अबकी बार 122 छात्रों के लिए यह प्रक्रिया लागू की जाए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एएमयू प्रशासन ने छात्रों को प्रमोट करने का आश्वासन</strong><br />एएमयू प्रशासन ने बीते दिनों छात्रों को आश्वासन दिया था उनकी मांगों को पूरा करेंगे और छात्रों को प्रमोट कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं किया गया यही कारण है छात्रों के द्वारा एक बार फिर बाबे सैयद गेट को बंद करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया है छात्रों का कहना है उनकी मानों को पूरा नहीं किया गया तो बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा.</p>
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<figure class=”image”><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/11/e46611c5110034a4fc886f6ac058936b1723343508946898_original.jpg” alt=”छात्रों ने एएमयू गेट पर लगाए बेरिकेड” />
<figcaption>छात्रों ने एएमयू गेट पर लगाए बेरिकेड</figcaption>
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<p style=”text-align: justify;”>छात्र मोहम्मद आरिफ ने बताया कि वह इंजीनियरिंग फैकेल्टी के छात्र है जिनमे 122 छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है जिसको लेकर बीते दिनों भी छात्रों ने फैकल्टी के बाहर प्रदर्शन किया उसके बाद बाबे सय्यद गेट पर भी प्रदर्शन किया. 6 दिन बीत जाने के बाद आज तक छात्रों की मांग को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई जिसके चलते 122 छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर वसीम अली ने कहा कि कुछ छात्र फेल हो गए हैं, जो खुद को पास करने की मांग कर रहे हैं. पूरे मामले में फैकल्टी के द्वारा फैसला लिया जाएगा फिलहाल पूरे मामले की जांच कराई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़े: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/badaun-bjp-mla-mahesh-chandra-gupta-eats-food-on-his-birthday-after-three-years-ann-2758295″><strong>UP Politics: बदायूं से BJP विधायक ने 3 साल बाद खाया अन्न! महेश चंद्र गुप्ता का क्या था संकल्प?</strong></a></p>
बरेली में झाड़-फूंक करने वाले के पास मिले 18.52 लाख:अस्पताल में भर्ती हुआ तो माल हड़पने के लिए सेवादार-मकान मालिक भिड़े; बोरी में भरे थे नोट
बरेली में झाड़-फूंक करने वाले के पास मिले 18.52 लाख:अस्पताल में भर्ती हुआ तो माल हड़पने के लिए सेवादार-मकान मालिक भिड़े; बोरी में भरे थे नोट बरेली में झाड़-फूंक करने वाले के पास से 18 लाख 52 हजार रुपए कैश और चांदी के सिक्के मिले हैं। बोरी और कपड़ों में लपेटकर ये रुपए रखे गए थे। संभल के रहने वाले मियां सैयद अतर अली बहेड़ी के गुरसौली गांव में रईस के मकान को किराए पर लेकर जड़ी बूटियों और ताबीजों से इलाज करते हैं। मियां बीमार हुए तो उनकी सेवादारों और मकान मालिक में संपत्ति हड़पने को लेकर विवाद हो गया। पुलिस ने रुपए व अन्य सामान अपने कब्जे में ले लिया। मियां ने मीडिया से दावा किया कि उनके यहां बरामद होने वाली रकम 20 से 25 लाख रुपए थी, लेकिन पुलिस 18 लाख 52 हजार रुपए ही बता रही है। कैसे रुपए सामने आए, सिलसिलेवार बताते हैं… अतर अली हॉस्पिटल में एडमिट हुए तो शुरू हुआ विवाद
शनिवार को अतर अली (52) की तबीयत खराब हुई। उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। रविवार को उनकी सेवादार रामपुर के मिलक इलाके की दो महिलाओं गुलसफा उर्फ महजबी, कामिल जहां और मकान मालिक रईस के बीच उनके माल हथियाने को लेकर झगड़ा हो गया। सेवादार नगदी और सारा सामान लेकर लोडर से भागने की कोशिश करने लगी। तभी किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस मौके पर पहुंची और सारा सामान कब्जे में लिया। सेवादार और मकान मालिक को हिरासत में लेकर बहेड़ी थाने पुलिस पहुंची। न मियां, न मजिस्ट्रेट बुलाई… पुलिस ने ही गिन लिए कैश
मामले की जानकारी लगते ही मियां आधी रात को ही थाने पहुंच गए। पुलिस ने उनको रुपए नहीं दिए। सेवादार महिलाएं और मकान मालिक को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इसके बाद नोटों की गिनती की। गिनती न तो मियां के सामने की और न ही किसी मजिस्ट्रेट के सामने। फिलहाल, पुलिस ने 18 लाख 52 हजार रुपए कैश बताया है। पुलिस ने कैश मिलने की सूचना आयकर विभाग को भेज दी है। रकम का ब्योरा इनकम टैक्स विभाग को देना होगा
पुलिस का कहना है कि अब इनकम टैक्स विभाग अपनी कार्रवाई करेगा। मियां को इस रकम का ब्योरा इनकम टैक्स विभाग को देना होगा। CO बहेड़ी अरुण कुमार ने बताया- मियां के पास से 18 लाख 52 हजार रुपए मिले हैं। इस बारे में पुलिस के उच्चाधिकारियों के साथ इनकम टैक्स विभाग को मामले की जानकारी दे दी गई है। 10, 20 से लेकर 500 रुपए तक के नोट मिले
मियां सैय्यद अतर अली के किराए के कमरे से मिली 18.52 लाख रुपए की रकम मिलने के बाद पुलिस भी हैरान है। जहां कपड़ों में लपेटकर ये नोट रखे गए थे। इसके बाद प्लास्टिक की बोरी में नोटों को छिपाया गया। मियां संभल जिले के हैं, इससे पहले मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत, संभल, अमरोहा, गजरौला में किराए पर रह चुके हैं। 10, 20 से लेकर 500 रुपए तक के नोट मिले हैं। नकदी के अलावा कुछ चांदी के सिक्के भी मिले हैं। नोट चढ़ावे के बताए जा रहे हैं
SP देहात मुकेश चंद्र मिश्रा का कहना है कि 18.52 लाख रुपए मिलना अपने आप में संदेह है। पूछताछ में मियां ने बताया कि मैं पहले जो भी सामान बेचता, उसी के ये पैसे हैं। कुछ नोट कटे-फटे भी हैं। पुलिस का मानना है कि जैसे चढ़ावे में नोट आते हैं, ऐसे हैं। 500 और 200 रुपए के नोट नए दिख रहे हैं। बैंक खाते के बारे में भी जांच शुरू
मियां सैय्यद संभल के रहने वाले हैं। ऐसे में बरेली पुलिस संभल पुलिस की भी मदद लेगी। जिससे उसकी पूरी कमाई और धंधे का पता चल सके। साथ ही बैंक के खाते के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। मियां ने पूछताछ में बताया कि यह रकम 3 से 4 साल में उन्होंने कमाई है। —————- ये खबर भी पढ़िए- यूपी में मदरसों के बाद ‘मकतब’ ATS की रडार पर, 473 मकतबों में कहां से हो रही है फंडिंग, अफसरों से रिकॉर्ड मांगा यूपी में अब मदरसों के बाद मकतब (नर्सरी और प्री नर्सरी) ATS की रडार पर हैं। ATS गैर-मान्यता प्राप्त मकतबों की जांच करेगी। वेस्ट यूपी के सहारनपुर के 118, शामली के 190 और मुजफ्फरनगर के 165 मकतबों की लिस्ट ATS ने बनाई है। सहारनपुर मंडल के कुल 473 मकतबों की जांच देवबंद की ATS करेगी। 8 बिंदुओं में दो पॉइंट अहम हैं। इन्होंने मान्यता क्यों नहीं ली? इन केंद्रों को चलाने के लिए धन कहां से मिल रहा है? पढ़ें पूरी खबर…
मंडी सांसद कंगना के बयान पर मचा बवाल:करनाल में सड़कों पर उतरी आम आदमी पार्टी, BJP से बर्खास्त और इस्तीफे की मांग
मंडी सांसद कंगना के बयान पर मचा बवाल:करनाल में सड़कों पर उतरी आम आदमी पार्टी, BJP से बर्खास्त और इस्तीफे की मांग हरियाणा के करनाल में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बीजेपी सांसद कंगना रनोट के किसान विरोधी बयान के खिलाफ वाल्मीकि चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी नेताओं ने कंगना के बयान को बेहद निंदनीय और अपमानजनक करार दिया है। आरोप है कि कंगना ने किसानों पर गलत और भ्रामक आरोप लगाए। जिनमें उन्होंने आंदोलन के दौरान बलात्कार और हिंसा की बात कही, और यहां तक कि इसमें चीन और अमेरिका के शामिल होने की बात भी कही। आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह बयान न केवल किसानों का अपमान है, बल्कि उन 750 किसानों की शहादत का भी अपमान है, जिन्होंने आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई। आम आदमी पार्टी का आरोप AAP नेता सुनील बिंदल ने कंगना रनोट के बयान को किसान पुत्रों के खिलाफ इस्तमाल की गई अपमानजनक भाषा बताया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन के दौरान, जब 750 किसानों ने अपनी जान दी, तब भी भाजपा ने उन पर लाठियां बरसाई और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके बावजूद, किसान अपनी मांगों पर डटे रहे, और अंततः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा। AAP नेताओं ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पीएम की जुमलेबाजी की आदत है, और कंगना के बयान से उनकी पार्टी की नीति का पर्दाफाश होता है। इस्तीफे की मांग AAP के जिला उपाध्यक्ष ऋषभ सरदाना ने कंगना रनोट की फिल्मों और उनके इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी छवि और उनके काम किसी से छुपे नहीं हैं। पार्टी ने भाजपा से मांग की है कि कंगना को तुरंत पार्टी से बर्खास्त किया जाए और उनका इस्तीफा लिया जाए। AAP नेताओं ने इस मुद्दे पर भाजपा की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। कंगना के बयान पर विपक्ष का हमलादर कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा से बीजेपी सांसद के रूप में एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता, तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को बांग्लादेश बना दिया जाता। इस बयान के बाद से ही विपक्ष कंगना पर हमलावर हो गया है। हालांकि, बीजेपी इस मुद्दे पर कन्नी काटते हुए कंगना के बयान को उनका निजी विचार बता रही है और पार्टी से अलग रख रही है। इस पूरे प्रकरण ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, जहां विपक्ष भाजपा पर लगातार हमले कर रहा है, वहीं भाजपा इस मामले में दूरी बनाए रखने की कोशिश कर रही है।