हिमाचल प्रदेश के युवा साहित्यकार मनोज कुमार (शिव) की 13 रचनाएं CBSE और ICSE के पाठ्यक्रम में शामिल की गई है। देशभर के छात्र-छात्राएं शैक्षणिक सत्र 2025-26 से मनोज की इन रचनाओं को पढ़ेंगे। इस उपलब्धि के लिए युवा साहित्यकार को हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक के प्रधान मुख्यालय मंडी में सम्मानित किया गया। मनोज कुमार बिलासपुर जिला के नम्होल क्षेत्र के रहने वाले हैं और वर्तमान में वह हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक की शाखा बलद्वाड़ा मंडी में अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विवा एजुकेशन की पाठ्यपुस्तक शृंखला परमिता, सुरखी और संचिता के तहत इन रचनाओं को शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार की गई पुस्तकें इन पुस्तकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2022 (एफएस) और 2023 (एसई) के दिशा निर्देशों के अनुरूप तैयार किया गया है।मनोज कुमार की रचनाएं देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में निरंतर पढ़ने को मिलती हैं। हाल ही में प्रकाशित इनका बाल काव्य संग्रह गीत गाते अक्षर को बच्चों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। पिछले वर्ष भी इनकी बाल रचनाएं लीड संस्था की ओर से तैयार किए गए पाठ्यक्रम में शामिल की गई थीं। बहुमुखी साहित्यकार है मनोज मनोज एक बहुमुखी साहित्यकार हैं, जिन्होंने कविता, कहानी और बाल साहित्य के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नम्होल से हुई। आगे की पढ़ाई में उन्होंने गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, बिलासपुर से विज्ञान विषय में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। एक कहानी संग्रह और बाल काव्य संग्रह प्रकाशित कर चुके मनोज का एक कहानी संग्रह ‘घर वापसी’ और एक बाल काव्य संग्रह ‘गीत गाते अक्षर’ प्रकाशित हो चुका है। उनके लेखन की विशेषता यह है कि वे जीवन के विभिन्न पहलुओं को अपनी कहानियों और कविताओं के माध्यम से सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करते हैं। एक और कहानी संग्रह व बाल कहानी प्रकाशन की तैयारी अब मनोज कुमार का एक और कहानी संग्रह और एक बाल कहानी संग्रह प्रकाशित करने की योजना है। उनकी लेखनी ने साहित्य जगत में बाल साहित्य और संवेदनशील कहानियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनके आगामी संग्रहों का पाठकों को बेसब्री से इंतजार है। हिमाचल प्रदेश के युवा साहित्यकार मनोज कुमार (शिव) की 13 रचनाएं CBSE और ICSE के पाठ्यक्रम में शामिल की गई है। देशभर के छात्र-छात्राएं शैक्षणिक सत्र 2025-26 से मनोज की इन रचनाओं को पढ़ेंगे। इस उपलब्धि के लिए युवा साहित्यकार को हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक के प्रधान मुख्यालय मंडी में सम्मानित किया गया। मनोज कुमार बिलासपुर जिला के नम्होल क्षेत्र के रहने वाले हैं और वर्तमान में वह हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक की शाखा बलद्वाड़ा मंडी में अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विवा एजुकेशन की पाठ्यपुस्तक शृंखला परमिता, सुरखी और संचिता के तहत इन रचनाओं को शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार की गई पुस्तकें इन पुस्तकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2022 (एफएस) और 2023 (एसई) के दिशा निर्देशों के अनुरूप तैयार किया गया है।मनोज कुमार की रचनाएं देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में निरंतर पढ़ने को मिलती हैं। हाल ही में प्रकाशित इनका बाल काव्य संग्रह गीत गाते अक्षर को बच्चों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। पिछले वर्ष भी इनकी बाल रचनाएं लीड संस्था की ओर से तैयार किए गए पाठ्यक्रम में शामिल की गई थीं। बहुमुखी साहित्यकार है मनोज मनोज एक बहुमुखी साहित्यकार हैं, जिन्होंने कविता, कहानी और बाल साहित्य के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नम्होल से हुई। आगे की पढ़ाई में उन्होंने गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, बिलासपुर से विज्ञान विषय में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। एक कहानी संग्रह और बाल काव्य संग्रह प्रकाशित कर चुके मनोज का एक कहानी संग्रह ‘घर वापसी’ और एक बाल काव्य संग्रह ‘गीत गाते अक्षर’ प्रकाशित हो चुका है। उनके लेखन की विशेषता यह है कि वे जीवन के विभिन्न पहलुओं को अपनी कहानियों और कविताओं के माध्यम से सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करते हैं। एक और कहानी संग्रह व बाल कहानी प्रकाशन की तैयारी अब मनोज कुमार का एक और कहानी संग्रह और एक बाल कहानी संग्रह प्रकाशित करने की योजना है। उनकी लेखनी ने साहित्य जगत में बाल साहित्य और संवेदनशील कहानियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनके आगामी संग्रहों का पाठकों को बेसब्री से इंतजार है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल पेयजल घोटाले में अफसरों-ठेकेदारों पर FIR की तैयारी:विजिलेंस की SIU कल सरकार को सौंपेगी जांच रिपोर्ट; टेंडर आवंटन में भी गड़बड़ी मिली हिमाचल प्रदेश के ठियोग में पेयजल घोटाले की प्रारंभिक जांच पूरी हो गई है। ASP विजिलेंस नरवीर राठौर की अध्यक्षता में गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) ने इसकी जांच के दौरान 123 लोगों के बयान कलमबद्ध किए है। विजिलेंस मुख्यालय में आज इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अगले कल यह रिपोर्ट होम सेक्रेटरी को सौंपी जाएगी। इसके बाद सरकार के निर्देशों पर FIR होगी। पेयजल घोटाले में सरकार ने 2 एक्सिइन समेत 10 जेई को पहले ही सस्पेंड कर रखा है। अब इनकी भूमिका को देखा जा रहा है कि लापरवाही किस-किस अधिकारी के स्तर पर हुई है। जिस भी इंजीनियर की भूमिका मामले में संदिग्ध होगी, उन सब पर FIR होगी। अधिकारियों के साथ साथ पानी की सप्लाई करने वाले 4 ठेकेदारों भी लपेटे में आने वाले है। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदारों पर भी FIR होगी। विजिलेंस ने प्रारंभिक जांच में इनके खिलाफ साक्ष्य इकट्ठे कर दिए है। विजिलेंस ने 10 दिन तक की जांच विजिलेंस की SIU ने बीते 10 दिनों के दौरान इस केस से जुड़े इंजीनियर, जल शक्ति विभाग के फील्ड स्टाफ, पानी ढुलाई करने वाले टैंकर-पिकअप मालिक व ड्राइवर के अलावा उन लोगों से भी पूछताछ की है, जिन्हें विभाग ने पानी देने के दावे किए है। टैंडर देने में भी गड़बड़ी इस दौरान लोगों द्वारा दी गई स्टेटमेंट विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान से मेल नहीं खा रहे है। इससे विजिलेंस को बड़े स्तर पर गबन का अंदेशा है। बड़ी बात यह है कि पेयजल सप्लाई के अलावा टैंडर करने में गड़बड़ी हुई है। टैंडर की शर्तों को अनदेखा करके चहेते ठेकेदारों को टैंडर दिए गए। बाइक-होंडा सिटी कार में ढोया पानी बता दें कि ठियोग में जल शक्ति विभाग ने बीते मई-जून महीने में पेयजल सप्लाई के लिए टैंडर किए। दावा किया गया कि इस बार 1.13 करोड़ रुपए का पानी ठियोग क्षेत्र की जनता को टैंकर और पिकअप से पिलाया गया। ठेकेदार ने जब इसके बिल के लिए अप्लाई किया तो बाइक, ऑल्टो के-10, होंडा सिटी, डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर की गाड़ियों के नंबर दिए गए। माकपा नेताओं ने खोली पोली ठियोग के माकपा नेताओं ने इसकी आरटीआई ली तो उसमें घोटाले की पोल खुल गई। इसके बाद पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने एक जनवरी को शिमला में प्रेस कॉफ्रेंस करके इस घोटाले का पर्दाफाश किया। 3 जनवरी को सरकार ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर 10 इंजीनियर को सस्पेंड किया और इसकी जांच विजिलेंस को सौंपी। विजिलेंस ने प्रारंभिक जांच पूरी कर दी है। अब FIR की तैयारी है। जाहिर है कि इससे अधिकारियों के साथ साथ ठेकेदारों की भी मुश्किलें बढ़ने वाली है।
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