<p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> प्रयागराज महाकुंभ में संत-महात्माओं के पंडाल में सिर्फ धर्म और अध्यात्म की ही गंगा नहीं बह रही है, बल्कि यहां देश की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान करने वाले शहीदों को खास अंदाज में नमन भी किया जा रहा है. आस्था के मेले में सेक्टर अठारह का एक पंडाल पूरी तरह शहीदों और उनके परिवार वालों को समर्पित कर दिया गया है. इस पंडाल में धर्म ध्वजा की जगह तिरंगा लहराता नजर आता है तो साथ ही पूरे पंडाल में मुंबई के छब्बीस ग्यारह के साथ ही पुलवामा और कारगिल युद्ध समेत दूसरी जगहों पर शहीद हुए तमाम सैनिकों की तस्वीरें लगाई गई हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मेले में शहीदों की आत्मा की शांति के लिए एक सौ आठ कुंडों की यज्ञशाला बनवाई गई है तो शहीदों के परिवार वालों को बुलाकर उनका सम्मान भी किया जाएगा. देश के लिए समर्पित रहने का संदेश देने वाला यह पंडाल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है तो साथ ही युवाओं को प्रेरित भी कर रहा है. प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर अठारह में हरिश्चंद्र मार्ग पर शहीद ग्राम के नाम से बना पंडाल बेहद ख़ास है. जम्मू कश्मीर के रहने वाले बालक योगेश्वर दास जी महाराज के इस पंडाल में घुसते ही देशभक्ति का एहसास होने लगता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक सौ आठ हवन कुंडों की बड़ी यज्ञशाला बनी</strong><br />पंडाल के गेट पर ही भारतीय सेना व उसके जांबाजों की तस्वीरों वाले कई कटआउट लगाए गए हैं. यहां भजन के बजाय पूरे वक्त देशभक्ति पर आधारित गीत बजते हैं. बालक योगेश्वर दास का यह पंडाल पूरी तरह सैनिकों को समर्पित है. पंडाल में राष्ट्रीय ध्वज तकरीबन सवा सौ फिट की ऊंचाई पर शान से लहराता हुआ नजर आता है. पंडाल में शहीदों की आत्मा की शांति के लिए एक सौ आठ हवन कुंडों की बड़ी यज्ञशाला बनाई गई है. इस यज्ञशाला के लिए काशी से एक सौ आठ वैदिक ब्राह्मणों को बुलाया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>शहीद ग्राम में जल्द शुरू होने वाले शतकुंडीय अति विष्णु महायज्ञ में शामिल होने वाले पंडितों-यजमानों व दूसरे लोगों को सबसे पहल यज्ञशाला के बाहर इकठ्ठा कर वहां राष्ट्रगान कराया जाएगा. राष्ट्रगान के बाद ही लोग यज्ञशाला में दाखिल होंगे. यज्ञशाला के चारों तरफ सौ से ज़्यादा शहीदों की बड़ी तस्वीरें उनके नाम के साथ लगाई गयी हैं. पंडाल में कारगिल और मुम्बई के छब्बीस ग्यारह और पुलवामा हमले समेत दूसरी जगहों पर देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले तकरीबन डेढ़ सौ शहीदों के परिवार वालों को बुलाया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लगाई जाएगी प्रदर्शनी</strong><br />उन्हें शहीदों के नाम पर बनी कुटिया व पंडालों में ठहराया जाएगा और उनका सम्मान भी किया जाएगा. शहीदों को समर्पित एक चित्र प्रदर्शनी भी इस पंडाल में लगाई जाएगी. प्रदर्शनी में शहीदों के बारे में तमाम जानकारियां भी मुहैया कराई जाएंगी. अपने पंडाल को देशभक्ति के रंग में रंगकर उसे शहीदों को समर्पित करने वाले बालक योगेश्वर दास जी के शहीद ग्राम में बिजली के बल्ब भी तिरंगे में शामिल तीन रंगों में ही लगाए गए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बाबा बालक योगेश्वर दास के मुताबिक़ वह देश में सभी चारों जगहों पर लगने वाले कुंभ में इस तरह के आयोजन कर शहीदों के परिवार वालों को यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि शहादत के बाद भी देश अपने जांबाज़ सिपाहियों को हमेशा याद रखता है और संत महात्माओं की कृपा भी उन पर हमेशा बनी रहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/rinku-singh-engagement-who-is-priya-saroj-father-tufani-saroj-biography-2865232″>कौन हैं सपा सांसद प्रिया सरोज के पिता, अखिलेश यादव के करीबी, इलाके के दिग्गज नेताओं में गिनती</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पंडाल में आ रहे श्रद्धालु</strong><br />शहीदों को समर्पित यह पंडाल इस बार के महाकुंभ में लोगों के बीच ख़ास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पंडाल में अति विष्णु महायज्ञ व दूसरे आयोजन औपचारिक तौर पर तीन चार दिन बाद शुरू होंगे, लेकिन इस पंडाल को देखने के लिए रोजाना सैकड़ों की तादात में श्रद्धालु आते हैं. श्रद्धालुओं को बाबा बालक योगेश्वर दास की यह कोशिश काफी प्रभावित करती है. लोगों का कहना है कि इस पंडाल में आकर उन्हें न सिर्फ शहीदों और सैनिकों के बारे में काफी जानकारी मिली है, बल्कि देश के प्रति समर्पित रहने की सीख भी. शहीद ग्राम को देखने आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भी इस प्रयास के लिए बाबा बालक योगेश्वर दास के प्रयास की जमकर सराहना कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कुंभ मेले में धर्म और आध्यात्म के अलग – अलग रंग देखने को मिल रहे हैं, लेकिंन देशभक्ति और शहीदों के सम्मान का यह रंग अनूठा तो है ही साथ ही प्रेरित करने वाला भी. बाबा बालक योगेश्वर दास की इस कोशिश को हर कोई सैल्यूट कर रहा है. कहा जा सकता है कि महाकुंभ में धर्म और आध्यात्मिक के साथ ही देशभक्ति के रंग भी देखने को मिल रहे हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> प्रयागराज महाकुंभ में संत-महात्माओं के पंडाल में सिर्फ धर्म और अध्यात्म की ही गंगा नहीं बह रही है, बल्कि यहां देश की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान करने वाले शहीदों को खास अंदाज में नमन भी किया जा रहा है. आस्था के मेले में सेक्टर अठारह का एक पंडाल पूरी तरह शहीदों और उनके परिवार वालों को समर्पित कर दिया गया है. इस पंडाल में धर्म ध्वजा की जगह तिरंगा लहराता नजर आता है तो साथ ही पूरे पंडाल में मुंबई के छब्बीस ग्यारह के साथ ही पुलवामा और कारगिल युद्ध समेत दूसरी जगहों पर शहीद हुए तमाम सैनिकों की तस्वीरें लगाई गई हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मेले में शहीदों की आत्मा की शांति के लिए एक सौ आठ कुंडों की यज्ञशाला बनवाई गई है तो शहीदों के परिवार वालों को बुलाकर उनका सम्मान भी किया जाएगा. देश के लिए समर्पित रहने का संदेश देने वाला यह पंडाल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है तो साथ ही युवाओं को प्रेरित भी कर रहा है. प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर अठारह में हरिश्चंद्र मार्ग पर शहीद ग्राम के नाम से बना पंडाल बेहद ख़ास है. जम्मू कश्मीर के रहने वाले बालक योगेश्वर दास जी महाराज के इस पंडाल में घुसते ही देशभक्ति का एहसास होने लगता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक सौ आठ हवन कुंडों की बड़ी यज्ञशाला बनी</strong><br />पंडाल के गेट पर ही भारतीय सेना व उसके जांबाजों की तस्वीरों वाले कई कटआउट लगाए गए हैं. यहां भजन के बजाय पूरे वक्त देशभक्ति पर आधारित गीत बजते हैं. बालक योगेश्वर दास का यह पंडाल पूरी तरह सैनिकों को समर्पित है. पंडाल में राष्ट्रीय ध्वज तकरीबन सवा सौ फिट की ऊंचाई पर शान से लहराता हुआ नजर आता है. पंडाल में शहीदों की आत्मा की शांति के लिए एक सौ आठ हवन कुंडों की बड़ी यज्ञशाला बनाई गई है. इस यज्ञशाला के लिए काशी से एक सौ आठ वैदिक ब्राह्मणों को बुलाया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>शहीद ग्राम में जल्द शुरू होने वाले शतकुंडीय अति विष्णु महायज्ञ में शामिल होने वाले पंडितों-यजमानों व दूसरे लोगों को सबसे पहल यज्ञशाला के बाहर इकठ्ठा कर वहां राष्ट्रगान कराया जाएगा. राष्ट्रगान के बाद ही लोग यज्ञशाला में दाखिल होंगे. यज्ञशाला के चारों तरफ सौ से ज़्यादा शहीदों की बड़ी तस्वीरें उनके नाम के साथ लगाई गयी हैं. पंडाल में कारगिल और मुम्बई के छब्बीस ग्यारह और पुलवामा हमले समेत दूसरी जगहों पर देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले तकरीबन डेढ़ सौ शहीदों के परिवार वालों को बुलाया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लगाई जाएगी प्रदर्शनी</strong><br />उन्हें शहीदों के नाम पर बनी कुटिया व पंडालों में ठहराया जाएगा और उनका सम्मान भी किया जाएगा. शहीदों को समर्पित एक चित्र प्रदर्शनी भी इस पंडाल में लगाई जाएगी. प्रदर्शनी में शहीदों के बारे में तमाम जानकारियां भी मुहैया कराई जाएंगी. अपने पंडाल को देशभक्ति के रंग में रंगकर उसे शहीदों को समर्पित करने वाले बालक योगेश्वर दास जी के शहीद ग्राम में बिजली के बल्ब भी तिरंगे में शामिल तीन रंगों में ही लगाए गए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बाबा बालक योगेश्वर दास के मुताबिक़ वह देश में सभी चारों जगहों पर लगने वाले कुंभ में इस तरह के आयोजन कर शहीदों के परिवार वालों को यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि शहादत के बाद भी देश अपने जांबाज़ सिपाहियों को हमेशा याद रखता है और संत महात्माओं की कृपा भी उन पर हमेशा बनी रहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/rinku-singh-engagement-who-is-priya-saroj-father-tufani-saroj-biography-2865232″>कौन हैं सपा सांसद प्रिया सरोज के पिता, अखिलेश यादव के करीबी, इलाके के दिग्गज नेताओं में गिनती</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पंडाल में आ रहे श्रद्धालु</strong><br />शहीदों को समर्पित यह पंडाल इस बार के महाकुंभ में लोगों के बीच ख़ास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पंडाल में अति विष्णु महायज्ञ व दूसरे आयोजन औपचारिक तौर पर तीन चार दिन बाद शुरू होंगे, लेकिन इस पंडाल को देखने के लिए रोजाना सैकड़ों की तादात में श्रद्धालु आते हैं. श्रद्धालुओं को बाबा बालक योगेश्वर दास की यह कोशिश काफी प्रभावित करती है. लोगों का कहना है कि इस पंडाल में आकर उन्हें न सिर्फ शहीदों और सैनिकों के बारे में काफी जानकारी मिली है, बल्कि देश के प्रति समर्पित रहने की सीख भी. शहीद ग्राम को देखने आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भी इस प्रयास के लिए बाबा बालक योगेश्वर दास के प्रयास की जमकर सराहना कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कुंभ मेले में धर्म और आध्यात्म के अलग – अलग रंग देखने को मिल रहे हैं, लेकिंन देशभक्ति और शहीदों के सम्मान का यह रंग अनूठा तो है ही साथ ही प्रेरित करने वाला भी. बाबा बालक योगेश्वर दास की इस कोशिश को हर कोई सैल्यूट कर रहा है. कहा जा सकता है कि महाकुंभ में धर्म और आध्यात्मिक के साथ ही देशभक्ति के रंग भी देखने को मिल रहे हैं.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Shimla News: वक्त पर मिलता इंजेक्शन तो बच जाती जान! हिमकेयर कार्ड का नहीं मिला फायदा, कैंसर मरीज की मौत