दोस्तों संग जयपुर जाने वाले थे नीरज:अहमदाबाद प्लेन क्रैश से 15 दिन पहले आगरा के दोस्तों को भेजा मैसेज, लिखा-पुराने दिन याद करते हैं

दोस्तों संग जयपुर जाने वाले थे नीरज:अहमदाबाद प्लेन क्रैश से 15 दिन पहले आगरा के दोस्तों को भेजा मैसेज, लिखा-पुराने दिन याद करते हैं

‘दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई…काहे को दुनिया बनाई…’ अक्सर नीरज लवानिया यह सॉन्ग गुनगुनाते। वह अकोला (आगरा) के दोस्तों के साथ मिलकर नाइट आउट की प्लानिंग कर रहे थे। आगरा में अपने दोस्तों के वॉट्सऐप ग्रुप पर उन्होंने ऑडियो मैसेज पोस्ट किया था। दोस्तों के साथ घूमने जाने से पहले नीरज अपनी पत्नी अपर्णा का 50वां बर्थडे सेलिब्रेट करने लंदन जा रहे थे। 12 जून की दोपहर 1:38 बजे एयर इंडिया के प्लेन क्रैश में नीरज और अपर्णा की मौत हो गई। आगरा से उनका परिवार दिल्ली पहुंचा है। अकोला में नीरज के दोस्त उनके घर पर इकट्‌ठा हो रहे हैं। दैनिक भास्कर भी परिवार के दर्द को समझने के लिए अकोला पहुंचा। यहां नीरज के बचपन के दोस्तों से मुलाकात की। पढ़िए दोस्तों की यादों में नीरज की कहानी… नरेश ने कहा- हम दोनों की जॉब जयपुर में साथ शुरू हुई
नीरज के बचपन के दोस्त नरेश चाहर कहते हैं- हम दोनों ने करियर की शुरुआत जयपुर से की। नौकरी साथ करते थे, मगर मैं वापस लौट आया था, नीरज वडोदरा चला गया था। नीरज को गाने का बहुत शौक था, उनका फेवरेट गाना था- दुनिया बनाने वाले, क्या तेरे मन में समाई….अक्सर यह गाना वो गाते थे। बहुत हंसमुख थे। बचपन से शरारती थे, सबके लाडले थे। स्वभाव भी बहुत सौम्य था। सबको हंसाते थे। नरेश ने बताया कि हमारा दोस्तों का ग्रुप है, जिसमें 15 दिन पहले नीरज ने एक मैसेज पोस्ट किया था। वो री-यूनियन करने की प्लानिंग कर रहे थे। वोटिंग कराई थी कि जयपुर या आगरा में कहां पार्टी की जाए। उन्होंने ऑडियो मैसेज डाला था कि लंगोटियों पहले की तरह मिलते हैं। एक रिसॉर्ट में नाइट स्टे करते हैं। मस्ती करते हैं, क्रिकेट खेलते हैं, पुरानी बातों को याद करते हैं…। लंदन में मामा रहते हैं, उन्हीं के पास जा रहे थे
नीरज के कजिन गिरीश लवानिया ने बताया- वो मेरे चाचा के बेटे हैं। हम तीन भाई हैं। एक भाई दिल्ली में रहते हैं, जिनका नाम विनोद लवानिया है। दूसरे नंबर पर सतीश और तीसरे नंबर पर नीरज हैं, दो बहनें भी हैं। नीरज ने अकोला के शिव विद्या मंदिर से 8वीं तक की पढ़ाई की, फिर चाहरवाटी इंटर कॉलेज से 12वीं किया। आगरा कॉलेज से बीएससी किया। सन 2000 में नौकरी के लिए शहर चले गए, सबसे पहली जॉब जयपुर में की। वहीं से एमबीए किया। नवंबर में उनके पिता मनोहर लाल लवानिया की मृत्यु हुई थी, जिसमें वो सपरिवार आए थे। गिरीश ने बताया कि नीदरलैंड में भी उन्होंने 3 साल नौकरी की थी। 18 साल की बेटी है, जो ग्रेजुएशन कर रही है। पत्नी अर्पणा का मायका वडोदरा में ही है। लंदन में मामा ससुर रहते हैं, जिनके पास वो छुट्टियां मनाने जा रहे थे। मगर ये हादसा हो गया। हमें अब ऐसा दोस्त नहीं मिलेगा…
संजेश कुमार शर्मा भी नीरज के बचपन के दोस्त हैं। संजेश ने बताया कि उसके जैसा दोस्त नहीं मिलेगा। एक साथ पढ़े, साथ खेले। वो शुरू से बहुत होशियार था। डांस भी बहुत अच्छा करते थे, आप समझिए कि ऑल राउंडर था। नीरज अपने भाई के परिवार का पालन भी कर रहा था। पूरे परिवार को वो ही संभालता था। रूप किशोर ने कहा- वो बुजुर्ग से लेकर बच्चों से बात करते थे
दोस्त रूप किशोर दीक्षित ने बताया कि नीरज का स्वभाव इतना अच्छा था कि जब भी आते थे, सबसे प्यार से मिलते थे। वो ही परिवार के कर्ताधर्ता थे। बुजुर्गों से लेकर छोटे बच्चों से भी बातचीत करते थे। उन्हें सबसे मिलना जुलना पसंद था। मगर अब वो हमारी यादों में हैं, परिवार दिल्ली गया हुआ है, हमें इसी उम्मीद में है कि उनकी मृत्यु का समाचार झूठा साबित हो और वो आगरा आ जाएं। बड़े भाई ने कहा- उनका लंदन का 15 दिन का टूर था
बड़े भाई सतीश लवानिया ने बताया- नीरज को घूमने का शौक था। उनका 15 दिन का टूर था और वे 28 जून को वापस लौटने वाले थे। सुबह जब नीरज से बात हुई थी, तब उन्होंने कहा था कि 12 घंटे में लंदन पहुंच जाएंगे। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। दोपहर में हादसे की जानकारी एक ब्रेकिंग न्यूज मैसेज के जरिए मिली। इसके बाद मैं सन्न रह गया। मैंने नीरज के मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। थोड़ी देर बाद पता चला कि भाई और उनकी पत्नी की मौत हो गई है। शुक्रवार को नीरज के बड़े भाई सतीश, अपनी पत्नी, भतीजे और भांजे के साथ अहमदाबाद के लिए रवाना हुए। वे दिल्ली पहुंच चुके हैं, वहां से फ्लाइट से अहमदाबाद जाएंगे। गुरुवार दोपहर 1:38 बजे एयर इंडिया के विमान ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। दो मिनट बाद ही फ्लाइट क्रैश हो गई। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। मृतकों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी शामिल हैं, हादसे में सिर्फ एक यात्री की जान बची है। वडोदरा की कंपनी में थे मैनेजर
नीरज लवानिया आगरा के अकोला कस्बे के रहने वाले थे। नीरज अहमदाबाद के वडोदरा में एसी नेल्सन (नेल्सन IQ) कंपनी में मैनेजर थे। कई सालों से वे वडोदरा की फेदर स्काई विलास कॉलोनी में परिवार के साथ रह रहे थे। भाई से फोन पर कहा- मैं वापस आकर मिलता हूं
नीरज के बड़े भाई सतीश लवानिया अकोला कस्बे में रहते हैं। उन्होंने बताया- नीरज 15 दिन की लंदन यात्रा पर अपनी पत्नी अपर्णा के साथ जा रहे थे। उनकी 15 साल की बेटी घर पर नानी के पास थी। गुरुवार सुबह 9 बजे नीरज ने एयरपोर्ट जाते समय मुझसे फोन पर बात की थी। वह टैक्सी में थे, अचानक कॉल किया और कहा कि वापस आकर मिलता हूं। मगर फिर उनसे दोबारा संपर्क नहीं हो सका। दोपहर में हादसे की जानकारी मिली। मैंने नीरज के मोबाइल पर कॉल की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया, मगर वहां से भी कुछ जानकारी नहीं मिल सकी। इसके बाद मैंने नीरज की बेटी से बात की। उसने बताया कि जो विमान क्रैश हुआ है, उसी में पापा-मम्मी थे। बाद में एयर इंडिया द्वारा जारी की गई लिस्ट से पता चला कि नीरज और उनकी पत्नी का सीट नंबर 38 और 39 था। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि नीरज और उनकी पत्नी अपर्णा की विमान हादसे में मौत की जानकारी मिली। इस पर तत्काल SDM सदर सचिन राजपूत को मौके पर भेजा गया। SDM ने बताया कि उन्होंने नीरज की बेटी से फोन पर बात की थी। वह वडोदरा से अहमदाबाद के अस्पताल पहुंच गई थी। उसने बताया कि वहां कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है, लेकिन यह जरूर बताया कि उनके पापा-मम्मी इसी फ्लाइट से गए थे। योगी बोले- हादसा अत्यंत दुख और हृदय विदारक ब्रजेश पाठक बोले- पूर्व सीएम रूपाणी को हमेशा याद किया जाएगा
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विमान हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन अपूरणीय क्षति है। भारतीय राजनीति और जनसेवा के क्षेत्र में उनके अविस्मरणीय कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा। राज्यसभा में मैं विजय रूपाणी के साथ सदन में था। मृदुभाषी, सरल व्यक्तित्व एवं हमेशा सभी की मदद को तत्पर विजय रूपाणी के सामाजिक योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। हादसे पर यूपी में शोक, 3 फोटो देखिए… अब एयर इंडिया के बोइंग प्लेन का क्रैश कैसे हुआ, ये जानिए ——————————– यह पढ़े :
अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे में सिर्फ एक यात्री बचा:रमेश विश्वास कुमार की तस्वीर आई सामने, चलते हुए नजर आए; कहा- ये करिश्मे से कम नहीं अहमदाबाद प्लेन हादसे में सिर्फ एक यात्री रमेश विश्वास कुमार जिंदा बचा है। वो प्लेन की 11A पर बैठे थे। रमेश का वीडियो सामने आया है, जिसमें वे घटनास्थल से खुद बाहर निकलते हुए नजर आ रहे हैं। उनके चेहरे जख्म हैं, वो लंगड़ाते हुए चल रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर… ‘दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई…काहे को दुनिया बनाई…’ अक्सर नीरज लवानिया यह सॉन्ग गुनगुनाते। वह अकोला (आगरा) के दोस्तों के साथ मिलकर नाइट आउट की प्लानिंग कर रहे थे। आगरा में अपने दोस्तों के वॉट्सऐप ग्रुप पर उन्होंने ऑडियो मैसेज पोस्ट किया था। दोस्तों के साथ घूमने जाने से पहले नीरज अपनी पत्नी अपर्णा का 50वां बर्थडे सेलिब्रेट करने लंदन जा रहे थे। 12 जून की दोपहर 1:38 बजे एयर इंडिया के प्लेन क्रैश में नीरज और अपर्णा की मौत हो गई। आगरा से उनका परिवार दिल्ली पहुंचा है। अकोला में नीरज के दोस्त उनके घर पर इकट्‌ठा हो रहे हैं। दैनिक भास्कर भी परिवार के दर्द को समझने के लिए अकोला पहुंचा। यहां नीरज के बचपन के दोस्तों से मुलाकात की। पढ़िए दोस्तों की यादों में नीरज की कहानी… नरेश ने कहा- हम दोनों की जॉब जयपुर में साथ शुरू हुई
नीरज के बचपन के दोस्त नरेश चाहर कहते हैं- हम दोनों ने करियर की शुरुआत जयपुर से की। नौकरी साथ करते थे, मगर मैं वापस लौट आया था, नीरज वडोदरा चला गया था। नीरज को गाने का बहुत शौक था, उनका फेवरेट गाना था- दुनिया बनाने वाले, क्या तेरे मन में समाई….अक्सर यह गाना वो गाते थे। बहुत हंसमुख थे। बचपन से शरारती थे, सबके लाडले थे। स्वभाव भी बहुत सौम्य था। सबको हंसाते थे। नरेश ने बताया कि हमारा दोस्तों का ग्रुप है, जिसमें 15 दिन पहले नीरज ने एक मैसेज पोस्ट किया था। वो री-यूनियन करने की प्लानिंग कर रहे थे। वोटिंग कराई थी कि जयपुर या आगरा में कहां पार्टी की जाए। उन्होंने ऑडियो मैसेज डाला था कि लंगोटियों पहले की तरह मिलते हैं। एक रिसॉर्ट में नाइट स्टे करते हैं। मस्ती करते हैं, क्रिकेट खेलते हैं, पुरानी बातों को याद करते हैं…। लंदन में मामा रहते हैं, उन्हीं के पास जा रहे थे
नीरज के कजिन गिरीश लवानिया ने बताया- वो मेरे चाचा के बेटे हैं। हम तीन भाई हैं। एक भाई दिल्ली में रहते हैं, जिनका नाम विनोद लवानिया है। दूसरे नंबर पर सतीश और तीसरे नंबर पर नीरज हैं, दो बहनें भी हैं। नीरज ने अकोला के शिव विद्या मंदिर से 8वीं तक की पढ़ाई की, फिर चाहरवाटी इंटर कॉलेज से 12वीं किया। आगरा कॉलेज से बीएससी किया। सन 2000 में नौकरी के लिए शहर चले गए, सबसे पहली जॉब जयपुर में की। वहीं से एमबीए किया। नवंबर में उनके पिता मनोहर लाल लवानिया की मृत्यु हुई थी, जिसमें वो सपरिवार आए थे। गिरीश ने बताया कि नीदरलैंड में भी उन्होंने 3 साल नौकरी की थी। 18 साल की बेटी है, जो ग्रेजुएशन कर रही है। पत्नी अर्पणा का मायका वडोदरा में ही है। लंदन में मामा ससुर रहते हैं, जिनके पास वो छुट्टियां मनाने जा रहे थे। मगर ये हादसा हो गया। हमें अब ऐसा दोस्त नहीं मिलेगा…
संजेश कुमार शर्मा भी नीरज के बचपन के दोस्त हैं। संजेश ने बताया कि उसके जैसा दोस्त नहीं मिलेगा। एक साथ पढ़े, साथ खेले। वो शुरू से बहुत होशियार था। डांस भी बहुत अच्छा करते थे, आप समझिए कि ऑल राउंडर था। नीरज अपने भाई के परिवार का पालन भी कर रहा था। पूरे परिवार को वो ही संभालता था। रूप किशोर ने कहा- वो बुजुर्ग से लेकर बच्चों से बात करते थे
दोस्त रूप किशोर दीक्षित ने बताया कि नीरज का स्वभाव इतना अच्छा था कि जब भी आते थे, सबसे प्यार से मिलते थे। वो ही परिवार के कर्ताधर्ता थे। बुजुर्गों से लेकर छोटे बच्चों से भी बातचीत करते थे। उन्हें सबसे मिलना जुलना पसंद था। मगर अब वो हमारी यादों में हैं, परिवार दिल्ली गया हुआ है, हमें इसी उम्मीद में है कि उनकी मृत्यु का समाचार झूठा साबित हो और वो आगरा आ जाएं। बड़े भाई ने कहा- उनका लंदन का 15 दिन का टूर था
बड़े भाई सतीश लवानिया ने बताया- नीरज को घूमने का शौक था। उनका 15 दिन का टूर था और वे 28 जून को वापस लौटने वाले थे। सुबह जब नीरज से बात हुई थी, तब उन्होंने कहा था कि 12 घंटे में लंदन पहुंच जाएंगे। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। दोपहर में हादसे की जानकारी एक ब्रेकिंग न्यूज मैसेज के जरिए मिली। इसके बाद मैं सन्न रह गया। मैंने नीरज के मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। थोड़ी देर बाद पता चला कि भाई और उनकी पत्नी की मौत हो गई है। शुक्रवार को नीरज के बड़े भाई सतीश, अपनी पत्नी, भतीजे और भांजे के साथ अहमदाबाद के लिए रवाना हुए। वे दिल्ली पहुंच चुके हैं, वहां से फ्लाइट से अहमदाबाद जाएंगे। गुरुवार दोपहर 1:38 बजे एयर इंडिया के विमान ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। दो मिनट बाद ही फ्लाइट क्रैश हो गई। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। मृतकों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी शामिल हैं, हादसे में सिर्फ एक यात्री की जान बची है। वडोदरा की कंपनी में थे मैनेजर
नीरज लवानिया आगरा के अकोला कस्बे के रहने वाले थे। नीरज अहमदाबाद के वडोदरा में एसी नेल्सन (नेल्सन IQ) कंपनी में मैनेजर थे। कई सालों से वे वडोदरा की फेदर स्काई विलास कॉलोनी में परिवार के साथ रह रहे थे। भाई से फोन पर कहा- मैं वापस आकर मिलता हूं
नीरज के बड़े भाई सतीश लवानिया अकोला कस्बे में रहते हैं। उन्होंने बताया- नीरज 15 दिन की लंदन यात्रा पर अपनी पत्नी अपर्णा के साथ जा रहे थे। उनकी 15 साल की बेटी घर पर नानी के पास थी। गुरुवार सुबह 9 बजे नीरज ने एयरपोर्ट जाते समय मुझसे फोन पर बात की थी। वह टैक्सी में थे, अचानक कॉल किया और कहा कि वापस आकर मिलता हूं। मगर फिर उनसे दोबारा संपर्क नहीं हो सका। दोपहर में हादसे की जानकारी मिली। मैंने नीरज के मोबाइल पर कॉल की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया, मगर वहां से भी कुछ जानकारी नहीं मिल सकी। इसके बाद मैंने नीरज की बेटी से बात की। उसने बताया कि जो विमान क्रैश हुआ है, उसी में पापा-मम्मी थे। बाद में एयर इंडिया द्वारा जारी की गई लिस्ट से पता चला कि नीरज और उनकी पत्नी का सीट नंबर 38 और 39 था। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि नीरज और उनकी पत्नी अपर्णा की विमान हादसे में मौत की जानकारी मिली। इस पर तत्काल SDM सदर सचिन राजपूत को मौके पर भेजा गया। SDM ने बताया कि उन्होंने नीरज की बेटी से फोन पर बात की थी। वह वडोदरा से अहमदाबाद के अस्पताल पहुंच गई थी। उसने बताया कि वहां कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है, लेकिन यह जरूर बताया कि उनके पापा-मम्मी इसी फ्लाइट से गए थे। योगी बोले- हादसा अत्यंत दुख और हृदय विदारक ब्रजेश पाठक बोले- पूर्व सीएम रूपाणी को हमेशा याद किया जाएगा
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विमान हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन अपूरणीय क्षति है। भारतीय राजनीति और जनसेवा के क्षेत्र में उनके अविस्मरणीय कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा। राज्यसभा में मैं विजय रूपाणी के साथ सदन में था। मृदुभाषी, सरल व्यक्तित्व एवं हमेशा सभी की मदद को तत्पर विजय रूपाणी के सामाजिक योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। हादसे पर यूपी में शोक, 3 फोटो देखिए… अब एयर इंडिया के बोइंग प्लेन का क्रैश कैसे हुआ, ये जानिए ——————————– यह पढ़े :
अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे में सिर्फ एक यात्री बचा:रमेश विश्वास कुमार की तस्वीर आई सामने, चलते हुए नजर आए; कहा- ये करिश्मे से कम नहीं अहमदाबाद प्लेन हादसे में सिर्फ एक यात्री रमेश विश्वास कुमार जिंदा बचा है। वो प्लेन की 11A पर बैठे थे। रमेश का वीडियो सामने आया है, जिसमें वे घटनास्थल से खुद बाहर निकलते हुए नजर आ रहे हैं। उनके चेहरे जख्म हैं, वो लंगड़ाते हुए चल रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर