अयोध्या में भाजपा की हुई हार के बाद इन दिनों सोशल मीडिया पर वहां के निवासियों के लिए भला बुरा कहा जा रहा है। अयोध्या वासियों पर की जा रही बयान बाजी से आहत होकर धर्म गुरु देवकी नंदन महाराज ने कहा यह गलत है। हार के कारणों तक पहुंचने के लिए मंथन होना चाहिए न कि वहां के निवासियों को भला बुरा कहा जाए। अयोध्या वासियों का अपमान करने वाले लोग भगवान राम के धाम और उनकी नगरी के निवासियों का अपमान कर रहे हैं। हिंदुओं के सहयोग से मिली भाजपा को अधिक सीट भागवत प्रवक्ता देवकी नंदन महाराज ने कहा कि अयोध्या में बीजेपी के चुनाव न जीतने पर मंथन होना चाहिये । हिंदुत्व के नाम पर अयोध्या वासियों को बुरा-भला कह कर भगवान के धाम और वहाँ के निवासियों का अपमान करना गलत है । बीजेपी के नाम पर अन्य संगठनों के लोग सनातनियों में फूट डालने की साजिश कर रहे हैं । हिंदुओं के सहयोग से ही पूरे भारत में बीजेपी को सबसे अधिक सीट मिली हैं। राम मंदिर का भाजपा को श्रेय और लाभ मिला वृंदावन छटीकरा मार्ग स्थित प्रिया कांत जु मंदिर में शनिवार की देर शाम आरती के बाद शिष्यों से आध्यात्मिक चर्चा कर रहे देवकी नंदन महाराज ने कहा कि श्रीराम का मंदिर केवल अयोध्या वासियों के लिये नहीं बना है । मोदी सरकार के कार्यकाल में इसके निर्माण से पूरे भारत के हिंदुओं का मान बढ़़ा है। पूरे देश में बीजेपी को इसका श्रेय और लाभ भी मिला है, यह भूलना नहीं चाहिये। मथुरा में हेमा मालिनी की करीब तीन लाख मतों से जीत इसका उदाहरण है। देवकी नंदन महाराज ने कहा कि चुनावों में स्थानीय मुद्दे और अन्य समीकरण भी मायने रखते हैं । दुर्भाग्य से कई स्थानों पर हिंदुत्व पर जातिगत समीकरण भारी पड़े हैं। बीजेपी की हार पर अयोध्या वासियों के लिये अप शब्द, और बहिष्कार की बातें लिखी जा रही हैं, इस पर रोक लगानी चाहिये। उन्होंने कहा कि हिंदुओं में विघटन करने की साजिश में शामिल होने की बजाय हार के कारणों पर मंथन करना चाहिये। प्रधानमंत्री को दी बधाई नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देते हुये देवकी नंदन महाराज ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है। पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ा है और यहां की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया देख रही है। रविवार से नौहझील में सुनायेंगे भागवत कथा रविवार को नौहझील में झाड़ी वाले हनुमान जी मंदिर पर देवकी नंदन महाराज के सानिध्य में भागवत कथा प्रारम्भ होगी । इसके लिये मंदिर पर विशाल पंडाल एवं व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गयी हैं । प्रिया कांत जु मंदिर सचिव विजय शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि ‘सुदामा कुटी’ सुतीक्ष्ण दास जी महाराज के संकल्प एवं झाड़ी वाले हनुमान मंदिर भक्तों के सहयोग से 9 से 15 जून तक कथा का आयोजन किया जा रहा है । इसमें दोपहर 2 बजे से सांय 6 बजे तक प्रतिदिन देवकी नंदन ठाकुर जी महाराज भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करायेंगे । अयोध्या में भाजपा की हुई हार के बाद इन दिनों सोशल मीडिया पर वहां के निवासियों के लिए भला बुरा कहा जा रहा है। अयोध्या वासियों पर की जा रही बयान बाजी से आहत होकर धर्म गुरु देवकी नंदन महाराज ने कहा यह गलत है। हार के कारणों तक पहुंचने के लिए मंथन होना चाहिए न कि वहां के निवासियों को भला बुरा कहा जाए। अयोध्या वासियों का अपमान करने वाले लोग भगवान राम के धाम और उनकी नगरी के निवासियों का अपमान कर रहे हैं। हिंदुओं के सहयोग से मिली भाजपा को अधिक सीट भागवत प्रवक्ता देवकी नंदन महाराज ने कहा कि अयोध्या में बीजेपी के चुनाव न जीतने पर मंथन होना चाहिये । हिंदुत्व के नाम पर अयोध्या वासियों को बुरा-भला कह कर भगवान के धाम और वहाँ के निवासियों का अपमान करना गलत है । बीजेपी के नाम पर अन्य संगठनों के लोग सनातनियों में फूट डालने की साजिश कर रहे हैं । हिंदुओं के सहयोग से ही पूरे भारत में बीजेपी को सबसे अधिक सीट मिली हैं। राम मंदिर का भाजपा को श्रेय और लाभ मिला वृंदावन छटीकरा मार्ग स्थित प्रिया कांत जु मंदिर में शनिवार की देर शाम आरती के बाद शिष्यों से आध्यात्मिक चर्चा कर रहे देवकी नंदन महाराज ने कहा कि श्रीराम का मंदिर केवल अयोध्या वासियों के लिये नहीं बना है । मोदी सरकार के कार्यकाल में इसके निर्माण से पूरे भारत के हिंदुओं का मान बढ़़ा है। पूरे देश में बीजेपी को इसका श्रेय और लाभ भी मिला है, यह भूलना नहीं चाहिये। मथुरा में हेमा मालिनी की करीब तीन लाख मतों से जीत इसका उदाहरण है। देवकी नंदन महाराज ने कहा कि चुनावों में स्थानीय मुद्दे और अन्य समीकरण भी मायने रखते हैं । दुर्भाग्य से कई स्थानों पर हिंदुत्व पर जातिगत समीकरण भारी पड़े हैं। बीजेपी की हार पर अयोध्या वासियों के लिये अप शब्द, और बहिष्कार की बातें लिखी जा रही हैं, इस पर रोक लगानी चाहिये। उन्होंने कहा कि हिंदुओं में विघटन करने की साजिश में शामिल होने की बजाय हार के कारणों पर मंथन करना चाहिये। प्रधानमंत्री को दी बधाई नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देते हुये देवकी नंदन महाराज ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है। पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ा है और यहां की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया देख रही है। रविवार से नौहझील में सुनायेंगे भागवत कथा रविवार को नौहझील में झाड़ी वाले हनुमान जी मंदिर पर देवकी नंदन महाराज के सानिध्य में भागवत कथा प्रारम्भ होगी । इसके लिये मंदिर पर विशाल पंडाल एवं व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गयी हैं । प्रिया कांत जु मंदिर सचिव विजय शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि ‘सुदामा कुटी’ सुतीक्ष्ण दास जी महाराज के संकल्प एवं झाड़ी वाले हनुमान मंदिर भक्तों के सहयोग से 9 से 15 जून तक कथा का आयोजन किया जा रहा है । इसमें दोपहर 2 बजे से सांय 6 बजे तक प्रतिदिन देवकी नंदन ठाकुर जी महाराज भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करायेंगे । उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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उत्तराखंड मंत्रिमंडल विस्तार पर आई बड़ी जानकारी, सीएम धामी ने दिया जवाब
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शिवपाल यादव नहीं, दलित वर्ग से होगा नेता प्रतिपक्ष:अखिलेश के PDA फार्मूले पर होगा चयन; इंद्रजीत सरोज रेस में सबसे आगे
शिवपाल यादव नहीं, दलित वर्ग से होगा नेता प्रतिपक्ष:अखिलेश के PDA फार्मूले पर होगा चयन; इंद्रजीत सरोज रेस में सबसे आगे सांसद बनने के बाद सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने करहल से विधायक की कुर्सी छोड़ दी। इसके बाद यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यानी नेता विरोधी दल का पद खाली हो गया। पार्टी के भीतर ऐसे नेता की तलाश चल रही है, जो अखिलेश की जगह ले सके। जिसमें सपा के सियासी एजेंडे को आगे बढ़ाने और योगी सरकार को घेरने की ताकत हो। इसमें सबसे मजबूत दावेदार हैं शिवपाल यादव। वह पहले भी नेता विरोधी दल रह चुके हैं। मगर, चर्चा है कि अखिलेश यादव ‘परिवारवाद’ के आरोपों से बचने के लिए शिवपाल यादव को इस कुर्सी पर नहीं बैठाना चाहते। वहीं, शिवपाल ने न तो अभी तक हामी भरी है और न ही पद लेने से मना किया। चर्चा है, अखिलेश सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज या राम अचल राजभर के नाम पर मुहर लगा सकते हैं। दो और नामों की भी चर्चा है। ये मऊ के महमूदाबाद से विधायक राजेंद्र कुमार, बस्ती से विधायक राजेंद्र प्रसाद चौधरी हैं। दावा है, 2027 की तैयारी में जुटी सपा PDA के फॉर्मूले के तहत ही नेता विरोधी दल का चयन करेगी। अखिलेश यादव ने मीडिया के एक सवाल पर कहा- जल्द ही पार्टी बैठक कर नेता विरोधी दल का चयन कर लेगी।
शिवपाल यादव कितने मजबूत दावेदार? अगर वह नेता प्रतिपक्ष नहीं बने तो किसके नाम पर मुहर लगेगी, पढ़िए… शिवपाल यादव: वर्तमान में जसवंतनगर से विधायक हैं। 6 बार से विधायक शिवपाल 2009 से 2012 तक नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। क्यों नहीं बनाए जा सकते: अखिलेश यादव दिल्ली की राजनीति करेंगे। वह लोकसभा में सपा संसदीय दल के नेता बनेंगे। लोकसभा चुनाव में परिवार के 5 सदस्यों को टिकट देने के बाद परिवारवाद को लेकर भाजपा अखिलेश पर हमलावर रही। ऐसे में नेता विरोधी दल अगर शिवपाल यादव को बनाया जाता है, तो फिर से भाजपा को मुद्दा मिल जाएगा। भाजपा कहेगी, अखिलेश यादव हटे तो उन्होंने अपने चाचा को आगे बढ़ा दिया। इंद्रजीत सरोज: 5 बार के विधायक इंद्रजीत सरोज नेता विरोधी दल पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं। कौशांबी की मंझनपुर सीट के विधायक इंद्रजीत सरोज वर्तमान में विधानसभा में विपक्ष के उपनेता सदन हैं। बसपा की मायावती सरकार में समाज कल्याण मंत्री भी रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में इंद्रजीत के बेटे पुष्पेंद्र सरोज कौशांबी से सांसद चुने गए। क्यों बनाए जा सकते हैं: राजनीतिक जानकार मानते हैं, इंद्रजीत सरोज 1985 से 2017 तक बसपा में काफी एक्टिव रहे। बहुजन मूवमेंट की राजनीति में भरोसा रखते हैं। उनके पास संगठन और सरकार के कामकाज का लंबा अनुभव है। इंद्रजीत सरोज ने अपनी उपयोगिता और भूमिका 2024 के लोकसभा चुनाव में बेटे पुष्पेंद्र सरोज को चुनाव जितवाकर दिखाई। पासी जाति से आने वाले इंद्रजीत सरोज सपा के PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के फॉर्मूले में बिल्कुल फिट बैठते हैं। रामअचल राजभर: पिछड़ी जाति से आने वाले अंबेडकरनगर की अकबरपुर सीट के विधायक रामअचल राजभर भी नेता प्रतिपक्ष की रेस में हैं। 6 बार के विधायक राजभर 2007 से 2012 तक मायावती सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं। स्व-जातियों में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। क्यों बनाए जा सकते हैं: राजनीतिक जानकार मानते हैं, अखिलेश यादव इस बार अति पिछड़े या दलित नेता को आगे बढ़ाने के लिए हर प्रयोग कर रहे। 2024 के लोकसभा टिकट में उन्होंने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी अन्य सीट पर यादव नेता को चुनावी मैदान में नहीं उतारा। उन्होंने ओबीसी वर्ग की अन्य जातियों के उम्मीदवारों को मौका दिया। जिसका फायदा उन्हें चुनाव में भी मिला। इसलिए 2027 के चुनाव को देखते हुए अति पिछड़ी जाति से आने वाले रामअचल को नेता विरोधी दल की जिम्मेदारी दे सकते हैं। पॉलिटिकल एक्सपर्ट बोले- अपने कद के नेता को जिम्मेदारी देंगे अखिलेश
पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रभा शंकर कहते हैं- अखिलेश यादव अगर नेता विरोधी दल का पद छोड़ रहे हैं, तो अपने कद के नेता को ही वह जिम्मेदारी देंगे। अखिलेश के बाद प्रमुख नेता शिवपाल सिंह यादव ही माने जाते हैं। उनका राजनीतिक अनुभव भी लंबा रहा है। नेता विरोधी दल की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। अगर सपा शिवपाल को नेता विरोधी दल बनाएगी, तो इसका फायदा पार्टी को होगा। अगर दूसरे किसी वरिष्ठ विधायक को बनाया जाता है, तो पार्टी को उतनी मजबूती नहीं मिलेगी। विधान परिषद में सपा को मिलेगा मुस्लिम नेता?
सपा को 2 साल बाद विधान परिषद में अब फिर से नेता प्रतिपक्ष का पद मिल जाएगा। जुलाई, 2022 में सपा के 10 फीसदी से कम सदस्य रह जाने के कारण यह पद लाल बिहारी यादव से छिन गया था। 100 सीटों वाली विधान परिषद में अब सपा के फिर से 10 सदस्य हो गए हैं, ऐसे में 14 जून को शपथ ग्रहण होते ही इस बार पार्टी को नेता प्रतिपक्ष का पद मिल जाएगा। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की रेस में शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली का नाम सबसे आगे है।