धर्मशाला के मॉल में काम करने वाली युवती से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। धर्मशाला पुलिस स्टेशन में शनिवार को शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि राम शर्मा नाम का युवक उसे हर दिन काम करते समय टॉर्चर और हैरेस करता है। यह मॉल के भीतर आकर प्रतिदिन परेशान करता है। मुझे मॉल में काम करने वाले अन्य लड़कों और मेरे भाई को फोन कर मेरी निजी जानकारियां मांगता है। मैं इस युवक से परेशान और निराश हो चुकी हूं। कभी-कभी मैं आत्महत्या करने की सोचती हूं। इससे पूर्व जब मैं चंडीगढ़ की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रही थी वहां भी यह मुझे प्रताड़ित करता था। मेरे भाई को मेरी शादी के संबंध में पूछता है। धर्मशाला पुलिस ने पीड़ित युवती की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। वहीं राम शर्मा ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि वह चंडीगढ़ में काम करता है। धर्मशाला में मैं कैसे किसी युवती को तंग कर सकता हूं। मुझे नहीं मालूम लड़की ने मेरे खिलाफ शिकायत की है। मैं भी जानकारी एकत्रित कर रहा हूं। यह लड़की चंडीगढ़ में नौकरी करती थी। उस समय से मेरी दोस्ती इस लड़की से है। मैंने इस लड़की से 23 सितंबर को लास्ट टाइम मोबाइल चैट की थी। धर्मशाला के मॉल में काम करने वाली युवती से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। धर्मशाला पुलिस स्टेशन में शनिवार को शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि राम शर्मा नाम का युवक उसे हर दिन काम करते समय टॉर्चर और हैरेस करता है। यह मॉल के भीतर आकर प्रतिदिन परेशान करता है। मुझे मॉल में काम करने वाले अन्य लड़कों और मेरे भाई को फोन कर मेरी निजी जानकारियां मांगता है। मैं इस युवक से परेशान और निराश हो चुकी हूं। कभी-कभी मैं आत्महत्या करने की सोचती हूं। इससे पूर्व जब मैं चंडीगढ़ की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रही थी वहां भी यह मुझे प्रताड़ित करता था। मेरे भाई को मेरी शादी के संबंध में पूछता है। धर्मशाला पुलिस ने पीड़ित युवती की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। वहीं राम शर्मा ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि वह चंडीगढ़ में काम करता है। धर्मशाला में मैं कैसे किसी युवती को तंग कर सकता हूं। मुझे नहीं मालूम लड़की ने मेरे खिलाफ शिकायत की है। मैं भी जानकारी एकत्रित कर रहा हूं। यह लड़की चंडीगढ़ में नौकरी करती थी। उस समय से मेरी दोस्ती इस लड़की से है। मैंने इस लड़की से 23 सितंबर को लास्ट टाइम मोबाइल चैट की थी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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रक्षाबंधन पर बना रहीं हैं वेस्ट मैटेरियल से राखी:बांस की टोकरी और आचार बनाकर कमा लेती हैं 1 लाख
रक्षाबंधन पर बना रहीं हैं वेस्ट मैटेरियल से राखी:बांस की टोकरी और आचार बनाकर कमा लेती हैं 1 लाख हिमाचल प्रदेश की महिलाएं मेहनतकश हैं और पढ़ी-लिखी भी। प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं से लाभ प्राप्त कर वे आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनने की राह पर अग्रसर हैं। जिला मंडी के उपमंडल पधर की ग्राम पंचायत डलाह के गांव कोठी की महिलाएं वेस्ट से बेस्ट तैयार कर स्वावलंबन की नई इबारत लिख रही हैं।
स्वयं सहायता समूह के रूप में संगठित यह महिलाएं आचार, बांस से बनी टोकरी, किरडु के साथ ही आजकल राखी के त्योहार में घर के वेस्ट मैटेरियल से राखी बनाने का काम कर रही हैं। 13 साल पहले बनाई थीं संगठन समूह की सदस्य अंजली कुमारी, कामेश्वरी और कुसमा कहती हैं कि उन्होंने 2011 में समूह का गठन किया, जिसमें 9 सदस्य हैं। पहले वह केवल बचत ही करती थीं, लेकिन बाद में प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हें 15 हजार रूपए का रिवाल्विंग फंड मिला और 2500 रूपए स्टार्टअप फंड भी मिला। इसके बाद ग्रुप की महिलाओं ने आय बढ़ाने के लिए छोटे-छोटे कार्य शुरू किए। हाथ से बनाती हैं टोकरी और किरडु समूह की महिलाओं ने मिलकर बांस से बने उत्पाद जैसे टोकरी, किरडु तथा खाने के लिए बड़ियां व अचार का उत्पादन शुरू किया। आजकल वह राखी के त्यौहार के लिए घर के वेस्ट मैटीरियल से राखी बना रहीं हैं। जिसे पधर में द्रंग ब्लॉक की तरफ से दी गई हिम ईरा शॉप में बिक्री के लिए रखा गया है। पधर के द्रंग ब्लॉक में राखी का स्टाल भी लगाई गईं हैं। छोटी शुरूआत से बढ़ रहीं आत्मनिर्भरता की ओर वह कहती हैं कि इन सभी उत्पादों से उन्हें सालाना लगभग 1 लाख रुपए तक की आमदनी हो जाती है, जिससे वह आत्मनिर्भर हो रही हैं। इसके लिए वह प्रदेश सरकार का धन्यवाद करती हैं, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर सहायता प्रदान कर रही है। खंड विकास अधिकारी विनय चौहान ने कहा कि द्रंग ब्लॉक में 613 स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं जिन्हें सरकार की तरफ से 15 हजार रूपए रिवाल्विंग फंड और 2500 रुपए स्टार्टअप फंड मिला है। सभी महिलाएं स्वयं समूहों के जरिए आत्मनिर्भर हो रही हैं।
हिमाचल हाईकोर्ट में पुलिस विभाग का जवाब:पूर्व DGP सहित 10 अफसरों पर नहीं बनता केस; कांस्टेबल धर्म सुख नेगी को बर्खास्त करने का मामला
हिमाचल हाईकोर्ट में पुलिस विभाग का जवाब:पूर्व DGP सहित 10 अफसरों पर नहीं बनता केस; कांस्टेबल धर्म सुख नेगी को बर्खास्त करने का मामला हिमाचल प्रदेश पुलिस ने हाईकोर्ट में दायर जवाब में कहा कि कांस्टेबल धर्म सुख नेगी के कथित उत्पीड़न मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता। यह जवाब IPS अंजुम आरा व 2 अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ दायर प्राथमिकी को निरस्त करने की याचिका के जवाब में पुलिस विभाग ने दिया है। पुलिस ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि इस मामले में दर्ज केस को रद्द करने के लिए 23 अक्टूबर को फाइनल कैंसिलेशन रिपोर्ट तैयार की गई है। इस पर न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को तय की है। बता दें कि किन्नौर निवासी बर्खास्त पुलिस कांस्टेबल धर्म सुख नेगी की पत्नी ने पूर्व DGP संजय कुंडू समेत 10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। इनके खिलाफ अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति एक्ट की धारा 3 (1)(P), एससी-एसटी एक्ट 1989 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों पर पति के उत्पीड़न के आरोप धर्म सुख नेगी की पत्नी मीना नेगी ने संजय कुंडू, पूर्व आईपीएस समेत अन्य पुलिस अधिकारियों पर पति के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज शिकायत में आरोप लगाया कि पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके पति धर्म सुख नेगी को नौकरी से निकाला है। पति को बेइज्जत करके नौकरी से निकालने का आरोप शिकायतकर्ता के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने पहले उसके पति पर झूठे आरोप लगाए। फिर विभागीय जांच बिठाकर 9 जुलाई 2020 को जबरन बेइज्जत करके नौकरी से निकाल दिया, जबकि उसके पति का अभी 8 साल का सेवाकाल बचा हुआ था। महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों के इस व्यवहार के कारण उनके पति व परिवार को सामाजिक, आर्थिक व मानसिक तौर पर पीड़ा पहुंची है। इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराया FIR महिला ने पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, रिटायर आईपीएस हिमांशु मिश्रा और अरविंद शारदा, SP शालिनी अग्निहोत्री, दिवाकर दत्त शर्मा, अंजुम आरा खान, भगत सिंह ठाकुर, पंकज शर्मा, मीनाक्षी और DSP बलदेव दत्त के खिलाफ FIR कराई है। अंजुम आरा, पंकज शर्मा और बलदेव दत्त ने उन पर लगाए आरोपों को निराधार बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार लगाई है।
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अंब पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत:न्यायिक परिसर का किया उद्घाटन, कार्यप्रणाली में डिजिटल तकनीक पर दिया जोर ऊना जिले के अंब में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने रविवार को 17.16 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित बहुमंजिला न्यायिक परिसर का लोकार्पण किया। इस अत्याधुनिक परिसर में 6 कोर्ट रूम, 2 बार रूम, पुस्तकालय और महिलाओं व पुरुषों के लिए प्रसाधन सुविधाएं उपलब्ध हैं। परिसर में आने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए भी विशेष प्रबंध हैं। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, ऊना मंडल की प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ और अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने साल 2019 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहते हुए इस न्यायिक परिसर की आधारशिला रखी थी। अपने संबोधन में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने न्यायिक परिसर अंब के उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त की, और इसे हिमाचल प्रदेश में न्यायिक प्रणाली के विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने अधिक से अधिक न्यायिक परिसरों के निर्माण पर बल देते हुए कोर्ट में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डिजिटल तकनीक पर दिया जा रहा जोर न्यायमूर्ति ने सभी कोर्ट की कार्यप्रणाली में डिजिटल तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में ई-तकनीक के उपयोग से ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा के माध्यम से भौगोलिक सीमाओं में अब कोई बाधा नहीं रही हैं। जिससे न्याय की पहुंच सभी के लिए सुगम हो गई है। इसके साथ ही, देश के विभिन्न जिला और उप मंडल बार के वकीलों को भी सुप्रीम कोर्ट के कार्यों का अनुभव प्राप्त हो रहा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अंब बार एसोसिएशन को भी ई-तकनीक का अधिक से अधिक सदुपयोग करने और एक ई-लाइब्रेरी विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के न्यायिक समुदाय की कार्य संस्कृति की सराहना करते हुए इसे देश के सबसे समर्पित समुदायों में से एक बताया। इस दौरान अपने संबोधन में न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने न्यायिक परिसर अंब के निर्माण में समय-समय पर मिले सभी के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि न्यायिक परिसरों की महत्वपूर्ण भूमिका प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाने और सभी लोगों तक न्याय की आसान पहुँच सुनिश्चित करने में होती है, जिससे न्याय प्रणाली को सुदृढ़ बनाया जा सकता है। ऊना जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की दी जानकारी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं ऊना मंडल की प्रशासनिक न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने मुख्य अतिथि सहित सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए ऊना जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने न्यायिक परिसर अंब के निर्माण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करते हुए इसे न्याय प्रणाली के विस्तार और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया। उन्होंने मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान को सम्मानित किया। न्यायाधीशों सम्मानित को किया सम्मानित वहीं, जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार ठाकुर ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए ऊना मंडल की प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ और कार्यक्रम में उपस्थित हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों को सम्मानित किया। इस मौके पर प्रदेश सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल अनूप रतन तथा जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त जतिन लाल ने मुख्य अतिथि और सभी मेहमानों को माता श्री चिन्तपूर्णी जी के मंदिर की प्रतिकृति और माता की चुनरी भेंट कर सम्मानित किया।