मैडम कहती हैं, मैं भी हिंदू थी, अब मुस्लिम हूं। मुस्लिम लड़कों से शादी करने में कोई दिक्कत नहीं होती। हमारा नाम जबरन मुस्लिम लड़कों के साथ जोड़ा जाता है। ये संगीन आरोप दो हिंदू छात्राओं ने मुरादाबाद में लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी चलाने वाली सपना सिंह उर्फ रक्षंदा खान पर लगाए हैं। दोनों ने डीएम ऑफिस पहुंचकर शिकायत की। इसके बाद हिंदू संगठन भी मामले में कूद पड़े और खूब हंगामा किया। इसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया। इंस्टीट्यूट सील कर दिया। रक्षंदा खान और उनके पति न्यायिक हिरासत में हैं। ऐसा पहली बार नहीं है, जब उन पर हिंदू युवतियों का ब्रेनवॉश करने का आरोप लगा। एक साल पहले भी उनके इंस्टीट्यूट में खूब हंगामा हुआ था। रक्षंदा खान से जुड़ी पूरी कंट्रोवर्सी क्या है? कब से इसकी शुरुआत हुई? क्या-क्या आरोप लगे? संडे बिग स्टोरी में विस्तार से पढ़िए… कानपुर की सपना 2007 में रक्षंदा खान बन गई
सपना सिंह…ये वो नाम है, जो 17 साल पहले रक्षंदा खान का था। कानपुर के शक्तिनगर की रहने वाली सपना बाकी लड़कियों की तरह ही थीं। कुछ करना था, घर बसाना था। तब सपना कानपुर में ही एक ब्यूटी एकेडमी में ट्रेनर थीं। सपना पांच बहनें, एक भाई है। सपना को 2007 में कानपुर के ही रहने वाले शाहनवाज खान से प्यार हो गया। प्यार तो कर लिया, लेकिन उसे शादी के मुकाम तक पहुंचाना सपना के लिए इतना आसान नहीं था। जैसे ही घर वालों को पता चला कि मुसलमान से शादी करना चाहती है, सभी उखड़ गए। घर में मां-बाप से लेकर दूर-दूर तक के रिश्तेदार इसके लिए राजी तो क्या इस सच मानने तक के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन सपना पीछे नहीं हटी। घरवालों के खिलाफ जाकर उसी साल शाहनवाज खान से शादी की। यहीं से सपना की पहचान बदल गई। उन्होंने शादी के बाद इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। अब वह रक्षंदा खान बन चुकी थीं। 3 साल पहले मुरादाबाद आकर मेकअप एकेडमी खोली
रक्षंदा बनने के बाद वो कानपुर में ही काम करती रहीं। 2021 में मुरादाबाद आकर लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी ली। यहीं पिछले 3 साल से रक्षंदा कांठ रोड पर हरथला पुलिस चौकी के पास लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी चला रही हैं। रक्षंदा के पति का कानपुर में कार डेकोरेशन का बिजनेस है। दोनों की एक संतान है। 30 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक कोर्स की फीस
रक्षंदा की लैक्मे की फ्रेंचाइजी मेकअप एकेडमी को विवाद बढ़ने पर पुलिस ने सील कर दिया है। यहां स्किन केयर से लेकर हेयर और मेकअप करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। कई तरह के कोर्स थे, महंगे भी और सस्ते भी। कोर्स की समय अवधि भी अलग-अलग थी। यहां 3 महीने से लेकर एक साल तक के अलग-अलग कोर्स चलते थे। इनकी फीस 30 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक थी। यहां सबसे महंगे कोर्स का नाम कॉस्मो कोर्स था। रक्षंदा के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला पहली शिकायत: 2023 में एक युवक ने धर्म परिवर्तन की मुहिम चलाने का आरोप लगाया
राज राणा नाम के युवक ने धर्म परिवर्तन की मुहिम चलाने का आरोप लगाकर हंगामा किया। मुरादाबाद के गोविंद नगर में रहने वाले राज राणा ने आरोप लगाया कि रक्षंदा खान एकेडमी में ट्रेनिंग देने के बजाय इस्लाम का प्रचार कर रही हैं। राणा ने शिकायत में कहा- 72 हजार रुपए जमा कर अक्टूबर, 2022 में एकेडमी के एडवांस मेकअप कोर्स में एडमिशन लिया था। शुरू में सब ठीक था, लेकिन बाद में महसूस किया कि इंस्टीट्यूट में मेकअप ट्रेनिंग की बजाय इस्लाम का प्रचार हो रहा। एकेडमी में पूरा दिन इस्लामिक सॉन्ग बजते हैं।’ तब पुलिस ने रक्षंदा को हिदायत देकर छोड़ दिया था। उस समय FIR दर्ज नहीं हुई थी। दूसरी शिकायत: 2024 में एकेडमी की ही दो स्टूडेंट ने लगाए आरोप
तारीख : 22 जुलाई 2024। एकेडमी की स्टूडेंट तान्या चौधरी और स्वाति पाल डीएम ऑफिस पहुंचीं। साथ में एक छात्र और भी था। आरोप लगाया कि रक्षंदा खान हिंदू लड़कियों पर मुस्लिम लड़कों से दोस्ती का दबाव बनाती हैं। धर्मांतरण के लिए उकसाती हैं। रक्षंदा पर एकेडमी के छात्रों ने लगाए 5 गंभीर आरोप आरोप- 1: हिंदू छात्राओं को बिंदी-सिंदूर लगाने पर पाबंदी, मुस्लिम छात्र वहीं नमाज पढ़ते
तान्या चौधरी और स्वाति पाल ने आरोप लगाया कि हिंदू छात्राओं को बिंदी, टीका, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनने पर प्रतिबंध लगा रखा है। जो शादीशुदा लड़की मंगलसूत्र और सिंदूर लगाकर आती है, उसे इंस्टीट्यूट में घुसने नहीं दिया जाता। मुस्लिम छात्रों और मुस्लिम ट्रेनर्स को एकेडमी में ही नमाज पढ़ने की आजादी है। आरोप- 2: मुस्लिम लड़कों से शादी करने के लिए उकसाती
लड़कियों का कहना है- रक्षंदा खान हम लोगों को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करती थीं। कहती हैं, मैं भी पहले हिंदू थी, लेकिन अब मुस्लिम हूं। एक मुस्लिम घर में रह रही हूं। मुस्लिम लड़कों से शादी करने में कोई दिक्कत नहीं होती। जबरन हमारा नाम मुस्लिम लड़कों के साथ जोड़ा जाता है। लड़कियों का आरोप है कि वो कहती थीं व्रत तो डाइटिंग के लिए होते हैं, असली ताकत तो रोजों में होती है। इसे महसूस करना है, तो रोजा रखकर देखो। आरोप- 3: असली बोतल में नकली प्रोडक्ट भरकर बच्चों पर इस्तेमाल करती
शिकायत करने वाले छात्रों का कहना है कि एकेडमी में नकली प्रोडक्ट भरे जाते थे। असली प्रोडक्ट की बोतल जब खाली हो जाती तो उसमें नकली प्रोडक्ट भर दिए जाते। इसी को वो सीखने आने वाले बच्चों पर भी इस्तेमाल करती हैं। शिकायत में कहा गया कि इससे एक स्टूडेंट को एलर्जी भी हो गई थी। उसे इलाज कराना पड़ा, तब जाकर ठीक हुई। आरोप- 4: मुस्लिम बच्चों की मदद करतीं, हिंदू की नहीं
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सिखाने के दौरान वो मुस्लिम बच्चों की मदद करती हैं, हिंदू बच्चों की नहीं। कुछ पूछने पर हिंदू बच्चों को गलत जवाब देतीं। हिंदू बच्चों को जबरदस्ती एकेडमी को अच्छा रिव्यू देने के लिए मजबूर करतीं। खुद फोन छीन कर रिव्यू भर देतीं। आरोप- 5: हफ्ते में एक स्पेशल क्लास लेकर इस्लामिक लिटरेचर पढ़ने को देतीं
छात्राओं का आरोप है- रक्षंदा खान इंस्टीट्यूट में इस्लामिक तौर-तरीकों को प्रमोट करती हैं। इंस्टीट्यूट में सुबह 10 से 12 बजे तक इस्लामिक प्रेयर्स बजती रहती है। इस्लामिक लिटरेचर की तरफ स्टूडेंट्स को प्रेरित करती हैं। हिंदू लड़कियों का मुस्लिम लड़कों के साथ पेयर बनाकर उन्हें उनसे दोस्ती और रिलेशनशिप के लिए प्रमोट करती हैं। खुद अपना उदाहरण देकर हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने की कोशिश करती हैं। कहती हैं- मैं भी कभी हिंदू थी, लेकिन मैंने मुस्लिम लड़के से शादी की और अब मुसलमान बन गई हूं। उनका कहना था कि व्रत से कुछ नहीं होता। रोजा रखकर देखो तो तुम्हें खुदा की ताकत का एहसास होगा। हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने के लिए सप्ताह में एक दिन मास्टर क्लास लेती हैं। इसमें इस्लाम की अच्छाइयों के बारे में बताकर एक बार इस्लामिक लिटरेचर को पढ़ने और इस्लाम को करीब से महसूस करने के लिए प्रेरित किया जाता। हिंदू छात्र-छात्राओं को टीका, बिंदी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनने पर पाबंदी है, जबकि मुस्लिम स्टूडेंट्स के साथ खुद रक्षंदा भी क्लास में नमाज पढ़ती हैं। 2023 में दैनिक भास्कर ने पहली बार रक्षंदा पर धर्मांतरण के आरोप लगने पर उनसे बात की थी। पढ़िए उनके जवाब- रक्षंदा ने कहा था- मुझे इस्लाम पसंद है
मुझे इस्लाम पसंद है, इसलिए मुस्लिम बन गई। लेकिन, मैं बाकी सभी धर्मों का भी सम्मान करती हूं। मैं कुरान पढ़ती हूं, लेकिन गीता भी पढ़ चुकी हूं। मेरे इंस्टीट्यूट में होली, दिवाली और नवरात्रि का भी सेलिब्रेशन होता है। जब कोई मुसलमान हिंदू बनता है तब इतनी भीड़ क्यों नहीं लगती
जब कोई मुसलमान कंवर्ट होकर हिंदू बनता है, तो वहां भीड़ क्यों नहीं घुसती? इस्लाम बुरा लगता है, तो इतनी तादाद में हिंदू मजारों पर क्यों जाते हैं? मेरा धर्म मेरा निजी मामला है, इन्हें ये हक किसने दिया कि मेरे धर्म को लेकर बवाल करें। जब मुस्लिम लड़की हिंदू बन जाती है, तो उसके इंस्टीट्यूट में ये लोग क्यों नहीं घुसते। मुझ पर गलत इल्जाम लगाए जा रहे हैं। धर्मांतरण करना होता तो सबसे पहले अपने घरवालों का करती
आरोपों में कितनी सच्चाई है इस सवाल के जवाब में रक्षंदा ने कहा था- 16 साल पहले हिंदू धर्म छोड़कर मैंने इस्लाम अपनाया। मुझे यह धर्म पसंद है। मुझे धर्मांतरण की मुहिम चलानी होती, तो सबसे पहले अपने भाई-बहनों को कंवर्ट करने की कोशिश करती। वो आज भी हिंदू हैं। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। मैडम कहती हैं, मैं भी हिंदू थी, अब मुस्लिम हूं। मुस्लिम लड़कों से शादी करने में कोई दिक्कत नहीं होती। हमारा नाम जबरन मुस्लिम लड़कों के साथ जोड़ा जाता है। ये संगीन आरोप दो हिंदू छात्राओं ने मुरादाबाद में लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी चलाने वाली सपना सिंह उर्फ रक्षंदा खान पर लगाए हैं। दोनों ने डीएम ऑफिस पहुंचकर शिकायत की। इसके बाद हिंदू संगठन भी मामले में कूद पड़े और खूब हंगामा किया। इसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया। इंस्टीट्यूट सील कर दिया। रक्षंदा खान और उनके पति न्यायिक हिरासत में हैं। ऐसा पहली बार नहीं है, जब उन पर हिंदू युवतियों का ब्रेनवॉश करने का आरोप लगा। एक साल पहले भी उनके इंस्टीट्यूट में खूब हंगामा हुआ था। रक्षंदा खान से जुड़ी पूरी कंट्रोवर्सी क्या है? कब से इसकी शुरुआत हुई? क्या-क्या आरोप लगे? संडे बिग स्टोरी में विस्तार से पढ़िए… कानपुर की सपना 2007 में रक्षंदा खान बन गई
सपना सिंह…ये वो नाम है, जो 17 साल पहले रक्षंदा खान का था। कानपुर के शक्तिनगर की रहने वाली सपना बाकी लड़कियों की तरह ही थीं। कुछ करना था, घर बसाना था। तब सपना कानपुर में ही एक ब्यूटी एकेडमी में ट्रेनर थीं। सपना पांच बहनें, एक भाई है। सपना को 2007 में कानपुर के ही रहने वाले शाहनवाज खान से प्यार हो गया। प्यार तो कर लिया, लेकिन उसे शादी के मुकाम तक पहुंचाना सपना के लिए इतना आसान नहीं था। जैसे ही घर वालों को पता चला कि मुसलमान से शादी करना चाहती है, सभी उखड़ गए। घर में मां-बाप से लेकर दूर-दूर तक के रिश्तेदार इसके लिए राजी तो क्या इस सच मानने तक के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन सपना पीछे नहीं हटी। घरवालों के खिलाफ जाकर उसी साल शाहनवाज खान से शादी की। यहीं से सपना की पहचान बदल गई। उन्होंने शादी के बाद इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। अब वह रक्षंदा खान बन चुकी थीं। 3 साल पहले मुरादाबाद आकर मेकअप एकेडमी खोली
रक्षंदा बनने के बाद वो कानपुर में ही काम करती रहीं। 2021 में मुरादाबाद आकर लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी ली। यहीं पिछले 3 साल से रक्षंदा कांठ रोड पर हरथला पुलिस चौकी के पास लैक्मे एकेडमी की फ्रेंचाइजी चला रही हैं। रक्षंदा के पति का कानपुर में कार डेकोरेशन का बिजनेस है। दोनों की एक संतान है। 30 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक कोर्स की फीस
रक्षंदा की लैक्मे की फ्रेंचाइजी मेकअप एकेडमी को विवाद बढ़ने पर पुलिस ने सील कर दिया है। यहां स्किन केयर से लेकर हेयर और मेकअप करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। कई तरह के कोर्स थे, महंगे भी और सस्ते भी। कोर्स की समय अवधि भी अलग-अलग थी। यहां 3 महीने से लेकर एक साल तक के अलग-अलग कोर्स चलते थे। इनकी फीस 30 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक थी। यहां सबसे महंगे कोर्स का नाम कॉस्मो कोर्स था। रक्षंदा के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला पहली शिकायत: 2023 में एक युवक ने धर्म परिवर्तन की मुहिम चलाने का आरोप लगाया
राज राणा नाम के युवक ने धर्म परिवर्तन की मुहिम चलाने का आरोप लगाकर हंगामा किया। मुरादाबाद के गोविंद नगर में रहने वाले राज राणा ने आरोप लगाया कि रक्षंदा खान एकेडमी में ट्रेनिंग देने के बजाय इस्लाम का प्रचार कर रही हैं। राणा ने शिकायत में कहा- 72 हजार रुपए जमा कर अक्टूबर, 2022 में एकेडमी के एडवांस मेकअप कोर्स में एडमिशन लिया था। शुरू में सब ठीक था, लेकिन बाद में महसूस किया कि इंस्टीट्यूट में मेकअप ट्रेनिंग की बजाय इस्लाम का प्रचार हो रहा। एकेडमी में पूरा दिन इस्लामिक सॉन्ग बजते हैं।’ तब पुलिस ने रक्षंदा को हिदायत देकर छोड़ दिया था। उस समय FIR दर्ज नहीं हुई थी। दूसरी शिकायत: 2024 में एकेडमी की ही दो स्टूडेंट ने लगाए आरोप
तारीख : 22 जुलाई 2024। एकेडमी की स्टूडेंट तान्या चौधरी और स्वाति पाल डीएम ऑफिस पहुंचीं। साथ में एक छात्र और भी था। आरोप लगाया कि रक्षंदा खान हिंदू लड़कियों पर मुस्लिम लड़कों से दोस्ती का दबाव बनाती हैं। धर्मांतरण के लिए उकसाती हैं। रक्षंदा पर एकेडमी के छात्रों ने लगाए 5 गंभीर आरोप आरोप- 1: हिंदू छात्राओं को बिंदी-सिंदूर लगाने पर पाबंदी, मुस्लिम छात्र वहीं नमाज पढ़ते
तान्या चौधरी और स्वाति पाल ने आरोप लगाया कि हिंदू छात्राओं को बिंदी, टीका, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनने पर प्रतिबंध लगा रखा है। जो शादीशुदा लड़की मंगलसूत्र और सिंदूर लगाकर आती है, उसे इंस्टीट्यूट में घुसने नहीं दिया जाता। मुस्लिम छात्रों और मुस्लिम ट्रेनर्स को एकेडमी में ही नमाज पढ़ने की आजादी है। आरोप- 2: मुस्लिम लड़कों से शादी करने के लिए उकसाती
लड़कियों का कहना है- रक्षंदा खान हम लोगों को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करती थीं। कहती हैं, मैं भी पहले हिंदू थी, लेकिन अब मुस्लिम हूं। एक मुस्लिम घर में रह रही हूं। मुस्लिम लड़कों से शादी करने में कोई दिक्कत नहीं होती। जबरन हमारा नाम मुस्लिम लड़कों के साथ जोड़ा जाता है। लड़कियों का आरोप है कि वो कहती थीं व्रत तो डाइटिंग के लिए होते हैं, असली ताकत तो रोजों में होती है। इसे महसूस करना है, तो रोजा रखकर देखो। आरोप- 3: असली बोतल में नकली प्रोडक्ट भरकर बच्चों पर इस्तेमाल करती
शिकायत करने वाले छात्रों का कहना है कि एकेडमी में नकली प्रोडक्ट भरे जाते थे। असली प्रोडक्ट की बोतल जब खाली हो जाती तो उसमें नकली प्रोडक्ट भर दिए जाते। इसी को वो सीखने आने वाले बच्चों पर भी इस्तेमाल करती हैं। शिकायत में कहा गया कि इससे एक स्टूडेंट को एलर्जी भी हो गई थी। उसे इलाज कराना पड़ा, तब जाकर ठीक हुई। आरोप- 4: मुस्लिम बच्चों की मदद करतीं, हिंदू की नहीं
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सिखाने के दौरान वो मुस्लिम बच्चों की मदद करती हैं, हिंदू बच्चों की नहीं। कुछ पूछने पर हिंदू बच्चों को गलत जवाब देतीं। हिंदू बच्चों को जबरदस्ती एकेडमी को अच्छा रिव्यू देने के लिए मजबूर करतीं। खुद फोन छीन कर रिव्यू भर देतीं। आरोप- 5: हफ्ते में एक स्पेशल क्लास लेकर इस्लामिक लिटरेचर पढ़ने को देतीं
छात्राओं का आरोप है- रक्षंदा खान इंस्टीट्यूट में इस्लामिक तौर-तरीकों को प्रमोट करती हैं। इंस्टीट्यूट में सुबह 10 से 12 बजे तक इस्लामिक प्रेयर्स बजती रहती है। इस्लामिक लिटरेचर की तरफ स्टूडेंट्स को प्रेरित करती हैं। हिंदू लड़कियों का मुस्लिम लड़कों के साथ पेयर बनाकर उन्हें उनसे दोस्ती और रिलेशनशिप के लिए प्रमोट करती हैं। खुद अपना उदाहरण देकर हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने की कोशिश करती हैं। कहती हैं- मैं भी कभी हिंदू थी, लेकिन मैंने मुस्लिम लड़के से शादी की और अब मुसलमान बन गई हूं। उनका कहना था कि व्रत से कुछ नहीं होता। रोजा रखकर देखो तो तुम्हें खुदा की ताकत का एहसास होगा। हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने के लिए सप्ताह में एक दिन मास्टर क्लास लेती हैं। इसमें इस्लाम की अच्छाइयों के बारे में बताकर एक बार इस्लामिक लिटरेचर को पढ़ने और इस्लाम को करीब से महसूस करने के लिए प्रेरित किया जाता। हिंदू छात्र-छात्राओं को टीका, बिंदी, सिंदूर और मंगलसूत्र पहनने पर पाबंदी है, जबकि मुस्लिम स्टूडेंट्स के साथ खुद रक्षंदा भी क्लास में नमाज पढ़ती हैं। 2023 में दैनिक भास्कर ने पहली बार रक्षंदा पर धर्मांतरण के आरोप लगने पर उनसे बात की थी। पढ़िए उनके जवाब- रक्षंदा ने कहा था- मुझे इस्लाम पसंद है
मुझे इस्लाम पसंद है, इसलिए मुस्लिम बन गई। लेकिन, मैं बाकी सभी धर्मों का भी सम्मान करती हूं। मैं कुरान पढ़ती हूं, लेकिन गीता भी पढ़ चुकी हूं। मेरे इंस्टीट्यूट में होली, दिवाली और नवरात्रि का भी सेलिब्रेशन होता है। जब कोई मुसलमान हिंदू बनता है तब इतनी भीड़ क्यों नहीं लगती
जब कोई मुसलमान कंवर्ट होकर हिंदू बनता है, तो वहां भीड़ क्यों नहीं घुसती? इस्लाम बुरा लगता है, तो इतनी तादाद में हिंदू मजारों पर क्यों जाते हैं? मेरा धर्म मेरा निजी मामला है, इन्हें ये हक किसने दिया कि मेरे धर्म को लेकर बवाल करें। जब मुस्लिम लड़की हिंदू बन जाती है, तो उसके इंस्टीट्यूट में ये लोग क्यों नहीं घुसते। मुझ पर गलत इल्जाम लगाए जा रहे हैं। धर्मांतरण करना होता तो सबसे पहले अपने घरवालों का करती
आरोपों में कितनी सच्चाई है इस सवाल के जवाब में रक्षंदा ने कहा था- 16 साल पहले हिंदू धर्म छोड़कर मैंने इस्लाम अपनाया। मुझे यह धर्म पसंद है। मुझे धर्मांतरण की मुहिम चलानी होती, तो सबसे पहले अपने भाई-बहनों को कंवर्ट करने की कोशिश करती। वो आज भी हिंदू हैं। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर