इंडियन शूटर मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में पहुंच गई हैं। आज यानी रविवार को उनका फाइनल मुकाबला चल रहा है। मुकाबले में 8 शूटर निशाना लगा रहे हैं। मनु भाकर हरियाणा में झज्जर जिले के गोरिया गांव की रहने वाली हैं। मनु ने क्वालिफिकेशन इवेंट में 600 में से 580 पॉइंट्स हासिल किए और 45 शूटर्स में तीसरे स्थान पर रहीं। हालांकि एक वक्त ऐसा भी था कि मनु भाकर मायूस होकर शूटिंग छोड़ना चाहती थी लेकिन माता-पिता ने मनु को मोटीवेट किया और आज वह गोल्ड मेडल जीतने की दहलीज पर खड़ी है। मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर इसकी पुष्टि करते हुए कहते हैं- ”टोक्यो ओलिंपिक में प्रतियोगिता के दौरान मनु भाकर की पिस्टल का लीवर टूट गया था। यह 10 लाख में से किसी एक के साथ होता है, लेकिन किस्मत ने मनु का साथ नहीं दिया, उसके 22 मिनट खराब हो गए। मेडल जब सामने दिख रहा हो और यह सब चीजें हो जाएं तो अच्छे से अच्छा इंसान टूट जाता है। मनु 2022 में शूटिंग छोड़ देना चाहती थी। हमने उससे पूछा कि आगे क्या करोगी?। किसी चीज को छोड़ने में कितना समय लगता है?। पिता की यह बातें सुनकर मनु का मन फिर से शूटिंग की तरफ गया। मां सुमेधा भाकर कहती हैं कि बेटी पिस्टल को सिराहने रखकर सोती है। गेम पर फोकस के लिए 4 साल से वह किसी जश्न में शामिल होना तो दूर, किसी की बर्थडे पार्टी में तक नहीं गई। पिता मर्चेंट नेवी में, उन्हीं की शूटिंग रेंज में पहली बार निशाना देखा मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को हुआ था। उनके पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में हैं। एक दिन मनु अपने पापा के साथ शूटिंग रेज में घूम रही थी। अचानक मनु शूटिंग करने लगी। उसने बिल्कुल बीच में 10 नंबर टारगेट पर निशाना साधा। यह देखकर पिता ने मनु को शूटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया और बंदूक खरीदकर दी। मनु को नेशनल कोच यशपाल राणा ने शूटिंग के गुर सिखाए। शूटिंग से पहले मनु खुद को कराटे, थांग टा, टांता, स्केटिंग, स्वीमिंग और टेनिस में आजमा चुकी हैं। कराटे, थांग टा और टांता में मनु नेशनल मेडलिस्ट है। टांता में 3 बार की नेशनल चैंपियन है। स्केटिंग में स्टेट मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने स्कूल में स्वीमिंग और टेनिस खेला है। रोजाना 8 घंटे मेहनत की, किसी जश्न में शामिल नहीं हुई
मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक के लिए बहुत तैयारी की है। मनु 8 घंटे से ज्यादा टाइम रोजाना प्रैक्टिस करती थीं। वह पिस्टल को अपने सिराहने रखकर सोतीं। मनु भाकर ने यूथ ओलिंपिक्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियाड सहित तकरीबन 20 मेडल जीते हैं। ओलिंपिक में मेडल लाने के लिए वह 4 साल से न तो किसी बर्थडे पार्टी में गई हैं और न ही किसी के जश्न में शामिल हुईं। मनु की मां सुमेधा भाकर कहती हैं कि “ओलिंपिक के मेडल के लिए मनु इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकतीं, अगर अब नहीं मेडल नहीं जीता तो ऊपर वाले से भी भरोसा उठ जाएगा.” ऐसे मिला ओलिंपिक का कोटा
मनु भाकर ने 2022 काहिरा विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में ब्रॉन्ज और हांगझोऊ में 2023 एशियाई खेलों में उसी स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता। साल 2023 में भोपाल में हुई ISSF विश्व कप चैम्पियनशिप में 25 मीटर शूटिंग में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। मनु चांगवान में एशियन शूटिंग चैंपियनशिप 2023 में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रहीं और भारत के लिए पेरिस 2024 ओलिंपिक कोटा हासिल कर लिया। इंडियन शूटर मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में पहुंच गई हैं। आज यानी रविवार को उनका फाइनल मुकाबला चल रहा है। मुकाबले में 8 शूटर निशाना लगा रहे हैं। मनु भाकर हरियाणा में झज्जर जिले के गोरिया गांव की रहने वाली हैं। मनु ने क्वालिफिकेशन इवेंट में 600 में से 580 पॉइंट्स हासिल किए और 45 शूटर्स में तीसरे स्थान पर रहीं। हालांकि एक वक्त ऐसा भी था कि मनु भाकर मायूस होकर शूटिंग छोड़ना चाहती थी लेकिन माता-पिता ने मनु को मोटीवेट किया और आज वह गोल्ड मेडल जीतने की दहलीज पर खड़ी है। मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर इसकी पुष्टि करते हुए कहते हैं- ”टोक्यो ओलिंपिक में प्रतियोगिता के दौरान मनु भाकर की पिस्टल का लीवर टूट गया था। यह 10 लाख में से किसी एक के साथ होता है, लेकिन किस्मत ने मनु का साथ नहीं दिया, उसके 22 मिनट खराब हो गए। मेडल जब सामने दिख रहा हो और यह सब चीजें हो जाएं तो अच्छे से अच्छा इंसान टूट जाता है। मनु 2022 में शूटिंग छोड़ देना चाहती थी। हमने उससे पूछा कि आगे क्या करोगी?। किसी चीज को छोड़ने में कितना समय लगता है?। पिता की यह बातें सुनकर मनु का मन फिर से शूटिंग की तरफ गया। मां सुमेधा भाकर कहती हैं कि बेटी पिस्टल को सिराहने रखकर सोती है। गेम पर फोकस के लिए 4 साल से वह किसी जश्न में शामिल होना तो दूर, किसी की बर्थडे पार्टी में तक नहीं गई। पिता मर्चेंट नेवी में, उन्हीं की शूटिंग रेंज में पहली बार निशाना देखा मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को हुआ था। उनके पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में हैं। एक दिन मनु अपने पापा के साथ शूटिंग रेज में घूम रही थी। अचानक मनु शूटिंग करने लगी। उसने बिल्कुल बीच में 10 नंबर टारगेट पर निशाना साधा। यह देखकर पिता ने मनु को शूटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया और बंदूक खरीदकर दी। मनु को नेशनल कोच यशपाल राणा ने शूटिंग के गुर सिखाए। शूटिंग से पहले मनु खुद को कराटे, थांग टा, टांता, स्केटिंग, स्वीमिंग और टेनिस में आजमा चुकी हैं। कराटे, थांग टा और टांता में मनु नेशनल मेडलिस्ट है। टांता में 3 बार की नेशनल चैंपियन है। स्केटिंग में स्टेट मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने स्कूल में स्वीमिंग और टेनिस खेला है। रोजाना 8 घंटे मेहनत की, किसी जश्न में शामिल नहीं हुई
मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक के लिए बहुत तैयारी की है। मनु 8 घंटे से ज्यादा टाइम रोजाना प्रैक्टिस करती थीं। वह पिस्टल को अपने सिराहने रखकर सोतीं। मनु भाकर ने यूथ ओलिंपिक्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियाड सहित तकरीबन 20 मेडल जीते हैं। ओलिंपिक में मेडल लाने के लिए वह 4 साल से न तो किसी बर्थडे पार्टी में गई हैं और न ही किसी के जश्न में शामिल हुईं। मनु की मां सुमेधा भाकर कहती हैं कि “ओलिंपिक के मेडल के लिए मनु इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकतीं, अगर अब नहीं मेडल नहीं जीता तो ऊपर वाले से भी भरोसा उठ जाएगा.” ऐसे मिला ओलिंपिक का कोटा
मनु भाकर ने 2022 काहिरा विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में ब्रॉन्ज और हांगझोऊ में 2023 एशियाई खेलों में उसी स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता। साल 2023 में भोपाल में हुई ISSF विश्व कप चैम्पियनशिप में 25 मीटर शूटिंग में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। मनु चांगवान में एशियन शूटिंग चैंपियनशिप 2023 में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रहीं और भारत के लिए पेरिस 2024 ओलिंपिक कोटा हासिल कर लिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर