मेरठ में धर्मांतरण का बड़ा मामला सामने आया। पैसों का लालच देकर हिंदू लोगों को ईसाई बनाया जा रहा था। धर्मांतरण में सहारनपुर के रवि पास्टर का नाम सामने आया। वह संडे प्रेयर की आड़ में धर्मांतरण के लिए ब्रेनवॉश करता था। 11 अगस्त को पुलिस एक्शन के बाद 3 महिला 2 पुरुष अरेस्ट हुए। रवि पास्टर पकड़ा नहीं गया, उसकी आखिरी लोकेशन दिल्ली मिली। क्या वाकई धर्मांतरण हो रहा था? कितने लोग हिंदू धर्म छोड़ चुके हैं? इन्हीं सवालों के साथ दैनिक भास्कर टीम खड़ौली इलाके में पहुंची। लोगों ने बताया – रवि पास्टर खड़ौली की निशा भारद्वाज और उसके कुछ साथियों के साथ मिलकर लोगों को ईसाई धर्म के लिए बरगलाते थे। निशा अपने बेटे की शादी पास्टर की ईसाई बेटी से कर चुकी है। वह खुद क्रिश्चियन बन चुकी हैं, इसलिए अब लोगों का धर्मांतरण कराना चाहती है। पहले घटना का फ्लैश बैक पढ़िए… हिंदू संगठनों का आरोप – प्रेयर नहीं, ईसाई धर्म अपनाने के करते हैं ब्रेनवॉश कंकरखेड़ा के खड़ौली में ओमकुमार का मकान है। इसमें पिछले काफी समय से माधवपुरम की निशा भारद्वाज किराए पर रहती हैं। वह ब्राह्मण बिरादरी से हैं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मकान में निशा एक पादरी के साथ मिलकर धर्मांतरण कराती है। यहां प्रवचन के नाम पर ईसाइयों की संडे प्रेयर करवाई जाती है। इसमें हिंदुओं को ईसाई बनने के लिए उकसाया जाता था। लंबे समय से इन चार दीवारों के भीतर हर रविवार यही होता था। हिंदू जागरण मंच तक यह मामला पहुंचा। 11 अगस्त की सुबह जब यहां भीड़ प्रेयर सुनने पहुंची तभी हिंदू संगठन के लोग भी पहुंच गए। थोड़ी देर बाद पुलिस बुला ली। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मकान में प्रवचन की आड़ में ईसाई धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। धार्मिक सभा में जुटे लोगों ने अपनी सफाई में बहुत कुछ कहा, मगर सुनवाई नहीं हुई। बुजुर्ग बोले – प्रार्थना होती थी, मगर ये सब नहीं होता था
खड़ौली में चौराहे पर कोने में बने इस बड़े से मकान में लोहे के गेट से एंट्री करते ही सामने हमें एक तख्त दिखा। तख्त पर टॉफी, बिस्कुट की छोटी सी दुकान थी। इलाके के बच्चे यहां रुपए, दो रुपए की चीज लेने चले आते हैं। बगल में चारपाई पर 75 साल के बुजुर्ग लेटे थे। हम लोगों ने कहा मीडिया से आए हैं, उस दिन क्या हुआ था? बुजुर्ग गुस्से में बोले – जो हुआ नहीं वो बताया गया, अब तो हमारे लोग जेल चले गए। अब आप और क्या जानना चाहती हैं। हमने कहा इस धर्मांतरण के पीछे कौन लोग थे? बुजुर्ग बोले- प्रार्थना होती थी, लेकिन ये सब नहीं होता था जो बताया जा रहा है। मैं यहीं पास में रहता हूं, मेरा घर छोटा है इसलिए यहां अपना समय काटने आ जाता हूं। जिस दिन ये सब हुआ, उसके बाद 2 दरोगा आए पूरे मकान और इलाके में घूमे। लिखकर ले गए कि प्रार्थना में कोई व्यक्ति यहां का नहीं था। 5 सालों से यहां पूजा हो रही, तब धर्मांतरण की बात क्यों नहीं उठी
भीड़ में खड़े अश्विनी कुमार ने कहा- इस मकान में पूजा पाठ लंबे समय से चल रहा था। पुराने सभासद (मनोज सैनी, भाजपा) ने यहां आकर खुद ही हंगामा किया। उन्होंने लोगों को धर्म चेंज करने की बात कहते हुए पुलिस के हवाले करा दिया। हिंदू मंच के लोगों को बुला लिया और अफवाह फैला दी कि ये लोग धर्मांतरण कर रहे थे और उन्हें बदनाम कर दिया। इस मकान में पिछले 5-6 साल से ये पूजा हो रही है। ये भाजपा के पुराने पार्षद की साजिश है कि वो पूरे एससी समाज को बदनाम करना चाह रहा है। चूंकि इस बार सपा ने यहां चुनाव जीता है। उस पार्षद को बदनाम करने की कोशिश है। धर्मांतरण का आरोप लगाने वाले पूर्व पार्षद जब खुद यहां सत्ता में थे, तब कुछ काम नहीं किया। वो हमसे अपनी हार का बदला लेना चाहते हैं
भीड़ में खड़े शराफत ने कहा – पूर्व पार्षद चुनाव हार चुके हैं, ये उन्हीं का बोया बीज है। अपनी हार का बदला लेने के लिए वो मोहल्ले को बदनाम कर रहा है। केंद्र में उनकी (भाजपा) सरकार है, वो जनता की परेशानी सुनकर ऊपर पहुंचा सकते हैं। वर्तमान पार्षद तो विपक्ष का है, उसकी उतनी सुनवाई नहीं होगी। लेकिन अब हम लोग पूर्व पार्षद के घर जाएं तो कहते हैं, हमें क्या तुमने वोट दिया है, हम तुम्हारा काम क्यों कराएं? जो भीड़ देखने आए उन्हें भी अरेस्ट कराया
यहीं खड़ौली में रहने वाले लोगों से हमने पूछा – उस रोज क्या हुआ था? राजवीर कहने लगे केवल हंगामा सुनकर जो लोग खड़े हो गए थे, पुलिस उन्हें भी अरेस्ट करके ले गई। ये अच्छा नहीं हो रहा। ये सब भाजपा की साजिश है। मकान के सामने बाबा साहब और हिंदू देवताओं की मूर्तियां
राजवीर हमें दिखाते हुए बोले- आप खुद देखिए जिस मकान को इन लोगों ने धर्मांतरण का अड्डा बताकर छापा पड़वाया। यहां से लोगों की अरेस्टिंग कराई, उसके ठीक सामने ये हमारे बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगी है। सामने ही जाटवों का मंदिर, हिंदू देवी-देवताओं का मंदिर है। दिन-रात यहां लोग सनातन संस्कृति से पूजा, पाठ करने आते हैं। ऐसे माहौल में इस मकान में ये सब कैसे हो सकता है। मकान में ईसाई चिन्ह थे, तो पहले क्यों नहीं दिखे
इस मामले पर हमने दानिश सैफी से सवाल पूछे। वह वर्तमान सपा पार्षद अमरीना खान के बेटे हैं। दानिश कहते हैं- हम यहां पिछले 10 सालों से रहते हैं, हमारे घर के पीछे ही वो घर है, जिसमें धर्मांतरण की बात सामने आई है। मकान हिंदुओं का है, प्रार्थना तो यहां लंबे समय से होती है। लेकिन धर्मांतरण हो रहा है, ये हमें भी 11 अगस्त को पता चला। उन्होंने कहा – जिस तरह उस दिन हिंदू लोग आए और धर्मांतरण की बात कही, अंदर ईसाई धर्म के चिह्न मिले हैं। वीडियो में एक आदमी ईशू के बारे में बोलता दिख रहा है, तो यह सब बातें पिछले सालों से सामने क्यों नहीं आई। पूर्व पार्षद ने जनता ने पहले इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया। साफ है कि हमें बदनाम करने के लिए अब ये किया गया है। पूर्व पार्षद ने चुनाव के वक्त हमारी चुनावी रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगने की झूठी खबर फैलाकर हमारा चुनाव खराब कराया। उनके सारे आरोप पुलिस जांच में झूठे निकले। पिछले दिनों भी एक झगड़े में पूर्व पार्षद ने स्थानीय लोगों को बदनाम करने का काम किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जो मुख्य आरोपी पास्टर है, वो अब तक फरार है और इलाके के आम लोग जेल में हैं उनका गुनाह सिर्फ इतना है कि वो इस पूजा में जाते थे। मेरठ में धर्मांतरण का बड़ा मामला सामने आया। पैसों का लालच देकर हिंदू लोगों को ईसाई बनाया जा रहा था। धर्मांतरण में सहारनपुर के रवि पास्टर का नाम सामने आया। वह संडे प्रेयर की आड़ में धर्मांतरण के लिए ब्रेनवॉश करता था। 11 अगस्त को पुलिस एक्शन के बाद 3 महिला 2 पुरुष अरेस्ट हुए। रवि पास्टर पकड़ा नहीं गया, उसकी आखिरी लोकेशन दिल्ली मिली। क्या वाकई धर्मांतरण हो रहा था? कितने लोग हिंदू धर्म छोड़ चुके हैं? इन्हीं सवालों के साथ दैनिक भास्कर टीम खड़ौली इलाके में पहुंची। लोगों ने बताया – रवि पास्टर खड़ौली की निशा भारद्वाज और उसके कुछ साथियों के साथ मिलकर लोगों को ईसाई धर्म के लिए बरगलाते थे। निशा अपने बेटे की शादी पास्टर की ईसाई बेटी से कर चुकी है। वह खुद क्रिश्चियन बन चुकी हैं, इसलिए अब लोगों का धर्मांतरण कराना चाहती है। पहले घटना का फ्लैश बैक पढ़िए… हिंदू संगठनों का आरोप – प्रेयर नहीं, ईसाई धर्म अपनाने के करते हैं ब्रेनवॉश कंकरखेड़ा के खड़ौली में ओमकुमार का मकान है। इसमें पिछले काफी समय से माधवपुरम की निशा भारद्वाज किराए पर रहती हैं। वह ब्राह्मण बिरादरी से हैं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मकान में निशा एक पादरी के साथ मिलकर धर्मांतरण कराती है। यहां प्रवचन के नाम पर ईसाइयों की संडे प्रेयर करवाई जाती है। इसमें हिंदुओं को ईसाई बनने के लिए उकसाया जाता था। लंबे समय से इन चार दीवारों के भीतर हर रविवार यही होता था। हिंदू जागरण मंच तक यह मामला पहुंचा। 11 अगस्त की सुबह जब यहां भीड़ प्रेयर सुनने पहुंची तभी हिंदू संगठन के लोग भी पहुंच गए। थोड़ी देर बाद पुलिस बुला ली। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मकान में प्रवचन की आड़ में ईसाई धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। धार्मिक सभा में जुटे लोगों ने अपनी सफाई में बहुत कुछ कहा, मगर सुनवाई नहीं हुई। बुजुर्ग बोले – प्रार्थना होती थी, मगर ये सब नहीं होता था
खड़ौली में चौराहे पर कोने में बने इस बड़े से मकान में लोहे के गेट से एंट्री करते ही सामने हमें एक तख्त दिखा। तख्त पर टॉफी, बिस्कुट की छोटी सी दुकान थी। इलाके के बच्चे यहां रुपए, दो रुपए की चीज लेने चले आते हैं। बगल में चारपाई पर 75 साल के बुजुर्ग लेटे थे। हम लोगों ने कहा मीडिया से आए हैं, उस दिन क्या हुआ था? बुजुर्ग गुस्से में बोले – जो हुआ नहीं वो बताया गया, अब तो हमारे लोग जेल चले गए। अब आप और क्या जानना चाहती हैं। हमने कहा इस धर्मांतरण के पीछे कौन लोग थे? बुजुर्ग बोले- प्रार्थना होती थी, लेकिन ये सब नहीं होता था जो बताया जा रहा है। मैं यहीं पास में रहता हूं, मेरा घर छोटा है इसलिए यहां अपना समय काटने आ जाता हूं। जिस दिन ये सब हुआ, उसके बाद 2 दरोगा आए पूरे मकान और इलाके में घूमे। लिखकर ले गए कि प्रार्थना में कोई व्यक्ति यहां का नहीं था। 5 सालों से यहां पूजा हो रही, तब धर्मांतरण की बात क्यों नहीं उठी
भीड़ में खड़े अश्विनी कुमार ने कहा- इस मकान में पूजा पाठ लंबे समय से चल रहा था। पुराने सभासद (मनोज सैनी, भाजपा) ने यहां आकर खुद ही हंगामा किया। उन्होंने लोगों को धर्म चेंज करने की बात कहते हुए पुलिस के हवाले करा दिया। हिंदू मंच के लोगों को बुला लिया और अफवाह फैला दी कि ये लोग धर्मांतरण कर रहे थे और उन्हें बदनाम कर दिया। इस मकान में पिछले 5-6 साल से ये पूजा हो रही है। ये भाजपा के पुराने पार्षद की साजिश है कि वो पूरे एससी समाज को बदनाम करना चाह रहा है। चूंकि इस बार सपा ने यहां चुनाव जीता है। उस पार्षद को बदनाम करने की कोशिश है। धर्मांतरण का आरोप लगाने वाले पूर्व पार्षद जब खुद यहां सत्ता में थे, तब कुछ काम नहीं किया। वो हमसे अपनी हार का बदला लेना चाहते हैं
भीड़ में खड़े शराफत ने कहा – पूर्व पार्षद चुनाव हार चुके हैं, ये उन्हीं का बोया बीज है। अपनी हार का बदला लेने के लिए वो मोहल्ले को बदनाम कर रहा है। केंद्र में उनकी (भाजपा) सरकार है, वो जनता की परेशानी सुनकर ऊपर पहुंचा सकते हैं। वर्तमान पार्षद तो विपक्ष का है, उसकी उतनी सुनवाई नहीं होगी। लेकिन अब हम लोग पूर्व पार्षद के घर जाएं तो कहते हैं, हमें क्या तुमने वोट दिया है, हम तुम्हारा काम क्यों कराएं? जो भीड़ देखने आए उन्हें भी अरेस्ट कराया
यहीं खड़ौली में रहने वाले लोगों से हमने पूछा – उस रोज क्या हुआ था? राजवीर कहने लगे केवल हंगामा सुनकर जो लोग खड़े हो गए थे, पुलिस उन्हें भी अरेस्ट करके ले गई। ये अच्छा नहीं हो रहा। ये सब भाजपा की साजिश है। मकान के सामने बाबा साहब और हिंदू देवताओं की मूर्तियां
राजवीर हमें दिखाते हुए बोले- आप खुद देखिए जिस मकान को इन लोगों ने धर्मांतरण का अड्डा बताकर छापा पड़वाया। यहां से लोगों की अरेस्टिंग कराई, उसके ठीक सामने ये हमारे बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगी है। सामने ही जाटवों का मंदिर, हिंदू देवी-देवताओं का मंदिर है। दिन-रात यहां लोग सनातन संस्कृति से पूजा, पाठ करने आते हैं। ऐसे माहौल में इस मकान में ये सब कैसे हो सकता है। मकान में ईसाई चिन्ह थे, तो पहले क्यों नहीं दिखे
इस मामले पर हमने दानिश सैफी से सवाल पूछे। वह वर्तमान सपा पार्षद अमरीना खान के बेटे हैं। दानिश कहते हैं- हम यहां पिछले 10 सालों से रहते हैं, हमारे घर के पीछे ही वो घर है, जिसमें धर्मांतरण की बात सामने आई है। मकान हिंदुओं का है, प्रार्थना तो यहां लंबे समय से होती है। लेकिन धर्मांतरण हो रहा है, ये हमें भी 11 अगस्त को पता चला। उन्होंने कहा – जिस तरह उस दिन हिंदू लोग आए और धर्मांतरण की बात कही, अंदर ईसाई धर्म के चिह्न मिले हैं। वीडियो में एक आदमी ईशू के बारे में बोलता दिख रहा है, तो यह सब बातें पिछले सालों से सामने क्यों नहीं आई। पूर्व पार्षद ने जनता ने पहले इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया। साफ है कि हमें बदनाम करने के लिए अब ये किया गया है। पूर्व पार्षद ने चुनाव के वक्त हमारी चुनावी रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगने की झूठी खबर फैलाकर हमारा चुनाव खराब कराया। उनके सारे आरोप पुलिस जांच में झूठे निकले। पिछले दिनों भी एक झगड़े में पूर्व पार्षद ने स्थानीय लोगों को बदनाम करने का काम किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जो मुख्य आरोपी पास्टर है, वो अब तक फरार है और इलाके के आम लोग जेल में हैं उनका गुनाह सिर्फ इतना है कि वो इस पूजा में जाते थे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर