धौलाधार पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप इंडिया-2024 के तीसरे दिन 70 पायलटों ने नरवाणा पैराग्लाइडिंग साइट के टेकआफ प्वाइंट से 4-4 उड़ान भरी। धौलाधार पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप इंडिया-2024 का आयोजन एडवेंचर स्पोटर्स फेडरेशन आफ हिमाचल प्रदेश (एएसएफ) और नरवाणा एडवेंचर क्लब (नरवाणा पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन) द्वारा करवाया जा रहा है। इवेंट के पहले दिन शनिवार को ट्रायल फ्लाइंग का आयोजन किया गया था। डेविड कॉन्ट्रेरास लाज़ारो दूसरे स्थान पर आज प्रतियोगिता के तीसरे दिन पैराग्लाइडर पायलट ने 4 बार टेक आफ साइट से उड़ान भरी और लैंडिंग स्थल पर बनाए गये गोले के अंदर बनाए गये मार्क पर उतरने की कोशिश की, जिसमें कुछ पायलट मार्क के नजदीक उतरे तो कुछ पायलट गोले के बाहर ही उतरे जिस पर उन्हें उसके अनुसार अंक दिये गये। टेक आफ साइट से उड़ कर लैंडिंग साइट पर बनाए गये गोले के बीच बनाए गये मार्क पर उतरने की टास्क को पूरा करने के आधार पर पुरूष वर्ग में स्पेन के डेविड कॉन्ट्रेरास लाज़ारो 27 अंक लेकर लगातार दूसरे दिन भी पहले स्थान पर, भारत के जिला चंबा के खजियार के अक्षय कुमार 78 अंक लेकर दूसरे व भारत के ही राम भगवान शिंदे 81 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रहे। दूसरे स्थान पर भी रही भारत की महिला महिला वर्ग में भारत की तरन्नुम ठाकुर 385 अंक लेकर प्रथम, भारत की अलीशा कटोच 1167 लेकर दूसरे व जीन लोफ्लर 1564 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रही। भारत की सुनिधि जंबाल 1991 अंक लेकर तीसरे स्थान से फिसल कर चौथे स्थान पर रही। टीम वर्ग में फ्लाई इन स्काई पहले दिन के विपरीत अच्छे खेल का प्रदर्शन किया और 415 अंक लेकर पहले स्थान पर, कजाकिस्तान की टीम 530 अंक लेकर दूसरे व आसाम राइफल टीम 862 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रही। यहां देखें पैराग्लाइडिंग से जुड़ी तस्वीरें- धौलाधार पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप इंडिया-2024 के तीसरे दिन 70 पायलटों ने नरवाणा पैराग्लाइडिंग साइट के टेकआफ प्वाइंट से 4-4 उड़ान भरी। धौलाधार पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप इंडिया-2024 का आयोजन एडवेंचर स्पोटर्स फेडरेशन आफ हिमाचल प्रदेश (एएसएफ) और नरवाणा एडवेंचर क्लब (नरवाणा पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन) द्वारा करवाया जा रहा है। इवेंट के पहले दिन शनिवार को ट्रायल फ्लाइंग का आयोजन किया गया था। डेविड कॉन्ट्रेरास लाज़ारो दूसरे स्थान पर आज प्रतियोगिता के तीसरे दिन पैराग्लाइडर पायलट ने 4 बार टेक आफ साइट से उड़ान भरी और लैंडिंग स्थल पर बनाए गये गोले के अंदर बनाए गये मार्क पर उतरने की कोशिश की, जिसमें कुछ पायलट मार्क के नजदीक उतरे तो कुछ पायलट गोले के बाहर ही उतरे जिस पर उन्हें उसके अनुसार अंक दिये गये। टेक आफ साइट से उड़ कर लैंडिंग साइट पर बनाए गये गोले के बीच बनाए गये मार्क पर उतरने की टास्क को पूरा करने के आधार पर पुरूष वर्ग में स्पेन के डेविड कॉन्ट्रेरास लाज़ारो 27 अंक लेकर लगातार दूसरे दिन भी पहले स्थान पर, भारत के जिला चंबा के खजियार के अक्षय कुमार 78 अंक लेकर दूसरे व भारत के ही राम भगवान शिंदे 81 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रहे। दूसरे स्थान पर भी रही भारत की महिला महिला वर्ग में भारत की तरन्नुम ठाकुर 385 अंक लेकर प्रथम, भारत की अलीशा कटोच 1167 लेकर दूसरे व जीन लोफ्लर 1564 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रही। भारत की सुनिधि जंबाल 1991 अंक लेकर तीसरे स्थान से फिसल कर चौथे स्थान पर रही। टीम वर्ग में फ्लाई इन स्काई पहले दिन के विपरीत अच्छे खेल का प्रदर्शन किया और 415 अंक लेकर पहले स्थान पर, कजाकिस्तान की टीम 530 अंक लेकर दूसरे व आसाम राइफल टीम 862 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रही। यहां देखें पैराग्लाइडिंग से जुड़ी तस्वीरें- हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
मंडी में धर्म की आड़ में 7 लाख की ठगी:शिकारी माता के गुर बनके ऐंठे रुपए; पीड़ितों ने एसपी से की शिकायत
मंडी में धर्म की आड़ में 7 लाख की ठगी:शिकारी माता के गुर बनके ऐंठे रुपए; पीड़ितों ने एसपी से की शिकायत मंडी जिले में धर्म की आड़ में लाखों रूपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। आरोपी इंद्र देव ने शिकारी माता का गुर बनके दर्जनों लोगों से करीब 7 लाख रूपए ऐंठ लिए। आरोप है कि पूजा-पाठ के नाम पर इंद्र देव ने गोहर व अन्य क्षेत्र के लोगों को पहले अपने चंगुल में फंसाया। फिर उनसे पैसे ऐंठ लिए। बुधवार को ठगी का शिकार हुए लोगों ने एसपी साक्षी वर्मा से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता तारा कुमारी ने बताया कि उसकी हैंडलूम की दुकान है, उनकी दुकान में इंद्र देव एक दो बार टोपी खरीदने आया, फिर उसने परिवार के बारे में पूछा और उनके भाई की पूजा पाठ के नाम पर लगभग 1लाख 60 हजार रूपए ऐंठ लिए। प्रदीप कुमार के घर भी पूजा-पाठ व हवन यज्ञ के नाम पर 1 लाख 10 हजार रूपए ऐंठ लिए। ठगी की वारदात के बाद जब इंद्र देव को फोन करते, तो वह बंद कर देता। मंडी शहर के निवासी करन मल्होत्रा ने बताया कि प्रदीप कुमार ने जब उन्हें इस पूरी घटना के बारे में बताया तो उन्होंने इंद्र देव के बारे में जांच पड़ताल की, जिसमें पाया गया कि इंद्र देव ने दर्जनों लोगों से पैसे ऐंठे हैं। जो लोग अभी तक सामने आए हैं, उनसे करीब 7 लाख की ठगी हो चुकी है। मामले की जांच कर रही पुलिस- एसपी एसपी साक्षी वर्मा ने बताया कि आज उनके पास कुछ लोगों ने शिकायत सौंपी है। जिसमें पूजा-पाठ के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी हुई है। इसको लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
हिमाचल में 9वें दिन भी 42 लोगों का सुराग नहीं:8 शवों की शिनाख्त होनी बाकी; डीएनए से होगी पहचान, 40 के सैंपल लिए गए
हिमाचल में 9वें दिन भी 42 लोगों का सुराग नहीं:8 शवों की शिनाख्त होनी बाकी; डीएनए से होगी पहचान, 40 के सैंपल लिए गए हिमाचल प्रदेश में 9 दिन बाद भी 42 लापता लोगों सुराग नहीं लग पाया है। शिमला जिला के रामपुर के समेज, कुल्लू के निरमंड के बागीपुल व सिंघगाड़ और मंडी की चौहारघाटी में लापता लोगों का तलाश में रेस्क्यू जारी है। रामपुर के समेज से सुन्नी के कोड डैम तक चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान 9 दिन में 10 शव बरामद हुए है। इनमें से अभी दो की ही पहचान हो पाई है। हालांकि दो दिन पहले तीसरे लापता इंजीनियर सिद्धार्थ की पहचान का रिश्तेदारों ने दावा किया था। मगर बीती को शाम को सिद्धार्थ के पिता ने जब शव देखा तो उन्होंने कहा ये उनका बेटा नहीं है। अन्य शवों की पहचान के लिए पुलिस 40 से ज्यादा लोगों के डीएनए सैंपल ले चुकी है। रामपुर के समेज से कुल 36 लोग लापता हुए थे। यहां कुछ शव जरूर मिले है, लेकिन सबकी पहचान नहीं हो सकी। इस लिहाज से 34 व्यक्ति अभी भी लापता है। मंडी की चौहारघाटी के राजबन गांव में भी 11 लोग मलबे में दब गए थे। एक को जिंदा निकाला गया, जबकि 9 लोगों के शव बरामद कर लिए गए है। राजबन में अभी भी 1 युवक लापता है। बागीपुल में 5 लोगों का अभी भी सुराग नहीं कुल्लू के निरमंड के बागीपुल में 31 जुलाई की आधी रात को कुर्पण खड्ड में आए सैलान से 7 लोग बाढ़ में बह गए थे। इनमें से 2 के शव मिल गए है, जबकि 5 अभी भी लापता है। श्रीखंड के पहले पड़ाव सिंघगाड़ से भी 2 व्यक्ति लापता है। इनका भी अब तक सुराग नहीं लग पाया है। 300 जवान रेस्क्यू में जुटे लापता लोगों की तलाश में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड के 300 से ज्यादा जवान लगे हुए हैं। अब तक रेस्क्यू दल का ज्यादा फोकस समेज क्षेत्र था। मगर बीते एक सप्ताह के दौरान ज्यादातर शव कोड डैम और सतलुज नदी के किनारे मिले है। लिहाजा रेस्क्यू दल अब सतलुज नदी के तटों और कोल डैम में तलाश कर रहा है। बीच बीच में हो रही बारिश सर्च ऑपरेशन में बाधा उत्पन्न कर रही है। अब सतलुज किनारे सर्च ऑपरेशन पर जोर: डीसी डीसी शिमला अनुपंम कश्यप ने बताया कि समेज में लगभग 95 प्रतिशत क्षेत्र की खुदाई कर दी गई है। इस दौरान कुछ सामान जरूर मिला है। मगर लापता व्यक्ति यहां नहीं मिल पाए। उन्होंने बताया कि अब तक जो शव मिले है, उनमें ज्यादा कोल डैम में बरामद किए गए। प्रदेश में 42 लोग अभी भी लापता 6 दिन से सर्च ऑपरेशन के बाद समेज में 34, चौहारघाटी में 1, कुल्लू के बाघीपुल में 5 और श्रीखंड के सिंघगाड़ से 2 व्यक्ति अभी भी लापता है। प्रदेश में कुल मिलाकर 42 लोगों का अभी भी सुराग नहीं लग पाया है। अब तक कहां कितने शव मिले मंडी की चौहारघाटी में 9 शव मिले है। कुल्लू के बागीपुल में 2 शव मिले है, यहां पर भी अभी 5 लोग लापता है। समेज में 36 लोग लापता थे। इनमें से 2 के शवों की पहचान और अंतिम संस्कार कर दिया गया है। ग्रामीणों की संतुष्ट तक जारी रहेगा सर्च ऑपरेशन सर्च ऑपरेशन में करीब डेढ़ सौ से अधिक सदस्य व आठ मशीनें मौके पर खोजबीन में जुटी हुई है। समेज में जारी सर्च ऑपरेशन के तहत अभी तक सभी संभव स्थानों पर हर तकनीक के माध्यम से लापता लोगों की खोज की जा चुकी है, लेकिन असफल रहे। अब समेज में हुई घटना के शवों के सुन्नी में मिलने से अंदाजा लगाया जा सकता है की उस दिन किस वेग के साथ पानी ने मार की होगी। बहरहाल जब तक स्थानीय ग्रामीण संतुष्ट नहीं हो जाते तब तक समेज में घटनास्थल पर सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश होंगे। 19 अक्टूबर से न्यायाधीश तरलोक चौहान का हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल शुरू होगा। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने इसे लेकर बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। बीते 25 सितंबर को ही चीफ जस्टिस बने राजीव शकधर 18 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। इसे देखते हुए तरलोक चौहान को यह जिम्मा सौंपा गया है। पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। शिमला के BCS स्कूल से की पढ़ाई हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक चौहान 9 जनवरी 1964 को रोहडू में जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। इस दौरान वे स्कूल के कैप्टन भी रहे। DAV कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने। लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून के सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। कई पदों पर रहे, कोर्ट मित्र भी बनाए गए राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे। विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने। हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए। 2014 में हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने 23 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के बाद 30 नवंबर 2014 को वे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। इन्होंने 5 मई 2014 से हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल / बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वासन शिमला और हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी 2020 से 23 फरवरी 2020 तक “न्यायपालिका और बदलती दुनिया” विषय पर सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वे 3 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे। 13 से 17 मई 2019 तक रोमानिया में “बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार” पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे। वे हाईकोर्ट के पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रहे तरलोक चौहान 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। 18 नवंबर 2018 से 13 मार्च 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाईकोर्ट में कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख होने के कारण हाईकोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण काे भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय इन्हें जाता है।