<p style=”text-align: justify;”><strong>Maha kumbh 2025: </strong>प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को हुए हादसे की जांच अभी पूरी नहीं हो पाई है. हादसे की सही वजह और मृतकों की वास्तविक संख्या पता लगाने के लिए गठित न्यायिक आयोग का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाए जाने की तैयारी है. आयोग ने अब तक करीब 200 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, लेकिन दूसरे राज्यों से आए कई पीड़ितों और अधिकारियों के बयान अभी शेष हैं. आयोग का कार्यकाल बढ़ाए जाने की सूचना ऐसे वक्त में आई है जब बीते दिनों बीबीसी हिन्दी की एक रिपोर्ट में सरकार के दावों को गलत बताते हुए कहा गया था कि 37 नहीं 82 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा दावा किया गया था कि 4 जगहों पर भगदड़ मची थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में गठित इस आयोग में पूर्व डीजी वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डीके सिंह को सदस्य बनाया गया है. आयोग ने हादसे के बाद कई बार मौके का निरीक्षण किया और प्रत्यक्षदर्शियों, चिकित्सकों, पुलिस अधिकारियों और मीडियाकर्मियों से जानकारी जुटाई. अब उन परिवारों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं, जो दूसरे राज्यों से स्नान पर्व में शामिल होने आए थे और हादसे का शिकार हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-samajwadi-party-chief-akhilesh-yadav-reacts-threat-of-imran-masood-and-congress-2963954″><strong>कांग्रेस की धमकियों पर अखिलेश यादव का रुख सख्त! कहा- ‘जो लोग गठबंधन छोड़ना चाहते हैं वो…'</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी बढ़ चुका है कार्यकाल</strong><br />गौरतलब है कि 29 जनवरी को अमृत स्नान के दौरान कुछ स्थानों पर भगदड़ मच गई थी, जिसमें प्रशासन ने 37 लोगों की मौत की पुष्टि की थी. हालांकि, कई रिपोर्ट्स में इससे कहीं अधिक मृतकों की संख्या बताई गई. एक न्यूज एजेंसी की हालिया रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले दावे सामने आए, जिनकी आयोग द्वारा पड़ताल की जा रही है. खास तौर पर नकद मुआवजा पाने वाले पीड़ितों के दावों की सत्यता जांची जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फरवरी में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने आयोग की जांच का दायरा बढ़ाया था. अब आयोग को भगदड़ की सभी घटनाओं, उसमें हुए जानमाल के नुकसान, और प्रशासनिक समन्वय की भी जांच करनी है. इसी वजह से कार्यकाल पहले एक माह और फिर तीन माह बढ़ाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट तैयार होते ही आयोग इसे राज्य सरकार को सौंपेगा, जिसमें हादसे की सच्चाई, लापरवाही और जिम्मेदार अफसरों की भूमिका का विस्तृत ब्यौरा होगा.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maha kumbh 2025: </strong>प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को हुए हादसे की जांच अभी पूरी नहीं हो पाई है. हादसे की सही वजह और मृतकों की वास्तविक संख्या पता लगाने के लिए गठित न्यायिक आयोग का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाए जाने की तैयारी है. आयोग ने अब तक करीब 200 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, लेकिन दूसरे राज्यों से आए कई पीड़ितों और अधिकारियों के बयान अभी शेष हैं. आयोग का कार्यकाल बढ़ाए जाने की सूचना ऐसे वक्त में आई है जब बीते दिनों बीबीसी हिन्दी की एक रिपोर्ट में सरकार के दावों को गलत बताते हुए कहा गया था कि 37 नहीं 82 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा दावा किया गया था कि 4 जगहों पर भगदड़ मची थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में गठित इस आयोग में पूर्व डीजी वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डीके सिंह को सदस्य बनाया गया है. आयोग ने हादसे के बाद कई बार मौके का निरीक्षण किया और प्रत्यक्षदर्शियों, चिकित्सकों, पुलिस अधिकारियों और मीडियाकर्मियों से जानकारी जुटाई. अब उन परिवारों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं, जो दूसरे राज्यों से स्नान पर्व में शामिल होने आए थे और हादसे का शिकार हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-samajwadi-party-chief-akhilesh-yadav-reacts-threat-of-imran-masood-and-congress-2963954″><strong>कांग्रेस की धमकियों पर अखिलेश यादव का रुख सख्त! कहा- ‘जो लोग गठबंधन छोड़ना चाहते हैं वो…'</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी बढ़ चुका है कार्यकाल</strong><br />गौरतलब है कि 29 जनवरी को अमृत स्नान के दौरान कुछ स्थानों पर भगदड़ मच गई थी, जिसमें प्रशासन ने 37 लोगों की मौत की पुष्टि की थी. हालांकि, कई रिपोर्ट्स में इससे कहीं अधिक मृतकों की संख्या बताई गई. एक न्यूज एजेंसी की हालिया रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले दावे सामने आए, जिनकी आयोग द्वारा पड़ताल की जा रही है. खास तौर पर नकद मुआवजा पाने वाले पीड़ितों के दावों की सत्यता जांची जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फरवरी में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने आयोग की जांच का दायरा बढ़ाया था. अब आयोग को भगदड़ की सभी घटनाओं, उसमें हुए जानमाल के नुकसान, और प्रशासनिक समन्वय की भी जांच करनी है. इसी वजह से कार्यकाल पहले एक माह और फिर तीन माह बढ़ाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट तैयार होते ही आयोग इसे राज्य सरकार को सौंपेगा, जिसमें हादसे की सच्चाई, लापरवाही और जिम्मेदार अफसरों की भूमिका का विस्तृत ब्यौरा होगा.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ‘…मेरा बच्चा मुझे छोड़कर चला गया’, हेलीकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले पायलट को लेफ्टिनेंट कर्नल पत्नी ने दी विदाई
नई रिपोर्ट का असर या कुछ और? महाकुंभ भगदड़ के जांच आयोग का कार्यकाल बढ़ाने की तैयारी
