नरमुंड की माला का श्रृंगार, श्मशान देवता की पूजा, बेहद खतरनाक है अघोर पंथ, जानें- कैसे बनते हैं अघोरी?

नरमुंड की माला का श्रृंगार, श्मशान देवता की पूजा, बेहद खतरनाक है अघोर पंथ, जानें- कैसे बनते हैं अघोरी?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Aghori Baba In Maha Kumbh:</strong> महाकुंभ में अलग अलग पंथ को मानने वाले लोग पहुंचे हैं. इस महाकुंभ में अघोर पंथ से जुड़े हुए लोग भी आए हैं जिससे हमने अघोर पंथ के बारे में जानने की कोशिश करी. आइए आपको बताते हैं अघोर पंथ क्या होता है. अघोर पंथ के मानने वाले लोग क्या करते हैं? कहां रहते हैं? क्या भूत पिशाच मिटाने जैसी कोई विद्या मौजूद है? क्या 21वीं सदी में भी ऐसी ऊर्जाएं होती हैं और इसे कैसे खत्म किया जाता है?&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अघोर पंथ के बारे में कहा जाता है कि अघोर पंथ की शक्तियां कंकाल से हैं और इसी से उन्हें पावर मिलती है.ये लोग शमशान काली, शमशान भैरव, भूत भैरव ,पिचाश भैरव, सब भैरव के नाम पर शक्तियां सिद्ध करते है. कुल आठ भैरव होते हैं जिनके नाम पर इनको सिद्ध किया जाता है और भैरव की पूजा के नाम पर शक्तियां सिद्ध की जाती है. जिन नर कंकालों को सिद्ध किया जाता है उन्हें जल प्रवाह के दौरान डुबकियां मार के निकाला जाता हैं, फिर उसके बाद ढूंढा जाता है कि कौन सा कंकाल काम करेगा और कौन सा नहीं करेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अघोर पंथ को मानने वाले राजकुमार अघोरी जी महाराज की माने तो कई हजार कंकालों पर सिद्धियों की जाती है. फिर उसमें कुछ कंकाल ही काम के निकलते हैं. उनका कहना है कि लगभग 10,000 कंकाल निकाले जाएं तो एक ही कंकाल काम करे. इन्हीं कंकालों से झाड़ फूंक की जाती है और अगर झाड़ फूंक से फायदा होता है तो उससे सिद्ध होता है कि कंकाल काम कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-2025-prayagraj-yogi-government-may-held-cabinet-meeting-in-prayagraj-2863851″><strong>UP Cabinet Meeting: महाकुंभ में होगी योगी कैबिनेट की बैठक, संगम में डुबकी लगाएंगे मंत्री, प्रशासन ने शुरू की तैयारी</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्यों होता है नरमुंड का श्रृंगार?</strong><br />अघोरी बाबा का श्रृंगार साल में एक बार होता है, यह श्रृंगार शमशान की होली के समय होता है. उस दिन अघोरी बाबा नरमुंड की माला का श्रृंगार करते हैं. मसान वाली होली के दिन भूत भावन सरकार की पूजा होती है, शमशान देवता की पूजा होती है ओर शमशान देवता का विशाल श्रृंगार भी किया जाता है.बाबा राजकुमार अघोरी जी महाराज कहते हैं कि अघोर पंथ को मानने वाले लोग उसदिन शमशान पर इकट्ठा होते हैं और वही लोग अपने बाबा का नरमुंड की माला पहनाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या होता है अघोर पंथ</strong>?<br />बाबा राजकुमार अघोरी जी महाराज कहते हैं कि अघोर एक परंपरा है, अघोर एक तंत्र क्रिया है, अघोर एक साधना है , अघोर एक विचार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन है बाबा राजकुमार अघोरी जी महाराज?</strong><br />बाबा राजकुमार बनारस में पैदा हुए है , 40 साल से इस पंथ को मानते हैं. उनकी जन्मभूमि , कर्मभूमि सब काशी में है और गुरु आश्रम भी काशी में है. वो बताते हैं कि बाबा कीनाराम उनके गुरु है और शमशान घाट इनका आश्रम. उनका कहना है कि बचपन से ही उनकी अघोर पंथ में जाने की इच्छा थी इसलिए उन्हें अघोर बाबा से दीक्षा ली और अघोर को अपना जीवन समर्पित कर दिया. &nbsp;उनका कहना है कि वह शमशान में रहते, वहीं बनाते और खाते पीते हैं.अघोरियों के भोग को लेकर उन्होंने कहा वैसे तो भोग में कुछ भी दाल ,चावल, रोटी लगाया जाता है पर बाबा कीनाराम को जब भोग लगता है तो मछली और चावल का भोग लगता हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अघोरियों के पास रहने वाली भस्म की क्या है महत्व?</strong><br />अघोरी बाबा का कहना है कि उनके पास जो भस्म होती है वह चिता भस्म होती है वह शमशान से उस भस्म को लाते हैं और इसी भस्म को वह लोगों को प्रसाद के रूप में लगाते हैं. इसी भस्म को रात भर कीर्तन भजन और मंत्रों से सिद्ध करते हैं और फिर जो भी लोग अघोर को मानने वाले आते हैं उनको इसी भस्म का प्रसाद लगाया जाता है</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अघोरी बाबा के पास कैसी समस्याएं लेकर आते हैं लोग?</strong><br />अघोरी बाबा राजकुमार दास कहते कि वैसे तो इंसान के जीवन में समस्याओं की कमी नहीं है लेकिन जो लोग भी अघोर पंथ के मानने वाले लोग हैं वो अपनी अलग अलग समस्या लेकर उनके पास आते हैं. उसमे अधिकतर ऐसे लोग होते हैं जो भूत प्रेत की समस्याएं से परेशान होते हैं, &nbsp;नेगेटिव एनर्जी से परेशान होते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कोई कहता है कि उसका कोई गला दबा देता है, कोई &nbsp;रात में अचानक से खेलने लगता है. तो ऐसे लोग जो अघोर पंथ पर विश्वास करते हैं और उनके पास ऐसी समस्या लेकर आते हैं उसका वह निराकरण करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा 21वीं सदी में भी ऐसी नेगेटिव ऊर्जा काम करती और अगर कोई नेगेटिव ऊर्जा आपको परेशान कर रही है तो अघोर पंथ के मानने वाले लोग आते हैं उसकी पूज पूजा पाठ करके ठीक किया जाता है. उन्होंने कहा कि जिस भस्म को हम लोग पूजा पाठ करके सिद्ध किए होते हैं उस भस्म का इस्तेमाल करते हैं और अगर किसी को ज्यादा समस्या होती है तो उसके लिए अलग से पूजा पाठ करके ठीक करते हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Aghori Baba In Maha Kumbh:</strong> महाकुंभ में अलग अलग पंथ को मानने वाले लोग पहुंचे हैं. इस महाकुंभ में अघोर पंथ से जुड़े हुए लोग भी आए हैं जिससे हमने अघोर पंथ के बारे में जानने की कोशिश करी. आइए आपको बताते हैं अघोर पंथ क्या होता है. अघोर पंथ के मानने वाले लोग क्या करते हैं? कहां रहते हैं? क्या भूत पिशाच मिटाने जैसी कोई विद्या मौजूद है? क्या 21वीं सदी में भी ऐसी ऊर्जाएं होती हैं और इसे कैसे खत्म किया जाता है?&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अघोर पंथ के बारे में कहा जाता है कि अघोर पंथ की शक्तियां कंकाल से हैं और इसी से उन्हें पावर मिलती है.ये लोग शमशान काली, शमशान भैरव, भूत भैरव ,पिचाश भैरव, सब भैरव के नाम पर शक्तियां सिद्ध करते है. कुल आठ भैरव होते हैं जिनके नाम पर इनको सिद्ध किया जाता है और भैरव की पूजा के नाम पर शक्तियां सिद्ध की जाती है. जिन नर कंकालों को सिद्ध किया जाता है उन्हें जल प्रवाह के दौरान डुबकियां मार के निकाला जाता हैं, फिर उसके बाद ढूंढा जाता है कि कौन सा कंकाल काम करेगा और कौन सा नहीं करेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अघोर पंथ को मानने वाले राजकुमार अघोरी जी महाराज की माने तो कई हजार कंकालों पर सिद्धियों की जाती है. फिर उसमें कुछ कंकाल ही काम के निकलते हैं. उनका कहना है कि लगभग 10,000 कंकाल निकाले जाएं तो एक ही कंकाल काम करे. इन्हीं कंकालों से झाड़ फूंक की जाती है और अगर झाड़ फूंक से फायदा होता है तो उससे सिद्ध होता है कि कंकाल काम कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-2025-prayagraj-yogi-government-may-held-cabinet-meeting-in-prayagraj-2863851″><strong>UP Cabinet Meeting: महाकुंभ में होगी योगी कैबिनेट की बैठक, संगम में डुबकी लगाएंगे मंत्री, प्रशासन ने शुरू की तैयारी</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्यों होता है नरमुंड का श्रृंगार?</strong><br />अघोरी बाबा का श्रृंगार साल में एक बार होता है, यह श्रृंगार शमशान की होली के समय होता है. उस दिन अघोरी बाबा नरमुंड की माला का श्रृंगार करते हैं. मसान वाली होली के दिन भूत भावन सरकार की पूजा होती है, शमशान देवता की पूजा होती है ओर शमशान देवता का विशाल श्रृंगार भी किया जाता है.बाबा राजकुमार अघोरी जी महाराज कहते हैं कि अघोर पंथ को मानने वाले लोग उसदिन शमशान पर इकट्ठा होते हैं और वही लोग अपने बाबा का नरमुंड की माला पहनाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या होता है अघोर पंथ</strong>?<br />बाबा राजकुमार अघोरी जी महाराज कहते हैं कि अघोर एक परंपरा है, अघोर एक तंत्र क्रिया है, अघोर एक साधना है , अघोर एक विचार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन है बाबा राजकुमार अघोरी जी महाराज?</strong><br />बाबा राजकुमार बनारस में पैदा हुए है , 40 साल से इस पंथ को मानते हैं. उनकी जन्मभूमि , कर्मभूमि सब काशी में है और गुरु आश्रम भी काशी में है. वो बताते हैं कि बाबा कीनाराम उनके गुरु है और शमशान घाट इनका आश्रम. उनका कहना है कि बचपन से ही उनकी अघोर पंथ में जाने की इच्छा थी इसलिए उन्हें अघोर बाबा से दीक्षा ली और अघोर को अपना जीवन समर्पित कर दिया. &nbsp;उनका कहना है कि वह शमशान में रहते, वहीं बनाते और खाते पीते हैं.अघोरियों के भोग को लेकर उन्होंने कहा वैसे तो भोग में कुछ भी दाल ,चावल, रोटी लगाया जाता है पर बाबा कीनाराम को जब भोग लगता है तो मछली और चावल का भोग लगता हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अघोरियों के पास रहने वाली भस्म की क्या है महत्व?</strong><br />अघोरी बाबा का कहना है कि उनके पास जो भस्म होती है वह चिता भस्म होती है वह शमशान से उस भस्म को लाते हैं और इसी भस्म को वह लोगों को प्रसाद के रूप में लगाते हैं. इसी भस्म को रात भर कीर्तन भजन और मंत्रों से सिद्ध करते हैं और फिर जो भी लोग अघोर को मानने वाले आते हैं उनको इसी भस्म का प्रसाद लगाया जाता है</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अघोरी बाबा के पास कैसी समस्याएं लेकर आते हैं लोग?</strong><br />अघोरी बाबा राजकुमार दास कहते कि वैसे तो इंसान के जीवन में समस्याओं की कमी नहीं है लेकिन जो लोग भी अघोर पंथ के मानने वाले लोग हैं वो अपनी अलग अलग समस्या लेकर उनके पास आते हैं. उसमे अधिकतर ऐसे लोग होते हैं जो भूत प्रेत की समस्याएं से परेशान होते हैं, &nbsp;नेगेटिव एनर्जी से परेशान होते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कोई कहता है कि उसका कोई गला दबा देता है, कोई &nbsp;रात में अचानक से खेलने लगता है. तो ऐसे लोग जो अघोर पंथ पर विश्वास करते हैं और उनके पास ऐसी समस्या लेकर आते हैं उसका वह निराकरण करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा 21वीं सदी में भी ऐसी नेगेटिव ऊर्जा काम करती और अगर कोई नेगेटिव ऊर्जा आपको परेशान कर रही है तो अघोर पंथ के मानने वाले लोग आते हैं उसकी पूज पूजा पाठ करके ठीक किया जाता है. उन्होंने कहा कि जिस भस्म को हम लोग पूजा पाठ करके सिद्ध किए होते हैं उस भस्म का इस्तेमाल करते हैं और अगर किसी को ज्यादा समस्या होती है तो उसके लिए अलग से पूजा पाठ करके ठीक करते हैं.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड औरंगाबाद प्रिंस हत्याकांड: परिजनों से मिले पावरस्टार पवन सिंह, उठाया ये बड़ा जिम्मा, कहा- ‘वचन देता हूं…’