जींद जिले के नरवाना में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य पर आज रन फोर यूनिटी का आयोजन हुआ। मैराथन दौड़ में एसडीएम दलजीत सिंह मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने हरि झंडी दिखाकर दौड़ का रवाना किया। मैराथन दौड़ स्थानीय नवदीप स्टेडियम से शुरू हुई, जो सर्विस लेन होते हुए लघुसचिवालय से वापस नया पुराना बस स्टैंड,आईटीआई से वापस नवदीप स्टेडियम में ही समापन हुआ। रन फॉर यूनिटी में विभिन्न आयु वर्गों के लगभग 200 से ज्यादा धावकों ने भाग लिया। आपसी भाईचारा लाना है रन फॉर यूनिटी का उद्देश्य एसडीएम ने कहा कि रन फॉर यूनिटी का मुख्य उद्देश्य समाज में एकता व आपसी भाईचारा लाना है। एसडीएम ने बताया कि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की 565 रियासतों को मिलाकर देश में एकता का महत्वपूर्ण एवं प्रेरणादायक संदेश दिया। इसलिए लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को पूरा देश हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाता है। उनका मुख्य उद्देश्य ही देश का एकीकरण करना था। आज भी हम सबको उन्हीं के दिखाए हुए रास्ते पर चलकर समाज में एकता व आपसी भाईचारा को बढ़ावा देना है। एसडीएम दलजीत सिंह के द्वारा मैराथन दौड़ के सफल आयोजन करवाने पर नवदीप स्टेडियम इंचार्ज व कोच संदीप सिंह, हेंडवाल कोच रितु कुमारी, एथलेटिक्स कोच बीरबल सिंह व वेद प्रकाश को सम्मानित भी किया गया। जींद जिले के नरवाना में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य पर आज रन फोर यूनिटी का आयोजन हुआ। मैराथन दौड़ में एसडीएम दलजीत सिंह मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने हरि झंडी दिखाकर दौड़ का रवाना किया। मैराथन दौड़ स्थानीय नवदीप स्टेडियम से शुरू हुई, जो सर्विस लेन होते हुए लघुसचिवालय से वापस नया पुराना बस स्टैंड,आईटीआई से वापस नवदीप स्टेडियम में ही समापन हुआ। रन फॉर यूनिटी में विभिन्न आयु वर्गों के लगभग 200 से ज्यादा धावकों ने भाग लिया। आपसी भाईचारा लाना है रन फॉर यूनिटी का उद्देश्य एसडीएम ने कहा कि रन फॉर यूनिटी का मुख्य उद्देश्य समाज में एकता व आपसी भाईचारा लाना है। एसडीएम ने बताया कि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की 565 रियासतों को मिलाकर देश में एकता का महत्वपूर्ण एवं प्रेरणादायक संदेश दिया। इसलिए लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को पूरा देश हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाता है। उनका मुख्य उद्देश्य ही देश का एकीकरण करना था। आज भी हम सबको उन्हीं के दिखाए हुए रास्ते पर चलकर समाज में एकता व आपसी भाईचारा को बढ़ावा देना है। एसडीएम दलजीत सिंह के द्वारा मैराथन दौड़ के सफल आयोजन करवाने पर नवदीप स्टेडियम इंचार्ज व कोच संदीप सिंह, हेंडवाल कोच रितु कुमारी, एथलेटिक्स कोच बीरबल सिंह व वेद प्रकाश को सम्मानित भी किया गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सरकारी कर्मचारी फिर बनेंगे भाजपा सरकार के लिए मुसीबत:OPS को लेकर सड़क पर उतरने का फैसला, 1 जुलाई से शुरू होगा आंदोलन
सरकारी कर्मचारी फिर बनेंगे भाजपा सरकार के लिए मुसीबत:OPS को लेकर सड़क पर उतरने का फैसला, 1 जुलाई से शुरू होगा आंदोलन हरियाणा में लोकसभा की 5 सीटें हारने के बाद भाजपा पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है। इसका सबसे बड़ा कारण कर्मचारी वर्ग की नाराजगी है। अब ये कर्मचारी विधानसभा चुनाव से पहले अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन तेज करने जा रहे हैं। हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इसलिए कर्मचारी सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। इसको देखते हुए प्रदेश में पेंशन आंदोलन फिर से तेज होने जा रहा है। पेंशन बहाली संघर्ष समिति 1 जुलाई से 10 अगस्त के बीच प्रदेश के सभी जिलों में ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) सम्मेलन करेगी और जिले में पेंशन आक्रोश मार्च निकालेगी तथा 1 सितंबर को पंचकूला में रैली निकालेगी और चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी। आज पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन महासचिव ऋषि नैन ने किया। विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदेश का हर कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक ओपीएस बहाली को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाया है, जिससे प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों में आक्रोश है। कमेटी बनने के बाद भी सरकार ने नहीं बुलाई मीटिंग
प्रदेश अध्यक्ष धारीवाल ने कहा कि सरकार द्वारा 20 फरवरी 2023 को OPS के लिए उच्चस्तरीय कमेटी के गठन किया गया था लेकिन 3 मार्च के बाद सरकार द्वारा कोई मीटिंग नहीं बुलाई गई। विजेंद्र धारीवाल में कहा कि कर्मचारियों को नाराज कर सरकार अपने लिए मुश्किल खड़ी कर रही है। लोकसभा चुनाव में भी संघर्ष समिति द्वारा चलाई है वोट फॉर OPS मुहिम प्रभावी साबित हुई है। धारीवाल ने कहा कि प्रदेश का हर कर्मचारी पेंशन बहाली के लिए सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। कर्मचारी बोले-सरकार के पास अब भी मौका
पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा का कहना है कि अभी सरकार के पास समय है OPS बहाल करके इस नाराजगी को दूर कर सकती है। जब तक पेंशन स्कीम बहाल नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 1 जुलाई से सभी जिलों में OPS सम्मेलन कर जिला स्तरीय आक्रोश मार्च निकाल उपयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा। उसके बावजूद अगर सरकार बहाली के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाता तो 1 सितंबर को पंचकूला में रैली कर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। कर्मचारियों की नाराजगी सरकार को पड़ गई थी भारी
हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी का सामना BJP को लोकसभा चुनाव में करना पड़ा था। हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में सिर्फ 4 ही सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा सर्विस वोट मिले थे। 6 सीटों पर सर्विस वोटरों की पहली पसंद कांग्रेस रही। अंबाला, हिसार, करनाल, सोनीपत, रोहतक और सिरसा लोकसभा में सर्विस वोट यानी पोस्टल बैलट से मतदान में भाजपा पिछड़ गई। पूर्व CM मनोहर लाल की करनाल और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट को छोड़ दिया जाए तो भाजपा को जहां सर्विस वोट कम पड़े हैं, उन सीटों पर भाजपा को हार मिली है। सबसे ज्यादा सर्विस वोट भाजपा को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर मिले हैं। हरियाणा में 1 लाख 11 हजार 143 सर्विस वोटर हैं। कांग्रेस की बात करें तो रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा, सिरसा में कुमारी सैलजा, सोनीपत में सतपाल ब्रह्मचारी, अंबाला में वरुण चौधरी, हिसार में जयप्रकाश और करनाल में दिव्यांशु बुद्धिराजा को सबसे ज्यादा सर्विस वोट मिले।
हरियाणा में राज्यसभा सीट पर वोटिंग का ऐलान:अगस्त में ही शुरू होंगे नामांकन; दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे से खाली हुई थी सीट
हरियाणा में राज्यसभा सीट पर वोटिंग का ऐलान:अगस्त में ही शुरू होंगे नामांकन; दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे से खाली हुई थी सीट भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हरियाणा में राज्यसभा इलेक्शन की घोषणा कर दी है। 3 सितंबर को राज्यसभा सीट के लिए वोट डाले जाएंगे। वोटिंग सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगी। 8 घंटे वोटिंग के बाद उसी दिन रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। नोटिफिकेशन के मुताबिक नॉमिनेशन की प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू होगी। उम्मीदवार 21 अगस्त नॉमिनेशन फाइल कर सकेंगे। 27 अगस्त को प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। हरियाणा में राज्यसभा के लिए 5 सीट हैं। कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद राज्यसभा सीट खाली हुई थी। दीपेंद्र हुड्डा का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था। चूंकि उनका शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए भारतीय निर्वाचन आयोग इस सीट पर उपचुनाव करा रहा है। भारतीय चुनाव आयोग का नोटिफिकेशन… 4 जून को खाली हो गई थी सीट हरियाणा के कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सदस्य नहीं माने जाएंगे। विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक बराबर राज्यसभा के चुनाव में अगर विपक्षी एकजुट हुए तो भाजपा को मुश्किल हो सकती है। भाजपा के पास इस वक्त 41 विधायक हैं। इसकी सहयोगी हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। हालांकि कांग्रेस को छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी भाजपा में हैं। वह भी भाजपा के पक्ष में ही वोटिंग करेंगी। यह वह तब कर पाएंगी जब विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता कांग्रेस की याचिका पर उनके खिलाफ दलबदल कानूनी की कार्यवाही नहीं करते। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के पास अभी 28 (किरण चौधरी को छोड़कर), जजपा के 10, INLD 1 और 4 निर्दलीय यानी कुल 43 विधायक हैं। विधानसभा में अभी सत्ता पक्ष और विपक्ष की स्थिति एक जैसी ही है। क्रॉस वोटिंग से जीत सकती है भाजपा अगर चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई तो भाजपा जीत सकती है। जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने खुलकर लोकसभा चुनाव में भाजपा की मदद की। चुनाव के बाद वे सीएम नायब सैनी से भी मिले। राज्यसभा चुनाव में भाजपा को उनसे समर्थन की उम्मीद रहेगी। इसके अलावा पूर्व सीएम और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस के विधायक ही एकजुट नहीं हैं। वहीं कांग्रेस विधायकों में भी गुटबाजी है। ऐसे में भाजपा को कांग्रेस से भी क्रॉस वोटिंग का भरोसा रहेगा।
हिसार में बस स्टैंड शिफ्ट करने का विरोध:स्वास्थ्य मंत्री सावित्री जिंदल के ड्रीम प्रोजेक्ट को रोकेंगे व्यापारी, सीएम से मिलेंगी पूर्व विधायक
हिसार में बस स्टैंड शिफ्ट करने का विरोध:स्वास्थ्य मंत्री सावित्री जिंदल के ड्रीम प्रोजेक्ट को रोकेंगे व्यापारी, सीएम से मिलेंगी पूर्व विधायक हरियाणा में हिसार बस स्टैंड को शिफ्ट करने का विरोध शुरू हो गया है। हिसार के विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता हिसार बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहते हैं। इसके लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है और जमीन भी फाइनल हो चुकी है। दूसरी ओर, हिसार के व्यापारी इसके विरोध में उतर आए हैं। 25 से ज्यादा मार्केट एसोसिएशन के एक समूह ने हिसार की पूर्व विधायक सावित्री जिंदल से मुलाकात की और कहा कि अगर यह बस स्टैंड शिफ्ट किया गया तो उनका कारोबार ठप हो जाएगा। खास बात यह है कि भाजपा पार्षद भी इसके खिलाफ हैं और वे व्यापारियों के साथ सावित्री जिंदल से मिलने भी गए। सावित्री जिंदल ने आश्वासन दिया कि अगर सभी दस्तावेज तैयार करके उन्हें दिए जाएं तो वे मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर इस प्रोजेक्ट को रद्द करवाएंगी। दूसरी ओर, हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता इस प्रोजेक्ट पर दिन-रात काम कर रहे हैं और इसे शहर के लिए जरूरी बता रहे हैं। आपको बता दें कि हिसार बस स्टैंड 11 अगस्त 1969 को बना था और यह 21 एकड़ में फैला हुआ है। हिसार डिपो में करीब 279 रोडवेज बसें हैं और करीब 300 निजी बसें ग्रामीण व लंबे रूटों पर चलती हैं। हिसार बस स्टैंड को शिफ्ट करने के विरोध का कारण हिसार बस स्टैंड शहर में ऐसी जगह पर है जो सभी के लिए सुविधाजनक है। लोग आसानी से बाजार से खरीदारी कर वापस जा सकते हैं। दूसरा एजुकेशन और मेडिकल हब नजदीक है और बाजार से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर एसोसिएशन ने रविवार को बैठक की। एसोसिएशन 24 जुलाई को फिर से बैठक करेगी। बस स्टैंड को शिफ्ट न करने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेगी। शहरवासियों का कहना है कि अगर बस स्टैंड पहले से ही सही जगह पर है तो नए बस स्टैंड पर बेवजह करोड़ों रुपये क्यों खर्च किए जा रहे हैं। अगर बस स्टैंड को शिफ्ट किया गया तो लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। व्यापारियों ने कहा- इससे बेहतर स्थान नहीं हो सकता व्यापारियों ने कहा कि हिसार बस स्टैंड प्रदेश के सबसे अच्छे बस स्टैंड में से एक है और यहां पर्याप्त जगह भी है। मंत्री का कहना है कि इससे यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा। वहीं व्यापारियों का कहना है कि अगर बस स्टैंड के पास से अतिक्रमण हटा दिया जाए और रेहड़ी-पटरी वालों को कहीं और जगह दी जाए तो यातायात आसानी से चलेगा। नया बस स्टैंड एयरपोर्ट के पास 30 एकड़ जमीन पर बनेगा। यहां से शहर में आने पर लोगों का अनावश्यक खर्च बढ़ेगा और रात में आना मुश्किल होगा। अभी सभी कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग सेंटर और मेडिकल हब नजदीक हैं। इसके अलावा नागोरी गेट, तलाकी गेट और अन्य बाजारों से कनेक्टिविटी है। शहर में स्कूल-कॉलेजों के करीब 20 हजार विद्यार्थी आते हैं। बसों में रोजाना 30 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। सभी बाईपास बस स्टैंड से जुड़े हुए हैं भाजपा पार्षद अनिल जैन, पार्षद अमित ग्रोवर और आशीष लावट का कहना है कि हिसार बस स्टैंड बाहरी स्थान पर है। बस स्टैंड से सिविल अस्पताल और अनाज मंडी 500 मीटर की दूरी पर है। सिरसा बाईपास का बाकी हिस्सा खुला रास्ता है। इसके लिए करोड़ों खर्च किए जाएंगे। आज भी ऋषिनगर निवासी पिछले गेट का स्वागत करते हैं। पहले भी पिछला गेट खोला गया था। एलिवेटेड रोड बनाई जानी चाहिए। जिसकी लागत 40 करोड़ आई है। सभी बाईपास इस बस स्टैंड से जुड़े हुए हैं। अगर कोई यात्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास उतरता है तो उसे दूर आना पड़ेगा।