नवांशहर जिला प्रशासन को अक्सर शराब पीने वालों की ओर से लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि शराब के ठेकेदार बोतल को प्रिंट रेट से ज्यादा पर बेच रहे हैं। इस शिकायत पर डीसी नवांशहर नवजोत पाल सिंह रंधावा ने अपने टीम और मीडिया कर्मी के साथ स्टिंग ऑपरेशन किया। नवांशहर जिले के दो शराब ठेकों पर खुद पहुंचकर BP (ब्लंडर प्राइड) शराब की बोतल खरीदी। बोतल पर रेट 531 रुपए का रेट अंकित था, लेकिन शराब ठेके के करिंदे ने 900 रुपए मांगे। डीसी नवांशहर ने कहा कि, रेट 531 रुपए लिखा हुआ है फिर 900 रुपए क्यों, लेकिन उक्त ठेके वाले ने पूरा पैसा लिया। आखिरकार डीसी नवांशहर ने 1000 रुपए दिए लेकिन तब तक डीसी नवांशहर की कार ठेके के बाहर रुकने पर वह सकपका गया। अब वह 100 देने में आनाकानी करने लगा कि उसके पास 100 रुपए खुले नहीं है, तो डीसी के साथ टीम के व्यक्ति ने तुरंत 100 का नोट दिया और वह 200 का नोट वापस कर दिया है। इसी दौरान डीसी की जो खुद की गाड़ी थी वह ठेके पास आकर रुकी। उसके ड्राइवर ने बोला कि डीसी साहब है फिर ठेकेदार का आदमी 50 रूपए वापस करने लगा, जिसे डीसी और उनकी टीम ने उसे वापस कर दिया लेने से मना कर दिया। 900 में एक बोतल लेकर वापस आ गए। स्टिंग ऑपरेशन नंबर 2 वहीं, डीसी ऑफिस से मात्र 700 गज की दूरी पर शराब ठेका नवांशहर नंबर 1 पर भी डीसी और एक और व्यक्ति ठेके पर गए एक बोतल की मांग की बोतल का रेट 850 रुपया बताया, जबकि डीसी ने कहा कि इसमे तो 531 अंकित है। डीसी ने तब तक मीडिया कर्मी को भी उन्होंने बुला लिया, जो कि गुप्त कैमरे से उसे कैद कर रहा था, उसे पूछा भी गया कि किसका ठेका है तो उन्होंने कहा मोरिंडा वाले का ठेका है। उन्होंने ब्लेंडर प्राइड 850 रुपए से कम नहीं लेंगे। डीसी ने उसे भी 850 रुपए दिए और शराब की बोतल ले कर चले गए। रेट ज्यादा होगा तो कम बिकेगी शराब : ईटीओ जब इस बारे में एक्साइज विभाग के ईटीओ से बात की तो उन्होंने बताया कि शराब के ऊपर एमआरपी नहीं, एमएसपी लिखा होता है।क इसका मतलब मिनिमम सेल प्राइस कम से कम 531 का रेट है। इससे कम आप नहीं बेच सकते हैं। इसे जितना ज्यादा बेच सकते हैं 850-900 रुपए। करोड़ों की ठेका है सरकार की ओर से एक्साइज पॉलिसी है। इसीलिए 531 रुपए की बोतल 900 रुपए में मार्केट में बेचा जा रहा है कि इसका कंज्यूम कम हो। अगर रेट कम होगा तो लोग ज्यादा शराब पिएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति शराब की पेटी एक खरीदते हुए पकड़ा जाता है तो या कोई जानकारी मिलती है तो उस ठेके वालों पर कारवाई करने का भी प्रावधान है। वहीं उन्होंने कहा कि, शादी ब्याह में जो परमिट बनता है तो उसके लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, वह शराब की पेटी ले सकते हैं। नवांशहर जिला प्रशासन को अक्सर शराब पीने वालों की ओर से लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि शराब के ठेकेदार बोतल को प्रिंट रेट से ज्यादा पर बेच रहे हैं। इस शिकायत पर डीसी नवांशहर नवजोत पाल सिंह रंधावा ने अपने टीम और मीडिया कर्मी के साथ स्टिंग ऑपरेशन किया। नवांशहर जिले के दो शराब ठेकों पर खुद पहुंचकर BP (ब्लंडर प्राइड) शराब की बोतल खरीदी। बोतल पर रेट 531 रुपए का रेट अंकित था, लेकिन शराब ठेके के करिंदे ने 900 रुपए मांगे। डीसी नवांशहर ने कहा कि, रेट 531 रुपए लिखा हुआ है फिर 900 रुपए क्यों, लेकिन उक्त ठेके वाले ने पूरा पैसा लिया। आखिरकार डीसी नवांशहर ने 1000 रुपए दिए लेकिन तब तक डीसी नवांशहर की कार ठेके के बाहर रुकने पर वह सकपका गया। अब वह 100 देने में आनाकानी करने लगा कि उसके पास 100 रुपए खुले नहीं है, तो डीसी के साथ टीम के व्यक्ति ने तुरंत 100 का नोट दिया और वह 200 का नोट वापस कर दिया है। इसी दौरान डीसी की जो खुद की गाड़ी थी वह ठेके पास आकर रुकी। उसके ड्राइवर ने बोला कि डीसी साहब है फिर ठेकेदार का आदमी 50 रूपए वापस करने लगा, जिसे डीसी और उनकी टीम ने उसे वापस कर दिया लेने से मना कर दिया। 900 में एक बोतल लेकर वापस आ गए। स्टिंग ऑपरेशन नंबर 2 वहीं, डीसी ऑफिस से मात्र 700 गज की दूरी पर शराब ठेका नवांशहर नंबर 1 पर भी डीसी और एक और व्यक्ति ठेके पर गए एक बोतल की मांग की बोतल का रेट 850 रुपया बताया, जबकि डीसी ने कहा कि इसमे तो 531 अंकित है। डीसी ने तब तक मीडिया कर्मी को भी उन्होंने बुला लिया, जो कि गुप्त कैमरे से उसे कैद कर रहा था, उसे पूछा भी गया कि किसका ठेका है तो उन्होंने कहा मोरिंडा वाले का ठेका है। उन्होंने ब्लेंडर प्राइड 850 रुपए से कम नहीं लेंगे। डीसी ने उसे भी 850 रुपए दिए और शराब की बोतल ले कर चले गए। रेट ज्यादा होगा तो कम बिकेगी शराब : ईटीओ जब इस बारे में एक्साइज विभाग के ईटीओ से बात की तो उन्होंने बताया कि शराब के ऊपर एमआरपी नहीं, एमएसपी लिखा होता है।क इसका मतलब मिनिमम सेल प्राइस कम से कम 531 का रेट है। इससे कम आप नहीं बेच सकते हैं। इसे जितना ज्यादा बेच सकते हैं 850-900 रुपए। करोड़ों की ठेका है सरकार की ओर से एक्साइज पॉलिसी है। इसीलिए 531 रुपए की बोतल 900 रुपए में मार्केट में बेचा जा रहा है कि इसका कंज्यूम कम हो। अगर रेट कम होगा तो लोग ज्यादा शराब पिएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति शराब की पेटी एक खरीदते हुए पकड़ा जाता है तो या कोई जानकारी मिलती है तो उस ठेके वालों पर कारवाई करने का भी प्रावधान है। वहीं उन्होंने कहा कि, शादी ब्याह में जो परमिट बनता है तो उसके लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, वह शराब की पेटी ले सकते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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शहीदी दिवस को लेकर अकाली दल का आग्रह:पंजाब सरकार-चुनाव आयोग से कहा-15 से 31 दिसंबर तक शहीदी पखवाड़े, इस दौरान निगम चुनाव न हों शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब सरकार और राज्य चुनाव आयोग से अपील की है कि वे चार साहिबजादों और माता गुजर कौर जी के शहीदी पखवाड़े के दौरान स्थानीय सरकार के चुनाव कराने से बचें। यह शहीदी पखवाड़ा 15 से 31 दिसंबर तक मनाया जाता है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा- इस पखवाड़े के दौरान लाखों लोग गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब और संबंधित स्थानों पर मत्था टेकते हैं। इतिहास की इस अविश्वसनीय शहादत पर श्रद्धा के फूल चढ़ाते हैं। इसलिए इस अवधि के दौरान कोई भी चुनाव कराने से शांतिपूर्ण और पवित्र माहौल खराब होगा और लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि चुनाव स्थानीय सरकारी संस्थाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन चुनाव कराते समय ऐतिहासिक महत्व के दिनों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उम्मीद है कि सरकार और राज्य चुनाव आयोग चुनाव की तारीखें तय करते समय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखेंगे।
पंजाब के पुलिस थाने में ग्रेनेड धमाका:थाने की खिड़कियां टूटीं, गेट बंद किया; किसी के हताहत होने की खबर नहीं
पंजाब के पुलिस थाने में ग्रेनेड धमाका:थाने की खिड़कियां टूटीं, गेट बंद किया; किसी के हताहत होने की खबर नहीं पंजाब के अमृतसर में मजीठा में थाने के अंदर बुधवार की देर 10.05 बजे धमाका हुआ। धमाका इतना जोरदार था कि थाने की खिड़कियों के शीशे टूट गए। ब्लास्ट पुलिस स्टेशन के गेट के पास खुली जगह में हुआ। घटना के बाद थाने के गेट बंद कर दिए गए। शुरुआती जानकारी के अनुसार थाने के अंदर हैंडग्रेनेड फेंका गया है। हालांकि अभी इसकी किसी अधिकारी ने पुष्टि नहीं की है। धमाके की सूचना मिलते ही मजीठा के DSP जसपाल सिंह ढिल्लों मौके पर पहुंच गए। घटना के वक्त थाने में कई मुलाजिम मौजूद थे। घटना में किसी तरह का नुकसान हुआ या नहीं, यह जानकारी नहीं मिल पाई। मामले की गंभीरता को भांपते हुए पंजाब पुलिस की बॉर्डर रेंज के DIG सतिंदर सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे। उधर, अमृतसर रूरल पुलिस के SSP चरणजीत सिंह ने कहा कि धमाके की आवाज आई है। पुलिस जांच कर रही है। इससे पहले बुधवार सुबह ही अमृतसर में गोल्डन टेंपल के बाहर पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को मारने की कोशिश की गई थी। इसके बाद से पूरे पंजाब में पुलिस हाईअलर्ट है। 6 दिनों में चौकी-थाने में दूसरा धमाका
अमृतसर जिले में 6 दिनों के अंदर पुलिस चौकी और थाने में धमाके की ये दूसरी घटना है। 29 नवंबर की रात अमृतसर शहर की गुरबख्श नगर चौकी में धमाका हुआ था। इस चौकी को कुछ दिन पहले बंद किया जा चुका है। इसके अलावा अमृतसर में 23-24 नवंबर की रात को अजनाला थाने के बाहर IED भी प्लांट किया गया था, जो तकनीकी खराबी के कारण फटा नहीं। पुलिस को ये IED सुबह मिली थी। ये IED भी बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी हैप्पी पासिया और गोपी नवांशहरिया ने रखवाई थी। सीसीटीवी फुटेज में बाइक पर आए 2 युवक थाने के एक साइड पर IED रखते और उसका डेटोनेटर थाने के दरवाजे पर लगाते नजर आए थे। ताकि कोई थाने का दरवाजा खोले तो ब्लास्ट हो जाए। चंडीगढ़ में भी 2 बार धमाके किए गए
चंडीगढ़ में भी 3 महीने में 2 ब्लास्ट हो चुके हैं। 11 सितंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-10 की कोठी में पहला धमाका हुआ था। यहां शाम 6 बजे के करीब ऑटो में आए दो युवकों ने ग्रेनेड फैंका था। इसके बाद आरोपी फरार हो गए थे। पुलिस जांच में यह सामने आया था कि ग्रेनेड अटैक पाकिस्तान की इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) के इशारे पर करवाया गया था। इसका मास्टरमाइंड पाकिस्तान में बैठा आतंकी हरविंदर रिंदा है। इसके बाद 26 नवंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में दो क्लबों के बाहर बम ब्लास्ट हुए थे। सेविले बार एंड लाउंज और डि’ओरा क्लब के बाहर बम फेकें गए थे। इससे क्लब के शीशे टूट गए। सेविले बार एंड लाउंज क्लब के मालिकों में मशहूर रैपर बादशाह भी पार्टनर हैं। इसकी जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली थी। हिसार में मुठभेड़ के दौरान बम फेंकने वाले दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए थे। सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी ने फायरिंग की। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे। डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी देने को लेकर सिखों की सर्वोच्च अदालत अकाल तख्त ने उन्हें यह सजा दी है। वारदात के वक्त हमलावर ने जैसे ही उन पर गोली चलाई, उसी समय सिविल वर्दी में तैनात उनके सुरक्षाकर्मियों ने उसका हाथ पकड़कर ऊपर उठा दिया। जिससे गोली गोल्डन टेंपल की दीवार पर जा लगी। इससे सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए। इसके बाद हमलावर ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। सुखबीर बादल को तुरंत सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। गोल्डन टेंपल के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस ने बताया कि हमलावर का नाम नारायण सिंह चौड़ा है। वह गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। पूरी खबर पढ़ें
नगर निगमों व परिषदों के चुनाव में देरी का मामला:HC ने पंजाब सरकार से पूछी वजह, 23 तक दाखिल करना होगा जवाब
नगर निगमों व परिषदों के चुनाव में देरी का मामला:HC ने पंजाब सरकार से पूछी वजह, 23 तक दाखिल करना होगा जवाब पंजाब में नगर निगम व परिषदों के चुनाव में हो रही देरी के मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि इनका कार्यकाल खत्म होने के बाद भी चुनाव क्यों नहीं करवाए जा रहे हैं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर तय की है। अगली सुनवाई पर इस मामले में सरकार (स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव) को जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। मालेरकोटला निवासी बेअंत सिंह की तरफ से अदालत में केस दायर किया गया है। दो साल हो गए हैं कार्यकाल खत्म हुए
बेअंत सिंह ने अपनी याचिका में बताया है कि पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल खत्म हुए दो साल से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन सरकार द्वारा चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं। इस वजह से सभी इलाकों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सभी काउंसिलों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में पूरा हो गया था। अगस्त 2023 में स्थानीय निकाय विभाग ने म्यूनिसिपल काउंसिल के चुनाव करवाने के लिए अधिसूचना जारी की थी। जिसके मुताबिक एक नवंबर 2023 तक चुनाव करवाने थे, लेकिन नहीं करवाए गए। नियमों के मुताबिक नहीं हुए चुनाव
याची ने बताया बताया कि उसकी तरफ से सरकार को चुनाव करवाने के लिए पांच जुलाई को एक कानूनी नोटिस भेजा गया था। लेकिन उसे सरकार की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर चुनाव करवाने की मांग की है। संविधान के मुताबिक म्युनिसिपल काउंसिल के चुनाव उनके कार्यकाल खत्म होने से पहले करवाने जरूरी होते है।
एक अन्य याचिका में कोर्ट को बताया गया है कि अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और फगवाड़ा नगर निगमों के कार्यकाल खत्म होने भी चुनाव नहीं करवाए गए हैं। ऐसा कर सरकार जमीनी स्तर पर लोगों के आधिकारों का हनन कर ही है।