नाबालिग ने एक्सीडेंट किया तो मां-बाप पर होगी FIR:सिरसा में SHO बोले-ट्रैफिक नियमों का करें पालन; बच्चों को न दें वाहन

नाबालिग ने एक्सीडेंट किया तो मां-बाप पर होगी FIR:सिरसा में SHO बोले-ट्रैफिक नियमों का करें पालन; बच्चों को न दें वाहन

सिरसा में नाबालिग बच्चों को वाहन देने वाले अभिभावकों पर पुलिस ने सख्ती कर दी है। ट्रैफिक पुलिस अब नाबालिग ड्राइवरों की वजह से एक्सीडेंट होने पर उसके अभिभावकों पर भी एफआईआर दर्ज करेगी। दरअसल, आए दिन शहर व ग्रामीण इलाकों में नाबालिग बच्चे स्कूटी, बाइक और कार तक चलाते नजर आते हैं। ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी नहीं होने से इन बच्चों से दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही एसपी विक्रांत भूषण ने पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर ट्रैफिक अभियान को सख्ती से चलाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने नाबालिग वाहनचालकों से लेकर पुलिस-प्रेस तक के स्टिकर लगाकर चलने वालों की भी सख्ती से जांच करने के लिए कहा था। उसके बाद से ट्रैफिक पुलिस पूरी सख्त हो गई है। खुद मां-बाप ही थमा रहे वाहन पुलिस के मुताबिक, नाबालिग बच्चों के हाथों में खुद मां-बाप ही वाहन थमा रहे हैं। स्कूल और कोचिंग पर जाने के लिए स्कूली विद्यार्थी स्कूटी, बाइक व कार तक चलाते हैं। जबकि कानून के अनुसार 18 साल की उम्र के बाद ही वाहन चलाने की इजाजत है। मगर इसके बावजूद 13 साल तक के बच्चों को भी तेजी से वाहन दौड़ते देखा जा सकता है। नियमों की नहीं जानकारी अधिकांश नाबालिग बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं है। न ही ये बच्चे दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट लगाते हैं। स्कूल या कोचिंग के लिए जाते समय तो दोपहिया वाहन पर तीन से चार बच्चे तक चढ़ जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में सबसे अधिक दुर्घटना होने की आशंका रहती है। पेरेंट्स नियमों का पालन करें व करवाएं- एसएचओ सिरसा के ट्रैफिक पुलिस प्रभारी शमशेर सिंह ने बताया कि नाबालिग वाहनचालक ने दुर्घटना को अंजाम दिया तो अभिभावकों पर भी केस दर्ज करेंगे। इसलिए पेरेंट्स खुद भी ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अपने बच्चों से भी पालन करवाएं। सिरसा में नाबालिग बच्चों को वाहन देने वाले अभिभावकों पर पुलिस ने सख्ती कर दी है। ट्रैफिक पुलिस अब नाबालिग ड्राइवरों की वजह से एक्सीडेंट होने पर उसके अभिभावकों पर भी एफआईआर दर्ज करेगी। दरअसल, आए दिन शहर व ग्रामीण इलाकों में नाबालिग बच्चे स्कूटी, बाइक और कार तक चलाते नजर आते हैं। ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी नहीं होने से इन बच्चों से दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही एसपी विक्रांत भूषण ने पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर ट्रैफिक अभियान को सख्ती से चलाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने नाबालिग वाहनचालकों से लेकर पुलिस-प्रेस तक के स्टिकर लगाकर चलने वालों की भी सख्ती से जांच करने के लिए कहा था। उसके बाद से ट्रैफिक पुलिस पूरी सख्त हो गई है। खुद मां-बाप ही थमा रहे वाहन पुलिस के मुताबिक, नाबालिग बच्चों के हाथों में खुद मां-बाप ही वाहन थमा रहे हैं। स्कूल और कोचिंग पर जाने के लिए स्कूली विद्यार्थी स्कूटी, बाइक व कार तक चलाते हैं। जबकि कानून के अनुसार 18 साल की उम्र के बाद ही वाहन चलाने की इजाजत है। मगर इसके बावजूद 13 साल तक के बच्चों को भी तेजी से वाहन दौड़ते देखा जा सकता है। नियमों की नहीं जानकारी अधिकांश नाबालिग बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं है। न ही ये बच्चे दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट लगाते हैं। स्कूल या कोचिंग के लिए जाते समय तो दोपहिया वाहन पर तीन से चार बच्चे तक चढ़ जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में सबसे अधिक दुर्घटना होने की आशंका रहती है। पेरेंट्स नियमों का पालन करें व करवाएं- एसएचओ सिरसा के ट्रैफिक पुलिस प्रभारी शमशेर सिंह ने बताया कि नाबालिग वाहनचालक ने दुर्घटना को अंजाम दिया तो अभिभावकों पर भी केस दर्ज करेंगे। इसलिए पेरेंट्स खुद भी ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अपने बच्चों से भी पालन करवाएं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर