हरियाणा में शहरों की सरकार चुनने का इंतजार जल्दी खत्म हो सकता है। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के दखल के बाद स्टेट इलेक्शन कमीशन (SEC) निकाय चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में आ गया है। तय किया गया है कि इसी महीने तक जरूरी बदलाव करने के बाद 6 जनवरी तक वोटर लिस्ट फाइनल कर दी जाएगी। स्टेट इलेक्शन कमिश्नर धनपत सिंह ने प्रदेशभर के उपायुक्त व नगर निगम कमिश्नर सहित अन्य अफसरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के लिए शेड्यूल भी जारी कर दिया है। SEC ने ये जारी किया है शेड्यूल राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि 16 दिसंबर तक पूर्व में प्रकाशित की गई अंतिम मतदाता सूची का वितरण किया जाएगा। संबंधित मतदाता सूची के आधार पर ही लोकसभा व विधानसभा चुनाव करवाए जा चुके हैं। अब निकाय स्तर पर सभी बूथों पर 17 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रारंभिक ड्राफ्ट रखवाया जाएगा, जिससे इन वॉर्डों के वोटर मतदाता सूची में अपना नाम, पता, फोटो आदि देख सकेंगे। ड्राफ्ट के आधार पर मतदाता सूची में संशोधन के लिए नए वोट बनवाने, कटवाने और संशोधन के लिए 23 दिसंबर तक फॉर्म जमा करवा सकते हैं। संशोधित लिस्ट के आधार पर होंगे चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव नियम-1994 के तहत 27 दिसंबर तक दावे और आपत्तियों के तौर पर जमा हुए सभी आवेदनों का सक्षम अधिकारियों की ओर से निपटारा किया जाएगा। मतदाता को किसी निर्णय पर आपत्ति है तो वह 31 दिसंबर तक उपायुक्त के सामने अपील कर सकता है। इन अपीलों का निवारण तीन जनवरी-2025 तक कर दिया जाएगा। इसके बाद छह जनवरी को नई मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। संशोधित मतदाता सूची के आधार पर निकाय चुनाव करवाए जाएंगे। इन नगर निगमों में होने हैं चुनाव हरियाणा के जिन निकायों के चुनाव लंबित हैं, उनमें आठ नगर निगम, चार नगर परिषद और 23 नगर पालिकाएं शामिल हैं। इन निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद चुनाव परिसीमन, लोकसभा-विधानसभा चुनाव और आरक्षण में फंसे रहे। पिछले साल एक एनजीओ जनाग्रह ने अपने सर्वे में पाया था कि गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत देश के 1400 से अधिक शहरों में निर्वाचित मेयर व पार्षद नहीं हैं। जनता के प्रतिनिधि नहीं होने से शहरों में समस्याओं के अंबार हैं। दो महीने में चुनाव के आदेश दे चुका है हाई कोर्ट आयोग ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम बाद में घोषित किया जाएगा। मामले में पहले ही पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट दो महीने में चुनाव करवाने के आदेश दे चुका है। हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट-1994 की बात की जाए तो निगम पार्षदों का कार्यकाल समाप्त होने के छह माह में चुनाव करवाना जरूरी है। 2022 में गुड़गांव और दूसरे नगर निगमों में पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसे में दो साल से अधिक समय से शहर की सरकार के लिए चुनाव नहीं हुए हैं। हरियाणा में शहरों की सरकार चुनने का इंतजार जल्दी खत्म हो सकता है। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के दखल के बाद स्टेट इलेक्शन कमीशन (SEC) निकाय चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में आ गया है। तय किया गया है कि इसी महीने तक जरूरी बदलाव करने के बाद 6 जनवरी तक वोटर लिस्ट फाइनल कर दी जाएगी। स्टेट इलेक्शन कमिश्नर धनपत सिंह ने प्रदेशभर के उपायुक्त व नगर निगम कमिश्नर सहित अन्य अफसरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के लिए शेड्यूल भी जारी कर दिया है। SEC ने ये जारी किया है शेड्यूल राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि 16 दिसंबर तक पूर्व में प्रकाशित की गई अंतिम मतदाता सूची का वितरण किया जाएगा। संबंधित मतदाता सूची के आधार पर ही लोकसभा व विधानसभा चुनाव करवाए जा चुके हैं। अब निकाय स्तर पर सभी बूथों पर 17 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रारंभिक ड्राफ्ट रखवाया जाएगा, जिससे इन वॉर्डों के वोटर मतदाता सूची में अपना नाम, पता, फोटो आदि देख सकेंगे। ड्राफ्ट के आधार पर मतदाता सूची में संशोधन के लिए नए वोट बनवाने, कटवाने और संशोधन के लिए 23 दिसंबर तक फॉर्म जमा करवा सकते हैं। संशोधित लिस्ट के आधार पर होंगे चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव नियम-1994 के तहत 27 दिसंबर तक दावे और आपत्तियों के तौर पर जमा हुए सभी आवेदनों का सक्षम अधिकारियों की ओर से निपटारा किया जाएगा। मतदाता को किसी निर्णय पर आपत्ति है तो वह 31 दिसंबर तक उपायुक्त के सामने अपील कर सकता है। इन अपीलों का निवारण तीन जनवरी-2025 तक कर दिया जाएगा। इसके बाद छह जनवरी को नई मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। संशोधित मतदाता सूची के आधार पर निकाय चुनाव करवाए जाएंगे। इन नगर निगमों में होने हैं चुनाव हरियाणा के जिन निकायों के चुनाव लंबित हैं, उनमें आठ नगर निगम, चार नगर परिषद और 23 नगर पालिकाएं शामिल हैं। इन निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद चुनाव परिसीमन, लोकसभा-विधानसभा चुनाव और आरक्षण में फंसे रहे। पिछले साल एक एनजीओ जनाग्रह ने अपने सर्वे में पाया था कि गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत देश के 1400 से अधिक शहरों में निर्वाचित मेयर व पार्षद नहीं हैं। जनता के प्रतिनिधि नहीं होने से शहरों में समस्याओं के अंबार हैं। दो महीने में चुनाव के आदेश दे चुका है हाई कोर्ट आयोग ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम बाद में घोषित किया जाएगा। मामले में पहले ही पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट दो महीने में चुनाव करवाने के आदेश दे चुका है। हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट-1994 की बात की जाए तो निगम पार्षदों का कार्यकाल समाप्त होने के छह माह में चुनाव करवाना जरूरी है। 2022 में गुड़गांव और दूसरे नगर निगमों में पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसे में दो साल से अधिक समय से शहर की सरकार के लिए चुनाव नहीं हुए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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