नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्ट माइंड रमनजीत सिंह रोमी को भारत लाया जा रहा है। उसकी हांगकांग से प्रत्यर्पण की मंजूरी मिल चुकी है। उसे पंजाब पुलिस की टीम दिल्ली लेकर आ रही है। इसे पंजाब पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है। क्योंकि जेल से भागने वाले लोगों का यह सबसे बड़ा मददगार था । एंटी गैंगस्टर टॉस्क फोर्स के (AGTF) AIG गुरमीत सिंह चौहान ने उसे भारत लाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा एसपी, दो डीएसपी समेत छह मेंबरों की टीम उसे लेने गई हुई है। पंजाब पुलिस ही उसे हांगकांग से लेकर आ रही है। उस पर पंजाब में तीन केस दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि यह पंजाब पुलिस की बहुत बड़ी अचीवमेंट है। उन्होंने कहा कि विदेशों में बैठे आरोपियों के लिए भी एक सीख है। पुलिस के हाथ बड़े लंबे होते हैं। एक महीना रहा था जेल में, फिर भागा विदेश रोमी, नाभा जेल में जून 2016 में गया था और उसके बाद जमानत पर आया था। इसके बाद वह हांगकांग फरार हो गया था। वहां से उसने उस समय नाभा जेल में बंद गुरप्रीत सिंह सेखों की मदद से यह जेल ब्रेक करने की घटना को अंजाम दिया। रोमी ने पैसे भेजने के अलावा जेल से भागे अपराधियों को सुरक्षित पनाह भी मुहैया कराई और हांगकांग में संपर्क करने के लिए अपना नंबर भी दिया। छह साल उसे भारत लाने की लड़ी जंग रमनजीत सिंह रोमी को साल 2018 में हांगकांग में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से पंजाब ने केंद्र सरकार के समक्ष यह मामला उठाया था। साथ ही उसके प्रत्यर्पण के लिए कार्रवाई शुरू हो गई थी।लेकिन वहां से उसे भारत लाने के लिए भारत की तरफ से लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई । वहां की अदालत में पंजाब पुलिस ने उस पर आरोप साबित किए थे। जिसके बाद अब यह सफलता मिल पाई है। वहीं, आरोपी के भारत पहुंचने के बाद अब सारी स्थिति साफ होगी। उसके साथ इस अपराध में कितने और लोग शामिल थे। रोमी का रेड कॉर्नर नोटिस जारी इससे पहले गैंगस्टर रोमी के लापता होने के बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। रोमी पर साल 2016-17 में जालंधर और लुधियाना में हुई हत्याओं में भी शामिल होने का भी शक है। पंजाब पुलिस के अनुसार वह गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह शेखों के संपर्क में था। गुरप्रीत उन छह लोगों में शामिल था, जो नवंबर 2016 में नाभा जेल से भागे थे और वह इस कांड का मुख्य साजिशकर्ता था। पुलिस का मानना है कि रोमी ने जेल से भागने वालों को इसके लिए पैसे मुहैया कराए थे। साथ ही उसने हांगकांग से ही जेल ब्रेक की पूरी साजिश रची थी। नाभा जेल से फरार हुए थे छह कैदी 27 नवंबर 2016 को पटियाला की नाभा जेल से छह कैदी फरार हुए थे। इनमें दो आतंकी और चार कुख्यात गैंगस्टर शामिल थे। जेल ब्रेक में फरार खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स के चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू को पुलिस ने कुछ घंटों बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन एक अन्य आतंकी कश्मीर सिंह फरार हो गया था। जबकि इस कांड में शामिल मुख्य आरोपी गैंगस्टर विक्की गौंडर को पुलिस एनकाउंटर में मार चुकी है। नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्ट माइंड रमनजीत सिंह रोमी को भारत लाया जा रहा है। उसकी हांगकांग से प्रत्यर्पण की मंजूरी मिल चुकी है। उसे पंजाब पुलिस की टीम दिल्ली लेकर आ रही है। इसे पंजाब पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है। क्योंकि जेल से भागने वाले लोगों का यह सबसे बड़ा मददगार था । एंटी गैंगस्टर टॉस्क फोर्स के (AGTF) AIG गुरमीत सिंह चौहान ने उसे भारत लाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा एसपी, दो डीएसपी समेत छह मेंबरों की टीम उसे लेने गई हुई है। पंजाब पुलिस ही उसे हांगकांग से लेकर आ रही है। उस पर पंजाब में तीन केस दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि यह पंजाब पुलिस की बहुत बड़ी अचीवमेंट है। उन्होंने कहा कि विदेशों में बैठे आरोपियों के लिए भी एक सीख है। पुलिस के हाथ बड़े लंबे होते हैं। एक महीना रहा था जेल में, फिर भागा विदेश रोमी, नाभा जेल में जून 2016 में गया था और उसके बाद जमानत पर आया था। इसके बाद वह हांगकांग फरार हो गया था। वहां से उसने उस समय नाभा जेल में बंद गुरप्रीत सिंह सेखों की मदद से यह जेल ब्रेक करने की घटना को अंजाम दिया। रोमी ने पैसे भेजने के अलावा जेल से भागे अपराधियों को सुरक्षित पनाह भी मुहैया कराई और हांगकांग में संपर्क करने के लिए अपना नंबर भी दिया। छह साल उसे भारत लाने की लड़ी जंग रमनजीत सिंह रोमी को साल 2018 में हांगकांग में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से पंजाब ने केंद्र सरकार के समक्ष यह मामला उठाया था। साथ ही उसके प्रत्यर्पण के लिए कार्रवाई शुरू हो गई थी।लेकिन वहां से उसे भारत लाने के लिए भारत की तरफ से लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई । वहां की अदालत में पंजाब पुलिस ने उस पर आरोप साबित किए थे। जिसके बाद अब यह सफलता मिल पाई है। वहीं, आरोपी के भारत पहुंचने के बाद अब सारी स्थिति साफ होगी। उसके साथ इस अपराध में कितने और लोग शामिल थे। रोमी का रेड कॉर्नर नोटिस जारी इससे पहले गैंगस्टर रोमी के लापता होने के बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। रोमी पर साल 2016-17 में जालंधर और लुधियाना में हुई हत्याओं में भी शामिल होने का भी शक है। पंजाब पुलिस के अनुसार वह गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह शेखों के संपर्क में था। गुरप्रीत उन छह लोगों में शामिल था, जो नवंबर 2016 में नाभा जेल से भागे थे और वह इस कांड का मुख्य साजिशकर्ता था। पुलिस का मानना है कि रोमी ने जेल से भागने वालों को इसके लिए पैसे मुहैया कराए थे। साथ ही उसने हांगकांग से ही जेल ब्रेक की पूरी साजिश रची थी। नाभा जेल से फरार हुए थे छह कैदी 27 नवंबर 2016 को पटियाला की नाभा जेल से छह कैदी फरार हुए थे। इनमें दो आतंकी और चार कुख्यात गैंगस्टर शामिल थे। जेल ब्रेक में फरार खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स के चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू को पुलिस ने कुछ घंटों बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन एक अन्य आतंकी कश्मीर सिंह फरार हो गया था। जबकि इस कांड में शामिल मुख्य आरोपी गैंगस्टर विक्की गौंडर को पुलिस एनकाउंटर में मार चुकी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कार का दरवाजा खोलते ही हादसा हो चुका था जिसके बाद व्यक्ति ने दरवाजा बंद कर लिया हालांकि दूसरी तरफ से निकला ड्राइवर सड़क पर पड़े युवक के पास पहुंच गया, आसपास से लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई लेकिन तब भी कार का दरवाजा खोलने वाला आरोपी कार में ही बैठा रहा। परिवार में सबसे बड़ा बेटा था मृतक
मृतक निखिल के चाचा अमित गोयल ने बताया कि निखिल परिवार में सबसे बड़ा बेटा था। एक भाई उससे छोटा और उसकी एक छोटी बहन है। निखिल ने हाल ही में 12वीं पास की थी जिसके बाद से वो घर पर ही था। परिवार को उम्मीद थी की निखिल आगे की पढ़ाई कर घर संभालेगा लेकिन उसकी मौत हो गई। मां की 10 साल पहले हो चुकी थी मौत
निखिल के पिता घर से ही वर्क फ्रॉम होम करते हैं एवं उसकी मां की दस साल पहले मौत हो गई थी। मृतक के चाचा के अनुसार घर में निखिल के लिए लड़की ढूंढना भी शुरू कर दिया था। एक दो रिश्ते भी देख लिए थे लेकिन इस हादसे के बाद अब पूरे घर में मातम का माहौल है। आरोपियों से कार बरामद
इस मामले में निखिल के परिजनों ने कार सवारों पर लापरवाही का आरोप लगाया था जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर धारा 285,106,324(4),324(5)BNS के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही उन्होंने आरोपी अमरजीत सिंह और गुरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है एवं उनसे कार भी बरामद कर ली गई है।