हरियाणा के हिसार जिला के नारनौंद के वार्ड नम्बर 8 में एक व्यक्ति को आधी रात को घर से बाहर बुलाकर करीब 6 युवकों ने लाठी-डंडों व लोहे की रोड से पीट पीट कर हत्या कर दी। परिजन व्यक्ति को लेकर पीजीआई रोहतक गए। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने थाना नारनौंद में 6 अज्ञात युवकों पर हत्या का केस दर्ज किया है। शव का मंगलवार को पीजीआई रोहतक में पोस्टमॉर्टम होगा। पुलिस छानबीन में लगी है। 10 साल पहले रोहतक से आए थे नारनौंद नारनौंद में वार्ड 8 में रहने वाले राजबीर ने पुलिस को बताया कि वह माईक्रो फाइनेंस बैंक बरवाला में प्राइवेट नौकरी करता है। वे दो भाई व एक बहन है। उनका परिवार करीब 10 साल पहले माता दरवाजा शोरा कोठी रोहतक से नारनौंद में आकर रहने लगा था। वार्ड नंबर 1 नारनौंद में उनका प्लाट है और वार्ड नंबर 8 नारनौंद में वे किराये के मकान में रहते हैं। करीब सवा साल पहले मां राजो की मृत्यु हो चुकी है। उसका पिता राकेश करीब 7-8 महीने से नारनौंद पुराना बस स्टैंड स्थित शराब ठेके के आगे अंडे की रेहड़ी लगाता था। रात में पिता चिल्लाए, मुझे बचाओ उसने बताया कि 25 अगस्त की रात को हम सभी अपने घर पर सोए हुए थे, तो रात करीब 2 बजकर 43 मिनट पर मेरे पिता 43 वर्षीय राकेश की घर के बाहर से चिल्लाने की आवाज आ रही थी। वह कह रहे थे, मुझे बचाओ-मुझे बचाओ। फिर उसने घर से बाहर आकर देखा तो उसका पिता राकेश खून से लथपथ हालत में पड़ा था। वह घर के बाहर आंगन में पड़ा हुआ था। फिर मैं व मेरी पत्नी व पड़ोसी पिता राकेश को इलाज के लिए नारनौंद के नागरिक अस्पताल में लेकर गए। डॉक्टरों ने उन्हें हिसार रेफर कर दिया। पिता ने मरने से पहले ये बताया… इसके बाद वह उसके पिता को हिसार ले गए। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उनके पिता को अग्रोहा के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। वहां पर भी उनका सही इलाज नहीं होने के चलते वह उन्हें पीजीआई रोहतक के ट्रॉमा सेंटर में लेकर गए। जहां पर इलाज के दौरान सोमवार को उनके पिता राकेश की मौत हो गई। मेरे पिता राकेश ने मुझे बतलाया था कि 25 अगस्त की रात को 5-6 लड़कों ने मुझे आवाज देकर घर से बाहर बुलाया था, वो लड़के मेरे पिता को एक चौपाल में ले गए। मोटरसाइकिल चढ़ाने की कशिश जहां पर उन्होंने मेरे पिता को लाठी-डंडों व लोहे की रोड से छाती, पैरो, हाथों, कमर, मुंह व ठोड़ी पर चोट मारी। फिर चौपाल से बाहर लाकर उसके ऊपर मोटरसाइकिल चढ़ाने की कोशिश की गई। करीब 4-5 दिन पहले गोविंदा बाल्मीकी के साथ 4-5 लड़के मेरे घर पर आए थे, जो कह रहे थे कि गौरव को समझा लो, उसको हम नहीं छोड़ेंगे। हम राकेश को नारनौंद में नहीं रहने देंगे वहीं दर्सी सोलगर ने करीब 3-4 माह पहले कहा था कि हम राकेश को नारनौंद में नहीं रहने देगे। मेरे पिता की मौत 5-6 अज्ञात युवकों द्वारा मारी गई चोटों के कारण हुई है। नारनौंद थाना पुलिस ने मृतक के बेटे के बयान पर 6 अज्ञात युवकों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक के शव का मंगलवार को पीजीआई रोहतक में पोस्टमॉर्टम होगा। हरियाणा के हिसार जिला के नारनौंद के वार्ड नम्बर 8 में एक व्यक्ति को आधी रात को घर से बाहर बुलाकर करीब 6 युवकों ने लाठी-डंडों व लोहे की रोड से पीट पीट कर हत्या कर दी। परिजन व्यक्ति को लेकर पीजीआई रोहतक गए। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने थाना नारनौंद में 6 अज्ञात युवकों पर हत्या का केस दर्ज किया है। शव का मंगलवार को पीजीआई रोहतक में पोस्टमॉर्टम होगा। पुलिस छानबीन में लगी है। 10 साल पहले रोहतक से आए थे नारनौंद नारनौंद में वार्ड 8 में रहने वाले राजबीर ने पुलिस को बताया कि वह माईक्रो फाइनेंस बैंक बरवाला में प्राइवेट नौकरी करता है। वे दो भाई व एक बहन है। उनका परिवार करीब 10 साल पहले माता दरवाजा शोरा कोठी रोहतक से नारनौंद में आकर रहने लगा था। वार्ड नंबर 1 नारनौंद में उनका प्लाट है और वार्ड नंबर 8 नारनौंद में वे किराये के मकान में रहते हैं। करीब सवा साल पहले मां राजो की मृत्यु हो चुकी है। उसका पिता राकेश करीब 7-8 महीने से नारनौंद पुराना बस स्टैंड स्थित शराब ठेके के आगे अंडे की रेहड़ी लगाता था। रात में पिता चिल्लाए, मुझे बचाओ उसने बताया कि 25 अगस्त की रात को हम सभी अपने घर पर सोए हुए थे, तो रात करीब 2 बजकर 43 मिनट पर मेरे पिता 43 वर्षीय राकेश की घर के बाहर से चिल्लाने की आवाज आ रही थी। वह कह रहे थे, मुझे बचाओ-मुझे बचाओ। फिर उसने घर से बाहर आकर देखा तो उसका पिता राकेश खून से लथपथ हालत में पड़ा था। वह घर के बाहर आंगन में पड़ा हुआ था। फिर मैं व मेरी पत्नी व पड़ोसी पिता राकेश को इलाज के लिए नारनौंद के नागरिक अस्पताल में लेकर गए। डॉक्टरों ने उन्हें हिसार रेफर कर दिया। पिता ने मरने से पहले ये बताया… इसके बाद वह उसके पिता को हिसार ले गए। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उनके पिता को अग्रोहा के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। वहां पर भी उनका सही इलाज नहीं होने के चलते वह उन्हें पीजीआई रोहतक के ट्रॉमा सेंटर में लेकर गए। जहां पर इलाज के दौरान सोमवार को उनके पिता राकेश की मौत हो गई। मेरे पिता राकेश ने मुझे बतलाया था कि 25 अगस्त की रात को 5-6 लड़कों ने मुझे आवाज देकर घर से बाहर बुलाया था, वो लड़के मेरे पिता को एक चौपाल में ले गए। मोटरसाइकिल चढ़ाने की कशिश जहां पर उन्होंने मेरे पिता को लाठी-डंडों व लोहे की रोड से छाती, पैरो, हाथों, कमर, मुंह व ठोड़ी पर चोट मारी। फिर चौपाल से बाहर लाकर उसके ऊपर मोटरसाइकिल चढ़ाने की कोशिश की गई। करीब 4-5 दिन पहले गोविंदा बाल्मीकी के साथ 4-5 लड़के मेरे घर पर आए थे, जो कह रहे थे कि गौरव को समझा लो, उसको हम नहीं छोड़ेंगे। हम राकेश को नारनौंद में नहीं रहने देंगे वहीं दर्सी सोलगर ने करीब 3-4 माह पहले कहा था कि हम राकेश को नारनौंद में नहीं रहने देगे। मेरे पिता की मौत 5-6 अज्ञात युवकों द्वारा मारी गई चोटों के कारण हुई है। नारनौंद थाना पुलिस ने मृतक के बेटे के बयान पर 6 अज्ञात युवकों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक के शव का मंगलवार को पीजीआई रोहतक में पोस्टमॉर्टम होगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह मोहड़ा ने कहा है कि बड़ी संख्या में कांग्रेसी वर्कर इस रैली में शामिल होंगे। भाजपा की नीतियों से लोग तंग आ चुके है। इस कारण अब जनता प्रदेश में बदलाव चाहती है। जनता आज विकास को वोट देगी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाकर एक बार फिर से हरियाणा को विकासशील प्रदेश की सूची में लाया जाएगा। अंबाला के बाद दोपहर 12 बजे करनाल के घरौंडा में भी मल्लिकार्जुन खड़गे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। घरौंडा में PWD रेस्ट हाउस (न्यासा इंडस्ट्रियल पार्क) में वह पार्टी वर्करों से मिलेंगे। कांग्रेस के उम्मीदवार निर्मल सिंह का इतिहास
कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह हरियाणा में पहले बंसी लाल और फिर भजन लाल की 2 कांग्रेस सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। वह 4 बार अंबाला जिले के तत्कालीन नंगल हलके से विधायक भी बने। निर्मल सिंह के 42 वर्षों के राजनीतिक जीवन का यह 11वां चुनाव है। इससे पूर्व वह हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव में 9 बार चुनाव लड़ चुके हैं, जिनमें से 4 बार जीत मिली। इसके अलावा वह एक बार लोकसभा चुनाव में भी हार चुके हैं। चुनाव आयोग से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार निर्मल सिंह ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 42 वर्ष पूर्व साल 1982 में नंगल हलके में कांग्रेस के टिकट पर जीता था। उस चुनाव में उन्होंने देवीलाल की लोक दल पार्टी के उम्मीदवार के गुरपाल सिंह को 14 हजार वोट के अंतर से हराया था। उसके बाद 1987 में हुए विधानसभा चुनावों में नंगल में कांग्रेसी उम्मीदवार निर्मल सिंह को निर्दलीय हरमोहिंदर सिंह ने 11 हजार वोट से हरा दिया। वहीं, वर्ष 1991 के चुनाव में निर्मल सिंह ने नंगल से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जनता पार्टी के गुरबक्श सिंह को 10 हजार वोट से हराया। अक्टूबर 1994 में निर्मल सिंह को एक हत्या की जांच में आरोपी बनाया गया और उन्होंने स्वेच्छा से राजस्व राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें ढाई साल के लिए जेल में रखा गया। उन्होंने 1996 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जेल से ही चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बाद में उन्हें फरवरी 1997 में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। 2019 में बनाया था हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट
नवंबर 2019 में निर्मल सिंह ने अपनी पार्टी हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट का गठन किया। उनके नेतृत्व में पार्टी ने 2 साल के भीतर उत्तर हरियाणा के विभिन्न जिलों में अपनी राज्य, जिला, वार्ड और ग्राम इकाइयां बनाईं। नई पार्टी ने अंबाला शहर में नगर निगम चुनाव 2020 लड़ा और 2 पार्षद सीटें जीतीं। जबकि, उनके मेयर उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे थे।
पानीपत में 2 सीट पर कांग्रेस के टिकट होल्ड:नेता बोले- पार्टी में भगदड़ न मचे, निर्दलीय की सोचे तो समय कम मिले
पानीपत में 2 सीट पर कांग्रेस के टिकट होल्ड:नेता बोले- पार्टी में भगदड़ न मचे, निर्दलीय की सोचे तो समय कम मिले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी 32 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 28 मौजूदा विधायकों को मौका दिया गया है। बाकी सीटों को फिलहाल होल्ड कर लिया गया है। होल्ट की गई सीटों में पानीपत की दो सीटें शामिल है। जबकि दो सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। जिले की समालखा सीट पर धर्म सिंह छौक्कर और इसराना सीट पर बलबीर सिंह वाल्मीकि को दोबारा टिकट दिया गया है। दोनों ही मौजूदा समय के विधायक है। हालांकि समालखा सीट पर 21 और इसराना सीट पर 33 दावेदारों ने आवेदन किया था। इधर, पानीपत की शहरी और ग्रामीण सीट को कांग्रेस ने होल्ड कर लिया है। जिन पर दावेदारों की धड़कने बढ़ी हुई है। होल्ड की गई इन दोनों सीटों पर 64 दावेदारों ने कांग्रेस के टिकट के लिए आवेदन किया है। पार्टी से जुड़े सीनियर लीडर्स ने सीटों को होल्ड करने के 3 बड़े कारण बताए है। साथ ही बताया कि शीर्ष नेतृत्व में शामिल लीडर्स अपने अपने दावेदारों को टिकट दिलवाने की जुगत में जुटे हुए है। टिकट देने में भी गुटबाजी हैवी है। होल्ड की गई सभी सीटों के तीन बड़े कारण पहला: बीजेपी की तरह कांग्रेस अपने कार्यकताओं में किसी तरह की भगदड़ नहीं चाह रही है। पार्टी छोड़ने का नुकसान इस वक्त बहुत ज्यादा हो सकता है। दूसरा: टिकट अनाउंस होने पर पार्टी का कोई कार्यकर्ता, नेता पार्टी को छोड़कर चुनाव लड़ने की सोच रखता भी है, तो उसे समय न के बराबर मिले। अगर वह बीजेपी में जाना चाहेगा, तो मुमकिन है कि तब तक बीजेपी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी होगी। उसके पास तीसरी कोई पार्टी का विकल्प बचे, तो उससे कांग्रेस को ज्यादा नुकसान न हो। तीसरा: होल्ड की गई सीटों पर पार्टी के कई नेता अपने-अपने दावेदारों के लिए सिफारिश कर रहे है। हर नेता अपना आदमी सीट पर सेट करने की सोच के साथ हाईकमान से लगातार बात कर रहा है। पानीपत की होल्ड की गई सीटों पर ये है दावेदार ग्रामीण सीट पर 54 दावेदारों में ये प्रमुख पानीपत ग्रामीण विधानसभा से टिकट के लिए आवेदन करने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व मंत्री बिजेंद्र सिंह कादियान, जितेंद्र अहलावत, सचिन कुंडू, महेंद्र सिंह कादियान, आर्य सुरेश मलिक, विजय जैन, डॉ. कर्ण सिंह कादियान, धर्मपाल गुप्ता, जगदेव मलिक, प्रियंका हुड्डा, खुशीराम जागलान, धर्मबीर मलिक, महिपाल सूबेदार, राजेश बडौली, तेजबीर जागलान,ओमवीर सिंह पंवार, शौर्यवीर कादियान, आजाद सिंह मलिक, रमेश मलिक, धर्मेंद्र अहलावत,अमर सिंह रावल, बलकार मलिक रिसालू और बिंटू मलिक सहित 54 कांग्रेस नेता शमिल है। इनमें टिकट की दौड़ में बिजेंद्र कादियान, जितेंद्र अहलावत, सचिन कुंडू और विजय जैन आगे चल रहे है। शहरी सीट पर इन 10 दावेदारों ने किया आवेदन पानीपत शहरी विधानसभा सीट से वीरेंदर बुल्ले शाह, पूर्व विधायक रोहिता रेवडी, संजय अग्रवाल, प्रेम प्रकाश सचदेवा, बिक्रम शाह, नीरजा बाहरी, शशि लूथरा, कमल दीवान, मुकेश टुटेजा और सागर सिंगला ने आवेदन किया है। इस सीट पर सीधे तौर पर रोहिता रेवड़ी और वीरेंदर बुल्ले शाह टिकट की दौड़ में आगे चल रहे है।