नारनौल में ग्रेनाइट कंपनी से 10 करोड़ की धोखाधड़ी:आरोपी कोलकाता का निकला, फर्जी दस्तावेजों से खोले अकाउंट, ट्रांजैक्शन की

नारनौल में ग्रेनाइट कंपनी से 10 करोड़ की धोखाधड़ी:आरोपी कोलकाता का निकला, फर्जी दस्तावेजों से खोले अकाउंट, ट्रांजैक्शन की

नारनौल में निजामपुर थाना के अंतर्गत आने वाले भखरिजा क्रेशर जोन में स्थित एक ग्रेनाइट कंपनी से धोखाधड़ी कर उसके कर्मचारी द्वारा 10 करोड़ रुपए गबन करने का मामला सामने आया है। इस बारे में कंपनी के अकाउंटेंट की ओर से कोर्ट में दायर याचिका के बाद कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश के बाद निजामपुर थाना पुलिस ने गुरुवार को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। निजामपुर थाना के भखरीजा स्थित क्रेशर जोन की कंपनी निमावत ग्रेनाइट प्राइवेट लिमिटेड के अकाउंटेंट गोविंद अग्रवाल ने बताया कि कंपनी ने 2017-18 से कोलकाता निवासी आशीष पुरेखा को कंपनी के प्रबंधन के अलावा संचालन, खातों की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी हुई थी। बिना कंपनी की परमिशन के खोले अकाउंट
2020 में उसे कंपनी का नॉमिनेटेड मालिक व माइनिंग एजेंट बनाया गया था। आशीष पुरेखा को कंपनी के कानून मामलों की देखरेख के लिए भी अधिकृत किया गया था। अगस्त 2021 में उसको पावर ऑफ अटॉर्नी भी दी गई थी। कंपनी का नॉमिनेटेड मालिक होने के नाते आरोपी ने कंपनी की चेक बुक बैंक खातों के लॉगिन आईडी व पासवर्ड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और अन्य पासवर्ड भी अपने पास रखे हुए थे। इसका फायदा उठाकर उसने कंपनी के नाम दो अकाउंट कोलकाता के आईसीआईसीआई बैंक में खुलवा दिए। यह खाते बिना कंपनी की परमिशन के लिए हुए खोले गए। उसने कंपनी के कोलकाता में नए खाते और ऑफिस खोलने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। आरोपी ने झूठे, फ्रॉड दस्तावेज पर निमावत ग्रेनाइट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खाता खोलें और उन खातों में ऑपरेटर में सिग्नेटरी बन गया। इस प्रकार आरोपी ने नवंबर 2021 से अक्टूबर 2023 तक इन खातों को संचालित करके अज्ञात कंपनी के एक समूह को धनराशि भेजी। जो राशि भेजी गई थी उसको जानबूझकर लेनदेन करने का जरिया दिखाते हुए वापस मंगवा लिया गया। कंपनी को 2023 में इसके बारे में पता चला। इसके बाद जांच की तो करोड़ों रुपए लेनदेन दर्शाए गए। जिसमें उसने अलग-अलग कंपनी के नाम से कभी दो करोड़ तो कभी 3 करोड़ रुपए का लेन-देन किया। 10 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी निमावत ग्रेनाइट के साथ की​​​​​​​
इस प्रकार उसने एक बैंक अकाउंट में 20 करोड़ 60 लाख 21 हजार रुपए निकाल लिए। इस प्रकार उन्होंने यह गलत तरीके से पैसे निकाले इसी प्रकार उसने 13 करोड़ 70 लाख रुपए निकाले और 13 करोड़ 51 लाख रुपए वापस डलवाए। इस प्रकार उसने दो अलग-अलग कंपनियों को एक को 10 करोड़ और दूसरे को 11 करोड रुपए विभिन्न ट्रांजैक्शन के आधार पर डलवा दिए। यह कंपनी भी उसके जानकारी की कंपनी थी। इस प्रकार उसने करीब 10 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी निमावत ग्रेनाइट के साथ की। उसने अपने आप को 10 करोड़ 24 लाख 35843 का फायदा पहुंचाया। इसकी शिकायत सबूत के साथ निजामपुर थाना में की गई, लेकिन निजामपुर थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की। जिसके बाद कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। इस पर कोर्ट ने आरोपी आशीष पुरेखा के अलावा उसकी पत्नी निशा पुरखा, भाई अभिषेक भाई की पत्नी रश्मि सहित तीन अन्य कंपनियां के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की आदेश दिए। जिस पर निजामपुर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नारनौल में निजामपुर थाना के अंतर्गत आने वाले भखरिजा क्रेशर जोन में स्थित एक ग्रेनाइट कंपनी से धोखाधड़ी कर उसके कर्मचारी द्वारा 10 करोड़ रुपए गबन करने का मामला सामने आया है। इस बारे में कंपनी के अकाउंटेंट की ओर से कोर्ट में दायर याचिका के बाद कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश के बाद निजामपुर थाना पुलिस ने गुरुवार को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। निजामपुर थाना के भखरीजा स्थित क्रेशर जोन की कंपनी निमावत ग्रेनाइट प्राइवेट लिमिटेड के अकाउंटेंट गोविंद अग्रवाल ने बताया कि कंपनी ने 2017-18 से कोलकाता निवासी आशीष पुरेखा को कंपनी के प्रबंधन के अलावा संचालन, खातों की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी हुई थी। बिना कंपनी की परमिशन के खोले अकाउंट
2020 में उसे कंपनी का नॉमिनेटेड मालिक व माइनिंग एजेंट बनाया गया था। आशीष पुरेखा को कंपनी के कानून मामलों की देखरेख के लिए भी अधिकृत किया गया था। अगस्त 2021 में उसको पावर ऑफ अटॉर्नी भी दी गई थी। कंपनी का नॉमिनेटेड मालिक होने के नाते आरोपी ने कंपनी की चेक बुक बैंक खातों के लॉगिन आईडी व पासवर्ड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और अन्य पासवर्ड भी अपने पास रखे हुए थे। इसका फायदा उठाकर उसने कंपनी के नाम दो अकाउंट कोलकाता के आईसीआईसीआई बैंक में खुलवा दिए। यह खाते बिना कंपनी की परमिशन के लिए हुए खोले गए। उसने कंपनी के कोलकाता में नए खाते और ऑफिस खोलने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। आरोपी ने झूठे, फ्रॉड दस्तावेज पर निमावत ग्रेनाइट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खाता खोलें और उन खातों में ऑपरेटर में सिग्नेटरी बन गया। इस प्रकार आरोपी ने नवंबर 2021 से अक्टूबर 2023 तक इन खातों को संचालित करके अज्ञात कंपनी के एक समूह को धनराशि भेजी। जो राशि भेजी गई थी उसको जानबूझकर लेनदेन करने का जरिया दिखाते हुए वापस मंगवा लिया गया। कंपनी को 2023 में इसके बारे में पता चला। इसके बाद जांच की तो करोड़ों रुपए लेनदेन दर्शाए गए। जिसमें उसने अलग-अलग कंपनी के नाम से कभी दो करोड़ तो कभी 3 करोड़ रुपए का लेन-देन किया। 10 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी निमावत ग्रेनाइट के साथ की​​​​​​​
इस प्रकार उसने एक बैंक अकाउंट में 20 करोड़ 60 लाख 21 हजार रुपए निकाल लिए। इस प्रकार उन्होंने यह गलत तरीके से पैसे निकाले इसी प्रकार उसने 13 करोड़ 70 लाख रुपए निकाले और 13 करोड़ 51 लाख रुपए वापस डलवाए। इस प्रकार उसने दो अलग-अलग कंपनियों को एक को 10 करोड़ और दूसरे को 11 करोड रुपए विभिन्न ट्रांजैक्शन के आधार पर डलवा दिए। यह कंपनी भी उसके जानकारी की कंपनी थी। इस प्रकार उसने करीब 10 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी निमावत ग्रेनाइट के साथ की। उसने अपने आप को 10 करोड़ 24 लाख 35843 का फायदा पहुंचाया। इसकी शिकायत सबूत के साथ निजामपुर थाना में की गई, लेकिन निजामपुर थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की। जिसके बाद कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। इस पर कोर्ट ने आरोपी आशीष पुरेखा के अलावा उसकी पत्नी निशा पुरखा, भाई अभिषेक भाई की पत्नी रश्मि सहित तीन अन्य कंपनियां के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की आदेश दिए। जिस पर निजामपुर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर