हरियाणा के नारनौल में एक निजी स्कूल बस अचानक सामने आए टैंपो को बचाने के प्रयास में पेड़ से जा टकराई। बस छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। हादसे में बस का आगे का शीशा टूट गया। बच्चों में चीख पुकार मच गई। कई बच्चे सीटों से नीचे जा गिरे। हालांकि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। सूचना के बाद पुलिस और बच्चों के अभिभावक मौके पर पहुंचे। कुछ देर हंगामा भी हुआ। बाद में बच्चों को दूसरी बस से घर भेजा गया। जानकारी अनुसार कुलताजपुर रोड पर बने हुए एक निजी स्कूल ओएसिस की बस मंगलवार को स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्चों को छोड़ने के लिए जा रही थी। बस में करीब 32 बच्चे सवार थे। बस स्कूल से थोड़ा आगे पहुंची थी कि कुलताजपुर मोड़ के पास एक टैंपो बस के सामने आ गया। टैंपो से बचने के चक्कर में बस ड्राइवर ने बस काे टर्न किया तो बस रोड किनारे पेड़ से जा टकराई। कुलताजपुर मोड़ के पास हुए हादसे के समय बस बच्चों से भरी हुई थी। पेड़ से टकराने के बाद ड्राइवर ने ब्रेक लगा दिए। कई बच्चे इससे बेकाबू होकर सीटों से नीचे गिर गया या फिर सामने की सीटों से अकरा गए। गनीमत रही कि इससे किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। बस के आगे के दोनों तरफ के शीशे टूट गए। बस हादसे के बाद मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। उन्होंने बच्चों को बस से बाहर निकाला। वहीं सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। कई परिजन भी मौके पर पहुंच गए। बाद में बच्चों को दूसरी स्कूल बस बुलाकर उनके घरों तक छोड़ा गया। हरियाणा के नारनौल में एक निजी स्कूल बस अचानक सामने आए टैंपो को बचाने के प्रयास में पेड़ से जा टकराई। बस छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। हादसे में बस का आगे का शीशा टूट गया। बच्चों में चीख पुकार मच गई। कई बच्चे सीटों से नीचे जा गिरे। हालांकि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। सूचना के बाद पुलिस और बच्चों के अभिभावक मौके पर पहुंचे। कुछ देर हंगामा भी हुआ। बाद में बच्चों को दूसरी बस से घर भेजा गया। जानकारी अनुसार कुलताजपुर रोड पर बने हुए एक निजी स्कूल ओएसिस की बस मंगलवार को स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्चों को छोड़ने के लिए जा रही थी। बस में करीब 32 बच्चे सवार थे। बस स्कूल से थोड़ा आगे पहुंची थी कि कुलताजपुर मोड़ के पास एक टैंपो बस के सामने आ गया। टैंपो से बचने के चक्कर में बस ड्राइवर ने बस काे टर्न किया तो बस रोड किनारे पेड़ से जा टकराई। कुलताजपुर मोड़ के पास हुए हादसे के समय बस बच्चों से भरी हुई थी। पेड़ से टकराने के बाद ड्राइवर ने ब्रेक लगा दिए। कई बच्चे इससे बेकाबू होकर सीटों से नीचे गिर गया या फिर सामने की सीटों से अकरा गए। गनीमत रही कि इससे किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। बस के आगे के दोनों तरफ के शीशे टूट गए। बस हादसे के बाद मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। उन्होंने बच्चों को बस से बाहर निकाला। वहीं सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। कई परिजन भी मौके पर पहुंच गए। बाद में बच्चों को दूसरी स्कूल बस बुलाकर उनके घरों तक छोड़ा गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अपनी अलग पहचान बना रखी है। राव इंद्रजीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ BJP के अन्य केंद्रीय नेताओं के भी करीबी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उनके करीबी दोस्तों में शामिल है। मोदी ने प्रभारी रहते देखा रामपुरा हाउस का जलवा वर्ष 1995 से 1999 तक नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में भाजपा के प्रदेश प्रभारी के तौर पर काम किया। उस समय प्रदेश की सियासत में रामपुरा हाउस काफी ताकतवर था। राव इंद्रजीत के पिता स्व. राव बीरेंद्र सिंह की दक्षिण हरियाणा के कई इलाकों में गहरी पैठ थी। दक्षिण हरियाणा की 14 विधानसभा सीटों पर आज भी रामपुरा हाउस का दबदबा है। हरियाणा प्रभारी रहते हुए नरेंद्र मोदी ने रामपुरा हाउस की राजनीति को करीब से देखा। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले, 13 सितंबर 2013 को BJP ने नरेंद्र मोदी को पार्टी का PM फेस घोषित किया। इसके ठीक 10 दिन बाद, 23 सितंबर 2013 को उस समय के कांग्रेसी सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने हरियाणा के तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मतभेदों के चलते कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। 2014 के चुनाव में भाजपा ने 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रहते हुए, 2 साल पहले राव इंद्रजीत ने 65वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में सीनियर कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। पिता के नक्शेकदम पर चल रही उनकी बड़ी बेटी आरती भी शूटिंग की नेशनल प्लेयर है। राजनीति के साथ-साथ आरती ने शूटिंग में कई मेडल जीते हैं। हुड्डा से खटपट के चलते छोड़ी कांग्रेस राव इंद्रजीत सिंह 37 साल कांग्रेस में रहे। वर्ष 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हरियाणा का सीएम बनने के बाद उनकी और राव इंद्रजीत सिंह की तनातनी शुरू हो गई। 2009 में हुड्डा के दूसरे कार्यकाल में अनबन बढ़ गई। राव इंद्रजीत उस दौरान हर मंच से दक्षिण हरियाणा के साथ भेदभाव की आवाज उठाते रहे और कई बार कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी बात रखी। उस समय राव इंद्रजीत तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार में राज्यमंत्री थे। जब राव इंद्रजीत की बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने 2013 में अपनी बेटी आरती राव की अगुवाई में इंसाफ मंच बनाया। उसके कुछ महीने बाद, 23 सितंबर 2013 को कांग्रेस छोड़ दी और फिर भाजपा जॉइन कर ली। राव बीरेंद्र सिंह से जुड़ी पुरानी PHOTOS… ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा 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