हरियाणा के नारनौल में एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर ने व्हाट्सएप कॉल पर उसका अश्लील वीडियो बनाए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। मैनेजर के बेटे को पिता की आत्महत्या के करीब 20 दिन बाद एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने कई लोगों पर ब्लैकमेल कर करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए ऐंठने का आरोप लगाया है। सुसाइड नोट मिलने के बाद अब पुलिस ने कई नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। 20 सितंबर को हुई थी मीटिंग सदर थाना के अंतर्गत बलाहा कला गांव निवासी छत्रपाल ने बताया कि उसके पिता वीर सिंह सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक में मैनेजर थे। वह मानसिक रूप से परेशान रहते थे। 20 सितंबर को उनके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद उन्होंने पोस्टमार्टम भी कराया था। बाद में जब उन्होंने अपने पिता की डायरी, बैंक अकाउंट, फोन डिटेल आदि खंगाली तो उन्हें डायरी में एक सुसाइड नोट मिला। यह सुसाइड नोट उनके पिता की हैंडराइटिंग में है। इस सुसाइड नोट में उनके पिता वीर सिंह ने कहा है कि एक गिरोह उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। वीडियो कॉल से कोई अश्लील वीडियो बना ली सुसाइड नोट में उन्होंने बताया कि उसकी व्हाट्सएप पर एक लड़की से बात हुई थी। उसने उसकी वीडियो कॉल से कोई अश्लील वीडियो बना ली। इसके बाद वीडियो वायरल करने की धमकी दी। इस पर उसके पिता ने उसको पेमेंट देनी शुरू कर दी। इसके अलावा भी कई फोन नंबर द्वारा उसके पिता को परेशान किया जाने लगा। पांच मोबाइल नंबर से फोन आते थे उन्होंने बताया कि वहीं उसके पिता से कई लोगों ने 20 से 25 लाख रुपए ले रखे थे। जिसके कारण उसके पिता मानसिक रूप से परेशान होने लग गए थे। उसके पिता के पास पांच मोबाइल नंबर से फोन आते थे, जो उनके पिता को परेशान करते थे। वहीं जुलाना के एक बैंक मैनेजर द्वारा भी उसके पिता से 12 लाख के करीब लिए गए थे। इन सभी के कारण उसके पिता मानसिक तौर पर परेशान होने लगे तथा उनकी वजह से उन्होंने सुसाइड कर लिया। हरियाणा के नारनौल में एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर ने व्हाट्सएप कॉल पर उसका अश्लील वीडियो बनाए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। मैनेजर के बेटे को पिता की आत्महत्या के करीब 20 दिन बाद एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने कई लोगों पर ब्लैकमेल कर करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए ऐंठने का आरोप लगाया है। सुसाइड नोट मिलने के बाद अब पुलिस ने कई नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। 20 सितंबर को हुई थी मीटिंग सदर थाना के अंतर्गत बलाहा कला गांव निवासी छत्रपाल ने बताया कि उसके पिता वीर सिंह सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक में मैनेजर थे। वह मानसिक रूप से परेशान रहते थे। 20 सितंबर को उनके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद उन्होंने पोस्टमार्टम भी कराया था। बाद में जब उन्होंने अपने पिता की डायरी, बैंक अकाउंट, फोन डिटेल आदि खंगाली तो उन्हें डायरी में एक सुसाइड नोट मिला। यह सुसाइड नोट उनके पिता की हैंडराइटिंग में है। इस सुसाइड नोट में उनके पिता वीर सिंह ने कहा है कि एक गिरोह उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। वीडियो कॉल से कोई अश्लील वीडियो बना ली सुसाइड नोट में उन्होंने बताया कि उसकी व्हाट्सएप पर एक लड़की से बात हुई थी। उसने उसकी वीडियो कॉल से कोई अश्लील वीडियो बना ली। इसके बाद वीडियो वायरल करने की धमकी दी। इस पर उसके पिता ने उसको पेमेंट देनी शुरू कर दी। इसके अलावा भी कई फोन नंबर द्वारा उसके पिता को परेशान किया जाने लगा। पांच मोबाइल नंबर से फोन आते थे उन्होंने बताया कि वहीं उसके पिता से कई लोगों ने 20 से 25 लाख रुपए ले रखे थे। जिसके कारण उसके पिता मानसिक रूप से परेशान होने लग गए थे। उसके पिता के पास पांच मोबाइल नंबर से फोन आते थे, जो उनके पिता को परेशान करते थे। वहीं जुलाना के एक बैंक मैनेजर द्वारा भी उसके पिता से 12 लाख के करीब लिए गए थे। इन सभी के कारण उसके पिता मानसिक तौर पर परेशान होने लगे तथा उनकी वजह से उन्होंने सुसाइड कर लिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की करीब ढाई करोड़ आबादी में पंजाबी समुदाय 34 से 40 फीसदी तक है। इसके साथ ही 25 से 26 विधानसभा ऐसी हैं, जहां पंजाबी बिरादरी की पकड़ है। इन इलाकों में पंजाबी बिरादरी के उम्मीदवार जीतते रहे हैं। 1991 में चौधरी भजनलाल के शासन काल में हरियाणा सरकार में 17 मंत्री अकेले पंजाबी समुदाय के थे, लेकिन आज के राजनीतिक दौर में उनका हिस्सा बहुत कम है। जबकि, चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, इस समुदाय की भूमिका निर्णायक होती है। भाजपा से पहले यह समुदाय कांग्रेस के साथ था, लेकिन अनदेखी के कारण यह पंजाबी समुदाय कांग्रेस से टूट कर दूसरे दलों में बिखर गया है। अब कांग्रेस ने इसे साधने के लिए विशेष रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। अभी की सियासत में पंजाबियों का क्या योगदान
हरियाणा की सियासत में पंजाबियों का बड़ा योगदान रहा है। हालांकि, इसके बाद भी किसी भी पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पंजाबियों को नहीं दी गई। चौधरी भजनलाल के कार्यकाल को छोड़ दें तो 2014 से लेकर 2024 तक भाजपा ने सरकार में पंजाबियों को ठीक नेतृत्व दिया। मनोहर लाल खट्टर को CM बनाया। उन्हीं की कैबिनेट में अनिल विज को गृह मंत्री और संदीप सिंह को खेल मंत्री की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन इसके बाद अब सूबे की सियासत में कोई भी पंजाबी समुदाय का बड़ा नेता न ही सरकार में और न ही विपक्ष में एक्टिव है। एक्टिव हुए कांग्रेस से जुड़े पंजाबी नेता
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस से जुड़े पंजाबी नेताओं ने पार्टी में और टिकट के मामले में समुदाय को पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए खुद को संगठित करना शुरू कर दिया है। इस उद्देश्य से समुदाय के नेता अगस्त में करनाल में एक पंजाबी सम्मेलन आयोजित करेंगे। इसमें राष्ट्रीय पंजाबी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मेहता सम्मेलन के राज्य समन्वयक होंगे। इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी शामिल होंगे। टिकट के लिए पैरवी करेगा RPM
RPM ने पंजाबी समुदाय के संभावित उम्मीदवारों से कहा है कि वे टिकट के लिए कांग्रेस में आवेदन करें। इसके साथ ही वह अपने आवेदन की एक प्रति RPM को भेजें, जिससे नेताओं की उम्मीदवारी का समर्थन किया जा सके। आम चुनाव में कांग्रेस ने पंजाबी समुदाय को 2 टिकट दिए थे। विधानसभा चुनाव में इस समुदाय से जुड़े नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व देगी।