हरियाणा के नारनौल के अटेली में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह की मौजूदगी में ओम गार्डन में भाजपा सदस्यता अभियान की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें अटेली विधानसभा के 4 मंडलों के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे। इसमें एक बूथ पर 50 सदस्य व 5 सक्रिय सदस्य बनाने का ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को जोड़ने का संकल्प लिया गया। कार्यशाला सदस्यता अभियान के संयोजक पूर्व विधायक सीताराम यादव, जिला अध्यक्ष दयाराम यादव मौजूद रहे। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह ने कहा कि महेंद्रगढ़ जिला सदस्यता जोड़ने अभियान में 16वें नंबर पर है इसलिए जिले से अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को जोड़े। सरकार बनाने में दक्षिणी हरियाणा का विशेष हाथ रहा है तो सदस्यता अभियान में हम पीछे क्यों हैं। अपने बेटो, युवा साथियों व अन्य लोगों को बोल कर आने वाले तीन दिनों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़े। पूर्व विधायक सीताराम यादव ने कहा कि जिले में 46 हजार कार्यकर्ता बने। जिसमें अटेली विधानसभा से 24 हजार वर्कर बने हैं, लेकिन प्रदेश भर में हम दूसरे जिले से पीछे हैं। इसलिए हर बूथ पर 50 कार्यकर्ता व 5 सक्रिय कार्यकर्ता सदस्यों को जोड़ें, भविष्य में उन्ही कार्यकर्ताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी जिन्होंने ज्यादा वर्कर बनाए हैं। हरियाणा के नारनौल के अटेली में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह की मौजूदगी में ओम गार्डन में भाजपा सदस्यता अभियान की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें अटेली विधानसभा के 4 मंडलों के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे। इसमें एक बूथ पर 50 सदस्य व 5 सक्रिय सदस्य बनाने का ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को जोड़ने का संकल्प लिया गया। कार्यशाला सदस्यता अभियान के संयोजक पूर्व विधायक सीताराम यादव, जिला अध्यक्ष दयाराम यादव मौजूद रहे। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह ने कहा कि महेंद्रगढ़ जिला सदस्यता जोड़ने अभियान में 16वें नंबर पर है इसलिए जिले से अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को जोड़े। सरकार बनाने में दक्षिणी हरियाणा का विशेष हाथ रहा है तो सदस्यता अभियान में हम पीछे क्यों हैं। अपने बेटो, युवा साथियों व अन्य लोगों को बोल कर आने वाले तीन दिनों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़े। पूर्व विधायक सीताराम यादव ने कहा कि जिले में 46 हजार कार्यकर्ता बने। जिसमें अटेली विधानसभा से 24 हजार वर्कर बने हैं, लेकिन प्रदेश भर में हम दूसरे जिले से पीछे हैं। इसलिए हर बूथ पर 50 कार्यकर्ता व 5 सक्रिय कार्यकर्ता सदस्यों को जोड़ें, भविष्य में उन्ही कार्यकर्ताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी जिन्होंने ज्यादा वर्कर बनाए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा-दिल्ली में दहशत फैलाने वाला गैंगस्टर खैरमपुरिया कौन:मां को तंग करने पर मामा पर की थी फायरिंग, पैरोल पर आने के बाद 4 कत्ल हरियाणा के सोनीपत शहर के फेमस मातूराम हलवाई की शॉप के बाहर एक के बाद एक 30 राउंड गोलियां चली। एक गोली दूध बेचने वाले शख्स को भी लगी। फायरिंग करने वाले शूटर दुकान पर एक पर्ची फेंक गए, जिसमें 2 करोड़ रुपए की फिरौती और हरियाणा के गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के साथ काला खैरमपुरिया के नाम का जिक्र था। यहीं वो दिन था, जब काला राणा का नाम अपराध की दुनिया में लाइमलाइट में आया। हिसार शहर में नामी महिंद्रा कंपनी के शोरूम में रूटीन की तरह पूरा स्टाफ अपने काम में लगा हुआ था। दोपहर के समय एक बाइक पर तीन शूटर पहुंचे। शूटर्स ने अंधाधुंध 35 से ज्यादा राउंड फायरिंग की और 5 करोड़ रुपए की फिरौती से संबंधित एक पर्ची फेंक कर फरार हो गए। इस पर्ची में भी हिमांशु भाऊ के साथ काला खैरमपुरिया के नाम का जिक्र था। इसके बाद तो पुलिस के लिए काला राणा एक तरह से टारगेट बन गया। हरियाणा की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने राकेश उर्फ काला को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। हिसार के गांव खैरमपुर के रहने वाले राकेश को क्राइम की दुनिया में काला खैरमपुरिया के नाम से जाना जाता हैं। महज 22 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख सनसनी फैलाने वाले इस सनकी मिजाज काला राणा ने पिछले एक लाल में हरियाणा ही नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस के सामने भी कई बार चुनौती पेश की। ये बात भी सामने आई कि पिता की मौत के बाद काला की मां को मामा परेशान कर रहे थे। इस पर उसने साथियों के साथ मिलकर मामा पर फायरिंग करवा दी थी। हालांकि उसमें मामा बच गया था। 2024 में पहली वारदात, सजा के बाद देश छोड़ भागा
STF से मिली जानकारी के मुताबिक, काला खैरमपुरिया का पहली बार नाम 2014 में हिसार जिले में हुई एक लूट की वारदात में सामने आया। इस केस में जेल चला गया। यहां उसकी कुछ लोकल बदमाशों से दोस्ती हो गई। जेल से छूटने के बाद उसने इलाके में कई अन्य वारदातें की, लेकिन 2015 में उसने राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक शख्स की हत्या कर सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया। राजस्थान पुलिस ने कुछ समय बाद उसे पकड़ भी लिया और वह हनुमानगढ़ जेल में बंद रहा। 2018 में उसे इसी कत्ल केस में हनुमानगढ़ की अदालत से उम्रकैद की सजा हो गई। हनुमानगढ़ जेल में रहते हुए उसके संपर्क उत्तर भारत में एक्टिव कई बड़े गैंगस्टर से हो गए। सजा के 2 साल बाद उसे 2020 में कोर्ट से पैरोल मिल गई, लेकिन काला खैरमपुरिया वापस जेल जाने की बजाए फरार हो गए। इसके बाद तो उसने ऐसा आतंक मचाया कि टारगेट किलिंग, हत्या का प्रयास, लूट, फिरौती, रंगदारी जैसे 14 वारदातों को या तो खुद अंजाम दिया या फिर विदेश में बैठकर अपने गुर्गो के जरिए अंजाम दिलवाया। उसने 2021 में फतेहाबाद जिले के गांव दरौली में एक शख्स की हत्या की। इसके साथ ही हनुमानगढ़, सिरसा, हिसार में कई जगह गोलियां चलाकर फिरौती मांगी। जब वह पुलिस के लिए सिरदर्द बनने लगा तो वह कुछ समय के लिए शांत बैठ गया। 2023 में उसने फर्जी पते पर फर्जी पासपोर्ट तैयार कराया और फिर पहले यूएई, आर्मीनिया के बाद थाईलैंड पहुंच गया। गैंगस्टर भाऊ और नीरज के संपर्क में आया
यहां पहुंचने के बाद काला राणा गैंगस्टर हिमांशु भाऊ और नीरज फरीदपुरिया के संपर्क में आया। इन दोनों बड़े गैंगस्टर के साथ मिलकर अपनी गैंग को दिल्ली-हरियाणा में एक्टिव कर दिया। गैंग के गुर्गों के जरिए उसने सोनीपत में मातूराम हलवाई के यहां फिरौती के लिए फायरिंग कराई। इसके बाद सोनीपत में ही शराब कारोबारी सुंदर मलिक का कत्ल करा दिया। यही नहीं काला खैरमपुरिया ने दिल्ली के तिलक नगर में एक नामी शोरूम पर फायरिंग कराकर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। उसके बाद 18 जून को दिल्ली के राजौरी गार्डन में अमन जून नाम के शख्स की गैंगवारी में हत्या करा दी। 24 जून को उसने हिसार में इनेलो नेता रामभगत के बेटे के शोरूम पर फायरिंग कराकर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। एक बाद एक काला खैरमपुरिया का नाम पुलिस के रोजनामचे में चढ़ता गया। हिसार की घटना के बाद पुलिस के साथ-साथ सरकार की भी काफी किरकिरी हुई। इसी के चलते एसटीएफ ने कमान संभाली और फिर सबसे पहले पुलिस ने उस पते को ढूंढ निकाला, जिसके जरिए काला फर्जी पासपोर्ट बनवाकर देश छोड़कर भागा था। पुलिस ने उसी पते के आधार पर काला की ट्रैवलिंग रूट की हिस्ट्री खंगाली और फिर उसका पुख्ता ठिकाना पता लगने के बाद पासपोर्ट रद्द करवाकर उसे अरेस्ट कर लिया।
अंबाला फैक्ट्री का गंदा पानी शाहबाद के खेतों में घुसा:किसान बोले- फलस बर्बाद, कई बार शिकायत करने पर भी नहीं हुई निकासी
अंबाला फैक्ट्री का गंदा पानी शाहबाद के खेतों में घुसा:किसान बोले- फलस बर्बाद, कई बार शिकायत करने पर भी नहीं हुई निकासी अंबाला की फैक्ट्री का गंदा पानी शाहबाद के गांव के खेतों मे घुस गया। जिससे फलस बर्बाद हो रही है। किसानों ने कहा कि कई बार शिकायत करने के बाद भी निकासी की सुविधा नहीं की गई। ग्रामीणों ने बताया कि अम्बाला के गांव केसरी से फैक्ट्री का केमिकल युक्त गंदा पानी और लंगर शनि गांव का भी गंदा पानी उनके गांव में आने की वजह से फसलों को खराब कर रहा है। पानी निकासी न होने के कारण फसलें तबाह हो रही हैं। शिकायत करने पर भी नहीं हुआ समाधान उन्होंने कहा कि लगातार पानी बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से गेंहू की फसल में पानी जमा हो चुका है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री नायब सैनी सहित लोकसभा सांसद स्थानीय विधायक और प्रशासन के समक्ष भी रखी है। लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द पानी निकासी के लिए पाइप दबाकर इस समस्या का समाधान करें। नहीं तो उनकी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी और वह आगामी फसल नहीं उगा पाएंगे।
यूपी STF ने एक साथ 4 बदमाश मार गिराए:शामली में 40 मिनट चला एनकाउंटर, 30 राउंड फायरिंग; इंस्पेक्टर को भी कई गोली लगी
यूपी STF ने एक साथ 4 बदमाश मार गिराए:शामली में 40 मिनट चला एनकाउंटर, 30 राउंड फायरिंग; इंस्पेक्टर को भी कई गोली लगी यूपी के शामली में STF ने चार बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया है। सोमवार देर रात 2 बजे STF ने मुखबिर की सूचना पर कार से जा रहे चार बदमाशों को घेर लिया, लेकिन बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में STF ने भी फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से 30 राउंड फायरिंग हुई। 40 मिनट तक मुठभेड़ चली। इस दौरान STF टीम को लीड कर रहे इंस्पेक्टर सुनील के पेट में तीन गोलियां लगीं। इसके बाद STF ने 1 लाख के इनामी अरशद समेत चारों बदमाशों को गोली मार दी। STF चारों बदमाशों और इंस्पेक्टर को करनाल के अमृतधारा अस्पताल ले गई। जहां डॉक्टरों ने चारों बदमाशों को मृत घोषित कर दिया। वहीं, इंस्पेक्टर की हालत को गंभीर देखते हुए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया। मुठभेड़ हरियाणा बॉर्डर पर स्थित थाना झिंझाना क्षेत्र में हुई। चारों बदमाश मुस्तफा कग्गा गैंग के थे। पुलिस अफसरों ने बताया कि पश्चिम यूपी की पिछले 15 सालों में यह सबसे बड़ी मुठभेड़ है। 12 पुलिसकर्मियों की टीम पर अंधाधुंध फायरिंग
STF सूत्रों के मुताबिक, टीम को मुखबिर से अरशद की लोकेशन मिली थी। इसके बाद 12 पुलिसकर्मियों की टीम ने बदमाशों की कार का पीछा किया। टीम ने बदमाशों की कार को ओवरटेक कर घेर लिया। बदमाश STF को देखते ही अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। इसके बाद टीम ने फायरिंग की। 3 बदमाश कार में ही मारे गए, जबकि 1 को कुछ दूरी पर मार गिराया। ददुआ-ठोकिया एनकाउंटर में शामिल रहे हैं इंस्पेक्टर
STF एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया- इंस्पेक्टर सुनील की हालत नाजुक है। डॉक्टर ऑपरेशन कर रहे हैं। इंस्पेक्टर मेरठ के मसूरी गांव के रहने वाले हैं। करनाल SP गंगाराम पूनिया ने भी इंस्पेक्टर के साथ जिला पुलिस की टीम गुरुग्राम भेजी है। सुनील आर्म्ड फोर्सेस से हैं। PAC में कंपनी कमांडर थे। 25 साल पहले एसटीएफ में आए थे। इंस्पेक्टर सुनील ददुआ, ठोकिया समेत कई एनकाउंटर में शामिल रहे हैं। मारे गए बदमाशों में 2 हरियाणा के
एनकाउंटर में मारे गए तीन बदमाशों की पहचान हो गई है। इनमें सहारनपुर निवासी अरशद, हरियाणा सोनीपत निवासी मंजीत और करनाल निवासी सतीश शामिल हैं। एक की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। मुठभेड़ की 3 तस्वीरें देखिए- अरशद के खिलाफ 17 मुकदमे
अरशद के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या के 17 मुकदमे दर्ज हैं। सबसे पहला मुकदमा 2011 में डकैती का दर्ज हुआ। इसके बाद सहारनपुर के रामपुर मनिहारन थाना क्षेत्र में उसने हत्या को अंजाम दिया। 29 नवंबर, 2024 को बेहट में भारत फाइनेंस कंपनी में 6-7 बदमाशों ने गन पॉइंट पर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इसमें अरशद भी शामिल था। लूट के बाद पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि अरशद समेत 4 फरार थे। अरशद के क्रिमिनल रिकॉर्ड को देखते हुए सहारनपुर पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम रखा था। 19 दिसंबर एडीजी ने बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिए। पुलिस और STF लगातार उसकी तलाश में जुटी थी। अरशद लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था। मंजीत को हो चुकी थी 20 साल की कैद
मंजीत दहिया ने 2021 में हत्या की थी। हत्या के मुकदमे में उसे कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई थी। 5 महीने पहले वह 40 दिन की पैरोल पर जेल से आया था। इसके बाद वह वापस नहीं गया। तभी से पुलिस उसे तलाश रही थी। अब कग्गा गैंग के बारे में जानते हैं- पश्विम में कग्गा गैंग का रहा है आतंक
साल 2011 में सहारनपुर जिले के बाड़ी माजरा गांव निवासी मुस्तफा उर्फ कग्गा का अपराध की दुनिया में एकछत्र राज था। मुस्तफा के गैंग में ही मुकीम काला ने एंट्री की। उसका राइट हैंड बन गया। पुलिस पर हमला करने से पुलिस से उसकी दुश्मनी हो गई थी। झिझाना की बिडोली चौकी पर मुस्तफा ने एक सिपाही को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। उस वक्त मुकीम काला कग्गा का शूटर बन चुका था। वारदात के वक्त कग्गा के साथ था। इसके बाद 2011 में सहारनपुर पुलिस ने मुस्तफा को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इसके बाद मुकीम काला ने गैंग की कमान संभाल ली थी। ऐसी दहशत थी कि थाने में ताले लग जाते थे
पश्चिम यूपी के रिटायर्ड पुलिसकर्मियों ने दैनिक भास्कर को बताया कि कग्गा की मुजफ्फरनगर में 2010 के दौरान ऐसी दहशत थी कि उसके नाम से व्यापारी से लेकर पुलिस तक कांपते थे। मुजफ्फरनगर के देहात क्षेत्र के अधिकांश थानों में रात के समय गेट पर ताले लगा दिए जाते थे। खबर लगातार अपडेट की जा रही हैं