हरियाणा के नारनौल में ढोसी पहाड़ी पर निर्जला ग्यारस पर घूमने आए बाइक सवार एक युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई। वहीं दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका बहरोड़ के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। अलवर जिले के नांगल खोदिया निवासी जितेंद्र कुमार व उसका दोस्त शिव ढोसी पहाड़ी पर ग्यारस पर घूमने जा रहे थे। वह जैसे ही करीब डेढ़ बजे कोरियावास रोड पर पहुंचे तो एक वाहन ने टक्कर मार दी। जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना के बाद आसपास भीड़ एकत्रित हो गई। जिसके बाद एम्बुलेंस को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची एंबुलेंस में दोनों गंभीर रूप से घायलों को नारनौल के नागरिक अस्पताल में लेकर पहुंची। जहां जितेंद्र की बीच रास्ते में ही मौत हो गई। वहीं उसके साथी की गंभीर हालात होने की वजह से प्राथमिक उपचार कर रेफर कर दिया। जिसे परिजन बहरोड के निजी अस्पताल में उपचार के लिए लेकर गए। मृतक जितेंद्र का देर शाम पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया। हरियाणा के नारनौल में ढोसी पहाड़ी पर निर्जला ग्यारस पर घूमने आए बाइक सवार एक युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई। वहीं दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका बहरोड़ के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। अलवर जिले के नांगल खोदिया निवासी जितेंद्र कुमार व उसका दोस्त शिव ढोसी पहाड़ी पर ग्यारस पर घूमने जा रहे थे। वह जैसे ही करीब डेढ़ बजे कोरियावास रोड पर पहुंचे तो एक वाहन ने टक्कर मार दी। जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना के बाद आसपास भीड़ एकत्रित हो गई। जिसके बाद एम्बुलेंस को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची एंबुलेंस में दोनों गंभीर रूप से घायलों को नारनौल के नागरिक अस्पताल में लेकर पहुंची। जहां जितेंद्र की बीच रास्ते में ही मौत हो गई। वहीं उसके साथी की गंभीर हालात होने की वजह से प्राथमिक उपचार कर रेफर कर दिया। जिसे परिजन बहरोड के निजी अस्पताल में उपचार के लिए लेकर गए। मृतक जितेंद्र का देर शाम पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
भिवानी में नहर में डूबने से युवक की मौत:गर्मी में नहाने गए 3 दोस्तों को बचाया गया; दो बच्चों का पिता था
भिवानी में नहर में डूबने से युवक की मौत:गर्मी में नहाने गए 3 दोस्तों को बचाया गया; दो बच्चों का पिता था हरियाणा के भिवानी में भीषण गर्मी के दौरान नहाने गए चार दोस्त नहर में डूब गए। 3 युवकों को तो लोगों ने सकुशल नहर से निकाल लिया गया, जबकि एक युवक की डूबने से मौत हो गई। उसके शव को गोताखोरों ने बड़ी मुश्किल से ढूंढ कर नहर से निकाला। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल में पहुंचाया गया है। सदर थाना पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। भिवानी की रायसिंह ढाणी निवासी राजा ने बताया कि वह तीन भाई हैं। तीनों भाई शादीशुदा हैं। उसने बताया कि उसका छोटा भाई 27 वर्षीय राहुल सोमवार शाम को घर वालों को बिना बताए अपने दोस्तों करण, सुमित व दिनेश के साथ नहाने के लिए तोशाम बाइपास स्थित डाबर वाली नहर पर गया था। देर शाम तक वह वापस घर नहीं आया तो खोजबीन शुरू की। इसी दौरान सूचना मिली कि राहुल डाबर नहर में डूब गया है। परिवार के लोग आस-पड़ोस के लोगों के साथ मौके पर पहुंचे। छलांग लगाने के बाद बाहर नहीं आया राहुल उसके साथ नहाने गए दोस्तों ने बताया कि राहुल ने नहर में छलांग लगाई तो वह बाहर नहीं आया। उसे ढूंढने के लिए करण, सुमित व दिनेश ने गहरे पानी में छलांग लगा दी तो वह भी डूबने लगे। इन तीनों को तो वहां नहा रहे अन्य लोगों ने बचा लिया। आज निकाला गया शव नहर से गौताखोरों ने आज राहुल के शव को मुश्किल से ढूंढा। शव को स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाल कर नागरिक अस्पताल पहुंचाया। सदर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की छानबीन कर शव का पोस्टमार्टम करवाया। पुलिस ने इत्फ़ाकिया मौत की कार्रवाई की है। दो बच्चों का पिता है मृतक मृतक के भाई राजा ने बताया कि उसका भाई राहुल दो बच्चों का पिता है। वह फुटपाथ पर कपड़े बेचने का काम करता था।
हरियाणा में ट्रंप की जीत के पोस्टर लगे:भाजपा नेता ने बधाई दी; राहुल गांधी ने हरियाणा चुनाव में अमेरिका को मुद्दा बनाया था
हरियाणा में ट्रंप की जीत के पोस्टर लगे:भाजपा नेता ने बधाई दी; राहुल गांधी ने हरियाणा चुनाव में अमेरिका को मुद्दा बनाया था हरियाणा में भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप की जीत की खुशी मनाई जा रही है। हरियाणा के शहर कैथल में ट्रंप की जीत के पोस्टर इन दिनों देखे जा सकते हैं। यह पोस्टर कैथल के गुरप्रीत सैनी ने लगाए हैं। गुरप्रीत युवा भाजपा नेता हैं।
कैथल शहर में लगाए यह पोस्टर सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। गुरप्रीत सैनी से जब पोस्टर लगाने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गहरी दोस्ती है। इस कारण ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की उनको खुशी है और जीत की बधाई उन्होंने दी है, ताकि भारत और अमेरिका के रिश्ते और मजबूत हो। भाजपा नेता गुरप्रीत सैनी ने कैथल शहर में कई जगहों पर यह बैनर लगवाए हैं। बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी अमेरिका का मुद्दा बना था। करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल और जींद से काफी युवा विदेश में नौकरी के लिए जाते हैं। इसलिए अमेरिका में चुनावी माहौल की तरह ही इन जिलों में भी चुनावी माहौल था। हरियाणा चुनाव में राहुल गांधी ने उठाया था मुद्दा हरियाणा चुनावों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि हरियाणा के युवा अमेरिका जाकर बड़ी तकलीफ में रहते हैं। वह अमेरिका जाने के लिए बड़ा खतरा उठाते हैं। वह तुर्की जाते हैं, यहां से कजाकिस्तान और कोलंबिया गए यहां कई देश होते हुए नदी के रास्ते से होते हुए खतरा लेकर अमेरिका जाते हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि हर साल हरियाणा के युवा नौकरी की तलाश में खेत बेचकर या साहुकार से 2 प्रतिशत ब्याज पर 50 लाख का लोन लेकर डोंकी के जरिए अमेरिका जाते हैं। क्योंकि हरियाणा में रोजगार नहीं मिलता। कैथल में रेलवे फाटक के ऊपर लगाए गए पोस्टर… हरियाणा के युवाओं में बढ़ रहा विदेश जाने का क्रेज हरियाणा जो कभी कृषि और अपने युवाओं को सेना में भेजने के लिए विख्यात था, अब भूमि बंट जाने और सेना की नौकरियों में कमी के कारण पंजाब के युवकों की भांति यहां के युवाओं में भी विदेश जाकर नौकरी करने का रुझान बढ़ा है। विदेशों में पलायन के चलते कई गांवों में केवल बूढ़े मां-बाप ही रह गए हैं। कुछ ने अपने घरों को प्रवासी लोगों को रहने के लिए दे दिया है। पहले ज्यादातर जमींदार या व्यापारी वर्ग ही अपने बच्चों को पढ़ाई या नौकरी के लिए विदेश भेजते थे। परंतु अब नौकरीपेशा लोग भी अपने बच्चों को विदेश भेजने लगे हैं। हरियाणा के युवक अमेरिका, कनाडा के अलावा फिजी, अफ्रीकी देश, अरब देश के साथ-साथ जर्मनी और इटली जैसे यूरोपियन देशों के अतिरिक्त आस्ट्रेलिया की ओर भी रुख करने लगे हैं।
चरखी दादरी के बेटे ने रचा इतिहास:पेरिस पैरालंपिक में जीता गोल्ड, खेल से संवरी जिंदगी, देश को किया गौरवान्वित
चरखी दादरी के बेटे ने रचा इतिहास:पेरिस पैरालंपिक में जीता गोल्ड, खेल से संवरी जिंदगी, देश को किया गौरवान्वित हरियाणा के नितेश कुमार जो चरखी दादरी के नांदा गांव से ताल्लुक रखते हैं। जिन्होंने आज पैरा बैडमिंटन पेरिस पैरालंपिक के पुरुष एकल एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। फाइनल मुकाबले में उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 के स्कोर से मात दी। इस जीत ने नितेश की कठिनाइयों और संघर्षों से भरी यात्रा को एक शानदार अंत दिया है। सीएम सैनी ने दी बधाई नितेश कुमार की इस उपलब्धि पर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने उन्हें बधाई दी है। सीएम सैनी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा, “हरियाणा के बाढ़डा के नांधा गांव के लाल नितेश कुमार ने मेंस सिंगल्स SL3 – बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आप भविष्य में भी ऐसे ही सफलता के नए आयाम छूते रहें। हम सभी को आप पर गर्व है।” हादसे ने छीना पैर, लेकिन नहीं तोड़ी हिम्मत 2009 में जब नितेश केवल 15 साल के थे, विशाखापत्तनम में एक ट्रेन हादसे ने उनकी जिंदगी को हिला कर रख दिया था। इस हादसे में नितेश ने अपना एक पैर खो दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। यह वही समय था जब उन्होंने अपने सपनों को नया आकार देने का फैसला किया। महीनों तक बिस्तर पर रहने के बाद नितेश ने खेल को अपने जीवन का नया मकसद बना लिया और बैडमिंटन को अपनी शक्ति का स्रोत बनाया। IIT मंडी से इंजीनियरिंग, खेल में पाया नया मुकाम नितेश ने अपनी पढ़ाई आईआईटी मंडी से बीटेक में की है, लेकिन उनकी असली पहचान बैडमिंटन में मिली। पढ़ाई के दौरान बैडमिंटन के प्रति उनकी रुचि बढ़ी और उन्होंने इसे ही अपने करियर का हिस्सा बना लिया।वर्तमान में, नितेश करनाल के कर्ण स्टेडियम में कोच के रूप में सेवा दे रहे हैं, जहां वह युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। नितेश परिजनों का मानना है कि खेल ने ही उसे जीवन में नई दिशा दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाया दम नितेश की खेल उपलब्धियों की सूची लंबी है। उन्होंने 2018 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता, 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया, और 2022 और 2024 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते। पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसने उन्हें एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है। पिता से मिली प्रेरणा, कोच ने दिखाई राह नितेश के पिता, जो पहले नौसेना में थे और अब राजस्थान में एक निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, हमेशा से नितेश के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। नितेश का सपना था कि वह भी अपने पिता की तरह वर्दी पहनें, लेकिन हादसे के बाद उन्होंने खेल को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। उनके कोच और परिवार ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। गांव में जश्न का माहौल नितेश की इस ऐतिहासिक जीत के बाद उनके गांव नांदा में जश्न का माहौल है। गांव के लोग उनके परिवार के साथ मिलकर उनकी इस बड़ी उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। नितेश की यह जीत न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।